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ज़िन्दगी के सफ़र में - उपन्यास
Rj Ritu
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
भाग -1 दोस्तो ये कहानी है किसी के संघर्ष की, किसी के अटूट विश्वास की, एक ऐसे रिश्ते की जिसमें इज़त ओर स्नेह भरपूर है और इन्हीं सबसे लबरेज़ है हमारी ये कहानी ज़िन्दगी के सफ़र में .....दिल्ली, दिलवालो का शहर ये तो आपने भी कई बार सुना होोगा या महसूस भी किया है वैसे आज के समय में यहां लोग दिलवाले कम ही मिलते है क्यूंकि सब पैसेवाला जो होना चाहते है और अपने मुनाफे और फायदे के लिए ही रिश्ते जोड़े जाए बस ये धारणा ही मन में बनाए रखते हैं खैर रॉय साहब का यही मानना है कि
भाग -1 दोस्तो ये कहानी है किसी के संघर्ष की, किसी के अटूट विश्वास की, एक ऐसे रिश्ते की जिसमें इज़त ओर स्नेह भरपूर है और इन्हीं सबसे लबरेज़ है हमारी ये कहानी ज़िन्दगी के सफ़र में .....दिल्ली, दिलवालो ...और पढ़ेशहर ये तो आपने भी कई बार सुना होोगा या महसूस भी किया है वैसे आज के समय में यहां लोग दिलवाले कम ही मिलते है क्यूंकि सब पैसेवाला जो होना चाहते है और अपने मुनाफे और फायदे के लिए ही रिश्ते जोड़े जाए बस ये धारणा ही मन में बनाए रखते हैं खैर रॉय साहब का यही मानना है कि
भाग-2 दोस्तो "ज़िन्दगी के सफ़र में "के पहले भाग में हमने पढा की रॉय साहब एक महाविद्यालय में प्राचार्य है और फिलहाल अपने परिवार को लेकर काफी चिंता में है ।उनकी चिंता का कारण अभी तक ...और पढ़ेनहीं चल पाया कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई जो रॉय साहब इतने परेशान है। इसका जवाब जानने के लिए मैं उनके दफ्तर में गया। वैसे तो मैं केवल इस महाविद्यालय में बाबू के एक छोटे से पद पर ही था पर फिर भी रॉय साहब और मै एक ही उम्र के होने के कारण दोनों एक दूसरे को काफी अच्छे से जानते और समझते
भाग -3दोस्तो ज़िन्दगी के सफ़र में हमने अभी तक देखा कि रॉय साहब किसी बात से बहुत चिंतित है और श्याम जी, जो उनके महाविद्यालय में एक बाबू हैं और रॉय साहब के खास दोस्त भी तो ...और पढ़ेउनसे उनकी चिंता का कारण पूछने जाते है लेकिन रॉय साहब की हालत देखकर वो उनसे कुछ सवाल नहीं करते ...तो चलिए अब देखते है कि श्याम जी कैसे रॉय साहब की चिंता का कारण पता करते है सारी परस्थिति को देखते हुए रॉय साहब को थोड़ा सहज महसूस करवाने के लिए मैंने बोला कि रॉय साहब ,बहुत दिन हो गए टपरी पर जाकर चाय
भाग-4दोस्तो अब तक हमने पढ़ा कि रॉय साहब ने श्याम जी से अपनी चिंंता का कारण बताया कि वो उनके बच्चो की किसी बाात से परेशान है और श्याम जी ...और पढ़ेवो अपनी सारी बातें शेयर करते हैं चलिए जानते हैं रॉय साहब की जिंदगी के सफ़र में आगे की कहानी ......रॉय साहब ने मुझे जब चिंता का कारण बच्चो की किसी बात के लिए बताया तब मैंने रॉय साहब से पूछा कि ऐसी क्या बात ,क्या भूल हो गई रॉय साहब बच्चो से जो आप उनसे इतने दुःखी हो ?रॉय साहब बोले कि श्याम जी आपको याद है जब