पागल,, हां सही नाम से पुकारा करता था वो मुझे। (हंसते हुए) पागल ही तो हूं मैं उसके लिए , उसके पीछे , उसके प्यार में।" रात के 1 बज चुके थे । आंखों से नींद कोसों दूर । आज उसे पहली बार जो देखा था। ना जाने क्या कशिश थी उसकी आंखों में दिल काबू में ना रहा । शायद इसे पहली नजर का प्यार कहते है । लेकिन क्या हो सकता है। ना मैं उसे जानती हूं ना वो मुझे । बस एक पार्सल लेने वो मेरे घर आया था । कुछ जरूरी सामान मम्मी को एक परिचित के यहां भेजना था । ये शायद उससे मिलवाने के लिए ही भगवान ने लीला रची थी। मैं कभी भी अपने घर का दरवाजा नहीं खोलती थी। चाहे कोई भी हो । लेकिन आज मम्मी को बाजार जाना था और मुझे बोल कर गई थी कि अगर मैंने दरवाजा ना खोला और पार्सल ना दिया तो अगले एक सप्ताह तक वो मुझे बाहर नहीं जाने देंगी । मरती क्या ना करती ।
Full Novel
पागल - भाग 1
"पागल,, हां सही नाम से पुकारा करता था वो मुझे। (हंसते हुए) पागल ही तो हूं मैं उसके लिए उसके पीछे , उसके प्यार में।" ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो एक लड़के के प्यार में पागल थी। लेकिन उसकी किस्मत ने उसका साथ ना दिया उसे उसका प्यार तो मिला लेकिन एक कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर, आखिर में कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के समय से पहले ही कुछ ऐसा घटित होता है कि कॉन्ट्रैक्ट से पहले ही वो लड़की कहीं गायब हो जाती है। क्या है इस कहानी का सच जानने के लिए अभी पढ़िए मेरी ये कहानी "पागल" ...और पढ़े
पागल - भाग 2
भाग –२ हेलो, फ्रैंड्स कैसे है आप लोग , उम्मीद करती हूं अच्छे होंगे । मैं आपको मेरी कहानी रही थी । मैने उसे कॉलेज में देखा वह बाइक पर था चेहरे पर मास्क और हेलमेट पहने , मेरा दिल किया दौड़कर उसका मास्क हटाकर बात कर लूं लेकिन , मैं धीरे से उठी और उसके पीछे जाने लगी । उसने खिड़की पर कुछ पूछताछ की और चला गया। मैं फिर कसमसाती रह गई । "क्या यार सबसे इतनी बातें कर लेती है उससे क्यों नहीं कर पाती?" मेरी अंतरात्मा ने मुझे कोसा। अब दिल और बेचैन हो उठा। ...और पढ़े
पागल - भाग 3
भाग–३ हेलो फ्रेंड्स ,, मैं आपको लास्ट एपिसोड में बताया कि कैसे अचानक वो मेरे सामने आ गया उसने बचाया , वरना मैं ट्रक के नीचे चपटी हो जाती और आपको यहां कहानी न सुना पाती, मेरी फोटो पर माला टंगी होती । तो जब उसने मुझे मोबाइल दिया तो मैने उसे पूछा, "मेरा मोबाइल तुम्हारे पास कैसे ?" "खींचने में जमीन पर गिर गया था मैडम जी" "ओह, अच्छा" मैने मोबाइल को ध्यान से देखा कहीं से टूटा तो नही न, लेकिन वो ठीक था । पर मेरे अंदर कुछ टूट रहा था । आज फिर मैं उसे ...और पढ़े
पागल - भाग 4
भाग –४ इससे पहले के भाग में मैने बताया कि कैसे मेरे इंस्टाग्राम पर उसका फॉलो रिक्वेस्ट आया , उसे फॉलो बैक किया और अगले दिन कॉलेज गई लेकिन वो नहीं आया था । मैं उदास हो चुकी थी । अब आगे , कॉलेज खत्म होने के बाद घर पर गई और बैग को जोर से बेड पर पटक कर बैठ गई । "क्या हो गया है तुझे आजकल बहुत जल्दी मूड स्विंग होता है तेरा ।" मम्मी की आवाज से पानी पीने उठी । "एक पल में खुश और अगले ही पल दुखी, किसी के प्यार में तो ...और पढ़े
पागल - भाग 5
भाग–५ हैलो दोस्तों,, तो कल उसके मेसेज ने मुझे खुश कर दिया । और आज मैं उससे कॉलेज में को लेकर बहुत उत्सुक थी । "सुबह इतनी देर से क्यों उठाया मम्मी" । मैं आज लेट उठी थी । और मम्मी से बोली । अक्सर ऐसा होता है जब हमें कहीं जाने की जल्दी होती है तो हम वहां लेट पहुंचते है । मैं जल्दी से तैयार हुई , आज मैं रोज से थोड़ा ज्यादा तैयार हुई थी । आज मैने ब्लू डेनिम पर गुलाबी कुर्ता पहना था , और खुले बाल रखे थे , आंखों में काजल लगाया ...और पढ़े
पागल - भाग 6
भाग–६ दोस्तों अब तक तो मैं उसका नाम नही जान पाई । देखते है कब तक वो छुपा सकेगा नाम । अगले दिन संडे था , मैं जल्दी उठकर कॉलेज के लिए तैयार हुई तो मम्मी ने कहा , "अरे आज भी कॉलेज जायेगी क्या?" "ओह, यार आज तो सन्डे है ,मैने मोबाइल में डेट और डे देखते हुए कहा, मैं उसे देख भी नही पाऊंगी सोचकर दिल उदास हो गया ।" "अच्छा सुन , आज रोहिणी की थोड़ी तबीयत खराब है , मुझे ले चल ना उसके घर , तू अंदर मत आना बाहर से ही छोड़कर आजा ...और पढ़े
पागल - भाग 7
भाग–७ हेलो, दोस्तों , तो कैसे है आप सब लोग? उम्मीद है सब अच्छे ही होंगे । कल मैंने बताया कि मैं मम्मी को लेकर रोहिणी आंटी के घर गई और वहां मुझे रावण मिला जो रोहिणी आंटी के देवर का बेटा था । मुझे अब उसका नाम पता चल चुका था । और हम लोग अब बेस्ट फ्रेंड्स थे । अब आगे ,, उन दिनों में बहुत खुश थी बहुत ज्यादा , राजीव का साथ जो मिल गया था और क्या चाहिए था । हम दोनों को पूरे कॉलेज में सब जानने लगे थे । लेकिन सभी को ...और पढ़े
पागल - भाग 8
भाग–८ राजीव आज अलग ही मूड में मुझसे बात कर रहा था । मैं भी अचंभे में थी कि इसे हुआ क्या है? उसने मुझे किट्टू नाम से पुकारा , "बोल क्या काम है?" "यार मुझे भी शॉपिंग करनी है , कुछ समझ नही आ रहा क्या लूं, तू कुछ हेल्प कर दे ना" "ओहोहोहो , आज तो शहद टपक रहा है मुंह से, नही करती मदद जा" उसने मेरी चोटी पकड़ कर बाल खींचे । "आह्ह्ह" मैं चिल्लाई, "अरे क्या बच्चों की तरह लड़ते हो अभी भी । राजीव क्यों परेशान करता है उसे " सम्राट अंकल ने ...और पढ़े
पागल - भाग 9
भाग–९ राजीव ने मुझे एक साड़ी गिफ्ट की थी। मेरे लिए ये अजीब था और दिल ये मानने लगा कि उसे भी मुझसे प्यार है । मैने उसे टैक्स्ट मेसेज किया । "रावण तू राम बनने की कोशिश मत कर, रावण ही रहने वाला है तू ।" "क्यों? मैने राम वाला कौनसा काम कर दिया है रे?" उसने मेसेज का रिप्लाई किया । "मुझे साड़ी क्यों गिफ्ट की?" मैने भेजा । "क्योंकि जिसदिन मीशा की शादी है उसी दिन तेरा जन्मदिन, सोचा अभी ऐसा कुछ दे दूं जो शादी में भी काम आ जाए । वैसे भी शायद ये ...और पढ़े
पागल - भाग 10
भाग–१० दोस्तों मैने आपको बताया कि कैसे राजीव ने मुझे साड़ी गिफ्ट खरीद कर दी और कैसे मैने उसे प्यार समझ लिया । राजीव ने मुझे कुछ कहने के लिए धर दबोचा लेकिन कह ना पाया ।मैं उसे ढूंढ रही थी। मैं वापिस नीचे आई। पर वो नहीं मिला । "आखिर कहां चला गया है वो? कहना क्या चाह रहा था ? क्या वो मुझसे अपने प्यार का इजहार करने वाला था?" अनेक विचारों ने मुझे घेर लिया था । उसे ढूंढते ढूंढते मैं थक चुकी थी और वो पता नही कहां चला गया था । दोपहर के 2 ...और पढ़े
पागल - भाग 11
भाग–११अब तक की कहानी तो आपने पढ़ी होगी । अगर ना पढ़ी हो तो पहले के भागों को पढ़ । इससे कहानी समझने में आपको आसानी होगी। चलिए फिर शुरू करते है आगे की कहानी "क्या कहा तूने उसे?""कुछ नही बस ये कि तुझे उससे दोस्ती करनी है।" "तो उसने क्या कहा ?" "कोई जवाब नही दिया ""बात कर ना यार ठीक से उसी कल तो वो लोग चले जायेंगे कम से कम नंबर ही ला दे" "मैं कोशिश करूंगी " कहते हुए मैं जल्दी से वहां से निकल गई क्योंकि अब मैं खुद पर कंट्रोल नही कर पा ...और पढ़े
पागल - भाग 12
भाग –१२ "पता नही यार , पर जबसे उसे देखा है , पागल सा हो गया हूं " "हां उसे प्यार ही कहते है " "नहीं यार फिर भी पहले में दोस्ती करना चाहूंगा। " वैशाली खुद ही राजीव के पास आई और दोस्ती का हाथ बढ़ाया । मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा था । मैं उन दोनों को वहां अकेला छोड़ कर मीशा के पीछे जा बैठी। लेकिन अब भी मेरा ध्यान उन दोनों पर ही था , रस्में अभी चल ही रही थी। मिहिर मेरे पास आया, शायद वो पहले से मेरी और राजीव की केमिस्ट्री को ...और पढ़े
पागल - भाग 13
भाग–१३ दोस्तो अब तक की कहानी मैं हुआ यूं था कि राजीव को वैशाली नाम की लड़की से दोस्ती थी जो मीशा के ससुराल तरफ से आई थी । मेरा मिहिर से बात करना उसे अच्छा नही लग रहा था उसने मुझ पर गुस्सा किया। हम दोनो ने बात बंद कर दी । मीशा की बिदाई हो गई। अब आगे,, मीशा के जाने के बाद घर के पोस्ट मैरिज काम काज निपटाए जा रहे थे । आज मेहमानों में से भी ज्यादातर लोग जा चुके थे और जो बाकी थे शाम तक चले जाने वाले थे। सुबह मैं मम्मी ...और पढ़े
पागल - भाग 14
राजीव मुझे घूर रहा था । शादी भी निपट चुकी थी। सभी मेहमान जा चुके थे। वही रूटीन लाइफ हो गई । मैं कॉलेज गई। लेकिन मैं राजीव से बात नही करना चाहती थी । उसने भी मुझे फुल इग्नोर किया। मीशा की शादी हमारे बीच बहुत बड़ी दीवार खड़ी कर चुकी थी। एक दिन ऐसे ही चला गया । कॉलेज में सभी को बड़ा अजीब लगा हम दोनों को अलग देखकर , सभी जान गए थे हमारा झगड़ा हुआ है। अगले दिन मैंने सोचा मैं उसे मना लूंगी अपना इगो साइड पर रखकर , मैं उसे ढूंढते हुए ...और पढ़े
पागल - भाग 15
"वो,, "वो वैशाली , वैशाली से ,,,, प,,, प्यार ,,, करता है ।" मैं फूट फूट कर रो रही "व्हाट?" मिहिर लगभग चीखते हुए बोला। "सुनो, कीर्ति , तुम रो ओ मत प्लीज शांत हो जाओ ," ये उसकी गर्लफ्रेंड निशी की आवाज थी। वो स्क्रीन के सामने आते हुए बोली। "कीर्ति सुन , वैशाली के बारे में राजीव अभी जानता नहीं है , उसे जल्द ही उसके बारे में पता चलेगा । तेरी दोस्ती, तेरा प्यार सच्चा है ना , वो लौट आयेगा , देखना " मिहिर ने कहा "तू झूठी तसल्ली मत दे यार , अब थक ...और पढ़े
पागल - भाग 16
भाग–१६ राजीव कहीं चला गया था । अब मुझसे रहा नही गया । मैने उसे कॉल कर ही दिया "कहां है तू?" "कॉलेज" उसने इतना ही कहा। मैं बाहर उसका इंतजार करने लगी। लेकिन कॉलेज से थोड़ी दूर बैठी थी। मुझे लगा वो आयेगा वो मुझे देख लिया होगा । मुझसे बात करेगा । लेकिन शाम के 4 बजे तक मैं उसके कॉलेज से बाहर निकलने का इंतजार कर रही थी । मम्मी के कॉल पर कॉल आ रहे थे लेकिन मैं बहत बेचैन थी मुझे घर नही जाना था मुझे राजीव से मिलना था । मैं पैदल ही ...और पढ़े
पागल - भाग 17
भाग–१७ हेलो दोस्तों तो कहानी में अब तक राजीव और मेरी बहुत नोक झोंक हुई । लेकिन मैं ये चुकी थी कि भले राजीव की जिंदगी में मेरा कोई अस्तित्व हो चाहे ना हो लेकिन मेरी जिंदगी उसके होने से ही है । इसलिए मैं ने उससे लड़ना बंद कर दिया । मैं अब सोशल मीडिया से भी कोसो दूर थी। मैं व्हाट्सएप भी नही देखती थी। उसे काम होता तो वो मुझे कॉल कर देता था । मेरी एग्जाम भी हो चुकी थी अभी वेकेशन चल रहे थे और मीशा आई हुई थी। वो मुझे मिलने बुलाती थी ...और पढ़े
पागल - भाग 18
भाग–१८ राजीव को जब जरूरत होती वो परेशान होता या वैशाली से लड़ता वो तब ही मुझे कॉल करता मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी । मेरे घर में मेरी शादी की बातें होने लगी थी। मीशा और मिहिर को मैने कोनकॉल पर लिया। और उन्हे बताया कि कल मुझे कोई लड़का देखने आ रहा है। उन्होंने मुझे समझाया कि मैं राजीव के पीछे अपनी जिंदगी ना बर्बाद करूं।और लाइफ में आगे बढूं। अगले दिन मुझे लड़के वाले देखने आए। लेकिन बात कुछ जमी नही। मैं अब कुछ समय अकेले रहना चाहती थी । मैं खुद के साथ कुछ ...और पढ़े
पागल - भाग 19
भाग–१९ राजीव को सामान्य होने में दो–तीन दिन लग गए थे ।शुरू के दो दिन मैने उसे अकेला नहीं , मैं रात को भी रोहिणी आंटी के यही रुकती थी और राजीव का खयाल रखती थी । हां मैं दूसरे कमरे में सोती थी। रोहिणी आंटी और सम्राट अंकल दोनों को पता चल चुका था कि राजीव किसी परेशानी में है लेकिन उसका कारण अभी उन्हे पता नही था। "राजीव के साथ क्या हुआ है बेटा?" सम्राट अंकल ने चिंतित स्वर में मुझसे पूछा था । "अंकल ,वो,," मैं उन्हे क्या बताती। "बेटा , प्लीज बताओ , हम उस ...और पढ़े
पागल - भाग 20
भाग–२० कुछ दिनों में मीशा घर आने वाली थी ,सम्राट अंकल उसके आने के बाद मुझसे राजीव के बारे बात करने वाले थे । लेकिन अचानक मीशा का फोन आया कि वो नहीं आ रही है , क्योंकि वो मां बनने वाली है और डॉक्टर ने उसे तीन महीने तक ट्रेवलिंग का मना किया है। राजीव जॉब करने लगा था । अंकल अब और वक्त गंवाना नहीं चाहते थे । उन्होंने मुझे एक दिन बुलाया, जब राजीव घर नही था । "जी अंकल" "यहां बैठो" सामने सोफे पर उन्होंने मुझे बैठने का इशारा किया। मैं बैठ गई। "बेटा तुम ...और पढ़े
पागल - भाग 21
भाग–२१ "पुराना किला " "ओके,एक घंटे में मैं वहां पहुंच रहा हूं" "राजीव मुझे थोड़ा वक्त लगेगा , ट्रैफिक वजह से।" "नो प्रोब्लम, आई विल वैट" "ओके, आई एम कमिंग" कहकर उसने फोन काट दिया । "साली , कमिनी, कितनी घटिया है यार ये , तू मुझे मत ले जा मेरे हाथों इसका खून हो जायेगा " मैने गुस्से में दांत पीसते और मुट्ठियां भींचते हुए कहा। राजीव मेरे एक्सप्रेशन और हरकतें देख के हंसने लगा, काफी दिनों बाद उसको हंसते हुए देखा था। "बहुत दिनों बाद आज चांद निकला है" "दिन में?" राजीव ने पूछा। "मैने उसे कांच ...और पढ़े
पागल - भाग 22
भाग–२२ आखिर वैशाली कितने थप्पड़ खायेगी । और इतना मार खाने के बाद भी सुधरती नही । मेरे मन आया। "राजीव सच कह रही हूं मैं, प्यार करती है ये तुमसे पूछ लो इससे " राजीव मेरी तरफ सवालिया नजरों से देख रहा था । मैं उसकी नजरों का सामना नहीं कर पा रही थी लेकिन मैं लगातार रो रही थी राजीव बर्दाश्त नहीं कर पाया और वैशाली को जोर से पकड़ कर गुस्से में बोला । "देख , ये मुझसे प्यार करती हो या नही , पर अब मेरी जिंदगी में तेरी कोई जगह नही , अपना गंदा ...और पढ़े
पागल - भाग 23
भाग–२३ राजीव नशे ने चूर था।मैने उसे बेड पर लेटा दिया । राजीव ने नशीली आवाज में धीरे से "कीर्ति" मेरी धड़कने तेज हो गई। उसकी नशीली आवाज मेरे कानों से होते हुए सीधे दिल में लग रही थी। "हां" "वैशाली कह रही थी तू मुझसे प्यार करती है, क्या सच में तू मुझे चाहती है?" "राजीव सो जाओ चुपचाप।" "जानती है कीर्ति , वैशाली के अलावा में किसी से प्यार नहीं कर सकता , घर में सब मेरी शादी करवाना चाहते है। मैं शादी नही करना चाहता । मैं अब किसी और से प्यार नहीं कर पाऊंगा" उसने ...और पढ़े
पागल - भाग 24
भाग–२४ राजीव और मैं वापिस आ चुके थे । राजीव मुझसे कुछ छुपा रहा था , और वो क्या ये बात सिर्फ वही जानता था और वैशाली। मैं भी जल्द ही जॉब पर लग चुकी थी। अब राजीव से मिलना कम कर दिया था। और सम्राट अंकल को साफ शब्दों में कह दिया था कि मुझे राजीव से शादी नहीं करनी है। उन्होंने मीशा से जब ये कहा तो उसे सुनकर मीशा का कॉल मुझ पर आया । "शादी के लिए ना क्यों कह दिया तूने?" "मीशा राजीव शादी नही करना चाहता है। कभी नहीं किसी से नहीं" "तू ...और पढ़े
पागल - भाग 25
भाग–२५ "विल यू मेरी मी?" राजीव ने अचानक मुझसे पूछ लिया था । मेरी धड़कने बड़ गई। "बोल ना शादी करेगी मुझसे?" "ये क्या नया मजाक है राजीव ?" मैने खुद को संभालते हुए कहा । "मजाक तो जिंदगी मेरे साथ कर रही है यार" "क्यों अब क्या हुआ?" "यार मुझे खुद का बिजनेस स्टार्ट करना है, और उसके लिए पापा की प्रॉपर्टी में से कुछ पैसे चाहिए थे" "हां तो?उससे शादी का क्या कनेक्शन?कल तो कह रहा था शादी नही करूंगा?" "कल , मतलब कब? "राजीव ने नशे में जो कहा उसे याद नही था । "नशे में" ...और पढ़े
पागल - भाग 26
भाग–२६ अपने आंसू पोंछकर मैने अपने फोन में एक नंबर डायल किया। "हेलो" "हेलो कीर्ति कैसी हो तुम?" "मिहिर इतना कहकर मैं फिर से रोने लगी। "क्या हुआ कीर्ति , तुम फिर से रो रही हो। फिर राजीव ने कुछ किया क्या?" "ही प्रपोज्ड मि " "व्हाट, वाउ, कंग्रेटुलेशन यार, आई एम वेरी हैपी अबाउट यू" "मिहिर, उसने मुझे शादी के लिए प्रपोज किया है।" "तो रो क्यों रही है पगली, इट्स टाइम टू सेलिब्रेट" "मिहिर , इट्स अ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज" "व्हाट?" वो शॉक्ड था , कुछ देर वह कुछ नही बोला , दोनो और एक खामोशी पसर गई।फिर ...और पढ़े
पागल - भाग 27
भाग–२७मैने स्क्रीन पर देखा तो मीशा का वीडियो कॉल था । मैने तुरंत कॉल उठाया । मैं जानती थी ये खबर सुनकर कॉल कर ही देगी । "हेलो , मेरी जान , मेरी प्यारी कीर्ति , मेरी भाभी " मैने मुस्कुराकर उसे जवाब दिया "हां मीशा बोलो , कैसी तबियत है तुम्हारी " "शर्मा रही हो? वैसे ये सब कैसे हुआ?""पता नही अचानक कल राजीव ने शादी के लिए पूछा तो आज मैने हां कह दिया " "ओह, कीर्ति कीर्ति कीर्ति , मैं बहुत खुश हूं तेरे लिए यार , सच में अभी भाग कर आ जाऊं ऐसा मन ...और पढ़े
पागल - भाग 28
भाग –२८ पापा का प्यार महसूस करके दिल को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था । मां और पिता लोग ऐसे लोग है दुनिया में जो बिन कहे ही अपने बच्चे की हर बात समझ सकते है। मैं बिना रुके बस रोए जा रही थी। कितना गलत समझती थी मैं पापा को , वो मेरे लिए कठोर थे लेकिन मेरी ही सुरक्षा के लिए। वो मुझसे बहुत प्यार करते थे और वो आज मैने बहुत कम शब्दों में महसूस कर लिया था। मैं अपने हाथ में राजीव की तस्वीर को निहार रही थी। और उससे हुई पहली मुलाकात से ...और पढ़े
पागल - भाग 29
भाग–२९ राजीव और मेरा रिश्ता तय हो चुका था। मैं खुश भी थी लेकिन उदास भी ,, खुश इसलिए मेरा सपना पूरा हो रहा था , और उदास इसलिए कि एक साल बाद मुझे इस सपने को जीना छोड़ना होगा। मिहिर की शादी के साथ ही मेरी शादी भी फिक्स कर दी गई उसी तारीख पर और उसी मंडप में। हम सभी लोग यहां से पूरी तैयारी के साथ ,राजस्थान पहुंच गए क्योंकि मिहिर ने डेस्टिनेशन वेडिंग प्लान किया था। मिहिर और राजीव के मेहमानों में कुछ तो कॉमन थे । हमारे मेहमानो में से बहुत खास लोगों को ...और पढ़े
पागल - भाग 30
भाग–३० राजीव कमरे में आ चुका था । और मेरे दिल की धड़कने बढ़ चुकी थी। पता नही राजीव मन में क्या चल रहा था आज की रात को लेकर । क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बताते वक्त कहीं भी आज की रात का या आने वाली रातों का कोई जिक्र उसने नही किया था ।मुझे मेरी भूल का एहसास हुआ मुझे उससे पहले ही बात कर लेनी चाहिए थी । ये जानने के लिए कि इस मैरिज में किस हद तक हमे आगे बढ़ना है ? पर मैं एक लड़की हूं उससे ऐसी बात कैसे करती? मैने मन ...और पढ़े
पागल - भाग 31
भाग–३१ सुबह मेरे दरवाजे पर मीशा ने दस्तक दी, मैं सुबह जल्दी उठकर नहा कर तैयार हो चुकी थी मैने दरवाजा खोला तो मीशा मेरे लिए नाश्ता और चाय लेकर आई थी। "अरे मीशा मैं नीचे ही आ रही थी तुमने क्यों तकलीफ की। वैसे भी सफर और शादी में तुम्हे बहुत परेशानी हुई होगी इस समय तुम्हे आराम करना चाहिए । मैं कोई पराई नही हूं । तुम आराम करो मैं सब संभाल लूंगी। " "मम्मी ने कहा है , आज तुम्हारी पग फेरे की रस्म है। तो तुम्हारे घर से तुम्हारे मामा, मामी, चचेरे भाई, भाभी और ...और पढ़े
पागल - भाग 32
भाग–३२ राजीव ने शायद मेरा फोन चेक किया था उसने देखा मैने लास्ट कॉल मिहिर को किया था । व्हाट्सएप खोलने की कोशिश की लेकिन मैं व्हाट्सएप पर लोक रखती थी। वजह थी राजीव के बारे में की गई बातें मीशा और मिहिर से । मैं जब कमरे में आई तो मेरा फोन मैने जैसा रखा था वैसे नही पड़ा था जिस वजह से मैं समझ गई थी कि फोन राजीव ने चेक किया होगा। "लो राजीव , चाय ले लो" मैने चाय के साथ नाश्ता भी रखा था । राजीव बाथरूम में ब्रश करने गया और आकर चाय ...और पढ़े
पागल - भाग 33
भाग–३३ आज राजीव मुझे लेने के लिए आने वाला था। मैं उसका बेसब्री से इंतजार करने लगी कुछ देर राजीव मुझे लेने के लिए आ गया। उसे देख कर दिल को सुकून मिल रहा था इतनी खुशी हो रही थी मैं दौड़ कर उसके गले लग जाना चाहती थी लेकिन मैंने अपनी भावनाओं को काबू में किया और राजीव के सामने जाकर बैठ गई। मम्मी राजीव के लिए नाश्ता और चाय लेकर आए, इतनी देर मैं राजीव के सामने बैठी रही, उसने मुझसे कोई बात नहीं कि वह अपने फोन में उलझा हुआ था और मैं उसे देख रही ...और पढ़े
पागल - भाग 34
भाग–३४एयरपोर्ट की सारी प्रोसेस के बाद हम लोग प्लेन का वेट करने लगे । कुछ देर में प्लेन भी चुका था । हम लोग उसमे चढ़े । मैं एक खूबसूरत सफर और खूबसूरत जिंदगी की कामना लिए अपने आप में मुस्कुराए जा रही थी। कुछ ही घंटों में फ्लाइट गोवा एयरपोर्ट पर थी ।हम लोगों को होटल की ही टैक्सी लेने आई थी हम लोग उसमे बैठकर होटल गए । बहुत खूबसूरत सा माहौल था गोवा के आबोहवा में, गोवा की जमीन पर उतर कर ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी और दुनिया में ही हो हम लोग। बहुत शांत ...और पढ़े
पागल - भाग 35
भाग–३५ राजीव बाथरूम से बाहर निकला तो मुझे देख कर हतप्रभ सा खड़ा रह गया । कुछ देर वह तरह खड़ा रहा ,और मुस्कुराने लगा । "क्या देख रहे हो ?"मैने उसे ऐसे देखते हुए पूछा । "तू इतनी सुंदर भी दिख सकती है? पहले तो कभी नहीं लगी" राजीव ने कहा। "ये कॉम्प्लीमेंट है मजाक उड़ा रहे हो?"मैने कमर पर हाथ रखकर गुस्से वाला मुंह बनाते हुए कहा । राजीव हंसने लगा और मैं मुस्कुरा दी। मैने एक खूबसूरत रेड वेस्टर्न गाउन पहना था।खुले बाल रखे थे और हल्का मेक अप किया था। राजीव की कही बात से ...और पढ़े
पागल - भाग 36
भाग–३६ मीशा ऑपरेशन थियेटर में थी। रोहिणी आंटी चिंता में । मैं उन्हे दिलासा दे रही थी। राजीव जीजाजी पास खड़ा उनकी हिम्मत बांध रहा था । सम्राट अंकल हॉस्पिटल के वहां रखे गणेश जी की मूर्ति के सामने खड़े थे उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे और वो एकटक उनकी मूर्ति को देख रहे थे। दरअसल मीशा सीढ़ियों से गिर गई थी । उसे 9 वा महीना चल रहा था। जीजू यही आए हुए थे। जल्दी ही उसे हॉस्पिटल लाया गया । "कंग्रेचूलेशंस , आपके घर लक्ष्मी आई है" एक नर्स ने बाहर आकर कहा। डॉक्टर ...और पढ़े
पागल - भाग 37
भाग –३७ मैं सोचती थी कि शायद अब इसी से राजीव मेरे प्यार को समझ पाएगा और हमारे बीच ठीक होगा और ना भी हुआ तो मैं उसके बच्चे को लेकर उसकी जिंदगी से कहीं दूर चली जाऊंगी। मैं भले ऊपर से खुश दिखती थी ।लेकिन अंदर ही अंदर अब टूटने लगी थी । शादी को 6 महीने बीत चुके थे , राजीव के करीब रहने से मेरे प्यार में उसके लिए बस बढ़ोतरी ही हो रही थी । लेकिन वो निर्मोही समझता ही नही था । राजीव की पकड़ मुझ पर मजबूत होने लगी उसने मुझे बाहों में ...और पढ़े
पागल - भाग 38
भाग–३८ मैने राजीव से कहा कि "राजीव तुम ये सब क्या कह रहे हो?" "सच ही तो कह रहा और मैं ये समझ के परेशान हो रहा था कि तुम मुझे चाहती हो और मैने तुम्हारी जिंदगी खराब कर दी। अरे क्या फर्क है तुम में और वैशाली में । मिहिर से प्यार करती हो पर उससे शरीर की भूख नहीं मिटी तो कल मुझे शिकार बना लिया ।" तभी एक जोरदार चांटा राजीव के गाल पर पड़ा । ना ये चांटा कीर्ति ने मारा था , ना सम्राट अंकल ने , ना ही मिहिर ने । ये चांटा ...और पढ़े
पागल - भाग 39
भाग –३९ मीशा ने खत को जोर से पढ़ना शुरू किया। "डियर रावण, तुम से बहुत प्यार करती हूं , हमेशा से , जबसे तुम्हे देखा है तबसे, हर पल दुआ की तुम्हे पाने की। पागल कहते थे लोग मुझे , क्योंकि पागलों जैसा प्यार था मेरा। लेकिन बस तुम नहीं महसूस कर पाए। मैं तुम्हारा सब सितम बर्दाश्त कर सकती हूं पर ये इल्जाम नही कि मैंने कल तुमसे जो संबंध बनाए थे वो मेरी भूख थी। वो मेरा प्रयास था तुम्हे हमेशा के लिए अपना बनाने का ।एक लड़की के लिए किसी को अपना शरीर दे देना ...और पढ़े
पागल - भाग 40
भाग–४० मिहिर और निशी भी जल्दी राजीव के घर पहुंच गए । सभी राजीव को शांत करके उसके कमरे भेज देते है ।मिहिर राजीव के साथ उसके कमरे में रुकता है बाकी सभी बाहर , सभी जाग कर रात निकालते है । मीशा को निशी सुलाने लेकर जाती है और जब तक वो सो नही जाती निशी उसके साथ होती है । रात को राजीव बार बार मिहिर से माफी मांगता है और मुझ को याद करके बिलखता है मिहिर उसे शांत रहने को कहता है । राजीव मेरे मोबाइल में अपनी तस्वीर देखता है , मीशा के साथ ...और पढ़े
पागल - भाग 41
भाग –४१उसने देखा ट्रैफिक बहुत ज्यादा था और सामने से गाड़ियां आ जा रही थी। तभी राजीव दौड़कर गाड़ियों रोकते हुए उस बच्चे के करीब जाकर साइड में ले आता है। "बेटा तुम ठीक हो?" "मम्मी , मुझे मम्मी के पास जाना है" बच्चा इतना कहकर रोने लगता है बच्चे की उमर कुछ 4–5 साल के बीच की होगी। राजीव आसपास देखता है तो उसे एक आदमी उसकी और दौड़कर आता हुआ दिखाई देता है। "राजू बेटा , इस तरह आप कहां चले गए थे। मैने आपसे कहा था ना वही खड़े रहने को ,?" "पापा " कहकर वो ...और पढ़े
पागल - भाग 42
भाग ४२ राजीव काशी में गंगा नदी किनारे , खुद को साधु बना लेता है। वह भगवा वस्त्र धारण लेता है और महादेव की पूजा अर्चना करता मंदिर के सामने बैठ कर ध्यान करता और माला कर के शिव नाम दोहराता रहता । राजीव के दिन इसी तरह बीतने लगे । उसका बिजनेस डूब ना जाए इसलिए सम्राट अंकल ने वो बिजनेस मिहिर और मीशा के पति को संभालने की हिदायत दी। मिहिर ने अपने विश्वसनीय मित्र को राजीव का बिजनेस संभालने उसकी कंपनी भेजा। और मिहिर हर वीक आकर कंपनी का राउंड मारकर अपडेट लेता रहा । मिहिर ...और पढ़े
पागल - भाग 43
भाग – ४३ राजीव से मिलने के बाद जीजू ने मिहिर से कहा "मिहिर , राजीव अभी तो मान रहा है , शायद कुछ दिनों बाद उसे ठीक लगे तो वो वापिस घर आ जाए। वैसे भी ये जीवन आसान तो नहीं जो वो जीना चाह रहा है, शायद वो ना जी पाए और लौट आए। " "नहीं जीजू मुझे लगता है , राजीव अब नही लौटेगा । उसे लौटा सकता है तो सिर्फ एक ही व्यक्ति,," कुछ सोचकर मिहिर बोला। "और वो कौन?" "कीर्ति, हमें कीर्ति से मिलकर कहना होगा कि वो ही राजीव को समझाए।वो कीर्ति की ...और पढ़े
पागल - भाग 44
भाग –४४ मिहिर और जीजू ने खाना खाया । मैं अतीत में खोई उन दोनो को देख रही थी अभिषेक का फोन आया । आप सोच रहे होंगे ये अभिषेक कौन है। ये वो ही आदमी है जो दिल्ली में राजीव से मिला था , जिन्हे मेरा बेटा राजीव ,पापा कहता है। "हेलो अभि" "हेलो कीर्ति, क्या कर रही हो?" "मैं होटल में हूं बस अब घर के लिए निकलने वाली थी।" "क्या हुआ तुम्हारी आवाज कुछ बुझी बुझी सी है , कुछ हुआ है क्या?" "वो अभि, यहां होटल में मेरे सामने मिहिर और जीजू बैठे है और ...और पढ़े
पागल - भाग 45
भाग–४५ अगली सुबह ,, मिहिर और जीजू उस बताए एड्रेस के लिए होटल से निकलते है । जैसे ही लोग उस घर से 500 मीटर के करीब पहुंचे । जीजू को एक अनजाने नंबर से कॉल आया। "हेलो" "हेलो ,साहेब , मैं वो चाय वाला , आपने जो मैडम का चित्र हमको दिखाया था ना , ऊ मैडम अभी हमरी छोटी सी लारी पर दुबारा चाय पीने आई है । आप जल्दी से आ जाइए हम उनको किसी तरह अटका कर रखने का कोशिश करेंगे साहेब, मगर जल्दी आइएगा।" "ओके ओके" "मिहिर जल्दी चल चाय की टपरी फटाफट" "क्या ...और पढ़े
पागल - भाग 46
भाग–४६ मिहिर और जीजू काफी देर तक वही बैठे रहे ।अंजली से मैने फोन करके पूछा तो उसने बताया लोग कार के पास ही खड़े है । "मैडम एक बात पूंछू?"अंजली ने कहा "हां" "कौन है ये लोग?" "वो सब मैं तुम्हे बाद में बताऊंगी , अभी इनके लिए कुछ करना पड़ेगा" "मैडम एक आइडिया दूं?" "आज मनोज को आपकी कार लेकर जाने को बोलो वो कुछ देर में निकलने वाला है नाइट ड्यूटी थी उसकी , और उसकी कार आप ले जाना " "गुड आइडिया अंजली , थैंक यू मनोज को मेरे केबिन में भेजो" कहते हुए मैंने ...और पढ़े
पागल - भाग 47
भाग –४७ "क्या काम है आप लोगों को मुझसे" मैने कहा तो मेरी आवाज पर सभी ने पलट कर "कीर्ति , तुम कैसी हो ?" कहते हुए मिहिर की आंख नम हो चली थी। "मैं ठीक हूं " मैने कठोरता से कहा। मेरी आंखे नम नही थी। ना ही मुझ में कोई इमोशंस बचे थे। वक्त ने या परिस्थितियों ने ना जाने किन हालातों ने मुझे ऐसा बना दिया था। मैं पुराने किसी भी रिश्ते में जाना नही चाहती थी। इसलिए अब तक भाग रही थी। "कीर्ति तुम जानती थी ना हम लोग तुम्हे ढूंढ रहे है?" "ऐसा क्यों ...और पढ़े
पागल - भाग 48
भाग –४८ जीजू और मिहिर अब अपने होटल में आकर लेट जाते है। मगर दोनों को ही नींद नहीं । उन्हे मेरा व्यवहार काफी अलग लगा । वो जिस कीर्ति को जानते थे मैं अब वो नही रही। कितना कुछ सहा होगा कीर्ति ने भी इसलिए आज वो ऐसी है। यही सब सोचते हुए उन लोगों को थकान से नींद आ गई। इधर मैंने उन लोगों को पीठ इसलिए दिखाई थी क्योंकि मैं रोने लगी थी और मैं अपने आंसुओ को जीजू और मिहिर को नही दिखाना चाहती थी। पलट कर मैने कठोरता से अभिषेक से उन्हे भेजने को ...और पढ़े
पागल - भाग 49
भाग–४९ अभिषेक मुझे घुरे जा रहा था । और मैं भूखी खाए जा रही थी। मेरा खाना खत्म हुआ मुझे और भूख लगी थी मैं ने अभिषेक की और देखा और फिर उसके हाथ में रखे खाने की और , वो समझ गया कि मुझे और भूख लगी है उसने मुझे अपना खाना भी दे दिया । "आप क्या खायेंगे?" मैने औपचारिकता से पूछा। "मैं ट्रेन में बैठने से पहले खाकर ही निकला था आप ले लीजिए" जैसे ही उसने कहा मैंने एक पल भी गवाएं बिना उसका खाना भी लेकर खा लिया । अभिषेक ने मुझसे पूछना चाहा ...और पढ़े
पागल - भाग 50
भाग–५० अभिषेक ने मुझे बताया कि मैं प्रेगनेंट हूं यह सुनकर मेरे चेहरे के भावों से वो समझ गया शायद मैं नहीं जानती थी कि मैं प्रेगनेंट हूं । "क्या आपको नहीं पता था आप प्रेगनेंट है" मैने अपना सिर ना में हिला दिया। "देखिए कीर्ति जी,, मैं नहीं जानता आपके साथ क्या हुआ है । मगर अब इस हालत मैं आपका यूं दर दर भटकना ठीक नही है। मैं जानता हूं यहां आपकी कोई मासी नही रहती । मैं उसी दिन जान गया था आप झूठ बोल रही है। मैं आपको फोर्स भी नही करूंगा कि आप मुझे ...और पढ़े
पागल - भाग 51
भाग –५१ मैने मन बना लिया था। बच्चे को जन्म देने के बाद यहां से हमेशा हमेशा के लिए जाऊंगी। अभिषेक और मां ने मेरा बहुत खयाल रखा। धीरे धीरे मेरी हालत में सुधार आने लगा। मैं अब 7 महीने गर्भवती थी। मांजी ने अभिषेक से कहा "बेटा 7वे महीने , गोद भराई की रस्म होती है। ये रस्म वैसे तो मायके वाले करते है मगर इसके मायके वालों को तो ये बुलाने से रही । और शायद वो लोग आएंगे भी नही मगर रस्म तो करनी पड़ेगी। " "आप चिंता ना करे मां,, मैं कुछ करता हूं" कहते ...और पढ़े
पागल - भाग 52
भाग–५२ कॉलेज की फाइनल एग्जाम करीब थे । मेरा दिल डर से बैठ गया था । मैने अपनी मां उनके घर बात करने को कहा । मेरी मां वहां गई और उसके पिता जी ने मेरे बारे में लोगों और रिश्तेदारों से पूछताछ की। मेरे बारे में सभी से उन्हे अच्छी बातें जानने को मिली । क्योंकि मेरा कोई बुरा बैकग्राउंड नही था । उसके पिताजी को ये बात पता चली की मैं पढ़ाई के साथ नौकरी कर रहा हूं । वे मुझसे प्रभावित हुए । उन्होंने मुझे मिलने बुलाया । और कुछ बातें पूछी । और मेरे जवाब ...और पढ़े
पागल - भाग 53
भाग –५३फिर उसके पिताजी ने मां से बात करके अगले महीने ही हमारी शादी फिक्स कर दी। एग्जाम खत्म के दस दिन बाद हमारी शादी हो गई। वो और रिस्क नहीं लेना चाहते थे ।अगर कोई ऊंच नीच हो जाती तो समाज को क्या मुंह दिखाते । "इतना कहकर अभिषेक रुका । उसका गला सुख गया था वह टेबल की और गया ग्लास में पानी लिया और पी गया।मैं अब तक शॉक में आ चुकी थी। मुझे तो एहसास ही नही था कि अभिषेक शादीशुदा है।उसके घर में वंदना की कोई तस्वीर भी नही थी। ना कभी उसकी मां ...और पढ़े
पागल - भाग 54
भाग–५४ "ये जो लोग ,, जिन्हे मैं तुम्हारे माता पिता बनाकर लाया हूं। ये वंदना के माता पिता है।" ने कहा। मैने देखा वो लोग कमरे के बाहर खड़े थे। मुझे पता नही चला कबसे। मगर उनकी आंखो में बेहिसाब आंसू थे । मैं उठकर उन लोगों के पास गई। और मैने उनकी और देखा। वो लोग मुझमें अपनी वंदना को ढूंढ रहे थे। उनकी आंखे दर्द और लाचारी से भीगी हुई थी। मैने वंदना की मां को गले से लगा लिया और रोने लगी। मैं भी मां और पापा के प्यार को तरस गई थी। वंदना की मां ...और पढ़े
पागल - भाग 55
भाग–५५ उन्होंने पर्स में रखी एक लड़की की तस्वीर दिखाई। ये वंदना ही थी। और सच में उसकी शक्ल काफी हद तक मिलती थी। हालाकि हम हमशक्ल नही थे । कुछ अंतर जरूर था मगर कुछ ज्यादा हद तक एक से थे। अब समझ आया था ट्रेन में अभिषेक का मेरे प्रति व्यवहार। "आपने इसे अपने पास रखा तो फिर मूव ऑन कैसे कर पाए?" "मां को देख के ,मुझे वंदना के पापा ने समझाया । कि उन्होंने तो अपनी बेटी खो दी है पर मुझे तो मेरी मां को उनका बेटा लौटा देना चाहिए। " अब मैं सबकुछ ...और पढ़े
पागल - भाग 56
अभिषेक ने मुझे कहा था कि मुझे राजीव से मिलकर सारी बातें साफ साफ कर लेनी चाहिए । उन्होंने ये तक कह दिया था कि यदि मैं चाहूं तो राजीव के साथ जा सकती हूं । मुझे उनकी ये बात बुरी लगी थी दिल में दर्द उठ रहा था । हंसता खेलता परिवार था मेरा फिर ये कैसा तूफान आया और क्यों? मुझे अब राजीव पर गुस्सा आ रहा था । क्या हर बार उसके मुताबिक चलेगी जिंदगी ? अगले दिन मैं राजीव से मिलने के लिए मंदिर गई । पहले मैने महादेव के दर्शन किए । और उनसे ...और पढ़े
पागल - भाग 57
मैं बहुत परेशान थी ।मैं उठी और अभिषेक की मां के कमरे में चली गई । अभिषेक तब तक चुका था । अभिषेक की मां अकेले वहां बैठी कुछ सोच रही थी तभी मैने भी उनकी गोद में सिर रख दिया। "मां,, मैं क्या करूं अब? " मैं ने उदासी भरे स्वर में पूछा। "तेरा दिल क्या चाहता है बेटा?" अभिषेक की मां ने मेरे गालों को छूकर पूछा। "राजू अभिषेक को अपना पिता मानता है। मैं अभिषेक से उसका बेटा और राजू से उसका पिता कैसे छीन सकती हूं मां? " "इसका मतलब है तू राजीव के साथ ...और पढ़े
पागल - भाग 58
हम लोग जैसे ही वहां पहुंचे । राजीव ने मुझे लंबा घूंघट निकालने को कहा । मैने वैसा ही अंदर सब बेसब्री से हमारा इंतजार कर रहे थे। जब राजीव को सबने बड़े से घूंघट में आई लड़की के साथ देखा तो सब हतप्रभ रह गए ।रास्ते में राजीव ने दो फूलों की माला भी ले ली थी। और हमने उसे गले में डाल दिया था। मुझे और राजीव को इस तरह देख सभी एक दूसरे की और देखने लगे । "ये कौन है?" आंटी ने पूछा " आपकी बहू" राजीव बोला "तूने दूसरी शादी कर ली?अरे कम से ...और पढ़े
पागल - भाग 59 (अंतिम भाग)
मेरी मां मुझसे अकेले में बात करने के लिए ले गई और पूछा – क्या सच में मैं राजीव चाहती हूं ? मैं खुद अब तक कन्फ्यूज्ड थी । लेकिन वहां अभिषेक आ गया उसने मुझसे कहा – फिक्र मत करो । हम बहुत अच्छे दोस्त रहेंगे । और राजीव को मैं मिलने आया करूंगा । अभिषेक चाहें जितनी कोशिश करे स्ट्रॉन्ग बन ने की उसका दर्द उसके चेहरे पर दिख रहा था । वो चला गया तो मां बोली – राजीव से ज्यादा तुझे अभिषेक प्यार करता है बेटा । क्या तू इस शादी से खुश है ? ...और पढ़े