पागल - भाग 43 Kamini Trivedi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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पागल - भाग 43

भाग – ४३

राजीव से मिलने के बाद जीजू ने मिहिर से कहा
"मिहिर , राजीव अभी तो मान नही रहा है , शायद कुछ दिनों बाद उसे ठीक लगे तो वो वापिस घर आ जाए। वैसे भी ये जीवन आसान तो नहीं जो वो जीना चाह रहा है, शायद वो ना जी पाए और लौट आए। "

"नहीं जीजू मुझे लगता है , राजीव अब नही लौटेगा । उसे लौटा सकता है तो सिर्फ एक ही व्यक्ति,," कुछ सोचकर मिहिर बोला।
"और वो कौन?"
"कीर्ति, हमें कीर्ति से मिलकर कहना होगा कि वो ही राजीव को समझाए।वो कीर्ति की बात नही टालेगा।"
"लेकिन , हम कीर्ति तक पहुंचे कैसे? यहां हम किसे पूछेंगे और कैसे? और क्या कीर्ति राजीव से मिलकर समझाएगी?"

"पता नही जीजू लेकिन कोशिश करेंगे?"
"मगर उस तक पहुंचेंगे कैसे?"
दोनो मुझसे मिलने के रास्ते खोजने लगे थे।
"उसकी हेल्प से" मिहिर ने उंगली से इशारा किया। तो सामने वो बूढ़ी औरत और राजीव (मेरा बेटा) उन्हे दिखाई दिए। दोनो रोड क्रॉस करके खड़े गाड़ी का इंतजार कर रहे थे।
मिहिर और जीजू दौड़कर उनके पास जाने को हुए लेकिन एक बड़ी गाड़ी उनके बीच आ गई । गाड़ी में वो लोग बैठे और निकल गए।
मिहिर ने गाड़ी का नंबर नोट कर लिया था।

"अब क्या करेंगे मिहिर?"
"जीजू आप घर लौट जाओ , मैं कीर्ति से मिलकर सारी बात कर लूंगा"
"नही मिहिर , मैं भी रुकता हूं"
"लेकिन कल आपकी इंपोर्टेंट मीटिंग है।"
"राजीव से इंपोर्टेंट क्या होगा मिहिर" जीजू ने मिहिर के कंधे को छूकर कहा।

मिहिर ने अपने एक दोस्त जगदीप जोशी, जो कि एक डिटेक्टिव था ,वो गाड़ी का नंबर भेज दिया और तुरंत उसे फोन किया।
"हेलो, डिटेक्टिव जोशी हियर"

"सुन जग्गा जासूस, स्क्रीन पर नाम देखकर फोन उठाया कर, "
"अरे मिहिर, बोल कैसे याद किया?"
"एक नंबर भेजा है तुझे , बनारस का है , डिटेल्स चाहिए गाड़ी के मालिक की।"
"ट्राय करता हूं"
मिहिर और जीजू ने एक होटल में रूम बुक करवाया।रास्ते में वो जिनसे भी मिलते मेरी फोटो मोबाइल में दिखाकर मेरे बारे में पूछताछ करते ।

होटल पहुंच कर कमरे में जाकर थोड़ा आराम किया और फिर शाम को फ्रेश होकर फिर से मुझे ढूंढने निकल पड़े।
चाय पी उस टपरी वाले से भी मेरी तस्वीर दिखाकर पूछा।
"हां इन मैडम को हम देखे तो है कही , पर याद नहीं आ रहे, शायद हमरी दुकान पर चाय पीए होंगे कभी"

"प्लीज याद करके बताओ"
"साहेब नही याद आ रहा, आपका नंबर दे दीजिए याद आया तो बताए देंगे हम आपको फोन करके"

कुछ और लोगों को फोटो दिखा कर पूछा,लेकिन उन्हे निराशा ही हाथ लगती है। रात के 8:30 बजे थे दोनों को अब भूख लगी थी एक होटल देखकर खाने रुक गए । और प्रयास छोड़े बिना ही वही के एक वेटर को फोटो दिखा कर मेरे बारे में पूछने लगे।

वेटर पहले तो चौंक गया और फिर कुछ सोचकर एक्सक्यूज मी सर कहकर उन्हे मेनू कार्ड देकर वहां से चला गया ।
"उसने कुछ कहा ही नहीं, "मिहिर नेकहा ।

"ये शायद जानता होगा कीर्ति को तभी उसने कुछ कहा नहीं बाकी लोगों ने तो साफ ना कहा था" जीजू बोले।
"जीजू शायद कोई कन्फ्यूजन भी हो सकता है और वो कुछ कन्फर्म कर रहा हो"

वेटर ने रिसेप्शन पर जाकर बैठी महिला से उन लोगों की और आंखों से इशारा करते हुए कुछ कहा । रिसेप्शनिस्ट ने उन्हे देखा तो उन दोनों को खुद को देखता पाया।
रिसेप्शनिस्ट मुस्कुरा दी और उसने एक कॉल मिलाया।
मिहिर और जीजू अब खाने का ऑर्डर तय करने में बिजी हो गए।
"मैम , यहां दो लोग आपके बारे में पूछताछ कर रहे है"
रिसेप्शनिस्ट ने कहा ।
"उनकी तस्वीर भेजो" मैने कहा।

रिसेप्शनिस्ट ने उन्हे पता ना लगे इस तरह उनकी तस्वीर निकाल कर एक नंबर पर भेज दी।

सामने से कॉल आया, "उन्हे कोई जानकारी मत देना" मैने कहा। मैं अब अपनी पुरानी यादों से दूर रहना चाहती थी। मैं बहुत कठोर हो चुकी थी। मुझे लगा था राजीव ने मिहिर और जीजू को मुझे मनाने के लिए भेजा है। मैं हर बात के लिए राजीव को माफ कर सकती थी मगर मेरे चरित्र पर जो उसने उंगलियां उठाई उसे मैं कैसे माफ करती । वो मेरी बर्दाश्त के बाहर था।मुझे वो दिन याद आया जब मैं घर छोड़कर निकल गई थी।
मैं सीधी काशी आई और कई घंटों तक गंगा किनारे खुद को खत्म करने के विचारों को मजबूत बनाती रही।
मैं खयालों में गुम थी और तभी फिर से रिसेप्शिस्ट की आवाज आई "मैम, क्या हम इन्हें होटल से निकाल दे?"
"नहीं वो हमारे कस्टमर है उन्हें खाना खाकर जाने दो, और हां उन्हे थोड़ा डिस्काउंट देना"
मैं अब तक अनजान थी कि राजीव इतने महीनो से काशी ही रुका हुआ है । मुझे यही लगा कि राजीव ने इन्हे भेजा है मुझे मनाने।

"ओके मैम" रिसेप्शनिस्ट ने कहा और उस वेटर को बुला कर कहा" वो अब कुछ पूछे तो नही जानते ऐसा कह देना और ध्यान रहे उन्हे सिर्फ तुम अटेंड करोगे कोई और वेटर नही। नही तो वह उन्हे बता देगा। मैम नही चाहती की उनके बारे में ये लोग जाने। और हां उन्हे स्पेशल गेस्ट डिस्काउंट देना ।"

"ओके मैम" कहकर वेटर ऑर्डर लेने मिहिर और जीजू के पास गया। उन्होंने दोबारा उससे पूछा कि क्या वो इस फोटो वाली महिला को कभी मिला है
"जी नहीं सर,, आपका ऑर्डर?" ऐसा कहकर वह ऑर्डर लेकर वहां से चला गया बट उसकी नजर इन दोनो पर थी।
और वही होटल के एक केबिन से मैं मिहिर और जीजू को देख रही थी।

क्या मिल पाएंगे मिहिर और जीजू मुझसे? और क्या उनकी बातें सुनकर मैं जाऊंगी राजीव से बात करने?
मेरे इतने करीब होने के बावजूद क्या मिहिर और जीजू ढूंढ सकेंगे मुझे? जानने के लिए पढ़ना जारी रखे । धन्यवाद🙏