साथ जिंदगी भर का

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" कुँवरजी । प्लीज हमे दूर मत किजीये । वो आखों मे बेशुमार आसूँ लिये , उसके हाथ को थामे हुये कह रही थी| आपको जाना होंगा , और ये हमारा लास्ट डिसीजन हे । ' नही जाना हे हमे , कही नही जाना , समझे आप ! कहते हुये उसने अपने आप को उसकी बाहों मे छुपा लिया और वैसे ही सिसकियाँ लेती रही । वो खामोश सा खडा रहा । कुछ पल खामोशी की बाद उसने कहा । कल सुबह 11 बजे की फ्लाइट हे । ड्राईवर आपको छोड आयेंगा । " कुँवर्जी । " " पैक यूअर बैग्स । हम आपके बिना नही रह सकते । अपना सारा जरुरी सामान रख लो । " ह .... हमे रो .... रोक लिजिये ना । " " मेक श्योर की कुछ रहे ना। " उसका रो रोकर बुरा हाल हो चुका था । लेकिन उसपर कोई असर नही हो रहा था । वो बिना किसी एक्सप्रेशन के खडा था , जैसे उसे कोई फर्क ही ना पडता हो । लेकिन सिर्फ उसका दिल जानता था , की वो कितने दर्द से गुजर रहा । अपने प्यार से , अपनी जान से , अपने साथी से ये सब कहते हुये ।

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साथ जिंदगी भर का - कहानी का ट्रेलर

" कुँवरजी । प्लीज हमे दूर मत किजीये । वो आखों मे बेशुमार आसूँ लिये , उसके हाथ को हुये कह रही थी| आपको जाना होंगा , और ये हमारा लास्ट डिसीजन हे । ' नही जाना हे हमे , कही नही जाना , समझे आप ! कहते हुये उसने अपने आप को उसकी बाहों मे छुपा लिया और वैसे ही सिसकियाँ लेती रही । वो खामोश सा खडा रहा । कुछ पल खामोशी की बाद उसने कहा । कल सुबह 11 बजे की फ्लाइट हे । ड्राईवर आपको छोड आयेंगा । " कुँवर्जी । " " पैक यूअर ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - Introduction

वो........ एकांश अजिंक्य रघुवंशी......... लड़कियों के ख्वाबों का राजकुमार ........... और रियल लाइफ में भी राजकुमार .............. जयपुर के का वारिश ............. 6ft हाइट ......... सिल्की हेयर ......... काली गहरी आंखें ............ दूध सार सफेद रंग .......... वेल मेंटेंड फिट एंड फाइन बॉडी....... 26 साल का एलिजिबल बैचलर .......... मशहूर बिजनेसमैन और सॉफ्टवेयर इंजीनियर.......... Raghuvanshi Empire sambhalne के साथ-साथ अपनी smart tech नाम की कंपनी को भी इंडिया के टॉप कंपनीज में शामिल कर लिया हमेशा खरगोश शांत रहने वाला .......... बहुत समझदार........... लविंग एंड केयरिंग आल्सो अपने सभी भाइयों और बहनों से बहुत प्यार करता था उसे............. लेकिन ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 1

एकांश की फैमिली प्रताप रघुवंशी ( दादा सा ) कौशल्य रघुवंशी ( बड़ी दादी सा ) शारदा रघुवंशी ( दादी सा ) धनुष रघुवंशी ( बड़े बाबा सा ) मृणाल रघुवंशी ( बड़ी मा ) आनंदी ( एकांश की बड़ी बहन ) हर्ष और हर्षिका अजिंक्य रघुवंशी ( बाबा सा ) समीक्षा रघुवंशी ( मा ) एकांश रघुवंशी हमारा इस कहानी का वन एंड ओनली हीरो अखिलेश रघुवंशी ( बड़े काका सा ) अनीता बड़ी ( काकी सा ) स्वप्न और ऐश्वर्या मिथिलेश रघुवंशी ( छोटे काका सा ) सुनीता ( छोटी काकी सा ) उतरा और रूद्र रूद्र ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 2

आइए देखते हैं अब क्या हुआ अपने पीछे के खतरे से अनजान आपका घर पहुंची फ्रेश होकर खाना खाया तो उसे कुछ दिन पढ़ाई भी नहीं करनी थी तो अपना थोड़ा का काम किया और आंगन में ही रखी हुई चारपाई पर सो गई वैसे भी उसके घर को चारों ओर से बड़ी-बड़ी दीवारे थी इस वजह से उसे कुछ नहीं लगा 5:30 बजे के आसपास उसकी नींद खुली वह इतने दिनों से सोई नहीं थी तो उसे कुछ नहीं लगा फ्लैश होकर घर के काम किया और अपनी मां के लिए खाना बनाया आज उन्हें आने में बहुत ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 3

जानिए अब क्या होता है एकांश आस्था की शादी हो गई थी सात फेरों के सात सात जन्मों के एक दूसरे के हमसफर बने गए हैं उन दोनों को हमसफर बनने से कोई नहीं रोक पाया नहीं आती नहीं दोनों को हमसफर बना ही दिया तो आप जानते हैं आगे की इनकी लव स्टोरी कैसे होती है तो आप लोग प्लीज पढ़ते रहे तेरा मेरा साथ हमेशा एकांश आस्था की शादी हो गई सात फेरों के साथ वह सात जन्मों के लिए एक दूसरे के हमसफर बन गए एकांश और फैमिली के किसी भी मेंबर ने अभी तक आस्था ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 4

आगे देखिए अब क्या हुआ हर रोज की तरह आस्था की दिन की शुरुवात सुबह 5 बजे ही हुयी फ्रेश होकर वो पैलेस के गार्डन मे बने शिव मंदिर मे गयी ..... महामृत्युन्जय मंत्र का जाप कर उसने शिव जी के चरण स्पर्श किये ..... और किचन मे आकर चाय बनाई . नौकरो ने वो चाय लेजाकर दादासा और दादीसा को दे दी .. आस्था ने अब नाश्ता बनाने के लिये ले किया वैसे तो उसे ये सब करने की कोई जरूरत नही थी .... लेकिन सिर्फ उसका दिल और दिमाग किसी ना किसी काम में बिजी रहे इसिलिए ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 5

अब देखिए क्या हुआ????? क्या आपको मेरी story पसंद नहीं आ रहीं है क्या???? प्लीज app लोग कोई response नही देते एकांश ने आस्था को सबके साथ नाश्ता करने बीठा दिया ..... दादासा और अजिंक्य जी को छोड़कर सबके चेहरे उतर गये . ऐसा नहीं था की उन्हे आस्था से कुछ दुश्मनी थी .... बात सिर्फ इतनी थी के वो सब एकांश के लिये सबकुछ बहोत अच्छा चाहते थे .... और उन्हे एकांश के लिये खुबसूरत सुलझी हुयी समझदार पत्नी चाहिये थी .... जो एकांश का अकेलापन दूर कर सके और उसकी जिम्मेदारी ले सके ***** लेकिन आस्था अलग ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 6

अब आगे देखिये जब आस्था को ये पता चला कि kunwarsa आस्था से गुस्सा नहीं है तो क्या हुआ भी नही ..... दाईमाँ ने उसके चेहरे को प्यार से सहलाते हुये कहा .. इतने दिनों बाद आस्था के चेहरे की खुशी देख उन्हे भी बहोत अच्छा लग रहा था .... दाईमाँ .... कुँवरसा आप दोनो को बुला रहे हे ..... नौकर ने कहा और चला गया आस्था की मुसकान कम हो गयी .... और ये दाईमाँ ने देख लिया अब क्या हुआ .... अभिभी डर लग रहा है । दाईमाँ ....... दाईमाँ वो .... नाश्ता करते वक़्त कुँवरजी कुछ ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 7

य़ह episode समझने के लिए इससे पहले वाला episode जरूर पढ़ ले तो अब शुरू करने h एक्सीडेंट के क्या हुआ एकांश आस्था को अपने बाहों मे उठाकर पैलेस के अंदर ले आया .... सब उसे ही देख रहे थे .... वो धमाका इतना तेज था की हर कोई डर गया था .. एकांश ने आस्था को अपने कमरे मे लेटा दिया ... और डॉक्टर का वेट करने लगा .... अगले 5 मिनिट के अंदर ही डॉक्टर वहा आ गये .... और उसे चेक किया .... डॉक्टर ..... एकांश ने बस इतना ही कहा हम्म .... एकांश डर के ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 8

अब आगे का जरूर पढे आपको मेरी story पसंद नहीं आ रहीं हैं क्या प्लीज likes nd comment nd जरूर करें ताकि मुझे और प्रोत्साहन मिले और अच्छी स्टोरी लिखे ने का प्लीज हम्म .... कोई रास्ता नहीं है .... उस रात की सच्चाई जानने के लिये .... आस्था का अतीत जानने के लिये .... एकांश ने हताश होते हुये कहा सिर्फ कुँवराणीसा ही आपको सब बता सकती है .... आकाश लेकिन कुँवरसा आपको जानना क्या हे .... अजय आस्था के डर की वजह .... आप नहीं जानते अजय .... उस ब्लास्ट के बाद उनकी क्या हालत हो गयी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 9

इस episode को समझने के लिए इस से पहले वाला episode जरूर पढे ।अब देखिए आगे क्या हुआआस्था की आज से पूरी तरह बदलने वाली थी .... और उसे तो इस बात का अंदाजा भी नहीं था ....उसके दिन की शुरुवात हर रोज की तरह शिवजी की आराधना करते हुये हुयी .... और एकांश की उसे देखते हुये .....आस्था पूजा कर के किचन मे गयी और सबके लिये चाय नाश्ता बनाकर अपने कमरे में जाकर बैठ गयी ... कुँवराणीसा ....आपको कुँवरसा बाहर बुला रहे हे नाश्ता करने के लिये . सर्वेंट ने आकर कहा आस्था फिर से घबरा गयी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 10

अब देखिए इस episode में क्या हुआ Plzz पूरा episode पढे आस्था .... बेटा ये कुँवरसा ने आपको दिये ना .. खर्च करने के लिये .... तो रखिये अपने पास .. दाईमाँ लेकिन इतने सारे .... आस्था आपको जितने पैसो की जरुरत हे उतने ही खर्च किजीये .... बाकी सब रहने दिजीये अपने पास .. आपको बाद में जब भी लगे उसे खर्च कर लीजियेगा .... दाईमाँ आस्था फिर भी सोच रही थी .. अब सोचना बंद किजीये .... और जल्दी जल्दी तयार हो जाईये .. एडमीशन लेने जाना है ..... दाईमाँ हा .... आस्था तयार होने चली गयी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 11

आस्था के दिन को शुरुवात आज थोड़ी जल्दी ही हुयी ..... और हो क्यु ना .... आज महाशिवरात्रि जो .... आस्था नहाकर तयार हो गयी .... उसने आज लिम्बु कलर की प्लेन साडी पहनी हुयी थी ..... फुल स्लिव का ब्लाउज़ .... सर पर आचल ..... आखों में काजल .... गले मे एकांश के नाम का मंगलसूत्र जो रोज उसकी ओढनी से छुप जाता था लेकिन आज दिखाई दे रहा था .... मांग मे सिंदूर .... मैचिंग चुडियाँ .... पैरो मे पायल ..... अपने काले रंग के बावजूद भी वो बेहद attractive लग रही थी . अच्छे से तयार ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 12

अप्रतिम ... महागुरु ने चाय की चुस्की लेते हुये कहा ये तो कुछ नहीं हे गुरुजी ..... आस्था के मे स्वयं माँ अन्नपूर्णा बसती है ..... बहोत ही लाजवाब खाना बनाती है वो .. दादासा ने हमेशा की तरह उसके खाने की तारीफ की । हम भी आपके हाथो का स्वाद जरूर चखेंगे आस्था बेटा .... लेकिन आज नही .. आज हमारा उपवास है सिर्फ फल आहार करेंगे . महागुरू गुरुजी ..... हम उपवास का ही खाना बनाने वाले हैं अगर आप .... आस्था कहते कहते रुक गयी हम अवश्य खायेंगे ..... महागुरू ने कहा और आस्था किचन में ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 13

प्राकृतीक सोंदर्य से परिपूर्ण शिव मंदिर एक छोटे से पहाड़ पर बसा हुआ था ..... पारम्पारिक और आधुनिक वास्तु उत्कृष्ट एग्ज़ाम्पल ..... 300 सीढियों को चढ़कर मंदिर मे जाना होता था .. वैसे तो वहा लिफ्ट की भी arrangement थी ..... बट जिसकी उसकी चोईस उन्हे कैसे जाना हैं एक दुसरे का हाथ थामे आस्था और एकांश मंदिर आ चुके थे ..... घर के सभी बड़े ऑलरेडी उपर जा चुके थे .. सभी यंगस्टर्स ने सीढ़ियों से ही जाने का सोचा .. . रुद्र एकांश और आस्था का ही इंतजार कर रहा था ..... चलिये .... फाइनली आप दोनो ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 14

कुँवरजी .... आस्था ने थकी आवाज मे सुखे गले से कहा और अपना हाथ उसकी और बढ़ा दिया .... चेहरा पुरी तरह से मुरझा गया था .... हलक सुख गया था ..... सामने का ठीक से दिखाई देने मे भी प्रॉब्लम हो रहा था .. एकांश ने उसका हाथ थाम लॉय और उसके सामने आ गया आस्था .... हमे आपसे ये उम्मीद नही थी .... कैसा कर सकती हे ये आप .. आपको कुछ समझ हे या नही .... इस तरह से उपवास रखना ..... और फिर पता नही कितना पैदल चलना ..... उतना काफी नही था की ..... ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 15

एकांश आस्था को बाहों मे लेकर सो गया ..... उसे उसके प्यार का अहसास हो गया था .... लेकिन .... उसका क्या ... क्या उसे इतनी समज थी की वो प्यार मोहब्बत जैसे जज्बातों को समज पाये ..... नही .... she was an innocent girl .... जिसके लिये प्यार का मतलब सिर्फ उसकी माँ थी .. थी हा .... उसके दिल मे .... एकांश के लिये कुछ तो था ..... लेकिन ये कुछ क्या हे .... ये उसके समज से परे था .... शायद अहसान ..... यही वजह तो जो उसे एकांश के करीब ला रही थी ..... कुँवरजी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 16

कुँवरजी ... प्र ... प्रसाद लिजिये ना .. आस्था उसे इस तरह अपने आप को देखता देख असहज हो हा .... हम्म .... दिजीये .... एकांश ने उसकी असहजता महसूस की । हम जाये .... आस्था नही .... आराम किजीये .... कही जाने की जरुरत नही है .... एकांश ने झट से कहा क्यु की वो जानता था की वो अपने हमेशा की रूटीन की तरह नाश्ता बनाने जायेंगी । आपने सुना नही .... जाइये लेटीये बेड पर .... उसे खड़ा देख एकांश ने फिर से कहा जाने दिजीये ना .. हमे भूक लगी हे .... आस्था ने आखों ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 17

आस्था एकांश के कमरे से निकलकर किचन में आ गयी .... लगभग ब्रेकफास्ट बन चुका था ... दाईमाँ .. जी आस्था ... दाईमाँ ने फ्रूट कट करते हुये कहा आप ये क्यु कर रही है ... हम कर देते ना ... आस्था ने उनके हाथ से नाइफ लिया रहने दिजीये आस्था .... आप बिमार हे .... आराम किजीये .... दाईमाँ ओह हो दाईमाँ .... हमे नही आराम करना ... पता नही कल कितना सो गये हम .. आस्था ने नाराज होते हुये कहा हम्म . वैसे आप दोनों की ये आदत एक जैसी हो हे ..... दाईमाँ हम दोनो ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 18

क्या है यह कुंवर जी आस्था आप के बर्थडे का गिफ्ट एकांश हमें नहीं चाहिए ऑलरेडी सब ने हमें सारे गिफ्ट दे दिए हैं आस्था वह सब ने दिए हैं हमने नहीं एकांश आपको तो पता भी नहीं है सबसे बड़ा गिफ्ट तो आपने ही हमें दिया है इसलिए यह हमें नहीं चाहिए आस्था अच्छा ऐसा कौन सा गिफ्ट है जो हमने आपको दिया है जरा हमें भी तो बताइए एकांश हमारी मां का सपना आस्था मतलब..... ह...... ......हम समझे नहीं एकांश मतलब की हमारी मां चाहती थी हम अपनी पढ़ाई पूरी करें वह हमें सक्सेसफुल देखना चाहती थी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 19

समय तेजी से आगे बढ़ रहा था और उसके साथ बढ़ रही थी एकांश की मोहब्बत और आस्था की दोस्ती एकांश के छोटे बड़े काम आस्था पहले भी करती थी लेकिन अब वही काम वह पूरे हक़ से कर रही थी बाकी घर में हर कोई उससे अच्छे से बात करता था भाभी सा हमारी कॉफी ऐश्वर्या रेडी है दी बस 2 मिनट आस्था उत्तरा के कमरे में भिजवा दीजिए प्लीज ऐश्वर्या ओके आस्थ नहीं कहा और ट्रे में दो कब उतरा के लिए कमरे में और एक कप एकांश के कमरे में भिजवा दीजिए आस्था कुंवर सा की ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 20

एकांश अपने ऑफिस में बैठा किसी सोच में गुम था कुंवर साहब कुछ हुआ है क्या आकाश आस्था का एकांश ने बस इतना ही कहा आकाश और अजय भी खामोश हो गए क्योंकि वह भी इस बारे में कुछ नहीं कर सकते थे एकांश ने फिर भी काम पर फोकस किया आस्था कॉलेज से घर लौट आई फ्रेश होकर सबके लिए चाय बनाई पर रात के खाने की तैयारी करने लगी कुछ ही घंटों में इतना बड़ा डाइनिंग टेबल अलग-अलग पकवानों से भर गया हर रोज की तरह सभी ने आस्था की तारीफ की और खाने का मजा लिया ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 21

आपसे किसने कहा था हम से 10 साल छोटे होने को एकांश ने भी उसी तरह कहा और आस्था कर हंस दी आस्था कुछ चीजें उम्र के हिसाब से समझ में आते हैं इसलिए तो हर एक चीज की सही उम्र और सही वक्त होता है आप अभी छोटी हैं जब बड़ी हो जाएंगी तब सब कुछ अपने आप समझ आ जाएगा एकांश ने उसे हाथ पकड़ कर प्यार से कहा और आस्था एकांश के गले लग गई आप इतने अच्छे क्यों हैं आस्था आप भी तो इतनी प्यारी हैं एकांश आप हमें बहुत बहुत बहुत पसंद हैं कुंवर ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 22

थैंक्यू कुंवर जी आस्था ने मुस्कुराते हुए कहा और एकांश भी मुस्कुरा दिया जाइए फ्रेश होकर आइए रिजल्ट देखना ना आस्था हां हम अभी आए आस्था वहां से चली गई और एकांश सर को हाथ लगा कर बैठ गया क्या हुआ एकांश मृणाल आस्था का रिजल्ट इतना डर तो हमें हमारे रिजल्ट के वक्त नहीं लग रहा था जितना अब लग रहा है एकांश फिकर मत कीजिए उन्होंने सच में बहुत पढ़ाई की थी सेंड ए एम हंड्रेड परसेंट sure कि उनका रिजल्ट बहुत अच्छा आएगा मृणाल जी ने कहा और एकांश में हल्का सा मुस्कुराते हुए उनकी और ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 23

नहीं मां गलती हमारी थी कहां हम सुबह के लिए आपको मनाने आए थे और मनाना छोड़ कर और लगे रूद्र में सर झुका कर कहा चुप रहिए आप कुछ मत बोलिए सब हमारी ही गलती है मां आप रूद्र दा को मत डालिए ना पर दादासा प्लीज उन्हें भी हमारे साथ आने दीजिए आस्था ने इतना प्यार से कहा कि वह मना नहीं कर पाए थैंक यू भाभी सा यू आर द बेस्ट चलिए भाई साहब रूद्र ने एक्साइटमेंट में कहा किधर आप हमारे साथ नहीं आ रहे हैं आस्था अभी तो आपने परमिशन ली है और अब ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 24

आस्था क्या हुआ आप ऐसे क्यों भाग रहे हैं दादीसा नहीं कुछ नहीं हमें लेट हो रहा है ना इसीलिए आस्था है किसी तरह अपनी फूली हुई सांसों को कंट्रोल करते हुए कहा आराम से बेटा चोट लग जाएगी ना और वैसे भी अभी वक्त है कॉलेज के लिए दादीसा अब जाएं आस्था ने कहा लेकिन नजर अभी भी एकांश के कमरे की ओर ही थी हां जाओ दादी सा आस्था अपने कमरे में आ गए झट से दरवाजा लगाया और उसे टिक कर खड़े हो गए शिव जी यह सब क्या था और हमारा दिल इतना क्यों धड़क ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 25

आप सॉरी मत बोलिए कुंवर जी आस्था तो फिर क्या करें एकांश कि नहीं कहते हुए आस्था के गालों आए हुए बाल पीछे किए फिर एक बार आस्था सिहर उठे और यह एकांश को भी महसूस हुआ उसने झट से अपना हाथ पीछे ले लिया कुंवर जी आप हम आस्था हमारा रिश्ता अभी तक इतना कमजोर है कि हमसे आप ठीक से बात भी नहीं कर सकती एकांश हमें शर्म आ रही है दिल कह रहा है कि आप से बहुत बातें कर लेकिन अपना मुंह में से अल्फाज ही नहीं निकल रहे हैं और ना ही पलके उठ ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 26

आस्था सारी तैयारियां हो गई ना कुछ बाकी तो नहीं रहा सुनीता ओहो छोटी मां सब तैयार है आप उतरा दीदी की तैयारी हुई या नहीं वह देखिए आस्था नहीं कहा आज उतरा को देखने लड़के वाले आ रहे हैं वैसे तो यह लव मैरिज हुई थी बस अब फॉर्मली बात करना बाकी था और नहीं तो क्या सुनीता आस्था ने सब कुछ अच्छे से कर दिया है मृणाल तुम बस उतरा को देखो या फिर ऐश्वर्या से कहो उसे तैयार करने को अनीता वह सब तो ठीक है लेकिन आस्था आप सुनीता जी कहते हुए चुप हो गई ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 27

हां सच में रूद्र वाकई में बहुत जिम्मेदार हो गए हैं लेकिन लेकिन शरारतें करना बिल्कुल भी नहीं छोड़ा मिथिलेश जीने रूद्र गया उसको और देखते हुए कहा बाकी सब भी तैयार होने के लिए चले गए कुछ देर बाद कर्ण और उसकी फैमिली उतरा को देखने आ चुके थे करण के मां पापा के साथ उसकी छोटी बहन रेवा और भाई कुणाल भी आए हुए थे रेवा और कुणाल में बहुत एटीट्यूट था रॉयल फैमिली का हिस्सा और मिनिस्टर के बच्चे होने की वजह से वह दोनों बहुत ही बिगड़े हुए थे ऊपर से रेवा दिखने में खूबसूरत ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 28

आस्था इधर आइए सुनीता जी ने आस्था को बुलाया छोटी महा लेकिन हम कैसे सामने आए आस्था ने जी हुए कहा आप चलिए हमारे साथ सुनीता जी ने बिना उसके कुछ सुने उसे ले आए यह कौन है सुनीता जी दुष्यंत जी ने आस्था को देखते हुए कहा यह आस्था है हमारी बेटी बहुत खास है हमारे लिए और हमारे साथ ही रहती है अब सब से आपकी मुलाकात हो ही गई थी तो सोचा क्यों ना हमारे घर के सबसे छोटी सदस्य से भी आपकी मुलाकात करवाई जाए नेता जी ने सबके और देखते हुए कहा एकांश के ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 29

वाओ उतरा दीदी आप कितनी खूबसूरत दिख रहे हैं रुकिए आपको काला टीका लगाते हैं कहीं हमारी ही नजर लग जाए आपको आस्था ने गुलाबी जोड़े में सजी उतरा को देखते हुए कहा आज उसकी इंगेजमेंट थी अपने प्यार का ग्लो उस पर बहुत ही खूब चढ़ा हुआ था खुशी तो उसके चेहरे से भर भर के बाहर आ रही थी हमारा ठीक है भाभी सा आप अभी तक रेडी क्यों नहीं हुई उतरा हमारा क्या है बस 10 मिनट में अभी तैयार होकर आते हैं आस्था में उसके सर पर चुनरी डाल दी ऐसे कैसे भाभीसा आज आप ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 30

क्या लगता है रूद्र भाभीसा कुछ करेंगे या नहीं स्वप्न पता नहीं भाई वेट करते हैं कुछ देर बाद किया तो ठीक है वरना हमें ही कुछ करना होगा रूद्र रूद्र वह हमें दा क्यों नहीं कहते स्वप्न उसके लिए स्पेशल होना होता है रूद्र ने अपनी कॉलर टाइट करते हुए कहा हां दिख रहा है कितना स्पेशल होना होता है बट कुछ भी बोलो कि इस सो इनोसेंट एंड प्योर सौल रूद्र सबको अपना बना लेते हैं स्वप्न Yeah she is रूद्र ने कहा और वह दोनों आस्था की तरफ देखने लगे आस्था सिर्फ एकांश को ही देखे ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 31

सारी रस्में हो चुकी थी धीरे-धीरे सभी गेस्ट भी लौटने लगे थे एकांश और करण दोनों के फैमिली ने साथ खाना खाया रेवा अकाउंट के पास बैठने गई उसे पहले ही एकांश में आस्था को अपने पास बुलाया और खाना खाने बैठा दिया रेवा का गुस्सा और बढ़ गया और वह बिना खाना खाए ही वहां से चली गई उसके पीछे कुणाल भी चला गया करण और उसकी फैमिली ने भी खाना खाकर सबसे विद्यालय और वह भी चले गए आस्था सभी नौकरों को इंस्ट्रक्शंस दे रहे थे थकावट की वजह से उसे बहुत नींद आ रही थी लेकिन ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 32

कुंवर जी जल्दी कीजिए आप के वजह से हमें लेट नहीं होना है आस्था एकांश से कह रही थी शिवरात्रि ज्योर्थी और आस्था का 18 वा जन्मदिन भी था सुबह-सुबह घर के मंदिर में पूजा करके वह सब इस साल भी कुल देवता के मंदिर में जाने को तैयार हो रहे थे आज सब से बहुत सारे गिफ्ट पाकर आस्था बहुत ही खुश हुई एकांश ने उसे नई कार गिफ्ट की जिसे पाकर आस्था तो बस हवा में उड़ रहे थे आस्था नीचे आई जहां सब तैयार होकर उनके कुंवर सा और कुवरानी सा का वेट कर रहे थेहल्की ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 33

बिहेव रेवा हम आस्था के खिलाफ एक अल्फाज नहीं सुन सकते प्रकाश पहले ही उसकी बातों से गुस्सा हो था और आस्था के खिलाफ बोलकर रेवा ने उसका जीसस और बढ़ा दिया था फिर भी उसने अपना गुस्सा काबू करते हुए कहा क्यों क्यों क्यों नहीं सुन सकते ऐसा करती क्या है वह जो आपके साथ साथ आपके दोनों छोटे भाई भी उसके आगे पीछे घूमते हैं वैसे मानना पड़ेगा सिर्फ उम्र से ही छोटी है नहीं तो काफी चालाक है तभी आप तीनों उसके दीवाने हैं रेवा रेवा यू आर क्रॉसिंग योर लिमिट्स एकांश गुस्से से लाल हो ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 34

कुंवर सा उधर अजय ने एक तरफ इशारा किया जहां आस्था का दुपट्टा पेड़ से लटका हुआ था बिना पल गवाह एकांश स्वयं करते तो बाकी सब दौड़कर उधर जाने लगे एकांश पानी से बाहर आया उसकी नजर आस्था को ढूंढ रही थी और आखिर उसे आस्था दिखाई दी किसी की बाहों में वह शख्स आस्था को अपने सीने से लगाए उसके हाथ रख कर रहा था उसके होंठ आस्था के माथे को चूम रहे थे वह भीगा हुआ था इससे साफ जाहिर था कि उसी ने आस्था को पानी से निकाला है एकांश बस खामोशी से उसे देखता ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 35

आस्था चलिए डिनर पर सब आपका इंतजार कर रहे हैं एकांश ने कमरे के अंदर आते हुए कहा जी आस्था एकांश की और बढ़ गई उसने अब भी अपने आप पर काला रंग लगाया हुआ था जिसे देख एकांश को बुरा लगा लेकिन उससे कुछ बोला ही नहीं गया वह दोनों साथ में नीचे आ गए बाकी सभी घरवालों को भी आस्था को अपने पुराने लुक में देख कर हैरान हो गए उन्हें लगा था कि आस्था अब काला रंग नहीं अपनाए कि वह कुछ कहने ही वाले थे तभी एकांश ने इशारे से सबको चुप रहने को कहा ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 36

Yippee रूद्र दा टुडे आई एम वेरी हैप्पी आस्था खुश होते हुए ही रूद्र के कमरे में आ गई और रूद्र वहां पढ़ाई कर रहे थे भाभीसा आपके एग्जाम खत्म हुए हैं हमारे नहीं तो डोंट डिस्टर्ब रूद्र तभी तो आपको बताने आए हैं हम तो आजाद हो गए और आप अब तक कैद हैं आस्था कहते हुए हंसने लगी वैसे पता है रूद्र दा कुंवर जी और हमने पिकनिक प्लान की थी और हम आपको यही छोड़कर चले जाएंगे और ना वहां बहुत बहुत मजे करेंगे आस्था उसे चिढ़ाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही थी स्वप्न ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 37

आस्था उस लुक में बेहद खूबसूरत लग रही थी बिल्कुल रॉयल प्रिंसेस उसे देखकर ऐश्वर्या और उतरा को अपनी थी कि लगने लगी ऐश्वर्या को याद आया कैसे उसने आस्था को उसके रंग की वजह से बुरा भला कहा उस बात के लिए उसे पछतावा पहले से ही हुआ था लेकिन आज फिर से उसने अपने आप पर शर्म महसूस हुई क्या हुआ दी आस्था को इस के चेहरे पर के उदासी के भाव अच्छे नहीं लगे सॉरी और आप बहुत अच्छे दिख रहे हैं भाभीसा ऐश्वर्या उसके गले लग गई सॉरी क्यों आस्था को कुछ समझ ही नहीं ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 38

आपका पता नहीं भाभी सा लेकिन हमारे भाई सा की हालत बहुत बुरी होने वाले हैं ऐश्वर्या ने जाते आस्था को देखकर कहां और हंसते हुए उत्तरा के पास आ गई सभी घरवाले हॉल में बैठ रेवा और कुणाल से बात कर रहे थे ऑल सैट उतरा ने धीरे से पूछा भाई सा को बताया आपने ऐश्वर्या ने भी धीरे सही जवाब दिया हां बता दिया इन दोनों को भी अभी आना था कल आते तो हमें पता तो चलता हो क्या कर रहे हैं उत्तरा सिवाय बातों के वह दोनों कुछ नहीं करेंगे भाभी सा को अपनी फीलिंग ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 39

एकांश सुबह जल्दी ही पहले से बाहर चला गया वह ना किसी से मिला था और ना ही उसने से बात की थी वह सीधा अपने प्राइवेट जेट से मुंबई वरद से मिलने पहुंच गया कुंवर सा आप यहां वरद सुबह-सुबह उसे अपने फ्लैट पर देख हैरान होते हो गया वरद आप हमारे साथ जयपुर चल रहे हैं कल आस्था को लेकर आप मुंबई आएंगे और नेक्स्ट वीक लंदन सारी अरेंजमेंट हमने करवा दी है एकांश लंदन वह भी नेक्स्ट वीक हम लेट टू मंथ जाने वाले थे ना फिर अभी और आस्था को मुंबई क्यों वह जाने तक ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 40

झूठ हमारे भाई नहीं बल्कि आप बोल रहे हैं रेवा नहीं रूद्र दा बाबा सा दादीसा आप हम नहीं को समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे कहे उसके मुंह से अल्फाज ही नहीं निकल रहे थे डैड यह लड़की घटिया है और तो और झूठी भी पहले अपने रंग के बारे में झूठ बोला और जब देखो तब किसी भी लड़के के साथ घूमती रहती है रेवा की बातों पर वहां मौजूद सभी को गुस्सा आ रहा था यहां तक कि दुष्यंत जी और करण भी उसके इस तरह बोलने से नाराज थे खामोश हो जाइए आप ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 41

आस्था बेफिक्र होकर सो रही थी एकांश की मौजूदगी से उसे बहुत राहत महसूस हो रही थी उसे पता उसके कुंवर जी उसे कुछ नहीं होने देंगे एकांश ना जाने कितनी देर उसके साइड में लेटे हुए उसे देख रहा था जान ..... हां ...... जान ही है आप हमारी....... तभी तो आपके जाने के ख्याल से ही हमारी जान जा रही हैं पता नहीं कब इतनी मोहब्बत हो गई आपसे जान आई नो कि आप भी प्यार करती हैं हमसे ....... लेकिन शायद आप ठीक से वह समझ नहीं पाती...... या फिर समझती भी हैं इसमें आपकी कोई ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 42

कुंवर जी कौन कहां जा रहा है कैसा फैसला आस्था जो जल्दी से दौड़कर आई थी उसने कहा सब और देखने लगे सॉरी सॉरी हम लेट हो गए लेकिन पता नहीं हमें कैसे इतनी नींद आ गई आस्था को बुरा लग रहा था वह इतनी देर से जो सो रही थी उसने होंठों का पाउट बनाते हुए सबकी तरफ देखा आस्था चलिए डिनर करते हैं आपको भूख लगी है ना एकांश उसे फिलहाल कुछ बताना नहीं चाहता था हां ........ बहुत भूख लगी है कुंवर जी लेकिन पहले बताइए कौन कहां जा रहा है ? ? ? आस्था ओह ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 43

हर हर महादेव App सभी को महा शिवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएं आस्था पिल्लू खाना खा लो वरद ने आस्था आगे निवाला बढ़ाया लेकिन आस्था ने कोई जवाब नहीं दिया वह खामोशी से बैठी हुई थी आस्था को 2 दिन हो चुके उसे मुंबई आए हुए लेकिन अभी भी वह भूखी प्यासी वैसे ही बैठे हुए अपने कुंवर जी का इंतजार कर रही थी आस्था बहुत हुआ कब तक भूखे रहना है वरद को अब सच में उसकी बहुत फिक्र हो रही थी आस्था की ओर से कोई जवाब ना पाकर वह बाहर आ गया हेलो कुंवर सा वरद ने ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 44

तो आप उनसे मिलने वाले हैं वरद के इस सवाल से एकांश ने उसे चौक कर देखा नहीं बस बार उन्हें दूर से देख कर चले जाएंगे एकांश कहकर वहां से उठा और दरवाजे की बाहर से ही आस्था को देखने लगा और अब मैं उसे देखकर ना में सर हिलाया कुछ देर बाद आस्था को होश आया बड़ी मुश्किल से उसने अपनी आंखें खोली वरद ने उसे चेक किया अब कैसा लग रहा है पल्लू फिलिंग बेटर वरद कुंवरजी आस्था ने धीमी आवाज़ में कहा जूस पी लो मैं तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट लाता हूं वरद कुंवर जी को ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 45

वरद आस्था को घर ले आ चुका था आस्था खामोश ऐसी किसी बेजान गुड़िया की तरह उसके साथ आ वरद उसे लगातार बातें कर रहा था लेकिन आस्था ना कुछ जवाब दे रही थी और ना ही कुछ रिजेक्ट कर रही थी पिल्लू.......... पिल्लू वरद ने उसे जोर-जोर से पुकारा आस्था डर सी गई सॉरी बच्चा तुम्हें डराने का कोई इरादा नहीं था वरद ने प्यार से उसके सर पर हाथ रखा कुंवर जी का क्या कॉल आया आस्था ने भरी आंखों से उससे पूछा भरत खामोश रहा आराम करो जाओ अब हम परसो सुबह लंदन के लिए निकलना ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 46

उसकी इस कमरे से एकांश की नजर वही सामने लगे बोर्ड पर गई आस्था ने वहां अपनी खूबसूरत हैंडराइटिंग अपना और एकांश का नाम लिखा हुआ था और उसके पास एक प्यारी सारा सा स्माइली कुछ फोटोस भेज स्टिक किए हुए थे वहां एकांश ने देखा और खुद को मुस्कुराने से नहीं रोक पाया बहुत खूबसूरत और कैंडिड पिक्चर थी वह सब फैमिली के साथ एकांश की नजर आस्था और अपनी फोटो पर गई उसके 12 के रिजल्ट के बाद जब एकांश ने उसे उठाकर गोल घूम आया था जब वह उसे अपनी बाहों में उठा कर मंदिर की ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 47

ढूंढते हैं हम तुमको दर ब दर जाने कब कहां मिलोगे हमसे हमसफर कैसी दूरियां कैसा फैसला हम यहां आए हैं सुन के प्यार की सजा अब बिना तुमसे दूर होंगे हम तुम पर दिल क्या जा निसार है हमको सिर्फ तुमसे प्यार है हमको सिर्फ तुमसे प्यार है जागते रहे हम तो रात भर एक लम्हा एक पल भी सोए ना नजर हाल है बुरा हमारा है कैसे हां ऐसे हाल में यूं तो हम पर ना करो सितम हमको तुम पर एतबार है कह रही है दिल की बेखुदी बस तुम्हारा इंतजार है हमको सिर्फ तुमसे प्यार ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 48

रूद्र आपने सारा और उनकी फैमिली को हमारी फ्लाइट का टाइम बता दिया था ना सुनीता जी मासा बता था लेकिन पता नहीं वह अभी तक क्यूँ नहीं आए रूद्र उन्हें सारा को मैसेज करते हुए कहा वह सब न्यूयॉर्क आए हुए थे रूद्र मोबाइल छोड़िए और सामने देखिए स्वप्न ने उसे धक्का देते हुए कहा रूद्र ने सामने देखा और बस देखता ही रह गया सारा यू लुक सो ब्यूटीफुल इन साड़ी सुनीता जी ने सारा की बनाएं ला बनाएं ले ली बला सारा ने सभी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया रूद्र अभी भी उसे एकटक देखे जा ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 49

आस्था तो नीचे चली गई लेकिन एकांश का रुकना तो अब वह मुश्किल हो रहा था ऊपर से आस्था उसे यू इग्नोर करना उसे तकलीफ दे रहा था रूद्र की खुशी के लिए वह वहीं खड़ा हुआ था और दूर से ही आस्था को देखता रहा एकांश लगातार बस अपनी आस्था की छवि अपने आंखों में समा रहा था अगर उसके बस में होता तो वह जल्दी से जाकर आस्था को अपनी बाहों में भर लेता और इस कदर सब से छुपा दे ताकि कोई भी उसे देख ना पाए उसे अपनी फिलिंग्स पर अपने जज्बातों पर काबू रखना ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 50

आस्था अपनी मीटिंग खत्म करके न्यूयॉर्क आने लगी वैसे तो उसने अपने आपको सबके सवालों के लिए prepare कर था फिर भी वह बेचैन थी और उसकी बेचैनी की बजाए उसके कुंवरजी थे उसे डर था कहीं उसके सामने आते ही मैं अपना सब्र ना खोदे नहीं आस्था यू हैव टू स्ट्रॉन्ग जस्ट रिमेंबर दैट कि उन्होंने तुम्हारी बात नहीं मानी थी कितनी रिक्वेस्ट की थी तुमने फिर भी उन्होंने किया ना तुम्हें दूर अपने आप से सो यू हैव टो स्टे अवे फ्रॉम हिम अपने आप से वही बात दोहराई और अपनी आंखें बंद कर ले उसके सामने ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 51

सारा आप दोनों की मुलाकात कैसे हुई रूद्र थैंक्स टू ग्रेस एंड एरोन सारा ने उन दोनों की तरफ किया इन्होंने ऐसा क्या किया रूद्र इन्होंने फाइट जो की थी यह दोनों को लगभग 12 साल हो गए हैं एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में लेकिन उन्होंने फाइट करना कुछ छोड़ा ही नहीं सो ये दोनों गए थे शॉपिंग को और वही और लड़ने लग गए दोनों फिर क्या एरॉन ने मुझे कॉल किया और ग्रेस ने डॉल को हम दोनों इन दोनों को समझा रहे थे लेकिन यह है कि मान ही नहीं रहे थे तंग आकर हम ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 52

आस्था आज सुबह से ही सबके वेलकम की तैयारी कर रही थी उसने सारा मैन्यू सबकी पसंद से ही किया हुआ था एकांश की पसंद की खीर भी उसने बनवाई थी उसने लंच तैयार किया और खुद तैयार होने के लिए कमरे में चली गई आस्था नहीं लगभग अपने सारे ड्रेस कब्ड से निकाले थे उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या पहने उसकी नजर वहीं पर रखी एक ब्लैक ड्रेस पर गई नहीं आस्था ब्लैक नहीं पहनना है तुझे कुंवर जी को रंग पसंद है इसलिए आप ब्लैक नहीं पहनेंगे आस्था ने अपने आप से ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 53

वरद और ऐश्वर्या के आने को वजह से बहुत खुश हो गई आस्था उसकी खुशी उसकी आंखों से झलक थी वह फिर से सब से बातें करने लग गई थी इतने दिनों बाद सबके मिलने की वजह से उसे कितने बातें करूं और कितनी नहीं ऐसा हो गया था रूद्र सारा ने धीरे से पुकारा हां कहिए रूद्र आपको नहीं लगता कि डॉल और एकांश भाई सा को अकेले में मिलना चाहिए सारा लगता तो है लेकिन क्या कर सकते हैं रूद्र ने कहा और उसे देखकर सारा नै ना में सिर हिलाया लाइक इनका कुछ नहीं हो सकता ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 54

देख लूंगा आपको रुद्र कहते हुए किचन की ओर तरफ चला गया और फिर एक बार सब हंसने लग रेवा को गुस्सा आ रहा था वह आस्था को कुछ कह ही नहीं पा रही थी डॉल तुम्हें कैसे पता चला कि रुद्र उसने चाय में शक्कर की शक्कर नहीं बल्कि नमक डाला है सारा वह जिस तरह हंस रहे थे ना और जिस तरह उन्होंने स्पेशल चाय बोला हम समझ गए कि कुछ तो गड़बड़ है कंफर्म करने के लिए कर दी हमने क्या एक चीज और वैसे भी रुद्र दा हमें तंग करने के लिए कुछ भी ना ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 55

सुबह के 6:00 बजे सब ट्रेकिंग के लिए निकल गए सारा ने सभी सभी एक साथ जा पाए इस से बड़ी बस अरेंज की हुई थी आस्था ने पिंक सिंगल ट्रिप का टॉप बेसिकली क्रॉप टॉप और उसके ऊपर व्हाइट फुल स्लीव्स का लूज सि जैकेट ब्लू जींस और क्लासिक स्पोर्ट्स शूज पहने हुए थे सर पर ब्लैक कैप पहने उसने अपने लंबे बाल खुले ही छोड़े हुए थे बिना कोई मेकअप कर ही वह बेहद खूबसूरत दिख रही थी एकांश में भी ब्लू जींस और वाइट टी शर्ट पहना हुआ था फिटिंग शर्ट होने की वजह से उसके ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 56

एकांश आस्था को अपनी बाहों में लेकर सोया हुआ था कितना सुकून था कितना चैन था कितनी राहत महसूस रहे थे दोनों एक साथ बीते कुछ सालों में हर रात एक दूसरे की याद में तड़प रहे थे रो रो कर गुजारी थी उन्होंने एक एक रात उन्होंने लेकिन आज की रात उन सभी रातों के दिए गए जख्म पर मरहम का काम कर रही थी हर दिन सुबह जल्दी उठने वाले वह दोनों एक साथ अभी तक सो रहे थे 8:00 बज गए थे फिर भी नहीं उठे थे उनके साथ आए सभी लोग ट्रेकिंग के लिए चले ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 57

आस्था टेंट के अंदर चली गई और एकांश वही बाहर उसका वेट करते हुए बैठ गया ट्रेकिंग के लिए सभी वापस भी आ गए थे और कुछ देर एंजॉय करके सभी वापस जाने के लिए निकलने वाले थे सारा रूद्र श्रावणी स्वप्न खड़े एकांश और आस्था को ही देख रहे थे खडूस अकडू गुस्सैल सारा आस्था को देखते हुए बड़ बढ़ाए जा रही थी सारा यह आप किसे कह रही हैं रुद्र ने पूछा डॉल को और किसे कह रहे हैं रूद्र सारा और चिढ़ गई और आप क्यों कह रही हैं सारा आई वांट to know हां हमारी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 58

आए आई लव यू टू कुंवरजी आस्था ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा और जवाब में एकांश ने से एक बार उसके उन होठों के पंखुड़ियों को अपने लबों में समा लिया एकांश के होंठ ना जाने कितनी देर तक आस्था को चूमते रहे आस्था ने आवाज की और एकांश ने उसे छोड़ दिया और वह जोर-जोर से सांस लेने लग गई एकांश ने उसे एक पल देखा और अगले पल अपने बाहों में समा लिया अपनी बाहों में उठा लिया डरकर आस्था ने उसके गले मैं अपनी बाह डाल दी क्या कर रहे हैं आप कुंवर जी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 59

एक दूसरे को दूर से ही देख कर दोनों ने अलविदा कहा और अपने अपने रास्ते पर निकल गए भी वह दोनों बिछड़ गए क्योंकि उन्हें बिछड़ कर फिर से मिलना जो था एकांश वापस इंडिया पहुंच चुका था वह पहले अपने कमरे में गया और दरवाजा बंद करके उसने आस्था को कॉल किया कुछ घंटों के सफर में ही वह तरस गया था आस्था की आवाज सुनने के लिए आस्था जो उसी के कॉल का इंतजार में थी उसने बिना एक पल गंवाये कॉल को रिसीव कर लिया दोनों खामोश रहे सिर्फ एक दूसरे की सांसो को महसूस ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 60

फिर से हमारे दूर होने का मजाक मत कीजिएगा वरना आस्था ने उसे धमकी देते हुए कहा और बदले एकांश ने उसकी उन आंसुओं की बूंदों को अपने लबों से पीलिया और फिर एक बार उसकी नजर आस्था के होठों पर चली गई इससे पहले कि एकांश उन्हें अपने होठों में ले ले ले पाता दरवाजा किसी ने खटखटाया आस्था झट से उससे दूर हो गई कुंवर जी कौन आया होगा और और आप हमारे कमरे में क्यों साबर ले रहे थे अगर किसी को पता चल गया तो आस्था ने घबराते हुए कहा उसे इस बात का बिल्कुल ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 61

एकांश के साथ बिताए हसीन लम्हों को याद करते हुए जल्दी-जल्दी फ्रेश हुई अपना हमेशा का रूटीन फॉलो कर सभी के लिए नाश्ता बनाया और ऑफिस के लिए तैयार होने चली गई फूल वाइट कलर का ऑफिस सूट बालों की हाई पोनीटेल कानों में छोटे से डायमंड हाथ में वॉच और दूसरे हाथ में ऑफिस बैग वाइट हाई हील्स पर चेहरे पर भर भर के कॉन्फिडेंस आस्था के इस लुक को देखकर कोई कहे कि नहीं सकता था कि यह वही उनकी पुरानी वाली क्यूट सी आता है गुजरे हुए वक्त में ना सिर्फ मेंटली बल्कि बल्कि फिजिकली भी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 62

लेकिन फिर भी हम हर बार ऐसी गुस्ताखी करना चाहेंगे फिलहाल के लिए इतनी काफी है एकांश ने नशीली में कहा और आस्था को फ्लाइंग किस देकर कमरे में चला गया आस्था ने हंसकर शर्मात हुए अपना चेहरा ढक लिया एकांश उसे छोड़कर बाहर आया आस्था उसी के लिए लंच का वेट कर रही थी उसमें थोड़ी सी भी हिम्मत नहीं थी कि एकांश को देखने की और एकांश उसके इस अदा को इंजॉय करने में लगा हुआ था आस्था का शर्म से गुलाबी हुआ चेहरा उसे बेहद खुशी दे रहा था आस्था ने सर झुकाए ही उसे खाना ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 63

आस्था हमारी बात तो सुनिए एकांश आस्था के केबिन में आ चुका था हमें कुछ नहीं सुनना चाहिए जाकर कीजिए अपना किसी ने आपको हमारे केबिन में देख लिया तो प्रॉब्लम हो जाएगी आस्था अभी भी गुस्से में थी हम दिल्ली जा रहे हैं एकांश कै कहते ही आस्था का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था तो जाइए हमने कहा रोका रखा है आपको आस्था उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई जान प्लीज प्लीज एकांश ने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उसके कान पर रख दिए आस्था से सिहर कर बेचैनी ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 64

आस्था तैयार होकर नीचे आ गई थी और अपने आप सारी नजरें उसकी तरफ मुड़ गई थी हर कोई लुक का कायल होकर उसकी और ही देख रहा था लेकिन आस्था की नजरों को उसकी मंजिल अभी तक नहीं मिली थी रूद्र दा कुंवर जी अभी तक नहीं आए आस्था ने नाराज होते हुए कहा सारा और श्रावणी को उस की बेसब्री पर हंसी आ रही थी डॉल हमें नहीं पता था तुम इतनी देशपो टाइप की हो थोड़ा तो इंतजार करो सारा आप यार सारा आस्था ने चढ़ते हुए कहा पहले ही उसे सबकी अपने ऊपर की नजरें ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 65

जरूरत नहीं है जाकर काम कीजिए और हां दूसरी लड़कियों से चिपक चिपक चिपक कर बातें भी कीजिए आस्था देकर चली गई थी क्या आप को जलन हो रही है लेकिन किस से एकांश को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था वह भी आस्था के पीछे पीछे चला गया आस्था सुने तो सही एकांश हमें आपसे बात ही नहीं करनी कुंवर जी आस्था बिल्कुल तैयार ही नहीं थी उससे बात करने के लिए यह लड़की एकांश परेशान हो चुका था क्या हुआ दोस्त वह माने या नहीं एकांश नहीं पता नहीं उन्हें क्या हो गया है पहले तो ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 66

आस्था आंखें बंद करके एकांश की छुअन अपने गले पर और कंधे पर महसूस कर रही थी बेचैनी से अपनी आंखे और जोर से बंद कर ली थी एकांश की छुअन से उसके अंदर के सारे एहसास अब बेकाबू हो चुके थे इसी बीच किसी ने उसे अपनी और खींच लिया और आस्था अपनी आंखें खोल हैरानी से उस शख्स को देखने लगी आप आस्था ने उससे देख अपना थूक घटक लिया और गहरी सांस छोड़ दी सॉरी जान लेकिन हम आपको किसी और के साथ नहीं देख सकते बिल्कुल भी नहीं ऐसा नहीं है कि आप पर भरोसा ...और पढ़े

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साथ जिंदगी भर का - भाग 67

एकांश और आस्था एक दूसरे की बाहों में सुकून से सुकून नींद भरी सो रहे थे हर रोज की आज भी आस्था की नींद जल्दी ही खुली गई थी . . .. . . . . . अपने आपको . .. . . . एकांश की बाहों में पाकर आस्था शर्मा गए कल रात का हसीन मंजर उसे अपने सामने फिर से दिखाई दिया और शर्म की गुलाबी रंगत उसके चेहरे पर छा गई. . . . . .. एकांश ने उसके सोने के बाद अपनी शर्ट उसे पहना दी थी . . . . . . .. . ...और पढ़े

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