साथ जिंदगी भर का - भाग 40 Khushbu Pal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

साथ जिंदगी भर का - भाग 40

झूठ हमारे भाई नहीं बल्कि आप बोल रहे हैं रेवा नहीं रूद्र दा बाबा सा दादीसा आप हम नहीं आस्था को समझ नहीं आ रहा था

कि वह कैसे कहे उसके मुंह से अल्फाज ही नहीं निकल रहे थे

डैड यह लड़की घटिया है और तो और झूठी भी पहले अपने रंग के बारे में झूठ बोला और जब देखो तब किसी भी लड़के के साथ घूमती रहती है

रेवा की बातों पर वहां मौजूद सभी को गुस्सा आ रहा था यहां तक कि दुष्यंत जी और करण भी उसके इस तरह बोलने से नाराज थे

खामोश हो जाइए आप आपकी हिम्मत कैसे हुई इनके बारे में कुछ भी बोलने की रूद्र उसने गुस्से में रेवा से कहा मिस रेवा शायद आपको आपके भाई की हरकतें और करैक्टर पता नहीं है

तभी आप यह सब बोल रही हैं सपने में भी जलती नहीं कहां से रेवा को देखा क्या चल रहा है

यहां एकांश और वरद मुंबई से लौट आए थे अपने सामने सब को इस तरह खड़ा देख एकांश ने सवाल किया आस्था जल्दी से उसकी ओर आई और उसे गले लगा लिया

हमने कुछ नहीं किया या कुंवर जी वह हम पर गलत गलत इल्जाम लगा रहे हैं आपको ट्रस्ट आपको ट्रस्ट है ना हम पर आपको ट्रस्ट है ना अपनी आस्था पर आस्था रोते हुए एकांश से कह रही थी

एकांश को उसकी ऐसी हालत देख सब पर बहुत गुस्सा आ रहा था एकांश बहुत गुस्से में दिख रहा था

फिर उसने अपने आप को शांत किया आस्था को अपने आप से अलग कर उसके चेहरे को थामा डोंट क्राय रो मत आशा चुप हो जाओ और हमें आप पर पूरा भरोसा है

हमें आप पर पूरा भरोसा है अपनी जान से भी ज्यादा भरोसा करते हैं हम आप पर आस्था रोइए मत

एकांश उसे प्यार से समझा रहा था कुंवरजी आस्था फिर एक बार उससे लिपट गई एकांश ने इशारे से ही रूद्र को क्या हुआ बताने वाला रूद्र ने उसे सारी बातें बता दी

एकांश की आंखों से गुस्से की ज्वाला निकल रही थी इसकी आंखें गुस्से से लाल हो चुकी थी

बहुत ज्यादा उसने अपने गुस्से भरी जल्दी निगाह सब पर डाली उसे ऐसा देख सब के पसीने छूट गए

कुंवर जी आपको भरोसा है ना हमने कुछ नहीं किया आस्था वैसे ही उससे लिपट लिपटे हुए कह रही थी और एकांश आस्था को चुप ही नहीं करा पा रहा था

एकांश बार-बार आस्था को यह बोल रहा था हमें भरोसा है अपने आस्था पर हमें भरोसा है आस्था पर हमें कहा ना हमने कहा ना हमें भरोसा है

आप पर एकांश ने उसे अपने आप से अलग किया जो नजरें अभी कुछ पल पहले गुस्से से जल रही थी वही नजरें अब आस्था के लिए शांत हो चुकी थी

और बहुत सारे प्यार और फिक्र के साथ उसकी और देख रही थी आस्था जाइए और फ्रेश हो कर आइए हम थोड़ी देर में आकर आपसे मिलते हैं

एकांश ने प्यार से उसके आंसू पहुंचते हुए कहा आप आएंगे ना कुंव कुंवर जी

आस्था के आंखों में अभी भी नहीं थी गाल पूरा लाल हो चुका था रो रो कर मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी जरूर आएंगे एकांश ने प्यार से कहा

और फिर फिर एक बार उसके आंसू साफ कर दाईमाँ जाने को बोला

आस्था के जाने तक एकांश उसे खामोशी से देख रहा था वह बिल्कुल भी नहीं चाहता था

कि उसका गुस्सा आस्था देखें एकश ने कुणाल के मुंह पर इतनी दूर से चांटा मारा वह सीधे नीचे गिर गया

उसके होंठों के साथ-साथ मुंह से भी खून निकलने लगा हिम्मत कैसे हुई आपकी उन्हें हाथ लगाने की हां बोलिए एकांश ने कुणाल की कॉलर पकड़ते हुए उसे उठाया और एक थप्पड़ उसके चेहरे पर दे मारा

वहां मौजूद किसी में भी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह एकांश के गुस्से का सामना कर सके वह झूठ बोल रही है

कुणाल ने फिर भी किसी तरह कहा बस कीजिए कुणाल और कितना झूठ बोलेंगे आप आपको क्या लगता है हमें आपकी आदतों का पता नहीं है

दुष्यंत जी ने कुणाल को खरी-खोटी सुनाई डैड अगर कुणाल झुकता है तो सच्चे को और साथ ही नहीं है आपको पता भी नहीं है वह लड़की कौन है इनकी पत्नी है

नाबालिग और अपने से 10 साल छोटी लड़की से शादी की है इन्होंने आपके कुंवर सा ने रेवा ने व्यंगत्मक लहजे में कहा

और इससे आपको क्या रेवा व्हाट डू यू थिंक हमें इस बारे में पता नहीं दुष्यंत जी के कहने पर रेवा ने चौक पर उनकी ओर देखा

मिस रेवा हमने हमारे और आस्था के रिश्ते के बारे में उन्हें पहले ही बता दिया था और डोंट वरी आपके बारे में भी सब पता है

ईच एंड एवरी थिंग जो आपने हमसे कहीं एकांत में इस कन्फेशन से रेवा डर गई डैड को रेवा ने किसी तरह कहने की कोशिश की उससे पहले ही दुष्यंत जी ने हाथ दिखाकर उसे खामोश रहने को बोला

हम आप सभी से अपने दोनों बच्चों की ओर से हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं प्लीज हमें माफ कर दीजिए दुष्यंत जी बहुत अच्छे से जानते थे

एकांश से दुश्मनी ना सिर्फ उन्हें बिजनेस में ही नहीं बल्कि पॉलिटिक्स में भी बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन उनके हाथ जोड़ने से पहले ही एकांश में उनका हाथ थाम लिया

इसकी जरूरत नहीं है गलती आपकी नहीं है बल्कि किसी और की थी एकांश ने रेवा और कुणाल की तरफ देख कर कहा

प्रताप जी ( दादा सा) मेरे करण की कोई गलती नहीं है आई होप इनकी गलती की सजा उसे नहीं मिलेगी

दुष्यंत जी आप बेफिक्र रहिए सिर्फ एक बात अगर हो सके तो कुणाल को यहां से दूर रखिए हम अब उनकी मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करेंगे

दादा सा जी जैसा आप चाहें दुष्यंत जी ने कहा और अपनी फैमिली को वहां से लेकर चले गए एकांश आस्था को देखिए वह आपके बाहर जाने से परेशान थी

अजिंक्य जी एकांश आस्था के कमरे की और चला गया आस्था उसी का इंतजार करते हुए इधर उधर टहल रही थी आस्था एकांश ने उसे पुकारा आस्था दौड़ कर उसके पास आ

ई और उसके गले लग गई आई एम सॉरी आस्था डोंट सॉरी आपको नहीं हमें बोलना चाहिए सॉरी आस्था हमें रात को ही आपकी बात सुननी चाहिए थी

एकांश ने उसका चेहरा थामते हुए कहा कुंवर जी हमें और और भी कुछ कहना है आस्था जी कहिए इकाई ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा वह आई एम हंगरी आस्था उससे कुछ बोल ही नहीं पाई

एकांश कि वह इंस्टेंट नजर उसे बेचैन जो कर रही थी हंगरी अकाउंट हमने डिनर भी नहीं किया

और ना ही सुबह ब्रेकफास्ट अब तो लंच का वक्त भी निकल गया आस्था ने मासूम सी शक्ल बनाते हुए कहा आस्था आप भी ना वेट हम आपके लिए कुछ लेकर आते हैं

एकांश जाने को वहां मत जाइए ना आस्था ने उसे पीछे से गले लगा लिया आपको भूख भी लगी है हम अभी खाना लेकर आते हैं एकांश प्लीज कुंवर जी हमें छोड़ कर मत जाइए

आस्था ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली ठीक है एकांश ने उसे अपने सामने किया और सोफे पर बैठा दिया वह भी उसके बाजू में ही बैठ गया

आस्था फिर से उसकी बाहों में चली गई एकांश में कॉल करके आना लाने को कहा एकांश धीरे-धीरे आस्था के बालों में हाथ घुमा रहा था वह सिर्फ उसकी प्रेजेंस को अपने अंदर समा रहा था

आस्था कब सो गई उसे पता ही नहीं चला वरद ऐश्वर्या उतरा रूद्र और स्वप्न जो उनके लिए खाना लेकर आए थे वह बस देखते ही रह गए आस्था एकांश ने उसे उठाने की कोशिश की सोने दीजिए ना कुंवर जी

आस्था ने उसके सीने पर अपना सर अच्छे से एडजस्ट किया और उसके टाइट पकड़ते हुए सो गई

एकांश ने इशारे से ही सब को जाने को बोला आस्था को अपनी बाहों में उठा कर बेड पर लिटाया और खुद भी उसकी बाजू में लेट गया वह भी तो थका हुआ था

सो कीप कमेंटिंग थैंक यू मिलते हैं अब नेक्स्ट एपिसोड में कमेंट करके जरूर बताइए कि आपको यह एपिसोड कैसा लगा और लाइक करना ना भूलें