साथ जिंदगी भर का - भाग 17 Khushbu Pal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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साथ जिंदगी भर का - भाग 17

आस्था एकांश के कमरे से निकलकर किचन में आ गयी .... लगभग ब्रेकफास्ट बन चुका था ...

दाईमाँ .. आस्था

जी आस्था ... दाईमाँ ने फ्रूट कट करते हुये कहा

आप ये क्यु कर रही है ... हम कर देते ना ... आस्था ने उनके हाथ से नाइफ लिया रहने दिजीये आस्था .... आप बिमार हे .... आराम किजीये .... दाईमाँ

ओह हो दाईमाँ .... हमे नही आराम करना ... पता नही कल कितना सो गये हम .. आस्था ने नाराज होते हुये कहा

हम्म . वैसे आप दोनों की ये आदत एक जैसी हो हे ..... दाईमाँ

हम दोनो ..... कोन दाईमाँ .. आस्था

आप और आपके कुँवरजी ..... वो भी ज्यादा नही सोते ..... और तो और रात को कितना भी लेट क्यु ना हुआ हो सोने के लिये .....

लेकिन सुबह 5 बजे ही उठेंगे ...... दाईमाँ

इतने जल्दी क्यु उठते हे वो दाईमाँ ..... वो तो मंदिर और ना ही उन्हें हमारी तरह पढाई .. करनी होती है😊😊 ..... आस्था

ओह हो आस्था ..... आपको इत्ना नही पता .... कुँवरसा जल्दी उठकर जिम जो करते है .... दाईमाँ

ओह्ह .....😚😚 तभी उनकी personality हीरो जैसी है .... जैसी पिक्चर मे दिखाते हे ना ...... उस तरह .... नही उससे भी अच्छी .. आस्था खुश ....हो गयी ..

दाईमाँ उसकी बातों पर मुस्कुरा दी ..

लेकिन दाईमाँ .... उन्हें मंदिर भी तो आना चाहिये ना .... वो क्यु नही आते .. आस्था

अब आप ये उनसे ही पूछिये छोटिसी भाभीसा .. रुद्र

Good morning Rudrada .. आस्था

Very good morning छो ssss टिसी भाभीसा .. रुद्र ने हमेशा की तरह उसे परेशान करते हुये कहा

रुद्रदा .... परेशान मत किजीये ना .. ☹☹ .. आस्था

आप अपना अपना देख लिजिये ...... कितना समझाया .... दोनो समझते ही नही है .. हर रोज इतना ही ... दाईमाँ ने कहा और ब्रेकफास्ट टेबल पर ले जाने लगी ....

as usually वो दोनो फिर से अपने बहस मे लग गये ..... जहा सबके सामने आस्था खामोश रहती वही रुद्र और दाईमाँ के सामने वो वही पुरानी वाली आस्था बन जाती ... बहोत बाते करने वाली .... मस्ती करने वाली ....

रुद्रदा . अब अगर आप चुप नहीं बैठे . तो हम आपका नाम कुँवरजी को बोलेंगे . आस्था

छोटिसी भाभीसा ..... एकांश भाईसा को हमारा नाम पहले से ही पता है .... रुद्र ने सिरिअस होते हुये कहा जिसपर आस्था ने ऐसे एक्सप्रेशन दिये की वो अपने आप को हसने से नहीं रोक पाया आप ....

आस्था आप बहोत बुरे हे ..😫😫😠😠 आस्था

वैसे . आप हमारा नाम कैसे बोलेंगी .....

भाईसा का तो छोड़ो ही और किसी के सामने आपके जुबान से अल्फाज तभी निकलता है क्या ..

बडी आयी हमारी कम्प्लेंट करने वाली ..... रुद्र रुकिये हम अभी आपका नाम .

i mean आपकी कम्प्लेंट करके आते हे ..... और वैसे भी हम आपको बता दे की अब हम और कुंवर जी फ्रेंड्स हे .....

आस्था ने उसे attitude दिखाते हुये कहा ये कब हुआ ....

रुद्र ने हैरान होते हुये सुबह ही .... उन्होंने हमारी फ्रेंडशीप ऐक्सेप्ट कर ली ...

आस्था की खुशी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी ..... वॉव .... चलो शुक्र हे ....

अब आप हमारा दिमाग कम खराब करेंगी ..

रुद्र ने फिर से उसे चिढाया

हम आपको परेशान करते है .... आस्था ☹☹ नही बिल्कुल भी नही .....

हम तो मजाक कर रहे थे .....

और अब चलिये जल्दी से ब्रेकफास्ट करते हे ....

रुद्र आस्था को सैड देख ही नही पाया और उसने बात बदल दी वो दोनो ब्रेकफास्ट टेबल के पास आ गये ..

आस्था सबको सर्व कर रही थी .....

आस्था .... ये आपके लिये .... दादासा ने एक बॉक्स दिया .... उसमे बेहद ही खुबसूरत ऐसा नेकलेस था .....

बाकी सभी घरवालो ने भी उसे एक एक करके गिफ्ट दिये ....

उसे समझ ही नही आ रहा था की वो ये सब क्यु दे रहे हे

थैंक यू ..... बट ये क्यु ....

आस्था ने छोटिसी आवाज में कहा वो इसलिये ....

रुद्र ने कहा और उसके सामने केक ले आया

Happy birthday bhabhisa ..... रुद्र

लेकिन हमारा बर्थडे तो कल था ना .... फिर आज क्यु .... आस्था वो क्या हे ना छोटिसी भाभीसा .....

हमने प्लानिंग भी कल के लिये ही की थी ....

लेकिन हमे क्या पता था आप बिमार हो जायेंगी .... और अब सवाल जवाब बाद मे .....

पहले केक कट किजीये .....

रुद्र ने बर्थडे साँग प्ले किया और उसे केक कट करने कहा

थैंक यू ..... आस्था ने केक का पिस उठाया और सबके तरफ देखने लगी किसे पहले दू ....

आस्था सब उसके इस सवाल पर हस दिये ....

दादीसा ने सामने आकर उसे ही केक खिलाया और फिर उसने उन्हे .....

बाकी सब ने भी थोडा थोडा उसे केक खिलाया

कुँवरसा .. आप नही खिलाएंगे ....

अजिंक्य जी बाबासा .... एकांश आगे आया और केक का छोटासा बाइट उसके मुह मे दाला

Happy birthday my dear friend .. एकांश ने सिर्फ उसे सुनाई देंगा ऐसा कहा ....

और थोडा सा केक उसके चेहरे पर लगा दिया ।

आस्था ने सबके पैर छूकर आशीर्वाद लिया ...

सभी ने उसे दिल खोलकर बधाई दी ..

अच्छा ठीक है ..... अब सब जल्दी से रेडी हो जाइये .....

हमे वापस पैलेस के लिये निकलना है .....

दादासा कुछ ही देर मे सब निकल गये ..

एकांश और आस्था अब भी साथ जाने वाले थे .....

वही दोनो अब हवेली मे थे . आस्था ....

ये आपके लिये .... एकांश ने बैग्स आस्था के हाथों में थमा दी

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