Pyar ki Arziya - 33 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - 33

प्यार कि अर्जियां भाग 33

संदीप के आंखों में आंसू और उसकी बात अब कन्या के आत्मा को लहुलुहान कर देती है , कन्या उन पेपर्स को देखते रहती है तो संदीप के आंसू संदीप के नाम के पहले अक्षर पर गिरा रहता है ,, अब कन्या से राहा नहीं जाता है,बुआ भी सुनाती है मिहिका वहां से जाते जाते बोलती है ,"कनू दी आप जीजू के साथ गलत कर रहे हैं ,,,,
कन्या फिर संदीप के पीछे भागती है ,, दौड़कर रूम आती है तो संदीप खिड़की के पास खड़े रहता है , कन्या दौड़ कर संदीप को पीठ पर लिपटती है और कहती हैं रोते हुए ,"आई एम सॉरी संदीप .. सॉरी मैने आपको बहुत हर्ट किया , लेकिन खुश तो मैं भी नहीं हुं, चंडीगढ़ से आई तब से मैं भी दिन रात चैन से नहीं रही आपकी याद में मर रही हुं संदीप, मम्मी जी ने मुझे कसम दिया था कि मैं आपसे बात ना करूं और तलाक के पेपर्स भेज दूं ,, हां मैंने गलती की है आपको ना बताकर आप जो भी सज़ा देना चाहो दे दो लेकिन प्लीज़ तलाक नहीं प्लीज़...!!

संदीप अब बोलता है अपने आंसू पोंछकर ,"कन्या तुम किस किस के लिए माफी मांगोगी , पहले तो मैंने अधिकार दिया है मेरे घरवालों के साथ लड़ाई कर सकने की अगर वो ग़लत बिहेवियर करते हैं तो ,वो नहीं किया बेबे ने हाथ पकड़कर निकाल दी और तुम चुपचाप चली आई एक बार भी मुझसे अलग होने डर नहीं लगा तुम्हें ,,"हूम्म... मैं किससे बोल रहा हूं उसे जिसने अपने प्यार और पति के लिए नहीं लड़ सकी ,वो भी अपनों से ही लड़ना था हमने रीति-रिवाज और कोर्ट में शादी की थी ,और पूरा अधिकार है पत्नी का फिर भी तुम नहीं लड़ाई की, ऊपर से तलाक की र्फोमेलिटी भी कर दिया क्या रह गया है इस रिश्ते में अब ,....!!

कन्या को बड़ी पाश्चाताप होने लगती है और वो फिर बोली ," प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो आगे ऐसी गलती नहीं होगी , मुझसे बहुत बड़ी गलती हुई है संदीप,, रोते हुए संदीप के पैर को पकड़ कर बैठते हुए ," मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...!!

संदीप अब कन्या के सामने होता है और कन्या को उठाते हुए कहता है ,"उठो कन्या तलाक के पेपर्स पर तो मैंने साइन कर दिया है फिर अब तुम क्यो रो रही हो , फिर कन्या के आंसू पोंछता है ..??

कन्या कहती हैं ," संदीप क्या कागज हमारे रिश्ते को तोड़ सकती है ..??

संदीप जवाब देता है ,"नहीं , यही तो मैं कहना चाहता हूं तुमसे की इस दुनिया के कोई भी कागज हमें अलग नहीं कर सकता हम दिल से जुड़े हुए हैं, कन्या ये तुम्हारी पहली गलती सोचकर माफ़ कर रहा हुं अगर अब आगे ऐसा कुछ भी किया तो मैं माफ़ नहीं करूंगा तुम्हें समझी कन्या सिर हिला कर हां बोलती है और दोनों एक दूसरे के आलिंगन में चले जाते हैं ....!!

बुआ जी और मिहिका किचन में रहते हुए आपस में बात करते हैं ,,

मिहिका कहती है ,"मैंने कनू दी से कहा और मना किया था कि वो तलाक के पेपर्स ना बनाएं वो मानी नहीं और अंकल से बात कर दी ....!!

बुआ भी अपने मन की बात कहती हैं ,"कनू भी बिना सोचे काम करती है , मुझे तो विश्वास था कि संदीप ज्यादा दिन नहीं रुकेगा वो कनू को लेने आएगा , बहुत प्यार करता है कनू को...!!

मिहिका फिर कहती हैं ,"मॉम वो दोनो रूम से नहीं निकल रहे हैं जीजू माने की नहीं तो , मुझे डर लग रहा है संदीप जीजू बहुत नाराज़ लगे ...??

रेवती बुआ कहती हैं ,"मिहि तुम परेशान मत हो वो दोनों एक-दूसरे को मना लेंगे ...!!

कुछ देर बाद ....

संदीप और कन्या शांत होते हैं और कन्या अपना सिर संदीप के कंधे पर रखे एक-दूसरे के पास हाथ में हाथ पकड़कर बेड पर बैठे रहता है और

कन्या कहती है ,"संदीप मैंने कहा था शादी के पहले मेरे अतित को मम्मी जी और पापाजी को बताने आप क्यो मना किए ,आज फिर ऐसा सिचुआन रहती नहीं... ??

संदीप जवाब में कहता है ," अच्छा हुआ नहीं बताया नहीं तो मुझे बलि देना पड़ता मेरे व्यक्तित्व का जिस लड़की से शादी करवाने पर बेबे तूली थी वो इंडिया में नहीं कनाडा में बसना चाहती थी और मुझे अपने देश से प्यार है ....!!

आज शाम घर पर खुशियां फिर लौट आती है और संदीप मज़ाक मस्ती करते हुए आज का दिन बिताते हैं ....

अगली सुबह

आज कृष्णकांत जी भी आ जाते हैं संदीप से मिलने के लिए ... कृष्णकांत जी संदीप कन्या को साथ ले जाने आया है जब पता चलता है तो बहुत खुश होता है....

बारह बजे दोपहर में...

संदीप और कन्या सभी से बिदा लेकर चंडीगढ़ के लिए जाते हैं ...

शाम होते-होते वो दोनों घर पहुंच जाते हैं और पापाजी कन्या को देखकर बहुत खुश होता है लेकिन बेबे अभी भी मन से कन्या से नहीं मिलती ..

संदीप कन्या को इशारा कर दूर ही रहने बोल देता है ...आज चंडीगढ़ के घर घर जैसा लगता है घर भी मालकिन के होने से मुस्कुराता है आज संदीप और पापाजी से पूछता तो यही कहता कन्या के आने से घर में खुशियां लौट आई ...

अब दो दिन और बितता है, कन्या घर को संभाल लिया पहले की तरह ...

"पापाजी भी पटियाला जाने का मन बना लिया और बेबे से कहता है ," डॉक्टर से आखिरि संपर्क कर पटियाला के घर जाना है..??

बेबे पापाजी के बात पर गौर करके हामी भरती है पटियाला जाने के लिए और रात को डायनिंग टेबल पर बैठे संदीप से पटियाला जाने के बात करती है...!!

संदीप अपने तरफ से कोशिश करता है आप दोनों अब हमारे पास ही रहो हम देख भाल कर लेंगे ..!!

बेबे संदीप की बात सुनकर बहुत गदगद होती है खुशी से कि उसका बेटा औरों जैसा नहीं है वो माता-पिता की सेवा करना चाहता है फिर बोल पड़ती है ,"संदीप अभी हमारे अंदर काम करने की ताकत बची है तो अभी हमें पटियाला में ही रहने दो जिस दिन हमारे शरीर थक जाएगी तो तुम्हारे पास ही आना है पुत्तर अभी तेरे पापाजी को आखिरी बार डॉ से चेकअप करवा लेते हैं , और कन्या कल हमें डॉक्टर के पास ले जाएगी ..??

कन्या अपने साथ किए बेबे के व्यवहार को अलग करके कहती है ,"मम्मी जी रुक जाइए ये आपका ही घर है पटियाला गये तो फिर कब आओगे इसलिए रुक जाइए..??

पापाजी मुस्कुराते हुए कहता है ,"जीवंदी रह पुत्तर जी संदीप और तेरा साथ बाबा हर जन्म में बनाए ,और हर जन्म में तु ही बहू बने हमारी , पटियाला के घर में देखरेख की जरूरत है वो हमारी पूर्वज की घर है इसलिए नहीं छोड़ सकते पुत्तर हां जिस दिन हम थक जाएंगे तो तुम दोनों के पास ही आना है ..!!

कन्या अब कहती है ,"ठीक है पापाजी आप लोगों की जैसे मर्जी ,कल मैं चली जाऊंगी आप लोगों के साथ हॉस्पिटल..

क्रमशः......

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