Pyar ki Arziya - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - भाग 1

चंडीगढ़...

सुबह के सात बजे..

दिन शुक्रवार....

"एक खूबसूरत ऊंचा पूरा, स्लिम शरीर वाले नौजवान ब्लैक जॉगिंग शर्ट पहने, नीचे ब्लैक हाफ पैंट , पैरों पर ब्लैक रनिंग जूते पहने दौड़ते हुए संरक्षित आपर्टमेंट के दरवाजे के अंदर आ रहा है ,वो नौजवान सभी पहचानने वालों को मुस्कुराते हुए शिष्टाचार पूर्वक नमस्ते बोलते हुए कैंपस के अंदर आया, यहां क्या महिला,क्या पुरुष ,क्या बच्चे सभी उसकी मीठा स्वर और मुस्कान से अवगत हैं .......

"ये क्या..अब वो नौजवान तो बच्चों के खेल के मैदान तरफ कदम बढ़ा दिया बॉलीबॉल कोर्ट के तरफ और वहां जितने भी बच्चे हैं सब उत्साहित होकर खुशी को इजहार करते तालियों से स्वागत कर रहा है , किसी बच्चे ने बॉल दे दिया है अब , फिर खेलना शुरू कर दिया.....

पांच मिनट बाद...

फिर वो नौजवान खेल के मैदान से वापस फ्लैट के तरफ कदम बढ़ा रहा है तो कोई उसे आवाज देता है....

"संदीप ... संदीप..

संदीप साइड को देखता है और मुस्कुराते हुए सिंह अंकल और पास जाते हुए "गुडमॉर्निंग सिंह अंकल .."बोलिए कुछ काम था..??

मिस्टर सिंह : "हां , मेरे एक पहचान वाला है उसे फाइनेंस कराना है...??

संदीप : "ओके 😊,नो प्रॉब्लम ,काम हो जाएगा ....!!

मिस्टर सिंह : "संदीप उसे थोड़ी बड़ी और मोटी रकम चाहिए और जल्द चाहिए था...??

संदीप : "अंकल तुसी फिक्र ना करो मिल जाएगी , उसे सारे डक्युमेंट के साथ आने बोलना 😊...!!

तभी ...ओय संदीप....(स्वर को लंबा खिंचते हुए) आज फिर मेरे से तेज दौड़कर आ गया , हांफते हुए..😊..??

संदीप : "डीजीपी अंकल आप बहुत हांफ रहे हैं, पहले बैच पर बैठकर आराम कीजिए फिर बात कीजिएगा 😊..!!

मिस्टर सिंह : "डीजीपी गिल ,अब उम्र हो रही उसी की थकान तो नहीं जो संदीप से पीछे हो गये (मज़ाक करते हुए) 😊..??

मिस्टर गिल : "नो जेंटलमैन ,हम इस देश के जवान है, जो कभी बुढ़ा नहीं होता हाहाहाहाहा😆😆..!!

अब संदीप और मिस्टर सिंह भी हंसने लगते हैं...!!

मिस्टर सिंह : "सच्ची दसियासी 😀😀..!!

संदीप : "आप दोनों बात कीजिए मैं चलता हूं ,बोलकर जाने लगता है..... वहां के सारे ब्लाक की फ्लैट में कुछ महिलाएं और लड़कियां कोई बालकनी से तो कोई खिड़की से संदीप को देखते रहती है.......

संदीप लिफ्ट की ओर बढ़ता है तो इंगेज रहता है फिर सीढ़ी के तरफ कदम बढ़ा देता है ... तभी सीढ़ी के पास खड़ी आंटी मुस्कुरा कर संदीप पुत्तर कन्या किथे है , उसे भी ले जाया कर जॉगिंग सॉगिंग के लिए देखो ऊपर सारे औरतें घूरते रहती है तुम्हें देख कर कन्या साथ जाएगी तो ये लोग घूरना बंद करेंगे...??

संदीप : "मुस्कुराते हुए , थैंक्स आंटी जी आपने मेरे बारे में सोचा अभी घर जाता हुं और कन्या को शिकायत करता हुं इन लोगों की (थोड़ा रुक कर फिर चलते हुए बोलता है)...!!

आंटी : "अच्छा 😊, फिर अपने काम से निकल जाती है...!!

संदीप फटाफट सीढ़ी चढ़कर चौथी मंजिल पर जाता है अपने फ्लैट के तरफ तेज कदमों से फिर कोने के दरवाजे पर जाकर बेल बजा देता है , और अपने नाम के नेम प्लेट को प्यार से मुस्कुराते हुए देखता है जिसमें लिखा रहता है (मिस्टर संदीप रंधावा एंड मिसेज कन्या रंधावा) .. फिर दरवाजा खुलता है ,"गुडमॉर्निंग श्याम चाचा ,कन्या उठ गई ...??

श्याम चाचा (घर का नौकर) ,"हां ..और संदीप भी बोल पड़ता है शायद किचन में है फिर डायनिंग टेबल पर रखी पानी के मग और खाली गिलास को उठाकर पानी डालता है गिलास में, फिर मग रखकर पानी पीते किचन के तरफ बढ़ता है ,(किचन अंदर आते ही) "गुडमॉर्निंग "लव, फिर वहां सिंक में गिलास रखता है और कन्या को पीछे से पकड़ कर बांहों में भर लेता है,"बहुत अच्छी खुशबू है क्या खास है आज नाश्ते में और गाल को किस करता है...!!
कन्या : "गुडमॉर्निंग , संदीप श्याम चाचा का थोड़ा लिहाज किया करो ना , हमें इस तरह से देखता होगा तो उसे अच्छा नहीं लगता होगा..??

संदीप : (कन्या के कंधे पर सिर रखकर कान के पास) " अच्छा.. ,श्याम चाचा जब जवान रहा होगा तो वो क्या चाची से चिपकता नहीं रहा होगा और अभी भी बहुत दिनों के बाद गांव जाता होगा तो प्यार नहीं करता होगा बोलो , फिर गाल पर अपना गाल लगाकर ,बोलो ना ..??

कन्या : "मुस्कुराते हुए ,वो सब मैं नहीं जानती मुझे इतना पता है कि गांव में लिहाज होता है जो सब करते हैं यहां शहर के रहने वालों की तरह बेशर्म नही...!!

संदीप : "इसका मतलब मैं बेशर्म हुं , बांहों को कसते हुए..??

कन्या : "मैं बहस नहीं कर सकती आप से, छोड़ो मुझे, और आप जल्दी जाकर नहालो जाओ...!!

संदीप : "नहीं छोड़ूंगा ,बस ऐसे ही तुम्हें बाहों में लेना अच्छा लगता तो रहने दो ना ..!!

कन्या : "सच में आज देरी नहीं हो रही है आपको ..??आज ऑफिस जाने का इरादा है की नहीं...??

संदीप : "हुं.. ,जाना है यार, बस थोड़ी देर ऐसे ही रहने दो ना ( संदीप अपने ठूडी को कन्या के कंधे पर टिकाए बार बार गाल को किस करते हुए, और कन्या के कमर को कसकर पकड़े हुए पोज़ में) "वहां ऑफिस में तेड़ही मेड़ही सूरत वाले ही आसपास देखने को रहता है ..!!

कन्या : "संदीप प्लीज़ मुझे छौंक लगाने दो नहीं तो तेल की छिंटे आपको भी लग जाएगी ,प्लीज़ हटो ,प्यार से पुचकारते हुए..!!

संदीप : अपने हाथों को कन्या से अलग करते हुए ," ये लो छोड़ दिया अब खुश ,(फिर पास में खड़े हो कर) सांभर के साथ क्या कॉम्बिनेशन है खाने में,, और ढके हुए बर्तनों को खोलकर देखता है..??

कन्या : "सांभर बड़ा है खाने में, आपको कुछ और खाना है , छौंक लगाते हुए..??

संदीप : मुस्कुराते हुए , फिर गाल को किस करके नहीं जो तुम प्यार से बना दो मैं वहीं खा लूंगा "माई लव " फिर पीछे मुड़ता है किचन से जाने के लिए जाते - जाते कन्या मेरी कपड़े तैयार कर दी होना ..??

कन्या : ( संदीप को मुस्कुराते हुए देखते बोलती है) " हां, बेड पर रखी हुं आप देख लेना आज ब्लेजर पहनकर जाओगे या कोर्ट , फिर काम में लग जाती है ...!!

संदीप अपने वाशरूम में मिरर के समाने शेव करता है फिर, शावर लेकर बाहर आता है अपने आप को टावेल से पोछतें हुए , फिर कपड़े उठाकर पहनता है , उसके बाद ड्रेसिंग टेबल में लगे मिरर को देखकर बाल बनाता है फिर परफ्यूम निकाल कर लगाता है ...!!

इधर किचन में ..

कन्या श्याम चाचा को सारा नाश्ता डायनिंग टेबल में रखने की ऑर्डर देती है , तभी संदीप की आवाज आती है "कन्या... कन्या....

कन्या : जल्दी से हाथ पोछते किचन से निकल कर बेडरूम में जाती है और, "संदीप, ज़ोर ज़ोर से आवाज़ मत लगाया करो पड़ोस की आंटी पूछती है "क्या बात है कन्या रोज़ संदीप साहब चिल्लाते रहता है कुछ झगड़ा तो नहीं ना ,,"अब बोलो मैं क्या जवाब दूं...??

संदीप अपने टाई को पकड़ कर खड़े रहता है और टाई के तरफ इशारा करते हुए ," तो रोज़ मेरे तैयार होने तक "माइ लव" खड़े रहा करो मेरे पास😊 ..!!

कन्या : "अच्छा जी , मुझसे अच्छा आपको टाई बांधनी आती है और आप रोज़ मुझे ही बोलते हो क्यो,टाई को संदीप के शर्ट की कॉलर में डालते हुए..??

संदीप : "वो क्या है ना ," माइ लव, तुम्हें टाई बांधनी तो आती नहीं थी इसलिए सीखाता हुं , कहीं बेबे को पता चला कि उसकी बहू को टाई बांधनी नहीं आती तो फिर पटियाला को सिर पर खड़े कर लेगी ,अपने दोनों हाथों को कन्या के कंधों पर रखते हुए ..!!

कन्या : " मम्मी जी का फोन आया था क्या आपके पास ( धीरे से सवाल करती है मायूस भाव से) ..??

संदीप : " हां , नहीं बस मैंने यूं बोल दिया देखना चाहता था तुम्हारे एक्सप्रेशन कि तुम बेबे से कितना डरती हो 😊...!!

कन्या : "संदीप एक बात कहूं आपसे ...??

संदीप : " हां बोलो पर सैड वाली बात मत करना मुस्कुराते हुए कन्या को देखते हुए..!!

कन्या : "आपको उनकी पसंद से शादी कर लेनी चाहिए थी , मम्मी जी आपके लिए बहुत सारी उम्मीदें लगाई थी ..??

संदीप : मुंह बनाते हुए ,कन्या मैं हमेशा तुमसे यही कहा है , जहां प्यार हो वही रिश्ते निभाया जाता है, जहां मजबूरी हो वहां रिश्तों को ढोया जाता है , और मैंने ये सब नहीं करना , मैं सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं, दैट्स क्लियर ,(थोड़े गरम भाव से)..!!

कन्या : "लेकिन संदीप वो आपकी मॉम है ,उनकी बात रखना....

संदीप बीच में ही बोल पड़ता है ,"मैंने देखा है , दीदी को मजबूरी से जीते फिर वही कहानी नहीं दोहराना चाहता हूं मैं .....

क्रमशः.......

जारी रहेगी संदीप और कन्या की बातचीत...

"पाठकों कैसी लगी ये कहानी जरूर बताइएगा हजूर समीक्षा में....🙏🙏

जय श्री कृष्णना 😊


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