Pyar ki Arziya - 10 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - भाग 10

इधर कृष्णकांत के घर..

सभी नाश्ता करने बैठे थे कृष्णकांत जी और मिहिका उसकी मॉम और कन्या तभी

कृष्णकांत जी : "कनू मंगू तुमसे कुछ पूछना था ..??

कन्या : "जी अप्पा पूछिए ..??

कृष्णकांत जी : "मंगू तुम्हें संदीप कैसा लगता है मेरा मतलब है कैसा इंसान लगता है ..??

कन्या : "थोड़ी मुस्कुराते हुए ,जी अप्पा वो बहुत अच्छे इंसान हैं ,,तभी

मिहिका : "मामा जी संदीप जी सच में बहुत अच्छे इंसान हैं दिखने में बेहद हैंडसम और स्ट्रॉग फाइटिंग करने में भी..!!

बुआ जी : "ये कैसे पता तुमको...??

मिहिका : "वो हमारी मदद किए , पिछले महीने मैं और कन्या मॉल गये थे शॉपिंग के लिए चार लड़के हमें शॉपिंग तक परेशान किया फिर हम जल्दी समान खरीद कर बाहर निकले तो वो भी आ गए और बतमीजी करने लगे फिर मैंने जो ज्यादा बदमाशी कर रहे थे उसे एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा फिर वो मेरे हाथ पकड़ लिया उसी समय संदीप जी आए और उन लड़कों को सबक सिखाया फाइटिंग करके तभी वो भागे, फिर जब मिले वो हमेशा स्वीट लगे ...!!

कृष्णकांत जी : " कनू तुमको पसंद है संदीप मैं जानना चाहता हूं ..??

कन्या की बुआ : "भैया कुछ बात हुई क्या आप अचानक संदीप की बात बोली और अब कन्या को पसंद पूछ रहे हो ..??

कृष्णकांत : "हां, रेवती बात है संदीप कन्या का हाथ मांगा है , वो कन्या से शादी करना चाहता है, इसलिए कन्या की पसंद जानना है मुझे..??

मिहिका : "वाव , बहुत खुश होते हुए उछल पड़ती है ,, बहुत बढ़िया सरप्राइज न्यूज है ,...!!

कृष्णकांत : "कनू तुम भी बताओ क्या तुम पसंद करती हो , कन्या के तरफ देखते हुए लेकिन कन्या सोच में पड़ जाती है तब फिर बोलता है,,कनू मुझे ये रिश्ता पसंद है मुझे आपकी हामी चाहिए था...??

रेवती बुआ : "भैया आप जानते हो कन्या कभी हां नहीं बोलेगी फैसला आपको करना है, जिसमें बच्चों के भलाई हो उसे समझकर ही तो फैसला लोगो..!!

कृष्णकांत :"कनू तुम्हें पसंद संदीप ..??

कन्या : "अप्पा ,,मैं .. मैं ..वो..

मिहिका : "कनू दी आप भी तो उसे छुपकर देखती हो और उस दिन स्वामी जब तेज आवाज में बात कर रहा था और संदीप जी तुम लोगों के पास गये थे तब आपने उसकी बांह पकड़कर उसके पीछे खड़ी थी डर से तो क्यो खड़ी थी कुछ सोचकर तो खड़ी थी ना ..!!

कन्या : "हां मिहू पर...!

रेवती बुआ : "भैया अब तो सुन लिया ना आपने की संदीप इन लोगो से और मिल चुका है और ये दोनों भी पसंद करते हैं ,अब फायनल है आप संदीप को हां बोल दो बस ..!!

दूसरे दिन सुबह

मैं जाने के लिए बैग पैक कर रहा था तभी फिर फोन में रिंग बजा मैंने एक नज़र फोन के स्क्रीन देखा और उठा लिया ,"हेलो सर .....

कृष्णकांत जी : "संदीप हम आपसे मिलना चाहते हैं कब मिल पाएंगे..??

मैंने कहा : "सर आज मैं अपने पैरेंट्स से मिलने जा रहा हुं उनकी तबीयत ठीक नहीं तो ," अ..सर जी आप लोगो की फैसला क्या हुआ कन्या ने क्या कहा मुझे जानने की उत्सुकता है जाने से पहले पता चल जाए तो पैरेंट्स से बात कर लूंगा..??

कृष्णकांत जी :"संदीप हमारी तरफ से हां है लेकिन आप कन्या से एक बार बात कर लेना..!!

मैंने ,"ओके कहा ,और दिल ही दिल में खुश हो गया कृष्णकांत सर जी के हां बोलने से लगा मैंने जंग जीत लिया है ...!!

शाम को मैं पटियाला मदर टाऊन पहुंचा घर में थोड़ी शांती थी बाकी आसपास के लोग जितना मुझे देखकर चहकते हुए बात किए तो मुझे अच्छा लगा,, मैंने अपनी बैग दरवाजा के पास रखा और बेबे को आवाज लगाते अंदर गया तो बेबे और पापाजी हॉल पर बैठे मस्त से नाश्ता करते चाय पी रहे थे टीवी देखते मैं हैरान परेशान गया था बेबे की बात सुनकर,, फिर मैं ,"पैरीपैना बेबे ,,पैरीपैना पापाजी .. वो मुझे बहुत खुश होकर आर्शीवाद दिया...

फिर मैंने तुरंत ही सवाल किया सोफे पर बैठते हुए : "बेबे तूसी तो ठीक हो जी , फिर कॉलनू कि दसियासी तबीयत बिगड़ी सी मैनू समझ नहीं आंदा ये सब कि है ..!!

पापाजी : "पुत्तर जी तेनू बेबे नू फिक्रा सी तेरे ब्यहा वास्ते ,वो चाहिदा की अब छेती तू क़र बस ले ..!!

मैं समझ गया था फिर भी मैंने कहा : "मुझे शादी नहीं करनी अभी ..!!

बेबे : पुत्तर जी तुसी पहले चाय पियो जी फिर मेनू गल सुनो (और उठकर चाय के केतली से कप में डाल कर मेरी तरफ बढ़ा दिया, "सूण पुत्तर हमारे सारे पचाण वाले की कुड़ी और मुंडे नू की ब्यहा हो गया सी बिरादरी वाले अब हमें पूछते हैं संदीप पुत्तर नू ब्याह काब करावंगा तुसी,,

"ये बोलकर माहौल में कुछ खामोशी छा गई , फिर

बेबे : "पुत्तर साची गल ये है मेरे फ्रेंड है मीता जीत कौर उसकी कुड़ी नू बहुत सोणी है मेनू बोहोत पसंद है तेरे रिश्ते वीच गल कार दी मेनू वो तेनू भी देखया सी और ओके करने हैं जी तू भी उसकी कुड़ी सिमरजीत कौर को देख लो और मिल लो दोनों एक दूसरे को जाण पहचाण लो फिर हम इसी हप्ते रोका कर लेंगे अगले महीने शादी मीता जिते के फैमिली में सब राज़ी है और हम सब भी राज़ी है क़ार (घर) भी हवेली जैसी है नौकर चाकर गाड़ियां सब है उनके पास वो लोग अच्छे मुंडे की तलाश में थी तो तैनू देखयासी और पसंद करदी ता ...!!

संदीप ,"बेबे के बात को मैं बहुत शांति से सुन रहा था उसकी उत्सुकता देख रहा था और मेरे मन में कन्या का भी ख्याल आ रहा था फिर मैंने चुप्पी तोडी और बोला ,"बेबे एक बार मुझे पूछ लेना था आपको फिर ये सब डिसाइड करना था,

पापाजी : "पुत्तर तेनू भी कोई पसंद है तो दस दे अभी आगे गल ना बढ़ी ..

बेबे : "ये कि संदीप नू पसंद होंदा तो दसता नई ,क्यो पुत्तर..??

मैंने कहा : "बेबे मैनू भी एक कुड़ी नू पसंद है जी लेकिन वो पंजाबी नहीं जी ,वो साऊथ इंडियन है..!!

बेबे का अब पारा थोड़ा हाई हुआ और बोली ,"अस्सी जात बिरादरी में कुड़ी मारगी सी जो तेनू साऊथ इंडियन कुड़ी पसंद कर दीता ,, मैनू जो कुड़ी देखया सी वो देख वो करोड़ों में सोणी कुड़ी है और परिवार भी पहचाण वाले हैं माना हमसे थोड़े ऊंचे हैं लेकिन मेरी सहेली वीच कार सी ,मैनू गल कर रखया सी वहीं होणया सी बस मैनू किचकिच नहीं करणा अब,मुंह फुलाए बैठ जाती है अपने दोनों हाथों को आपस में जोड़कर ..!!

पापा जी : "पुत्तर जी एक बार मिल लो सिमरजीत से उससे गल कर लो कैसी है उसकी सोच तेरी सोच कैसी है पता चल जाएगी एक बार मिल लो बेबे के खातिर..!!

मैंने फिर कहा ,,"कब मिलना है बेबे ..??

बेबे : अब बेबे थोड़े मुड ठीक होता है और बोली "काल ही मिल लें पुत्तर मैं फोन करके मीता नू दस देनी सी , हूण जा फ्रेश हो जा अपने रूम वीच ..!!

"मैं वहां से उठा और अपने लगेज लेकर अपने रूम गया ,, फिर तैयार होकर अपने दोस्तों से मिलने गया जहां उनकी छोटे से रेस्टोरेंट था वहां, दो दोस्त तो उस रेस्टोरेंट में पार्टनर थे तो दोनों वहीं मिल गये ,,हमने कॉफी पीते बहुत सारी बातें किया फिर बातों ही बातों में शादी की बात चली तो उन लोगों ने बताया कि उनके भी रिश्ते की बात सिमरजीत कौर के लिए गया था तो वो लोग एनआरआई कनाडा लड़के की तलाश है बताई, मैंने कुछ नहीं बताया था कि मेरे लिए भी सिमरजीत का रिश्ता आया है कुछ देर बाद मैं वहां से चला आया ,,,,,,


क्रमश....

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