Pyar ki Arziya - 6 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - भाग 6

तीसरे दिन..हॉस्पिटल में...

आज पापाजी के सारे टेस्ट रिपोर्ट के लिए और पापाजी के चेकअप के लिए जाते है ,

कुछ देर बाद...

बेबे : "गुरू जी (गुरूचरण रंधावा) आप इथे बैठो जी हम आते हैं, चल कन्या पुत्तर बोलकर कन्या के हाथ पकड़कर ले जाती है.....!!

कन्या : " मम्मी जी हम कहां जा रहे हैं (एक सांस में बोलती है)...??

बेबे : "पुत्तर जी तेरे तबीयत बिगड़ी सी लगती है मैनू चल छेती डॉक्टरनी के पास ..तब तक गायनालॉजिस्ट सेक्शन आ जाती है ..!!

कन्या : "मम्मी जी ,मैं ठीक हूं वो उस दिन ,और गायनालॉजिस्ट डॉ. पर नज़र जाती है ..!!

बेबे : " चल पुत्तर मुझसे क्या छुपाना और डॉक्टर के रूम का दरवाजा नॉक करती है , फिर नर्स आती है दरवाजा पर खोलकर ....

नर्स : "जी दसो जी ...??

बेबे : "जी.. ये मेरी कन्या पुत्तर को देखाणा है जी, उसकी तबीयत ठीक नहीं है ...??

नर्स : "आइए अंदर ...!!

कन्या : "मम्मी जी मुझे डॉक्टर की जरूरत नहीं है मैं दवाई लूंगी फिर ठीक हो जाऊंगी,, अपना हाथ छुड़ाते हुए ....!!

बेबे : "तू चुप कर पुत्तर पहले पहल पता नहीं होता किसी को, तू चल और देख तुझे अभी भी अंदरुनी बुखार लग रही सी, अंदर डॉक्टरनी के पास दिखा दे चल और खिंचते हुए ले जाती है अंदर ...!!

डॉक्टर : "बैठिए किसको दिखाना है ..??

बेबे : सीट पर बैठते हुए "सतश्रीकाल जी डॉक्टरनी जी ये मेरी पुत्तर की वोटी है जी कन्या मेरी बहू इसे देखाणा है जी जांच करणवास्ते, दो दिन से बीमार लग रही जी ठीक से खाती पीती नहीं जी उकाईयां आ रही सी ज़रा देखो जी😊...!!

डॉक्टर : "कन्या को पूछती है, "कितने दिन हुए हैं शादी को ..??

कन्या : "असहज महसूस करते हुए, "जी एक साल हो गई शादी को ..!!

डॉक्टर : अच्छा ,एक प्रेग्नेसी टेस्ट कर लो जाओ ,नर्स पेशेंट को एक प्रेग्नेसी टेस्ट किट दो ...??

नर्स : "जी , और एक किट देती है, लो जी ..!!

कन्या : "बड़ी सोच में पड़ जाती है , फिर वहां से उठकर तेज़ क़दमों से चली जाती है डॉक्टर के केबिन से...!!

बेबे : "हायो रब्बा ,कि होया , आश्चर्य से अपने आंखों को बड़ा करके,

डॉक्टर : "जब दिखाना नहीं है तो टाइम पास करने क्यो आते हो (गुस्सा जताते)..??
बेबे अब अपना मुंह छोटा करके ," सॉरी जी गलती मेरी है जी माफ करना तूसी और उठकर अंदर ही अंदर गुस्सा होते बाहर जाती है...!!

गुरुचरण सिंह बेबे को आते देखता है और उसके आते हुए मिज़ाज में गर्मी देखता है और जब बेबे पास आती है तो ,मनदीप जी की होया तुसी बड़ी गरम लग रही सी और ऐथे कन्या पुत्तर दौड़ते गई सी कि गल है...??

मनदीप : "ना जी ना हम ही बेवकूफ हैजी जो उसकी तबीयत देखकर डॉक्टरनी के पास ले गई और ये, हु, चलो गुरु जी घर चलते हैं ,मैं चुप रहणे वाली तो नई गुस्सा से तमतमाते हुए...!!

" फिर दोनों चल पड़ते हैं गाड़ी के पास जहां गाड़ी में कन्या जाकर पहले से बैठ गई रहती है ....."कन्या उदास और आंखें बंद कर सोचते रहती है और उसकी तंद्रा टूटती है जब गाड़ी के दरवाजे खुलते हैं तो देखती है बेबे गुस्से से लाल हुए ततेर कर देखती है और कन्या के बगल में बैठती है गाड़ी के फ्रंट में पापाजी और ड्राइवर बैठता है और ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर गंतव्य की ओर चल पड़ता है .....!!

हॉस्पिटल से आते वक्त .....

गाड़ी में बैठे बैठे बेबे और कन्या के मन में बहुत हलचल होती है, डॉक्टर के पास हुई इंसिडेंट को लेकर ... लेकिन बेबे का मन में गुस्सा का हवा भरते रहता है और लगता है कब घर पहुंचे .....

थोड़ी देर में अपार्टमेंट में आते है.... गाड़ी फ्लोर में ही पार्किंग रहती है तो वहीं रुकती है ,अब तीनों वहीं नीचे उतरते हैं , और फ्लैट की ओर तीनों चल पड़ते हैं,,,,,अब पहचान वाले सभी आस-पड़ोस के महिलाएं और पुरुष बेबे और पापाजी को हाय हेलो जी करते हैं ...

बेबे नकली मुस्कान लेकर हेलो जी ...हेलो जी बोलकर जाती है लिफ्ट की ओर और तीनों लिफ्ट में पहुंचकर चौथे माले की बटन दबा देती है और लिफ्ट चल पड़ता है...!!

जैसे ही घर की दरवाजा कन्या खोलती है और तीनों अंदर जाते ही ...

बेबे फट पड़ती है सवालों के बौछारों का कन्या के ऊपर और शुरू होता है सवाल, तीखे स्वर में ,"क्यो कन्या पुत्तर जी डॉक्टरनी के पास से ऐसे ही आ जाने का मतबल की है ज़रा मैं भी सुनूं ...??

कन्या : "मुझे नहीं दिखाना था वहां मम्मी जी बात खत्म...और बैग को वहीं एक ओर डायनिंग टेबल पर रखती हुई किचन के तरफ जाने लगती है...!!

बेबे : "ना जी ना मेरे सवाल की जवाब ये नहीं है कन्या जी तू रुक इथे ही कहीं नहीं जाएगी बिना मेरे सवालों के जवाब दिये बगैर ..!!

पापाजी : "मनदीप जी बस करो तूसी कन्या पुत्तर को अच्छा नहीं लगा होगा तो आ गई होगी सोफे पर बैठे ही बोल पड़ता है..!!

बेबे : अपने त्योरियां चढ़ाकर मैंने इसकी भले सोचकर डॉक्टरनी के पास ले गई और ये महारानी बिना कुछ बोले ऐवी आ गई डॉक्टर की बात तो मुझे सुनना पड़ा, इसलिए आप तो मुंह बंद रखो जी आपने सबको शह देकर रखा है ये उसी के नतीजा है जी,,"तो कन्या जी तूसी गल बताओगी या मैं संदीप नु फोन करया सी और पूछया सी त्वडी वोटी क्या चाह रही सी..??

कन्या अब भी चुप रहती है ..!!

बेबे और गुस्से से , "ओह तेनू सांप सुंघ गया कि,सनू क्या पूछ रही सी,क्यो डॉक्टरनी के पास से चली आई, ज़ोर की आवाज़ में चिल्लाकर..??

कन्या अब थोड़ी सी घबराकर ," जी.. मम्मी जी वो ..वो मुझे गायना डॉक्टर के पास नहीं दिखाना है मैं नॉर्मल हुं अपने सिर झुकाए आंखों को नीचे करके बोलती है ...!!

बेबे : "कि..वो उल्टियां ,खाना ठीक से नहीं खाना ये कि है ,और तेरा शरीर अभी भी तप रही है वो कि है ,क्यो तू इस बच्चे को मारना चाहती है ..??

कन्या अपने आंख मिच लेती है और,"मम्मी जी ऐसी कोई बात नहीं है,बोलकर अपने रूम के तरफ कदम बढ़ाने लगती है और

बेबे : " गुस्से से, रुक ... कन्या के हाथ पकड़कर ,"रईसजादी रुक, कि दसयासी कोई बात नहीं तो क्या बात है,सानू इथे सुणे के लिए खड़ी सी बोल ..??

कन्या अब झिझकते हुए जवाब देती है ,"मम्मी जी आप जैसा सोच रही है वैसा कुछ भी नहीं है , हमारे बीच में कोई संबंध ही नहीं बना है तो पॉसिबल ही नहीं है आंखों पर अब आंसू निकल जाते हैं ...!!

बेबे : " आंखों को छोटी करते, बात को क्लियर करते हुए पूछती है,"क्या कहा तेरे और संदीप के बीच शारीरिक संबंध नहीं है कन्या को अपने हाथ के पकड़ से छोड़ते हुए ...??

कन्या अपने सिर झुकाए आंसुओं के बौछार लगाती चुप रहती है और सिर हिलाकर हां में जवाब देती हैं...!!

बेबे पर कन्या के बात सुनकर बिजली सी गिरती है और जम जाती है दिमाग काम करना बंद कर देती है ...!!

पापाजी भी कन्या के बात सुनकर चौंक जाते हैं...!!


बेबे फिर कन्या को देखती हुई होश संभालते हुए और बेहद गुस्से से लाल होती है और कन्या के बांह पकड़कर ," मेरा पुत्तर तेरे ते जान लूटाता है तेरे से ज्यादा प्यार करता है , अपने बेबे को भूल गया है और तू उसे बेवकूफ बना के अपने से दूर रखिया सी ,एक साल हो गए तेरे शादी को और तूने छूने भी नहीं दिया अपने शरीर को उसे क्यो...??

कन्या अब और शर्मसार होती है और रो पड़ती है अपने मुंह में चुनरी रखकर ताकी आवाज बाहर ना आ सके इस बात का हमेशा से अफसोस रहती है तो और दुखता है दिल और ज़रा ज़रा रोती है दीवार पर सट जाती है ...!!

बेबे : " सुन लिया जी आपने ,बड़े घर की बेटी का कारनामे,आप थकते नहीं थे कन्या पुत्तर ऐसी हैं , कन्या पुत्तर वैसी ,इसे अच्छा, और मुझे, आप सब खराब बनाते हो वाह जी वाह ,,तू इक गल दस कन्या तू इतने दिन से मेरे पुत्तर के साथ रहती है तो कोई मजबूरी है या तू किसी और से दिल तो नहीं लगाई या कोई कमी तो नहीं तेनू इसलिए मेरे पुत्तर के गले पड़ गई ,मेरा पुत्तर तेरे इस भोली चेहरे देखकर फिदा हो गया, फिर तू और तेरे रईस बाप इसी बात का फायदा उठाया होगा ,बोल.. जोर से चीखते हुए...??

कन्या को अब सहन नहीं होता और हाथ को झटके से छुड़ा कर अपने रूम की ओर दौड़ कर जाती है....

क्रमशः


अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED