Pyar ki Arziya - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - भाग 2

संदीप और कन्या अपने बेडरूम में बातें करते हुए.........

संदीप : "मैंने देखा है दीदी को मजबूरी वाले रिश्ते निभाते हुए उस इंसान से जो दीदी की अहमियत नहीं समझता बस अपने ही मनमानी करता है,मारता है ज़रा सी बात पर अपने मां बाप के बातों को सच मानकर ,मैं दी के शरीर का घाव नहीं देखा लगे, लेकिन उसकी चेहरे का दर्द साफ - साफ देख सकता हुं ,बेबे अपनी दकियानूसी बात से उसे समझाती है ,क्या मैं नहीं जानता ,और जिस लड़की के साथ मेरी शादी की ख्वाब देखी थी उस लड़की से मिला हुं, मुझे नहीं लगता कि तुम्हारे जैसी बहू बेबे को मिल सकती थी,जो है उसे कद्र करें और इज्जत करने में ही भलाई है,, "टाई बंध गई हो तो चलो नाश्ता करते हैं ,और वहां से अपने शेल्फ पर जाकर जेब में रूमाल रखता है और ड्रॉ से घड़ी निकलता है फिर शेल्फ बंद करके पलटता है तो कन्या अभी भी वहीं शांत कुछ सोचते खड़ी रहती है , फिर घड़ी पहनकर वापस कन्या को पीछे से बांहों में भर लेता है,"क्या हुआ फिर गुमशुम खड़ी हो ,यार कितने बार कहूं मैं बहुत बहुत प्यार करता हूं तुमसे, इसलिए कौन क्या सोचता है,वो क्या चाहता है,इन सब सोच से दूर रहना चाहता हूं, बेबे क्या चाहती थी या क्या चाहती है उससे भी , फिर कन्या को अपने सामने करते हुए "माई लव , तुम मेरे लिए गॉड का गिफ्ट हो जो मुझे मिला है और मैं किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहता समझी और हमारी शादी के पहले की बात थी अब तो हमारी शादी हो गई है ना, बिना किसी रुकावट के और प्लीज़ शांति से इस रिश्ते को चलने दो जैसे चल रही है, अब चलो अच्छी सी स्माइल दो 😊,कन्या के दोनों गालों में अपना दोनों हाथ रखकर...!!

कन्या हल्का सा स्माइल देती है, चलिए नाश्ता रेडी है, और संदीप के हाथ को मजबूती से पकड़ कर रूम से बाहर जाती है डायनिंग मेज़ के तरफ ...!!

संदीप : मेज़ के पास रखी चेयर में बैठते हुए "आज जॉगिंग से आ रहा था तो सीढ़ी में शर्मा आंटी मिली थी वो पूछ रही थी कन्या को अपने साथ जॉगिंग में क्यो नही ले जाते यहां की सारी औरतें तुम्हें घूरती रहती है , कन्या साथ जाएगी तो इन लोगों का घूरना बंद होगा ,ये आंटी भी सब पर नज़र रखती है मुस्कुराते हुए..!!

कन्या : "हां ,सुबह मुझे भी उठा दिया करो जॉगिंग के लिए मैं भी चली जाऊंगी आपके साथ नाश्ता परोसते हुए ...!!

संदीप : "ओ... ज्वेलेस हां... चलो मेरे लिए अच्छा है😊 ..!!

कन्या : अपने चेयर पर बैठते हुए " ये ज्वेलेस की बात नहीं संदीप सच में मैं मोटी हो गई हुं चंडीगढ़ के आने के बाद ..!!

संदीप : " मोटी ..वो मैडम अपने आसपास को देखी कितने मोटे-मोटे लोग रहते हैं , और जब मैं तुम्हें उठाता हुं तो मुझे कभी नहीं लगी ..तभी फोन पर कॉल आता है , फ़ोन उठाकर "सतश्रीकाल हरमीत प्रा ,कि हाल है ,दसों मैनू की प्रॉब्लम है...??

हरमीत सिंह : " संदीप सर जी 😊 एक पार्टी आ रही है लोन एप्लाई करने के लिए कितने बजे भेजूं..??

संदीप - "दस बजे मैं ऑफिस पहूंचूगा आप उसे 11:30 तक भेज दो लेकिन सारी डक्युमेंट के साथ वो मिस्टर आहुजा से मिल ले ठीक है , फिर फोन कट करते हुए ,कन्या कल अप्पा का फोन आया था क्या...?? मैं कल मीटिंग में था तो फोन साइलेंट पर रखा था, बाद में देखा फिर फोन भी लगाया वो उठाए ही नहीं फिर मेरे दिमाग से निकल गई बात ...??

कन्या : " हां, वो कल दिल्ली आए थे ,समय था एयरपोर्ट में तो फोन लगाया था बस हाल चाल पूछने के लिए ...!!

संदीप : "ओके ,चलो अब मेरा भी ऑफिस जाने का समय हो रहा है , "कन्या (अपने हाथ पोछते हुए टिशू पेपर से) इस संडे मूवी चलते हैं , ज़रा पता करना यहां थियेटर में कौन-कौन सी मूवी लगी है, और हां कोई एडवेंचर्स हो या बेहद रोमांटिक कॉमेडी वाली रहे, रोने धोने वाली ना हो,( उठकर अपने रूम जाता है ) ...!!

कन्या भी अपने हाथ साफ करके अपना फोन ऑन करके सर्च करने लगती है मूवी ..तभी

श्याम चाचा : "कन्या बेटा सर से बात की हो क्या पैसे के लिए 😊..??

कन्या : "हां, चाचा मैं अभी और बोल देती हुं.. तभी संदीप रूम से आते नज़र आती है
"संदीप , आवाज लगाती है..

संदीप : "एक फाइल को देखते ,"बोलो कन्या क्या काम है ,हॉल के सोफे पर बैठते हुए फाइल लेकर ..??

कन्या : संदीप के पास आते हुए , वो आपको कल रात श्याम चाचा के बारे में कुछ कहा था पैसों के बारे में ..??

(श्याम चाचा फिर दोनों के बात ना सुनकर किचन की ओर जाता है.)

संदीप : फाइल के तरफ ध्यान से देखते हुए ,"हां, कहा था तो पैसे अभी चाहिए क्या ..??

कन्या : "हां, संदीप आज चाहिए उसे पैसे गांव भेजना है ...!!

संदीप : "ठीक है शेल्फ से रखा है नोट जितने देने है दे दो ...!!

कन्या : " ठीक है ,और रूम अंदर जाती है शेल्फ से एक बंडल नोट की निकाल कर संदीप के फाइल के ऊपर रख देती है ...!!

संदीप : "अब अपने आंखों को कन्या के तरफ देखते हुए ,ये क्या हैं...?? "कन्या तुम भी इस पैसे की मालकिन हो क्या करना है किसे देना है किसे नहीं ये तुम जानती हो फिर भी ऐसा करती हो उठाओ पैसों को,, तुमने गिना ना ..??

कन्या : "हां ,
संदीप : "तो दे दो इसे चाचा को, उठाओ जल्दी..!!

कन्या उन पैसों को उठाकर किचन के तरफ बढ़ जाती है और वहां श्याम चाचा को देती है ...!!

संदीप आवाज लगाते ," कन्या मैं निकल रहा हुं ऑफिस ...!!

कन्या संदीप को सुनकर तुरंत आती है और याद दिलाते ,"आपने सब समान पकड़ा ना वॉलेट तभी दरवाजा में घंटी बजती है और कन्या दरवाजा खोलकर देखती है तो गाड़ी का ड्राइवर रहता है..

ड्राइवर : "मैडम सर तैयार हो गये क्या..??

कन्या : "हां , संदीप आपकी ड्राइवर आ गया है, संदीप बिल्कुल पास आ गया रहता है फिर कन्या के गाल को किस करता है और गले से लगाते हुए , कन्या आज जो भी बात हुई हमारे बीच में बेबे को लेकर उसे बिल्कुल भी मत सोचना, तुम्हें जहां कहीं जाने का मन होगा ड्राइवर से बोल देना वो ले जाएगा और किसी की कंपनी चाहिए होगी तो रावी को फोन करके बुला लेना अभी उसकी सेमेस्टर खत्म हुई है तो छुट्टी चल रही वो हॉस्टल से आ जाएगी, और मुझे फोन करते रहना नहीं तो ऑफिस में काम कम होगा मन तुम्हारे पास आएगा बाय फिर दूसरे गाल को किस करके दरवाजा से बाहर जाता है...!!

कन्या मुस्कुराते खड़े हो जाती है , सोचते हुए मुझे संदीप कितना प्यार करता है एक मुझसे ही उसके प्यार को पूरा करने में प्रॉब्लम हो जाती है ,मैं अपना पत्नी धर्म नहीं निभा पा रही हुं, फिर भी संदीप ज़रा भी शिकायत नहीं करते , मैं क्या करूं मुझे अतीत छोड़ता ही नहीं है ,ऐसा लगता है जैसे अभी मेरे साथ वो घट रहा है और ना चाहते हुए भी चीख निकल पड़ती है ,अब कन्या के आंखों में आंसू भर आते हैं ...........

श्याम चाचा : थोड़ी दूर पीछे से , बिटिया मेरा काम हो गया है ,शाम को आने की जरूरत तो नहीं काम करने ..??

कन्या :(श्याम चाचा के सामने होते हुए) "हां ..चाचा ,नहीं चाचा शाम को प्रीतो आंटी आएगी काम करने तो जरूरत नहीं आने की...!!

श्याम चाचा : "ठीक है बिटिया, अब मैं घर जाऊं ...??

कन्या : "हां .., जी जरूर और साइड हटती है ...!!

श्याम चाचा ,"फिर घर से निकलते हैं दरवाजे से , कन्या दरवाजा बंद करके बेडरूम जाती है, जनाब ने गिले टावेल को बेड पर ही छोड़ दिया होगा ,सोचते जाती है ...!!

"कौन सा अतीत है कन्या के ....??

क्रमशः.....

"हेलो रीडर्स स्टोरी थोड़ी स्लो चल रही है ,स्टोरी थोड़ी छोटी है ,वेबसीरीज लिखने की एक छोटी सी कोशिश है,मुड चेंज के लिए, इसलिए स्लो चल रही है ...प्लीज़ सपोर्ट कीजिए कहानी को ...😊🙏🙏

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