Pyar ki Arziya - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - भाग 5

संडे का दिन .....

आज सुबह से संदीप और कन्या बहुत बिजी रहती है समान व्यवस्थित करने में फिर किचन में खाना के तैयारी में ....

बारह बजे ...

संदीप रेलवे स्टेशन जाता है बेबे और पापाजी को लेने ,उन लोगों के ट्रेन आते हुए लगभग दोपहर एक बज जाता है , ,,,

संदीप बेबे के बताए एसी कोच नंबर पर जाता है और बेबे को देखकर मुस्कुरा कर ,"पैरिपैना बेबे झुककर पैर छुता है

बेबे : "जिवन्दा रह पुत्तर जी 😊,संदीप के पीठ को थपथपाते हुए...!!

संदीप : "पैरिपैना पापाजी बोलकर झुकते रहता है....!!

पापाजी :"पुत्तर जी गले लग जाओ जी और दोनों गर्मजोशी से गले मिलते हुए ,"संदीप के पीठ थपथपाते "कि हाल है पुत्तर जी😊..??

संदीप : "बधिया जी ,, चलिए आप लोग नीचे, मैं कूली लेकर आया हूं वो लोग ले जाएंगे समान को, फिर संदीप भी एक बैग उठाकर कोच से नीचे उतरते हैं ...!!

कुछ देर बाद ..

तीनों घर आते हैं ....

कन्या बेबे और पापाजी को देखकर मुस्कुरा कर ,"पैरिपैना पापाजी जी बोलकर पैर छुने के लिए झुकती है ...!!

पापाजी : "खुश रहें जिवन्दा रह पुत्तर उठ जाओ जी 😊,बोलकर सोफे पर बैठता है..!!

कन्या :"मम्मी जी पैरिपैना बोलकर पैर छुने नीचे झुकती है ,"खुश रह , और जा छेती पाणी लेकर आ ,बोलते हुए सोफे पर बैठती है ...!!

संदीप उन लोगों के समान को उसके रूम में रखकर आता है और अपने पैरेंट्स के पास बैठता है हालचाल पूछने के लिए..!!

कन्या पानी लेकर आती है ,"मम्मी जी खाना लगा दूं..??

बेबे : "अहो जी लगा दे ..!!

फिर बेबे और पापाजी दोनों अपने रूम में जाते हैं फ्रेश होकर डायनिंग टेबल पर आते हैं , और कन्या उन लोगों को खाना सर्व करती है ,सभी बेबे और पापाजी की पसंद की बनी रहती है .."पापाजी खाना के स्वाद से इंम्प्रेस होता है और तारिफ करता है ,वहीं बेबे .....

बेबे : "कन्या पुत्तर हुण अपने पापाजी को हल्का खाना देना बनाकर वो अभी बीमार चल रहे है इसलिए,, और सुन कल हॉस्पिटल लेकर हम लोगों को जाना है तुझे ...!!

कन्या : "जी.. मम्मी जी मैं ले चलूंगी😊...!!

संदीप : "कन्या तुम भी बैठो खाने के लिए 😊...??

कन्या : "जी ..अभी भूख नहीं है, मैं बाद में खा लूंगी पहले आप लोग खा लो 😊..!!

बेबे : "भूख नहीं है ,या हमारे आने से भूख नहीं लग रही पुत्तर जी😊 ..??

कन्या : "जी.. धीरे और शांति से जवाब देती है, "मम्मी जी, ऐसी कोई बात नहीं ,वो सुबह से तेल की खुशबू और खाने के महक से ही खाने का मन नहीं कर रहा है...!!

बेबे : मन में सोचती है , कहीं ये .....??

पापाजी : "संदीप पुत्तर मेरे टेस्ट करवाने की पर्ची वेख्या सी किना टेस्ट करवाना होगा ज़रा ..!!

फिर खाना खाने के बाद में..

सोफे पर तीनों बैठकर पापाजी के सारे डॉक्टर के लिखे पर्ची देखता है और बातचीत करते पूरा दोपहर निकलती है...!!

शाम को ..

बेबे किचन की छानबीन करती है और प्रीतो नौकरानी से शिकायत करती है ,ठीक से काम नहीं करती,अब मैं जब तक हुं तब तक तो ठीक से काम कर और कन्या को भी सुनाती है ,"कन्या पुत्तर तेनू नौकरों को अलाल बना राख्या सी वेख सारे डिब्बे नू गंदा सी और खाने बनाने की जगह किना गन्दा सी तेल के छिंटे साफ ना जी...आज कन्या की परेड होती है...!!

दूसरा दिन सुबह..

आज भी जल्दी रहता है , संदीप जल्दी नाश्ता करके ऑफिस निकलते रहता है तब कन्या लंच बैग देती है आज दोपहर वो बिज़ी हो जाएगी तो लंच नहीं ला पाएगी बोलकर संदीप खुशी से लेता है और आसपास बेबे और पापाजी रहते है तो प्यार से सिर्फ हक करता है और निकलता है ....कुछ देर बाद कन्या बेबे और पापाजी को लेकर हॉस्पिटल लेकर जाती है ...!!

हॉस्पिटल में ..

यहां संदीप ने किसी स्पेशीलिशट से संपर्क किया रहता है तो कन्या पापाजी को लेकर आती है और चेक अप करवाती है और डॉक्टर के लिखी सारी पर्ची को दिखाती है डॉक्टर भी बोलता है टेस्ट करवाने ....!!

कन्या फिर पापाजी और बेबे को साथ ले जाकर सारे टेस्ट पैथालॉजी लैब सेक्शन में करवाती है पापाजी के कुछ टेस्ट दूसरे दिन आकर करना रहता है ...इस आपाधापी में कन्या की तबीयत ढ़ीली हो जाती है दूसरे दिन थोड़ी अस्वस्थ होती है फिर भी काम के लिए ढिलाई नहीं करती और खाना ठीक से नहीं खाती..!!

दूसरे दिन सुबह...

किचन में बेबे और कन्या नाश्ता तैयार करते रहती है ... तभी संदीप कन्या को ज़ोर से आवाज़ लगाकर बुलाता है...!!

कन्या हाथ पोछते हुए जाती है,"क्या हुआ इतनी ज़ोर से आवाज़ फिर लगाई आपने ...??

संदीप : "यार मेरी शर्ट की बटन टूटी हुई है अब पहन लिया हुं तो नहीं निकाल सकता तो तुम लगा दो ना प्लीज़ 😊 ...!!

कन्या फिर तुरंत शेल्फ से एक सुई धागे की डिब्बा लेकर आती है और सुई में धागा फसाती है , फिर संदीप के करीब जाकर बटन को टाकती है ...!!

संदीप : "हु ..आज मिली मेरी वोटी से लव सब करने के लिए , मुझे तो लग रहा था कि कोई चांस नहीं अभी,( कन्या के कमर से पकड़ कर खड़े हुए) ," सुनो तुम्हारी तबियत दो दिन से ठीक नहीं है तो आज शाम जनरल डॉक्टर के पास चलते हैं क्या ख्याल है जनाब का ...??

कन्या : "आप मेडिकल से मेडिसिन लेकर आ जाना मैं उसे खाकर ठीक हो जाऊंगी 😊 ...!!

संदीप : "नहीं.. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा उस दिन एक्सपायरी वाली जूस के कारण भी तो हो सकता है फुड इंफेक्शन और बढ़ गई तो इसलिए हम दोनों आज शाम को चलेंगे ठीक है...!!

कन्या : "ओहो संदीप आप भी ना ज़रा सी प्रॉब्लम के लिए डॉक्टर के पास चलने बोल रहे हो ,(अब संदीप के आंखें थोड़े नाराज़ भाव से घूरती है) " कन्या समझ जाती है अब संदीप नाराज़ हो रहा है तो ,फौरन ही बोल पड़ती है , " आप कोई मेडिसिन ले आना ना अगर ठीक नहीं हुई तो पक्का जाएंगे अब ठीक, प्लीज़ मान जाओ ना और संदीप के गाल पर प्यार से हाथ रखती है प्लीज़..... तभी बेबे की आवाज आती है कन्या पुत्तर काम हो गया हो तो किचन आ जाइए ..."कन्या , लो हो गई आपकी बटन लगा दी है मैंने अब छोड़ो मुझे मम्मी जी बुला रही है , फिर संदीप कन्या से अपने हाथ हटाकर मिरर के पास जाता है और कन्या डिब्बे को व्यवस्थित करके शेल्फ में रखती है...

कुछ देर बाद..

सभी ब्रेकफास्ट करते हैं ,अभी भी कन्या बेमन से खाती है थोड़ी सी संदीप के ज़िद करने से ...!!

फिर संदीप ऑफिस निकलता है और कन्या पापाजी और बेबे को लेकर बची हुई टेस्ट करवाने जाती है..!!

रात को ...

डिनर करके पापाजी और संदीप , बेबे बैठे हैं सोफे पर टीवी देखते बातचीत करते हुए तभी संदीप का फोन आता है वो फोन पर बात करते हाल के टैरिस पर जाता है बात करने के लिए ...!!

इधर कन्या किचन से तेज दौड़कर अपने रूम जाती है और वाशरूम में उल्टी करती है...."बेबे कन्या को ऐसे देखकर कन्या के पीछे रूम जाती है और कन्या को उल्टी करते सुनती है और मन में लड्डू फ़ूटने लगती है ...!!

तीसरे दिन..हॉस्पिटल में...

आज पापाजी के सारे टेस्ट रिपोर्ट के लिए और पापाजी के चेकअप के लिए जाते है ...


क्रमशः



























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