प्यार की अर्जियां - 34 (अंतिम भाग) Mini द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • द्वारावती - 69

    69                                         “भ्रमण से पूर्व भ...

  • साथिया - 123

    मनु ने सांझ को ले जाकर अक्षत के कमरे में  बेड  पर बिठाया  और...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 33

    पिछले भाग में हम ने देखा कि मोमल और अब्राहम की अच्छी तरह शाद...

  • Venom Mafiya - 6

    अब आगे अंश की ज़िंदगी जैसे दो राहों पर खड़ी थी – एक तरफ उसकी...

  • आत्मा की देहरी पर

    अध्याय 1: एक अधूरी खोज   रात का सन्नाटा चारों ओर पसरा था। हल...

श्रेणी
शेयर करे

प्यार की अर्जियां - 34 (अंतिम भाग)


संदीप और कन्या अपने गृहस्थी जीवन बड़े खुश रहते हैं , बेबे को संदीप के बात कहें याद आती है कि वो बच्चे गोद ले लेगा ,, फिर सोचती है संदीप शादी करके भी वो कुंवारा ही रह जाएगा ,क्या संदीप और कन्या पति-पत्नी धर्म से वंचित रहेगा ....

डॉक्टर से अपोइंटमेट का दिन आता है .."आज सुबह से सभी काम जल्दी होता है फिर संदीप ऑफिस के जाने के बाद कन्या पापाजी और बेबे को लेकर हॉस्पिटल जाती है ....

हॉस्पिटल में...

डॉक्टर के केबिन से निकलते हैं तीनों बेबे पापाजी के मेडिसिन वाली पर्ची रखी रहती है तो कुछ सोचते हॉस्पिटल से बाहर निकलते रहता है ..तभी

कन्या कहती है ,"मम्मी जी ये मेडिसिन की पर्ची मुझे दो मैं मेडिकल स्टोर से दवाई लेकर आती हुं...??

बेबे कहती हैं ,"ना जी पुत्तर मेडिकल स्टोर से मैं मेडिसिन लेकर आती हुं मुझे कुछ अपने लिए भी मेडिसिन लानी है तो अभी उस मेडिसिन की स्ट्रीप ना हे तो मैं वहीं देखकर खरीद लूंगी तुम अपने पापाजी को गाड़ी में ले जाकर बैठाओ , और खुद मेडिकल स्टोर की तरफ बढ़ जाती है ..!!

कन्या ज्यादा दिमाग नहीं लगाती और पापाजी को लेकर गाड़ी पार्किंग में ले जाती है और गाड़ी में दोनों बैठकर इंतजार करते रहते हैं ,,कुछ देर बाद बेबे खुश होकर मेडिकल स्टोर से आती है और गाड़ी में बैठती है और गाड़ी चल पड़ती है ....!!

शाम को ..

बेबे आज कन्या के साथ खाना बनाने में हेल्प करती है और स्पेशल डीस बनवाती हैं आज घर में खाने की खुशबु फैली रहती है ..
रात आठ बजे संदीप घर आता है और खाने का समय होने के कारण वो जल्दी से खाने की मेज़ पर बैठता है और सभी एक साथ बातें करते खाना खाते हैं ....

संदीप और कन्या बेबे और पापाजी को बहुत खुश देखकर खुश होते हैं ....!!

फिर बेबे , पापाजी और संदीप सोफे पर बातचीत करते बैठते हैं वहीं कन्या किचन का काम समेटती है फिर संदीप कुछ ऑफिस के फाइल लेकर अपने रूम के बेड रूम में बैठे रहता है ...

बेबे ये देखकर कन्या को हिदायत देती कहती हैं ," संदीप बहुत दुबला हो गया है उसे रात को दूध देती हो की नहीं ..!!

कन्या कहती है ," संदीप दूध पीने की आदत नहीं है तो नहीं देती ..!!

बेबे कहती है डांटते हुए ," अरे कैसे नहीं आदत ,आदत तो होनी चाहिए तुम जाओ फ्रेश होकर आओ मैं दूध गर्म करती हुं फिर तुम देना उसे सेहत के लिए दूध जरूरी है मैं कहती हूं तुम भी पिया करो ,जाओ फ्रेश होकर आओ ..!!

कन्या मन में सोचती है मम्मी जी आज बहुत बदली हुई लग रही है शायद बदल रही हो ,और वहां से जाती है ...!!

बेबे अब दूध गर्म कर मेडिकल स्टोर से लाए एक दवाई को दूध के गिलास में डाल देती है और मेडिसिन के रैपर को डस्टबीन में डालते रहती है लेकिन जल्दी में वो डस्टबीन से बाहर गिर जाता है..!!

कन्या आती है किचन में वापस तो दूध के गिलास को चीनी घुलने के लिए हिला रही है मम्मी जी समझती है ..!!

बेबे मुस्कुराते हुए कहती हैं ," कन्या इसे संदीप नू दे दे जा जल्दी अभी गर्म है दूध गर्म पीने से सेहत में लगती है मैं किचन की लाइट ऑफ करके बंद कर दूंगी जाओ तू भी आराम कर ..!!

कन्या वैसे ही करती है और अपने बेडरूम जाकर संदीप को दूध का गिलास थमा देती है और दरवाजा बंद करने जाती है ...!!

संदीप आज आश्चर्य से पूछता है आज कोई स्पेशल दिन है क्या कन्या जो दूध लेकर आई हो पीने के लिए पीते हुए कहता है..??

कन्या मुस्कुराते हुए कहती हां कुछ ऐसा ही समझो और अपने लिए कपड़ा शेल्फ से निकालती है और वही चेंज करती है..!!

संदीप फुर्ती से दूध पीता है और गिलास नाइट लैंप पर रखता है फिर ध्यान काम में लगाता है लेकिन अब शरीर में कुछ गर्मी सा लगने लगता है और ऊपर एसी को देखता है तो वो ऑन ही रहता है फिर नज़र कन्या के तरफ जाती है तो कन्या उस समय ऊपर ब्लाऊज और नीचे पेटीकोट पहनी हुई रहती है और साड़ी मोड़ते रहती है , ऐसे देखकर संदीप को कुछ अलग लगता है , फिर पूछता है ,"कन्या दूध ठीक नहीं था क्या मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है ...??

कन्या घबरा कर संदीप के पास ऐसे ही आती है तो संदीप कन्या को देखकर फिर उसे उत्तेजित लगता है और मना करता है मेरे पास मत आओ जाओ सो जाओ कन्या के समझ नहीं आ रहा था क्या हो रहा है वो बस संदीप के लिए परेशान हो रही थी फिर संदीप के पास आ ही जाती है ..!!

संदीप अब ना चाहते हुए कन्या के हाथ के स्पर्श से और उत्तेजित हो जाता है और कन्या को अपने बांहों में कस लेता है कन्या मुस्कुराते हुए कहती हैं क्या हुआ..?? अब अच्छा लगा आपको मुझे पास बुलाने के लिए कहा था क्या बोलते ही रहती है संदीप बिस्तर पर कन्या के साथ गिर पड़ता है और बेतहाशा चूमने लगता है संदीप कन्या को, फिर कन्या समझ नहीं पा रही होती है आज दोनों को क्या हुआ है और संदीप आगे बढ़ जाता है ..!!

कन्या मना ही करते रह जाती है और उसके शरीर से सारे कपड़े उतर जाते हैं ,कुछ मिनट में दोनों के कपड़े जमीन पर गिरे पड़े रहता है कन्या दर्द से रो पड़ती है लेकिन समझ जाती है ...!!

दूसरे दिन सुबह...

संदीप रोज की तरह जाग जाता है तो अपने शरीर पर कपड़ा नहीं देखकर घबरा जाता है और बिस्तर को देखकर कुछ ग़लत होने का याद करता है और रात की बात याद करता है तो वो कन्या के लिए डर जाता है और अफसोस करता है इतनी बड़ी गलती कैसे हुई फिर जल्दी उठकर कन्या को देखता है कन्या रूम में नहीं रहती फिर वाशरूम में देखता है वहां भी नहीं फिर जल्दी कपड़ा पहनकर रूम से बाहर जाता है कन्या घर पर भी नहीं अब संदीप बहुत ही डर जाता है और घर से बाहर कन्या को ढूंढने निकलता है ..

संदीप अब अपने फ्लैट के नीचे सभी जगह को देखता है सुबह थोड़े अंधेरा रहता है और एक दो आदमी औरतें मॉनिग वॉक करते रहते हैं , फिर गार्डन में दूर चेयर पर कन्या को बैठे देखकर थोड़ी राहत महसूस करता है और दौड़कर जाता है ..

कन्या उस मेडिसिन की रैपर को हाथ में पकड़ी रहती है और सोच में पड़ी रहती है .. तभी संदीप की आवाज आती है, "सॉरी ... सॉरी मैं बहुत शर्मिन्दा हूं कन्या मैंने गुनाह किया है तुम्हारे साथ प्लीज़ माफ़ कर दो रूवावसी स्वर में कहता है ..??

कन्या अब उठती है चेयर से और संदीप के तरफ देखकर कहती हैं ,"आपकी गलती नहीं है संदीप गलती किसी और की है बस आप अपने पर काबू नहीं कर पाए ,और वो रैपर दिखाती है ..!!

संदीप वो रैपर देखकर गुस्सा में आ जाता हैं और जाने के लिए आगे बढ़ता है ,तो कन्या संदीप की हाथ पकड़ लेती है और कहती हैं..

कन्या ,"आप बताओ क्या हमारे बीच कल रात को जो भी कुछ हुआ ग़लत था..??

संदीप अब आंखें नीची किए चुप रहता है ..!!
कन्या फिर कहती हैं ,"शायद ग़लत होती जब मैं और आप शादी के बंधन में ना बंधे होते , हां शायद तब गलत होती जब हम एक-दूसरे से प्यार नहीं करते ,अब तक मेरी डर ने ही हमारे रिश्ते को आगे बढ़ाने नहीं दिया हर शादी के बंधन में पति-पत्नी का एक ये भी धर्म होता है जो कल रात हमारे बीच हुआ अब मुझे गलत नहीं लग रहा है प्यार करती हूं पूरे मन से अब कोशिश करूंगी की तन से भी आपको अपना प्यार दे सकूं..!!

संदीप अब आंखें उठाकर ये सब बात सुनकर आंखें नम होती है और कहता है सब ठीक है लेकिन तुम्हें दर्द हुआ ना ...??

कन्या फिर मुस्कुरा कर संदीप के सीने से लगते हुए कहती हैं ,प्यार में थोड़ा दर्द तो सहना होता है, है ना संदीप..?

संदीप अब कसकर गले लगते मुस्कुराते हुए कहता है हां ,पर थोड़ा सा ...!!

इस तरह अब संदीप और कन्या दोनों खुशी-खुशी अपनी रिश्ते निभाते हुए जीवन की शुरूआत करते हैं ...!!

समाप्त......