राजस्थान : रात का वक्त : मंदिर में एक लड़की दुल्हन के जोड़े में खड़ी थी । उमर करीब 19 साल । तीखे नैन नक्श , पतला सा चेहरा , गोरा रंग , सांचे में ढला शरीर , काली गहरी आंखें जो काफी सूज चुकी थी लेकिन फिर भी उसके चेहरे की सुंदरता कम नहीं हुई थी । उसने लाल रंग का लहंगा पहना हुआ था , जो काफी भारी था और उसके इर्द गिर्द जमीन पर घेरा बनाए हुए फैला हुआ था । सिर पर रखा लाल रंग का net वाला दुपट्टा जिसे pin up किया गया था । कमर में लगाया कमरबंद , कानों में लगाए लाल झुमके , हाथों में पहनी चूड़ियां , कलीरें , पैरों में पायलें और गले में पहना हुआ मोतियों का हार... उपर से हल्के मेकअप में वो लड़की बला की खूबसूरत नजर आ रही थी ।
बैरी पिया.... - 1
राजस्थान : रात का वक्त : मंदिर में एक लड़की दुल्हन के जोड़े में खड़ी थी । उमर करीब साल । तीखे नैन नक्श , पतला सा चेहरा , गोरा रंग , सांचे में ढला शरीर , काली गहरी आंखें जो काफी सूज चुकी थी लेकिन फिर भी उसके चेहरे की सुंदरता कम नहीं हुई थी । उसने लाल रंग का लहंगा पहना हुआ था , जो काफी भारी था और उसके इर्द गिर्द जमीन पर घेरा बनाए हुए फैला हुआ था । सिर पर रखा लाल रंग का net वाला दुपट्टा जिसे pin up किया गया था । ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 2
दक्ष ने संयम को बताया कि उस लड़की ने राठी को भगाने में मदद की थी तो संयम के स्क्रीन पर चलते हाथ रुक गए । और चेहरे के भाव गहरे हो गए । °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° फ्लैश बैक... : दो दिन पहले : शिविका एक खाली सड़क पर एक खाकी पुलिस कि कमीज और शॉर्ट्स पहने चली जा रही थी । तभी अचानक से उसे बोहोत सी गाड़ियों के चलने की आवाज़ें आने लगी । शिविका ने सामने देखा तो एकदम से एक गाड़ी में धमाका हुआ और वो गाड़ी हवा में उड़ गई । गाड़ी पूरी तरह से आगे ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 4
शिविका ने पंडित जी को प्रणाम किया और गठबंधन का कपड़ा और अपना लहंगा उठाए लंगड़ाते हुए मंदिर से उतर गई । शिविका गाड़ी में आकर बैठ गई जिसमे संयम पहले से ही बैठा हुआ था । उसके चेहरे पर अब फिर से कोई भाव नहीं थे । शिविका का लहंगा बोहोत भारी और फैलाओ वाला था जिस वजह से वो गाड़ी में बोहोत जगह घेर रहा था । हालांकि गाड़ी काफी बड़ी थी लेकिन फिर भी शिविका उस लहंगे के साथ ढंग से नहीं बैठी थी । ड्राइवर ने गाड़ी को चला दिया । संयम के चेहरे के ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 3
सीढ़ियों पर लड़खड़ाने की वजह से शिविका के पैर में मोच आ गई थी । शिविका ने अपने पेट रखे उस सख्त हाथ पर अपने दोनों हाथों को रख दिया । " कोई मेरे काम में दखल दे.... मुझे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं..... । इसने संयम का काम बिगाड़ा है तो सजा भी संयम ही देगा..... । किसी और को हक नहीं है.... " । बोलते हुए संयम ने शिविका की कमर में अपनी उंगलियां धंसाते हुए झटके से उसे अपनी ओर खींच लिया । । शिविका उसके सीने से जाकर टकराई । संयम की छुअन में शिविका सख्ती ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 5
संयम शिविका के नजदीक बढ़ने लगा तो शिविका पीछे की ओर जाने लगी । उसका सीना बोहोत तेज़ी से बाहर जाने लगा । संयम ने उसकी चेस्ट की तरफ देखा । शिविका ने उसकी नज़र देख ली थी । शिविका का दिल जोरों से धड़कने लगा । ।संयम ने शिविका की पीठ पर हाथ रखकर उसे अपने बेहद करीब खींच लिया । शिविका के हाथ उसके सीने पर चले गए । शिविका ने मुट्ठियां बनाई हुई थी । शिविका सहमी हुई सी उसे देखने लगी । संयम ने शिविका के होंठों को देखा । और फिर अपने होंठ उसके ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 6
शिविका ने लिफ्ट में आकर नीचे का बटन दबाया तो लिफ्ट आकर ग्राउंड फ्लोर पर रुकी । सुबह हो थी तो हर तरफ उजाला था और विल्ला के अंदर भी रोशनी आ रही थी तो सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था । रात के समय वो विला जितना खतरनाक दिख रहा था उतना डरावना अभी वो नहीं लग रहा था । शिविका नेे एक गहरी सांस ली और शिविका लिफ्ट से बाहर आ गई । जैसे ही उसने लिफ्ट से स्टेप आउट किया एक रेड लाइट से उसके आगे एक रास्ता बन गया । मानो शिविका को ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 7
संयम शिविका के सामने जूस का ग्लास पकड़े खड़ा था । सर्वेंट ने उसे मुंह पोंछने के लिए टिश्यू दिया तो शिविका ने मुंह साफ कर लिया ।संयम ने जूस का गिलास शिविका के होठों की ओर बढ़ा दिया । शिविका आंखें बड़ी करके उसे देखने लगी । " आप जबरदस्ती नहीं कर सकते.... । मुझे नही पीना है..... । मैं डायबिटीज की पेशेंट नही हूं..... और ना ही मुझे करेला पसंद है..... " बोलते हुए शिविका लगभग चिल्ला दी... । संयम ने गुस्से से उसे घूरा और फिर ग्लास को जमीन पर पटक दिया । शिविका ने आंखें ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 8
संयम शिविका को उठाए बाहर dining area में आ गया और उसे कुर्सी पर बैठाकर उसने हाथ से दो क्लैपिंग कर दी... । सर्वेंट् हाथ में एक बाउल उठाए हुए बाहर आया और उसने शिविका के सामने वो बाउल रख दिया । बाऊल को ढक्कन से ढका हुआ था । सर्वेंट हाथ बांधे पीछे खड़ा हो गया । संयम ने बाऊल के ऊपर से ढक्कन हटाया तो शिविका को उसमें से बहुत गंदी बदबू आने लगी । उसने अपनी नाक पर हाथ रख लिया ।संयम उसके पीछे खड़ा होते हुए उसकी चेयर के दोनों तरफ हाथ रखकर उसके कान ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 9
शाम का वक्त : संयम जब कमरे में वापिस आया तो उसकी नज़र सोफे पर सो रही शिविका पर गई ।शिविका की एक बाजू सोफे से नीचे लटक रही थी । संयम के कदम अपने आप ही उसकी ओर बढ़ गए । संयम ने उसे ठीक से सुलाया और कुछ पल देखकर वाशरूम की ओर चल दिया । संयम जब वापिस आया तो शिविका फिर से वैसे ही बाजू लटका कर सो रही थी ।" Silly girl " बोलकर संयम ने कुछ देर उसे घूरा और फिर कुछ सोचते हुए कमरे से attached स्टडी रूम में चला गया । ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 10
डॉक्टर ने शिविका की पट्टी कर दी तो संयम शिवाक्ष को गोद में उठाए बाहर निकल गया । शिविका मुड़कर केबिन की ओर देखती रही जहां से अभी भी डॉक्टर के चिल्लाने की आवाज आ रही थी । संयम ने उसे डाइनिंग टेबल पर बैठा दिया । बाहर के एरिया में वो सब आवाज़ें आनी बंद हो गई थी । वहां की हर एक दीवार साउंड प्रूफ लग रही थी । " Keep sitting here... " बोलकर संयम वापिस से लिफ्ट की ओर चल दिया । शिविका ने उसे जाते हुए देखा और फिर सोच में पड़ गई । ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 11
कुछ वक्त बाद रेत के टीलों के बीचों बीच आकर गाडियां रुकी । संयम बाहर निकल गया । शिविका बाहर निकली तो अब उस जगह को बिल्कुल साफ करवा दिया गया था । उस दिन जो कुछ भी यहां हुआ था उसका अब कोई निशान नहीं था ।शिविका ने इधर उधर नजरें दौड़ाई... । दक्ष भी गाड़ी से उतर कर आगे आ गया । संयम ने शिविका को देखा और उसके पास आकर उसकी कमर पर हाथ रखके बोला " कहां है..... ?? " ।अपनी कमर पर किसी का हाथ रखे जाने से शिविका थोड़ा घबरा गई । फिर ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 12
शिविका ने कुछ पल संयम को देखा और फिर डरते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया । संयम ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे झटके के साथ उठा लिया । शिविका ने संयम के कंधों को कसकर पकड़ लिया । संयम ने उसकी कमर थाम ली । सभी की नजरें अभी नीची थी । दक्ष को नही समझ आ रहा था कि गद्दारी करने में मौत से बत्तर सजा देने वाला संयम इतने आराम से शिविका से क्यों बात कर रहा था ।हालांकि दक्ष जानता था कि जिस लहजे में संयम बात कर रहा है वो कोई प्यार ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 13
राजस्थान :संयम के विला में एक private room में : संयम एक ब्लैक कलर की बड़ी सी आर्मचेयर पर के सामने बैठा हुआ था । उसने टेबल पर अपने पैर क्रॉस करके टिकाए हुए थे । और आंखें बंद करके उसमे सिर पीछे कुर्सी से लगाया हुआ था । उसके हाथ कुर्सी की arm पर tap करते हुए चल रहे थे । कमरे में लगभग 30 से 40 आदमी मौजूद थे लेकिन फिर भी संयम की उंगलियों के कुर्सी पर चलने की आवाज बोहोत क्लियर थी । या यूं कहें कि सिर्फ वही आवाज थी जो सुनाई दे रही ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 14
संयम जैसे ही बाथरूम में जाने लगा तो पीछे से कुछ गिरने की आवाज उसे आई । " क्या दिया... " बोलते हुए संयम ने पीछे मुड़कर देखा तो शिविका सोफे से नीचे गिर गई थी । वो आंखें छोटी करके देखने लगा ।शिविका नीचे बैठी अपना सिर सहला रही थी । संयम उसके पास आया और घुटनों के बल बैठते हुए बोला " are you trying to seek my attention..... " बोलते हुए उसने शिविका को बाजू से पकड़ा ।शिविका सहमी हुई सी उसे देखने लगी । संयम उसकी ड्रेस की स्ट्रैप को पकड़ कर उसके कंधे पर ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 15
संयम उठा और उसे पीछे से hug कर लिया । ।शिविका ने मुट्ठी कस ली । संयम के हाथ के कंधे से होकर उसकी बाजू पर उपर से नीचे की ओर फिसलते हुए उसके हाथों की मुट्ठियों तक पहुंच गए । फिर उसने अपने हाथों को शिविका के पेट पर लपेट लिया ।शिविका की सांसें मानो थम सी गई हो । ये संयम क्या करने लगा था । शिविका की टांगें कांपने लगी थी । संयम ने उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए । शिविका ने कसकर आंखें मिच ली और सिसकी भरी गहरी सांस ली ।संयम ने ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 16
संयम कपड़े पहनकर वापिस रूम में आया तो शिविका सोफे की बैक की ओर सिर करके लेटी हुई थी उसने अपना चेहरा सोफे में दबाया हुआ था । शिविका ने जब संयम के आने की आवाज सुनी थी तो अपनी मुठिया कसकर बांध ली और सोफे की सीट में ही चेहरा घुसा लिया था । उसे नींद नही आई थी और वो जागी हुई थी संयम ये बात जानता था । उसके पास आकर संयम उसके पांव को छूने लगा । शिविका को सिहरन सी होने लगी पर ना ही उसने अपनी आंखें खोली और ना ही कुछ बोला ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 17
संयम ग्लास विंडो से बाहर झांक रहा था । उसे वो दिन याद आया जब उसने पहली बार शिविका देखा था । संयम याद करते हुए यादों में खो गया । फ्लैश बैक... : शाम का वक्त :शाम का वक्त था और हल्का अंधेरा होने लगा था । संयम अपनी गाड़ी में बैठा दक्ष के वहां आने का इंतजार कर रहा था । घायल होने के बावजूद दक्ष एक डील करने गया हुआ था जो उनके illegal कामों से जुड़ी थी ।अक्सर इन डील्स में सामने रहने वाला चेहरा दक्ष का ही होता था । SK के नाम पर ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 18
अगली सुबह : संयम कमरे में आया तो शिविका सोई हुई थी । उसके बाल कुछ सोफे पर और उसके उपर बिखरे हुए थे । एक टांग उसने सोफे की बैक के उपर चढ़ाई हुई थी और सिर सोफे से नीचे लटकाया हुआ था । ।संयम के कदम सहसा ही उसकी ओर बढ़ चले । उसने उसके चेहरे के उपर से फूक मार कर बाल हटा दिए । शिविका ने चेहरे के उपर हवा में उड़ाया मानो मच्छर भगा रही हो फिर उसने अपने चेहरे पर हाथ रख दिया ।संयम ने सिर हिलाया और फिर वाशरूम चला गया । ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 19
संयम ने मास्क पहना और शिविका का हाथ पकड़कर मॉल के अंदर चला गया । शिविका भी बिना कुछ उसके पीछे अंदर चल दी । ।अंदर जाते ही सब लोग दोनो की तरफ देखने लगे । दोनो साथ में बोहोत क्लासी लग रहे थे । संयम ने किसी पर भी ध्यान नहीं दिया और शिविका को लिए लिफ्ट में चला गया । 5 फ्लोर पर आकर लिफ्ट रुकी । संयम और शिविका उससे बाहर निकल आए ।संयम " जो चाहिए खरीद लो...... " ।शिविका आगे जाने लगी तो संयम भी उसके पीछे चल दिया । शिविका रुकी और उसे ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 20
संयम ने मेन काउंटर पर आकर बिल पे किया तो 30000 का बिल आया था । शिविका ने उसकी हैरानी से देखा । उसने तो बस कुछ ही सामान और ड्रेसेज ली थी फिर इतना बिल कैसे आ गया । हालांकि वो पहले ही जानती थी कि वो मॉल काफी costly था । संयम शिविका को लेकर बाहर निकल गया । ड्राइवर ने bags गाड़ी में रख दिए थे । संयम ने शिविका को गाड़ी में बैठाया और दूसरी तरफ से आकर खुद गाड़ी में बैठने लगा ।संयम बैठा ही था और ड्राइवर दरवाजा बंद कर ही रहा था ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 21
कुछ देर बाद संयम की गाड़ी विला के बाहर आकर रूकी । संयम ने खींचकर शिविका को बाहर निकाला अंदर चल दिया । शिविका ने दुसरे हाथ से उसकी बाजू को कसकर पकड़ लिया और लगभग गिरते पड़ते हुए उसके पीछे चल दी ।अंदर एंटर करके संयम लेफ्ट को मुड़ गया और एक दरवाजा अनलॉक करके अंदर चला गया ।अंदर जाकर उसने शिविका को झटके से छोड़ दिया । कमरा अंधेरा सा था बस लाल रंग की रोशनी अंदर फैली हुई थी और उसी की रोशनी में कमरा दिखाई दे रहा था । और इलेक्ट्रिकल और लोहे का बोहोत ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 22
संयम ने कुछ देर उसे देखा और फिर कमरे से बाहर जाने लगा तो शिविका ने पूछा " उस आप ही ने बचाया था ना SK... ?? " ।संयम ने उसे देखा और बोला " hmmm.. " । फिर वहां से बाहर निकल गया । शिविका उठकर बैठ गई । और बंद हो रहे दरवाजे को देखने लगी । जितना बुरा वो संयम को समझ रही थी असल में वो उतना भी बुरा अब उसे नहीं लग रहा था । जब वो उसके लिए बिल्कुल अनजान थी उस वक्त संयम ने उसकी मदद की थी जो कि आज के ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 23
" may i sit here..... ?? " पूछते हुए विनय ने शिविका के बगल वाली चेयर पर हाथ रखा " Sure.... " शिविका ने नॉर्मली कहा । तो विनय बैठ गया ।विनय ने ड्रिंक का ग्लास शिविका की ओर बढ़ाया । शिविका ने ग्लास नही लिया । " No thanks... " बोलकर शिविका उठकर वहां से चली गई । विनय मुंह खोले उसे जाता देखता रहा । तरुण हंस दिया । " No doubght... वो संयम के साथ क्यों है... " बोलते हुए उसने बची हुई ड्रिंक एक ही घूंट में पी ली । और दूसरी लेने चला गया ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 24
अगली सुबह : शिविका उठी तो अपने आप को कंबल से कवर पाया । वो उठकर वाशरूम गई और कपड़े लेकर बाथरूम में नहाने चली गई । बाहर आई तो सोफे पर एक बैग रखा हुआ था ।शिविका ने देखा तो उसमे एक फोन का बॉक्स था । शिविका ने बॉक्स खोला और फोन निकाला । साथ ही एक सिम कार्ड भी रखा हुआ था । शिविका ने देखा तो पास ही में एक 5 लाख का चेक भी रखा हुआ था । संयम ने उसे दो कार्ड्स दिए थे । शिविका को उस वक्त ये खयाल ही नहीं ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 25
शिविका जैसे ही गाड़ी से बाहर निकली तो एक लड़का उसके बिल्कुल सामने आकर खड़ा हो गया और उसे हुए अजीब सा हंसकर देखने लगा । फिर उसके दोनो तरफ गाड़ी पर उसने हाथ टिका दिए । शिविका उसे घूरकर देखने लगी । लड़के से शिविका का हाथ पकड़ लिया । तो शिविका ने झटकेेे के साथ हाथ छुड़ा़ा लिया । लड़के ने फिर कसकर हाथ पकड़ा और दूर ले जाने लगा तो शिविका ने एक एक हाथ पीछे गाड़ी पर टिकाया और उछलकर एक किक लड़के को दे मारी । लड़का लड़खड़ा कर तीन चार कदम पीछे गिर ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 26
संयम ने शिविका को गोद में उठाया और गाड़ी में बैठाकर निकल गया । दक्ष ने लड़कों को घूरा फिर बाहर खड़ी गाड़ियों के कांच तोड़कर सड़क पर बिछा दिया और उन लोगों को रस्सी से गाड़ी में बांधकर दक्ष ने गाड़ियां चलवा दी । सड़क पर खून ही खून फ़ैल गया । दक्ष ने ये सब देखा पर एक पल को भी पलक नही झपकाई । उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं आए । लड़कों की चीखें उसके कान में पड़ी तो दक्ष गाड़ी लेकर वहां से निकल गया ।वहीं दूरबीन पकड़ी तनीषा ने जब ये देखा तो ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 27
अगली सुबह : संयम और शिविका एक दूसरे से लिपटे हुए सो रहे थे । संयम के चेहरे पर सा था । उसकी आंख खुली तो शिविका अभी भी उसकी बाहों में ही सो रही थी । उसने एक टांग संयम के उपर चढ़ा रखी थी । और अपना चेहरा उसने संयम के सीने पर छुपाया हुआ था । । उसका प्लास्टर वाला हाथ अभी भी संयम के गले में था । संयम थोड़ा सा move हुआ तो शिविका भी थोड़ा सा move हो गई और संयम के सीने पर उसके होंठ स्लाइड हुए । संयम को एक अजीब ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 28
शाम का वक्त : शिविका कमरे में यहां से वहां घूमे जा रही थी । आज दोपहर में दरवाजे पास खड़े होकर उसने देखा कि दरवाजा नहीं खुला तो वो समझ गई कि संयम उसे नही देखा रहा था । तभी दरवाजा उसके एक बार जाने पर भी नहीं खुला । और उस मौके को देखते हुए वो संयम के स्टडी रूम में चली गई थी ।° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 29
शिविका दिमाग में एक बात आई तो वो संयम को देखने लगी । दरवाजा खुल और बंद हो रहा मतलब संयम इतनी देर से सब कुछ देख रहा था और दरवाजे को खोल भी रहा था । तो उसने अब तक कुछ किया क्यों नहीं !!! । सोचते हुए शिविका उसे बुरी तरह से घूरने लगी ।क्या संयम जान बूझ कर ये सब होने दे रहा था । क्योंकि अगर वो चाहता तो रोक सकता था । " आप जान बूझ कर ये सब होने दे रहे थे । ?? " शिविका ने पूछा तो संयम ने तिरछा मुस्कुरा ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 30
कुछ देर बाद संयम कमरे में वापिस आया तो उसके हाथ में हॉट वाटर bag और डार्क चॉकलेट्स थी शिविका उसे देखने लगी । संयम उसके पास आया और उसे बेड पर लेटा दिया फिर उसके पेट पर hot water bag रख दिया ।संयम ने चॉकलेट बॉक्स खोला और एक पीस शिविका को खिला दिया । शिविका की धड़कने तेज थी । एक बोहोत ही प्यारा सा एहसास उसे संयम के साथ होने लगा था । शिविका ने संयम को देखा और पूछा " क्या आप किसी लेडी सर्वेंट को हायर नहीं कर सकते.... ??? " ।संयम ने बिना ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 31
शिविका को हैरानी नहीं हुई क्योंकि वो जानती थी कि संयम अब यही करने वाला था । क्योंकि वो जल्दी में उसका हाथ पकड़कर उसे लिफ्ट की ओर लाया था ।उसने शिविका को कमर से lift up किया तो शिविका ने उसकी कमर पर पैर लपेट लिए... । संयम ने उसे कमर से एक हाथ से होल्ड कर लिया और दूसरे हाथ को उसके बालों में फेरने लगा । दोनो की आंखें बंद हो चुकी थी ।लिफ्ट का दरवाजा खुला तो संयम उसे लेकर लिफ्ट से बाहर आ गया । शिविका ने पिंक कलर का स्लीवलेस और स्ट्रैप वाला ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 32
संयम ने उसकी आंखों में झांकते हुए बोला " तुम जानती हो कि गद्दारी नहीं चाहिए मुझे.... । हमारी काफी बढ़ चुकी हैं... और अब मैं नही चाहता कि तुम किसी और के जरा से भी करीब जाओ.... " ।शिविका उसकी आंखों में देखने लगी तो संयम की आंखों में एक determination था.. । वो जो कह रहा था उसको सिर्फ बोलने के लिए नहीं कह रहा था । शिविका ने सिर हिला दिया और बोली " हमारी नजदीकियां खास है मेरे लिए... । ये चाहत नही थी पर अब लगता है कि आदत बन गई है... । किसी ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 33
शिविका ने फोन की स्क्रीन को देखा तो फोन उठा लिया । संयम " कौन है ये... ??? " " ये डॉक्टर हैं... । " ।संयम " और तुम्हे इससे क्या काम... ?? " ।शिविका " एक पेशेंट हैं जिसको ये देख रहे हैं... । उसकी रिपोर्ट्स मुझे देते रहते हैं.... " ।संयम " ऐसा कुछ मत करना जो तुम पर भारी पड़े... । तुम्हे आज़ादी दी है तो गलत इस्तेमाल मत करना.... " शिविका ने सिर हिला दिया । फोन उठाने लगी तो कॉल कट गया । शिविका ने वापिस कॉल कर दिया । फोन उठा तो शिविका ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 34
विला में शिविका का दम घुटने लगा तो वो जोरों से चिल्ला दी और उसकी चीख विला में गूंजने । शिविका अपने घुटनों को समेटे दीवार से पीठ टिकाकर बैठ गई । उसका रोना अब सिसकियों में बदल चुका था । उसकी आंखें लाल पड़ चुकी थी पर अभी भी उनसे आंसुओं की बूंदें बहे जा रही थी । ।शिविका ने अपनी हथेलियों से अपनी गाल से बहते आंसू को साफ किया और हिम्मत करके खड़ी हो गई ।फिर गैलरी से जुड़े चारों दरवाजों को देखने लगी । । एक-एक करके शिविका चारों दरवाजों के पास गई । । ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 35
अब तक :शिविका ने उसे hug कर लिया । संयम एक हाथ जेब में डाले और दूसरे हाथ से बाजू को पकड़े खड़ा रहा ।शिविका " आप क्यों मेरे साथ हैं... ?? आप क्यों मुझे बचाते हैं... ?? आपको तो मुझसे कोई मतलब भी नहीं है... और आपको तो मुझसे कोई प्यार भी नही है... । तो फिर क्यों.... ?? क्या आप भी अकेले हैं इसलिए मुझे साथ रखा है... ?? " । शिविका ने बोहोत मासूमियत से रूआंसा हुई आवाज में पूछा ।संयम कुछ नही बोला ।शिविका " बोलिए ना..... । " संयम उसे पकड़कर बाहर ले जाते ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 36
संयम ने जेब में हाथ डाले और बोला " नरेन कौन है... ??? " ।शिविका ने सुना तो संयम देखने लगी । शिविका मन में " इन्हें कैसे पता नरेन के बारे में... । क्या कल रात मैने कुछ बोला था क्या.. ?? " ।संयम ने उसे खोए हुए देखा तो बोला " ज्यादा सोचो मत... जो पूछा है उसका जवाब दो... । नरेन कौन है.... ?? " । शिविका बुझी हुई आंखों से फ्लोर को घूरने लगी फिर बोली " काश आपको बता पाती । पर शायद जिस रिश्ते में हम बंधे हैं वो रिश्ता ऐसा है ही ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 37
अब तक:शिविका काफी देर तक संयम से लिपटी सिसकती रही । संयम ने उसे खाना खिलाया और पानी पिलाकर चेहरा साफ किया फिर दवाई का बॉक्स निकाला और शिविका के ज़ख्मों पर मरहम लगा दिया । मरहम लगाते हुए संयम देख सकता था कि उसके दिए जख्म शिविका के लिए कितना दर्द देने वाले निशान बन चुके थे । संयम ने उसे दवाई दी और बेड पर लेटाकर.... खुद वहां से बाहर निकल गया ।दवाई के असर से शिविका को लेटते ही नींद आ गई । ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 38
अब तक :संयम वापिस से सोफे पर बैठा और पैर सामने टेबल पर चढ़ा लिए । फिर आंखें बंद सीटी बजाने लगा । उसका टोन बोहोत अजीब सा था । मानो कोई डेविल के लिए वो सीटी का टोन डिजाइन हो... । उसी सीटी की धुन के साथ संयम की उंगलियां टेबल पर बजने लगी जो माहोल को और भी एविल बना रही थी ।° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ° ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 39
शिविका " आपने kiss फीलिंग की बात की.. ?? हमारे बीच क्या फीलिंग है.. ?? "। संयम " कुछ है बटरफ्लाई.. वर्ना रात को इतने प्यार से तुम मुझे खाना नहीं खिलाती... " । बोलकर संयम ने शिविका के होंठों को चूम लिया । इस बार भी शिविका ने रिस्पॉन्स नहीं किया लेकिन इस बार संयम ने kiss बीच में नहीं छोड़ा । शिविका को सांस लेने में दिक्कत न होने तक वो उसे पैशनैटली kiss करता रहा ।अब आगे : Kiss के बाद जब संयम ने शिविका को छोड़ा तो शिविका बोली " एक बात पूछूं... ?? " ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 40
शिविका हाथों को सिर पर रखे और आंखें बंद किए जोरों से चीख दी । ।सामने ताबूत में डॉक्टर लाश थी । जिसपर जगह जगह कीलें लगी हुई थी । खून उसकी बॉडी में पूरी तरह से सूख चुका था । आंखें बाहर को निकल आई थी । उसकी हालत देखकर कोई भी सहम सकता था । और यही हाल इस वक्त शिविका का था । उसकी सांसें बोहोत तेज़ चल रही थी । उसे लगा मानो अब दिल धड़कना ही बंद कर देगा । वो कांपने लग गई थी ।तभी एक दरवाजा खुला और उस दरवाजे से दक्ष ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 41
अब तक : संयम उसकी ओर घुमा और उसे गले लगाते हुए बोला " मेरा इस दुनिया में कोई है शिविका... i am all alone in this world... " ।शिविका ने उसके सीने में सिर छुपाते हुए कहा " मेरा भी इस दुनिया में कोई नहीं है संयम... । मैं भी अकेली हूं... " बोलते हुए शिविका फूटकर रो पड़ी ।संयम उसके बाल सहलाने लगा और फिर बोला " छानबीन करने का शौक था ना... तो कर ली छानबीन.... !! हो गई तसल्ली या फिर से उन लाशों के ढेर में जाना चाहती हो.... " ।शिविका ने जल्दी से ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 42
अब तक : लड़के उसे घूरते हुए देखकर हंसने लगे । एक लड़का बोला " नहीं कर पाएगी चुप से खुद से इधर आजा । ज्यादा कुछ नहीं करेंगे और छोड़ भी देंगे ।लेकिन अगर हमने खुद पकड़ लिया ना तो उम्मीद करना कि तुम्हे जीने लायक भी छोड़ेंगे " ।उसकी बात सुनकर पाखी जोरों से हंसने लगी । उसके चेहरे पर दर्द वाली हंसी की झलक साफ देखी जा सकती थी । उसे इस तरह से हंसता देखकर सब लड़के हंसना बंद हो गए ।अब आगे : अपना अतीत बताते हुए शिविका का गला रूँझ गया । उसने ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 43
अब तक :संयम शिविका को गोद में लिए सोफे पर बैठ गया और फोन में फोटोज दिखाते हुए बोला क्या ये वहीं हैं.. जो तुम्हारी बहन की मौत के जिम्मेदार हैं... ?? " ।शिविका ने फोटोज देखी और फिर संयम को देखने लगी । शिविका ने सिर हिला दिया ।संयम " कल सुबह तक ये लोग मेरी इस जेल में शामिल हो जायेंगे... " ।शिविका की आंखों में नमी भर आई ।अब आगे :संयम ने शिविका को उठाया और हाथ में एक सेंसर लेकर उसपे शिविका के हाथ की उंगलियों की छाप ले ली ।शिविका असमंजस में उसे देखने ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 44
अब तक : शिविका सोच ही रही थी कि इतने में एक जोर दार धमाके की गूंज उसे सुनाई । उसके नीचे की जमीन हिलने लगी । शिविका जल्दी से नीचे बैठ गई और कानों पर हाथ रख दिया । अब आगे : कुछ सेकेंड्स बाद उसे लग रहा था मानो उसके कान में कोई धुन बज रही हो.. । जो धमाके से उसके कान में होने लगी थी । शिविका ने दरवाजे को देखा और फिर खोलकर अंदर जाने लगी । जैसे ही दरवाजा खोला तो अंदर से धुआं बाहर आने लगा । कमरे की दीवारें लाल थी.. ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 45
शिविका ने देखा तो सामने वही लड़के थे जो उसके परिवार की मौत के जिम्मेदार थे । शिविका हैरान वहां खड़ी रही । सामने से गुजर रहे लड़के की नजर जब शिविका पर पड़ी तो वो उसे घूरने लगा और खुद से बोला " शिविका चौधरी... " ।शिविका की नजरें उससे मिली तो उसने अपनी मुट्ठी कस ली । शिविका उसकी ओर आगे बढ़ गई । इस लड़के का नाम पारस था । जो पाखी को छेड़ने वाले लड़कों का हेड कहा जा सकता था । इसी ने उसके कपड़े फाड़े थे और उसके जिस्म पर दांतों से निशान ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 46
नरेन दुबे जी के सामने से गुजरते हुए उनकी ओर देख कर कहता है " क्यों उलझते हैं दुबे । जानते तो है कि जीत आप उससे कभी पाएंगे नहीं... और हारने मैं उसको दूंगा नहीं... ( कंधा थपथपाते हुए ) इतनी बार मुंह की खा चुके हैं फिर भी क्यों उलझने चले आते हैं । रहने दीजिए ना अपनी धुन में.... । आपका क्या जा रहा है । उसके अपने हैं संभालने के लिए । मैं हूं देखने के लिए आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है... । " ।बोलकर नरेन भी बाहर निकाल जाता है ।दुबे जी ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 47
शिविका जाने लगी तो om prakash ne उसका हाथ पकड़ लिया ।" अरे कहां उड़ चली... चिड़िया... । तेरे अब कुतर दिए जा चुके हैं और बचे खुचे पंखों को अब मैं काटने वाला हूं... । हा हा हा.... " बोलते हुए om prakash उसे अपनी ओर खींच लिया ।शिविका जाकर उसके सीने से टकरा गई ।आदमी शिविका की उम्र से दुगने से भी काफी बड़ा था । और उपर से गठीले और शक्तिशाली बदन का स्वामित्व उसके पास था । शिविका उसका मुकाबला नहीं कर सकती थी । Om prakash ने अपनी बाहों में शिविका की कमर को ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 48
दुबे के फोन पर मैसेज आया तो वह मैसेज चेक करने लगा । मैसेज देखकर ना जाने क्यों उसके पर एक हल्की सी स्माइल आ गई और एक उम्मीद सी जगी ।शिविका की लगातार सुनाई दे रही चीखें उसके सीने को मानो चीर सा रही थी ।दुबे से रहा नहीं गया तो वो जल्दी से दरवाजा खोलकर अंदर चला गया ।सामने देखा तो शिविका जमीन पर लेटी हुई थी और ओमप्रकाश उसके ऊपर । उसने बेरहमी से शिविका के दोनों हाथों को उसके दोनों ओर अपने हाथों से जकड़ा हुआ था और जमीन से लगाया हुआ था ।अपना चेहरा ...और पढ़े
बैरी पिया.... - 49
अब तक :पहले से ही चोटिल लड़कों की दर्द भरी चींखें निकलने लगी । शिविका बेतहाशा उन लोगों को लगी । एक एक पल में बसे दर्द का हिसाब आज उसे लेना था ।वो हर एक दर्द भरी सांस जो उन लोगों ने उस दहशत भरे माहौल में ली थी उन सब का बदला आज इन लड़कों को दर्द भरी सांसों से लेना था ।कमरे में खड़े गार्ड्स शिविका को उन लड़को को मारते हुए देखते रहे ।संयम भी दरवाजे पर खड़ा शिविका का रूद्र रूप देखे जा रहा था । भले ही उस पर शिविका जैसा दर्द बीता ...और पढ़े