बैरी पिया.... - 56 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 56


अब तक :


सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भी जाता है... । दिमाग खराब है तो इसमें इसकी कोई गलती नहीं है लेकिन घर के गार्ड्स इसे कई बार बिना बात के भी मारते हैं... । मानो अपना गुस्सा निकाल रहे हों... " ।।


शिविका ने सुना तो उसकी आंखों में नमी आ गई । वो बाहर दरवाजे के पास आई और बाहर उस लड़के को देखने लगी । जो फूलों की झाड़ियों के पास अपने घुटने समेटे हुए जाकर बैठ गया था । उसके कपड़े भी बोहोत फटे पुराने से थे ।


वो दिमागी तौर से बीमार था और उसके साथ ऐसा सुलूक किया जाता था ये जानकर शिविका के दिल में उसके लिए हमदर्दी सी हो चुकी थी ।



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अब आगे :


शिविका सोच में ही थी कि इतने में एक गाड़ी अंदर आकर पार्क हो गई । सर्वेंट सामान लिए गाड़ी से बाहर निकला ।


फिर शिविका के पास आकर बोला " मैम आपका सामान.. । शिविका ने बैग्स को देखा और फिर उससे bags को ले लिया ।


बैग्स लिए शिविका कमरे की ओर चल दी ।
उपर आकर शिविका ने देखा तो मोनिका वहां नही थी ।


शिविका खुद से बोली " चली गई क्या... ?? " ।


कहकर शिविका ने बैग्स bed पर रख दिए ।
शिविका ने वाशरूम और बाथरूम में देखा पर वहां पर भी मोनिका नही थी । शिविका बालकनी में आई तो नीचे लॉन में उसे मोनिका दिखाई दी ।


शिविका ने एक झलक उसे देखा और फिर अपने काम में लग गई ।


शाम का वक्त :


संयम घर आया तो सीधा अपने कमरे की ओर चल दिया । अपने कमरे में संयम ने एंटर किया तो सामने नाइट स्टैंड पर कैंडल्स जल रही थी ।


कमरे के कोनो में दिए जलाए हुए थे ।


संयम जेब में हाथ डाले सब देखने लगा । एक सोंधी सोंधी सी खुशबू उसे आ रही थी । तभी चेंजिंग रूम से शिविका बाहर निकली । गुलाबी साड़ी , खुले बाल , साड़ी से झांकती पतली कमर और प्यारा सा चेहरा.. । संयम की आंखें उसे निहारने में बोहोत लगन के साथ लगी हुई थी ।


शिविका ने संयम की ओर देखा तो उसने ब्लैक कलर का बिजनेस सूट पहना हुआ था जिसका कोट उसने बाजू पर होल्ड किया हुआ था । शिविका ने ओर कदम बढ़ा दिए ।


फिर उसके पीछे जाकर दरवाजा बंद कर दिया । संयम एक आईब्रो ऊपर उठाए सब नोटिस कर रहा था ।


शिविका में लाइट्स ऑन कर दी । अचानक से लाइट्स ऑन होने से संयम की आंखें गहरी हो गई । हर तरफ तेज रोशनी थी । संयम ने कमरे को देखा तो सारे बल्ब बदले जा चुके थे । डार्क शेड के परदे भी अब ग्रीन कर्टन्स से बदल दिए गए थे । ब्लैक बेड शीट की जगह अब red bed sheet बिछा दी गई थी ।


संयम ने जेब में ही मुट्ठी कस ली और फ्लोर की ओर नजरें गड़ा ली ।


शिविका उसके सामने आई और बोली " जिंदगी सिर्फ दो रंगों की नही होती संयम.... । और भी रंग हैं.. । आपकी तरह मेरे पास भी अपना कोई नही है... । तो क्यों न एक दूसरे की बेरंग जिंदगी ने रंग भर दें... । " ।


संयम ने आंखें बंद की और पूछा " तुमसे किसने कहा ये सब करने के लिए ?? " ।


शिविका " किसी ने नहीं... । पर आपका अंधेरे में रहना मुझे अच्छा नही लगता... । " शिविका ने इतना कहा ही था कि संयम ने झटके के साथ उसे अपनी ओर खींचा और दांत पीसते हुए बोला " मुझे प्यार है अंधेरे से समझी... । और तुम कौन होती हो.. अपनी पसंद और न पसंद मुझपर थोपने वाली... । मेरी जिंदगी में शामिल हुई हो तो बस वहीं तक रहो... मुझे बदलने वाली बनने की कोई जरूरत नहीं है... । समझी.... " बोलकर संयम ने शिविका को छोड़ा और पीछे की ओर धक्का दिया । शिविका जाकर कॉफी टेबल से टकरा गई और उसके सिर में चोट लग गई । शिविका बेहोश हो गई और संयम वहीं खड़ा उसे गुस्से से घूरने लगा ।


तभी संयम को चुटकी बजने की आवाज सुनाई दी । उसने आंखें खोल दी । फिर सामने खड़ी शिविका को देखा । संयम बेड कीीी ओर चला गया । उसने बेड पर अपना कोट रखा और अपनी टाई को लूज कर दिया ।


संयम ने गुस्से से बढ़ी अपनी सांसों पर काबू पाया और शिविका को झटके से अपनी ओर खींच लिया । शिविका के हाथ संयम के सीने पर चले गए । संयम ने उसके बालों को पीठ से हटाया और उसकी गर्दन पर kiss करने लगा । शिविका ने गर्दन स्ट्रेच कर ली । और संयम की kiss को फील करने लगी । संयम की kiss इस वक्त काफी हार्ष थी... । वो बोहोत तेज़ काट रहा था ।


शिविका की आह निकल गई तो संयम काटी हुई जगह पर lick करने लगा ।


फिर शिविका के चेहरे को देखते हुए बोला " जिंदगी में बदलाव भी जरूरी है.... । पसंद नहीं है.. पर तुमने किया है तो ठीक है.. । पर फिलहाल ये लाइट्स ऑफ करनी होंगी... ।


बोलकर संयम स्विच की ओर गया और गुस्से से स्विच ऑफ कर दिए। कमरे में फिर अंधेरा हो गया । अब सिर्फ मोमबत्ती और दियों की रोशनी थी ।


संयम ने शिविका को गोद में उठाया और जकड़ बेड पर लेटा दिया । फिर अपने जूते उतारे और बेड पर उसके उपर आ गया ।


शिविका तेज तेज सांसें लेते हुए उसे देखने लगी । संयम ने साड़ी का पल्लू हटा दिया । और शिविका को बेतहाशा चूमने लगा । कुछ ही देर में उसने शिविका को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया ।



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अगली सुबह :


शिविका उठी तो देखा उसकी साड़ी बिखरी पड़ी थी । संयम कमरे में नही था । शिविका के गाल सुर्ख गुलाबी हो गए । शिविका उठी और साड़ी समेटी फिर फ्रेश होकर t shirt और lower पहन लिया ।


शिविका नीचे आई तो सब लोग नाश्ता कर रहे थे ।
संयम head chair पर संयम बैठा था और उसके एक तरफ वाणी जी वहीं दूसरी तरफ की कुर्सी खाली थी । शिविका उस ओर बढ़ी तो उससे पहले मोनिका आकर वहां बैठ गई ।


विक्रम ने उसे देखा तो अपने बगल की कुर्सी शिविका के लिए खिसका दी । राज , मीरा और प्रियल ने मोनिका को देखा तो नजरें घुमा ली । मानो कोई भी उसके साथ बात करके अपना दिन खराब नही करना चाहता था ।


शिविका आकर विक्रम के बगल में बैठ गई । विक्रम की नजर शिविका की गर्दन पर पड़ी तो लव बाइट का निशान देखकर उसने नजरें घुमा ली ।


सबने नाश्ता किया तो संयम उपर कमरे की ओर जाने लगा । मोनिका उसके पीछे चल दी ।


मनीषा ने शिविका की ओर देखा तो शिविका उन दोनो को ही देखे जा रही थी । शिविका उठी और उनके पीछे उपर चल दी ।


थर्ड फ्लोर पर पहुंचकर मोनिका ने संयम को पीछे से hug कर लिया । संयम अपनी जेब में हाथ डाले खड़ा हो गया ।


मोनिका उसके सीने पर हाथ फेरने लगी । संयम शांत खड़ा रहा ।


मोनिका ने उसे अपनी ओर घुमाया और उसकी गर्दन पर एक तरफ हाथ रखकर दूसरी तरफ kiss कर दिया ।


संयम " मोना.. स्टॉप.... । हालात बदल चुके हैं... " ।


मोनिका " संयम... इससे पहले भी हम कभी नजदीक नही आए । और तुमने उस लड़की से शादी कर ली.. । मुझे हालातों से फर्क नही पड़ता... । Now i just want you... " बोलकर मोनिका संयम के बेहद करीब खड़ी हो गई और आंखें बंद करके उसके होंठों की ओर होंठ बढ़ा दिए ।


इससे पहले कि मोनिका के होंठ संयम के होंठों को छूते... शिविका ने दोनो के होंठों के बीच में हाथ रख दिया । मोनिका के होंठ शिविका के हाथ पर लगे तो उसने आंखें खोल दी ।


शिविका ने संयम और मोनिका को एक दूसरे से दूर किया और उनके बीच में खड़ी होते हुए मोनिका से बोली " come on sister in law... । ऐसे इतने नजदीक थोड़ी आते हैं... " ।


मोनिका ने अपने लिए सिस्टर इन लॉ सुना तो शिविका को उंगली दिखाते हुए बोली " how dare you to call me that... " ।


शिविका " अब आप संयम की इतनी पुरानी दोस्त हैं तो मेरी तो ननद हुई ना... । क्योंकि दोस्ती मैं हर किसी से करती नही हूं... इसलिए आपको अपना दोस्त नही कहूंगी " ।


मोनिका " मुझे तुम्हारी दोस्ती चाहिए भी नहीं... " ।


शिविका " तो मेरे पति का प्यार पाने की उम्मीद भी आप छोड़ दीजिए... । अपनी जिंदगी में आगे बढ़िए... " ।


मोनिका " don't teach me what to do or what not to do... " ।


शिविका ने संयम का हाथ पकड़ा और उसे लेकर कमरे की ओर चल दी । शिविका ने संयम को कमरे के अंदर छोड़ा और वापिस से दरवाजे के पास आकर खड़ी हो गई फिर बोली " हमे क्वालिटी टाइम चाइए.... So please do not disturb sister in law..... " । बोलकर शिविका ने दरवाजा बंद कर दिया ।
मोनिका ने मुट्ठी बना ली और दरवाजा खटखटाने लगी ।


शिविका ने संयम को अपनी ओर घुमाया और बोली " आप उनको किस लेने से रोके क्यो नहीं.... ?? अगर आपको kiss चाहिए तो मुझसे मांगते ना.... । आप उनको क्यों नजदीक आने दे रहे हैं... ?? " ।


संयम ने शिविका को अपने करीब खींचा और बोला " तो दो kiss... " बोलकर संयम ने आंखें बंद कर ली ।


शिविका ने संयम के गाल पर हाथ रखा और अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ लिए । धीरे धीरे संयम ने किस को बोहोत passionate बना दिया । शिविका की सांस फूलने लगी तो संयम ने उसे छोड़ दिया । फिर शिविका के माथे पर kiss करके बाहर निकल गया । शिविका मुस्कुरा दी ।


शिविका भी उसके पीछे बाहर आ गई । मोनिका नीचे हॉल में ही गुस्से में यहां से वहां घूमे जा रही थी ।


संयम जेब में हाथ डाले घर से बाहर निकल गया । संयम संयम बोलते हुए मोनिका भी उसके पीछे जाने लगी तो शिविका ने कहा " bye bye sister in law.... फिर आइएगा... " ।


मोनिका ने सुना तो शिविका को उंगली दिखाकर गुस्से से बाहर निकल गई ।

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