बैरी पिया.... - 27 Anjali Vashisht द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 27

अगली सुबह :


संयम और शिविका एक दूसरे से लिपटे हुए सो रहे थे । संयम के चेहरे पर सुकून सा था । उसकी आंख खुली तो शिविका अभी भी उसकी बाहों में ही सो रही थी । उसने एक टांग संयम के उपर चढ़ा रखी थी । और अपना चेहरा उसने संयम के सीने पर छुपाया हुआ था । ।

उसका प्लास्टर वाला हाथ अभी भी संयम के गले में था । संयम थोड़ा सा move हुआ तो शिविका भी थोड़ा सा move हो गई और संयम के सीने पर उसके होंठ स्लाइड हुए । संयम को एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी और सिहरन सी दौड़ गई । उसने गहरी सांस लेकर खुद को शांत किया । फिर उसने सिर हिलाया और शिविका के चेहरे को अपने सामने कर देखने लगा ।


शिविका किसी मासूम से बच्चे की तरह लग रही थी । संयम ने उसके चेहरे पर लगाई bandage पर हाथ फेरा । शिविका ने नींद में ही आंखें कसकर बंद कर ली और सिसकी ली । संयम ने हाथ हटा लिया और अपने गले से शिविका का हाथ हटाकर उसे बेड पर से आराम से उठाया और वापिस से सोफे पर लेटा दिया । फिर कुछ पल उसे देखकर वो वाशरूम की ओर चला गया ।


वो नही चाहता था कि शिविका को पता चले कि वो रात को उसके बेड पर थी । शायद इसीलिए उसने सुबह होते ही उसके उठने से पहले ही उसे सोफे पर लेटा दिया ।


बाहर आकर उसने शिविका को देखा जो अभी मुंह खोले सो रही थी । संयम उसके पास गया और उसके उपर थोड़ा झुककर उसका मुंह बंद कर दिया । फिर जैसे ही वो सीधा हुआ तो शिविका ने फिर से मुंह खोल दिया ।


संयम ने सिर हिलाया और गहरी सांस लेकर वहां से बाहर निकल गया ।


संयम नीचे आया तो दक्ष भी सामने से कमरे से निकला । रात भर पीते हुए वो वहीं पर सो गया था और अभी बाहर आ रहा था । संयम ने उसे देखा तो दक्ष ने उसे दांत दिखा दिए । संयम जेब में हाथ डाले उसकी ओर बढ़ गया और बोला " दक्ष... जहां तक मुझे याद है.. आज से डिलीवरी शुरू है... " ।


दक्ष ने अपना सिर झटका और बोला " yes SK... i am going.... " ।

संयम उसकी लड़खड़ाते चाल को देखते हुए " ऐसे...... ??? " ।

दक्ष ने खुद को देखा और बोला " ऐसे नहीं..... नहाके जाऊंगा SK.... । "

Good.... " संयम बोला और बाहर जाने लगा तो दक्ष बोला " SK... " ।


संयम रुक गया । दक्ष उसके सामने आकर उसकी शर्ट को गौर से देखने लगा । संयम उसे घूरने लगा ।


" What are you doing.... " संयम ने गहरी आवाज में पूछा... ।


" Doing nothing SK... पर आपके सीने पे लाल निशान क्यों है.. कोई काटा है क्या... ?? चींटी.... ?? " दक्ष ने शर्ट की ओर प्वाइंटआउट करते हुए पूछा ।


संयम ने अपनी शर्ट को हटाकर सीने पर देखा तो उसपर red मार्क्स थे जो शायद शिविका की लिपस्टिक से लगे थे ।


पर दक्ष नशे में था तो उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या था ।

संयम की आंखों में शिविका का चेहरा घूमने लगा । हल्की मुस्कान उसके होठों पर तैर गई ।


" Its nothing..... " बोलकर संयम ने उसे साइड किया और बाहर निकल गया ।


दक्ष ने अपना सिर खुजाया और बाहर निकलने लगा पर फिर लड़खड़ा गया तो एक बॉडीगार्ड ने उसे संभाल लिया । दक्ष ने उसे आंखें छोटी करके घूरा और फिर उसे दूर करते हुए बोला " तुम्हे क्या लगता है मुझे चढ़ी हुई है.. ?? मुझे बिल्कुल नही चढ़ी... । ठीक हूं मैं... । संभालोोो मतत...... " उसने इतना कहा ही था कि उसके बाद उसने उल्टी कर दी ।


बॉडीगार्ड हाथ बांधे खड़ा हो गया । दक्ष ने मुंह पर हाथ फेरा और वहां से आगे निकल गया ।


" लगता है ज्यादा हो गई... " बोलते हुए दक्ष गाड़ी में बैठा और निकल गया ।


वही शिविका की जब नींद खुली तो वो सोफे पर आड़ी तिरछी सो रही थी । उसने अंगड़ाई लेनी चाही तो अपने हाथ में उसे दर्द सा महसूस हुआ ।
शिविका उठी और अपना फोन देखने लगी ।


वहीं coffee table पर उसका फोन रखा हुआ था । शिविका ने फोन उठाया और एक नंबर पर कॉल मिला दी ।


कॉल पिक हुई तो शिविका ने पूछा " सब ठीक है... ??? " ।


सामने से आवाज आई " और पैसे चाहिए..... " ।


शिविका " कितने पैसे चाहिए.... ?? " ।


" 10 लाख... " सामने वाले शख्स ने कहा तो शिविका ने hmm कह दिया और बोली " मिल जायेंगे... । काम नहीं रुकना चाहिए.... " ।


" हान ठीक है.. पर जल्दी..... " सामने वाला शख्स बोला और फिर उसने फोन काट दिया ।


शिविका ने फोन को मुट्ठी में कस लिया फिर अपने हाथ की ओर देखा तो संयम का खयाल उसके दिमाग में चलने लगा ।


शिविका वाशरूम की ओर चल दी ।


कुछ देर बाद संयम जब रूम में आया तो शिविका रूम में नहीं दिखी । उसे बाथरूम से पानी की आवाज आई तो वो समझ गया कि शिविका अंदर है ।


संयम स्टडी रूम में चला गया । वहीं शिविका नहा तो ली थी लेकिन अपनी चोटों की वजह से कपड़े पहनने में उसे दिक्कत आ रही थी । शिविका ने बाथरोब पहना और बाहर निकल आई । फिर बालकनी में चली गई । अपने एक हाथ में बंधे प्लास्टर को वो छूने लगी ।


संयम स्टडी रूम से निकला तो उसकी नज़र सोफे पर फेंके कपड़ों की ओर गई । फिर बालकनी के खुले स्लाइडिंग door की तरफ । उसने देखा तो शिविका बाहर ग्रिलिंग से एक हाथ टिकाकर खड़ी थी ।
संयम के कदम उसकी ओर बढ़ गए ।


शिविका नम आंखों से सामने के शहर को देखे जा रही थी । संयम ने उसे पीछे से hug कर लिया और उसकी गर्दन पर होंठ टिका दिए । शिविका ने आंखें बंद कर ली । और एक गहरी सांस छोड़ी ।


संयम " डॉक्टर को दिखाना है... कपड़े पहनो.... " ।


शिविका " i tried.... But i can't... It's hurting..... and i am not able to fold my hand....... " ।


संयम ने सुना फिर उसका हाथ पकड़कर अंदर लाते हुए बोला " come i help..... " ।


शिविका हैरानी से उसे देखने लगी । संयम उसे अंदर ले आया और बाथरोब उतारने लगा तो शिविका ने कंधा उचकाकर resist कर दिया । संयम ने बैथरोब छोड़ दिया तो शिविका ने कदम पीछे ले लिए ।


" What... " बोलते हुए संयम उसे घूरने लगा ।
शिविका ने सिर झुका लिया ।


" इसमें कोई ऐसा करने वाली बात है नहीं... इससे कहीं ज्यादा नजदीक हम आ चुके हैं.... । " संयम ने कहा तो शिविका एक टक उसे देखने लगी ।


संयम को उसकी आंखों में रेजिस्टेंस नजर आई । संयम ने एक गहरी सांस ली और फिर बोला " अच्छा जितना पहन सकती हो उतना पहन लो बाकी मैं मदद कर दूंगा.... । " ।


शिविका ने सिर हिला दिया और कपड़े लेकर बाथरूम की ओर चल दी ।


संयम वहीं खड़ा उसे देखता रहा । कुछ तो बदलने लगा था । शिविका की इनोसेंस संयम को घायल सा करने लगी थी । उसकी हां और उसकी ना क्यों इतना एफेक्ट करती थी संयम खुद भी नहीं समझ पा रहा था ।


शिविका ने जैसे तैसे शॉर्ट्स पहने और कमर से नीचे टावेल लपेट लिया फिर एक maxi dress को गले से नीचे उतार दिया । अब उसकी एक बाजू में से ड्रेस को निकाल पाना उसके लिए मुश्किल था । वो अकेले नहीं कर सकती थी ।

उसने दरवाजा खटखटाया तो संयम अंदर चला आया । शिविका की ड्रेस को उसने सही से पहना दिया । शिविका ने उसे देखा तो संयम सिर्फ उसके चेहरे को देखे जा रहा था । संयम ने उसे घुमाया और उसकी ड्रेस की जिप लगाई और फिर बाहर निकल गया ।


उसने unnecessary कहीं भी टच नहीं किया था । शिविका को एक नया सा एहसास हो आया । संयम के साथ वो बोहोत प्रोटेक्टेड फील करती थी ।

ना जाने क्यों पर उसे वो अब अच्छा लगने लगा था । संयम जैसे किसी का मिलना उसने expect नहीं किया था । शिविका ने तो उसके लिए कुछ भी नहीं किया था फिर भी संयम उसके लिए काफी कुछ हटकर अलग करने लगा था ।


वो बाहर आई तो फूड ट्रॉली सामने रखी थी । संयम ने प्लेट में खाना निकाला और उसे सोफे पर बैठने का इशारा किया । शिविका आकर सोफे पर बैठ गई ।


संयम ने प्लेट पकड़ी और खुद उसे खिलाने लगा । शिविका उसके चेहरे को देखती रही जिसपर कोई भाव नहीं थे । उसे पहली रात वाला संयम याद आया और फिर उसने इस संयम को देखा । क्या ये दोनो एक ही इंसान थे ?? सोचते हुए शिविका उसके हाथ से खाए जा रही थी ।


खाना खा लिया तो संयम ने अपने हाथ में पहनी डिजिटल वॉच पर tap कर दिया । दीवार में बने खांचे से एक रोबोट बाहर आया और ट्रॉली को लेकर बाहर निकल गया । शिविका ने नोटिस किया कि जब संयम ने वॉच पर tap किया उसी वक्त वो दरवाजा भी खुला ।


रोबोट अंदर आया और फिर से दीवार ने fit हो गया । शिविका ने संयम को देखा और फिर दरवाजे के पास जाकर खड़ी हो गई । संयम उसे तिरछी नजरों से देखने लगा । शिविका ने दरवाजे को देखा पर वो नही खुला वहीं वो संयम को भी बीच बीच में देखे जा रही थी ।


शिविका मन में " ये अब खुल क्यों नही रहा... । जब भी मैं इसके सामने खड़ी होती थी तो ये खुल जाता था.. तो अब क्या हुआ... ??? " सोचते हुए शिविका संयम तो देखने लगी ।


उसे समझ आ गया कि उसके खड़े होने पर वो दरवाजा उसकी वजह से नहीं खुलता था बल्कि कैमरा रिकॉर्डिंग को देखते हुए संयम उसके वहां खड़े होने पर अपनी घड़ी पर tap कर देता था । मतलब उसका बाहर आना जाना और दरवाजे का खुलना बंद होना सब संयम ही कंट्रोल कर रहा था । और शिविका सोचने लगी थी कि दरवाजा उसके वहां खड़े होने से खुलता है... ।


शिविका के चेहरे के भाव मायूस से हो गए । संयम ने देखा तो मुस्कुराया और उसकी ओर बढ़ गया । फिर उसका हाथ पकड़कर उसे वहां से बाहर लेकर चला गया ।


लिफ्ट में आकर संयम बोला " काफी तेज दिमाग है... Observe अच्छा कर लेती हो... । पर उल्टी दिशा में मत ही चलाना तो बेहतर होगा.... " ।


संयम की बात पर शिविका ने उसे देखा । संयम ने एक नजर उसपर डाली और फिर उसे लिए डॉक्टर के केबिन में चला गया ।


डॉक्टर से उसे देखा और फिर दवाई करके पट्टी बदल दी । डॉक्टर ने शिविका के हाथ को move करवाने की कोशिश की तो शिविका को उसमे दर्द हुआ... ।


डॉक्टर " हाथ fractured है पर रिकवर होने के चांसेस अच्छे हैं.... जल्दी रिकवर कर जायेगा... । कल से रोजाना हम लोग थेरेपी करेंगे.... । और एक महीने में मेरे अकॉर्डिंग ये सही हो जाएगा... । पर तब तक इस हाथ का इस्तेमाल किसी काम में ना करें तो अच्छा होगा... और अगर करना भी है तो ज्यादा प्रेशर मत डालना... " । शिविका ने सिर हिला दिया ।


संयम ने उसे कमरे में छोड़ा और जाने लगा । तभी शिविका बोली " 10 लाख और चाहिए.... " ।


संयम ने सुना और वहां से बाहर निकल गया ।

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आखिर संयम इतना ज्यादा अच्छा बिहेव क्यों करने लगा था ??

क्या वो शिविका को सच में पसंद करने लगा था ??

शिविका की नजरों में संयम की सुधरती छवि उसके दिल में एहसास जगा रही है ।

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