बैरी पिया.... - 19 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 19

संयम ने मास्क पहना और शिविका का हाथ पकड़कर मॉल के अंदर चला गया । शिविका भी बिना कुछ कहे उसके पीछे अंदर चल दी । ।


अंदर जाते ही सब लोग दोनो की तरफ देखने लगे । दोनो साथ में बोहोत क्लासी लग रहे थे । संयम ने किसी पर भी ध्यान नहीं दिया और शिविका को लिए लिफ्ट में चला गया ।


5 फ्लोर पर आकर लिफ्ट रुकी ।


संयम और शिविका उससे बाहर निकल आए ।
संयम " जो चाहिए खरीद लो...... " ।


शिविका आगे जाने लगी तो संयम भी उसके पीछे चल दिया । शिविका रुकी और उसे देखकर बोली " आप मेरे पीछे क्यों आ रहे हैं..... ?? । मैं खुद से ले लूंगी.... । आपको साथ आने की ज़रूरत नहीं है.... " ।




संयम रुक गया और गर्दन स्ट्रेच करके बोला " वैसे लेना क्या क्या है... ??? " ।


उसकी बात सुनकर शिविका ने कहा " बताया तो था पर्सनल सामान लेना है..... । " ।


संयम " oh yeah..... So in that case...... एक और पर्सनल सामान भी ले आना । " बोलते हुए संयम चलकर उसके पास आया और झुककर उसके कान में कुछ बोला । शिविका की आंखें हैरानी से फैल गई उसके गाल गुलाबी से हो गए । संयम बोलकर पीछे हो गया और जेब में हाथ डाले उसे देखने लगा ।


शिविका ने चेहरा घुमा लिया । वो उसे कुछ भी नहीं बोल पा रही थी । वो नजरें फ्लोर पर फेरते हुए बोली " पर ये मैं... कैसे.... " ।


संयम " that's not my problem.... That is also your personal..... । So just buy it.... " । बोलकर संयम दूसरी ओर चला गया ।


शिविका मुंह बनाकर और मुट्ठी कसकर उसे देखने लगी । संयम अपनी कॉल में busy हो गया ।


शिविका ने एक गहरी सांस ली और स्टोर के अंदर कपड़े देखने चली गई । वहां रखा सारा stuff बोहोत महंगा था । और देखने से भी उनकी क्वालिटी का पता अच्छे से चल रहा था । शिविका ने जल्दी ही अपने लिए दो से तीन ड्रेसेज पसंद कर ली । और कुछ जरूरत का सामान और भी ले लिया ।


शिविका स्टोर से बाहर आई तो संयम की बोली बात उसे याद आई । उसकी सासें तेज चलने लगी । पहले शिविका ने सोचा कि ऐसे ही काउंटर की ओर बिलिंग के लिए चली जाए । लेकिन बिलिंग तो संयम ही करेगा । और उसकी बात को नकारना शायद संयम को नाराज कर सकता था । इसलिए उसकी बात ना मानने के तो सवाल ही पैदा नहीं होता ।


ना चाहते हुए भी शिविका मेडिकल स्टोर ढूंढने लगी ।


उपले फ्लोर पर खड़ा संयम शिविका को काफी वक्त से देखे जा रहा था । कॉल पर होने के बावजूद हर वक्त उसकी नजर शिविका पर थी । जब उसने शिविका को मेडिकल स्टोर पर जाते देखा तो उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई ।


" मुझे भूत बुला रही थी ना... । कुछ तो भरपाई करनी पड़ेगी..... Butterfly..... " बोलते हुए वो भी उसी मेडिकल स्टोर की ओर चल दिया ।


शिविका अंदर आई तो काउंटर पर एक लड़का खड़ा था । शिविका के कदम दरवाजे पर ही रुक गए । अब वो अंदर नहीं जाना चाहती थी । शिविका वापिस हटने लगी तो एक लड़के ने उसके पास आकर कहा " yes mam... May i help you... " ।


शिविका के चेहरे का रंग उड़ चुका था । लड़का बोहोत अदब से हाथ बांधे उसके सामने खड़ा था । पर फिर भी उसको ऑकवर्ड और insulting सा लग रहा था । वहीं दूसरा लड़का जो काउंटर पर बैठा था वो भी शिविका को देखने लगा ।


शिविका नर्वस से हो गई थी और उसकी सांसें भी अटक सी गई थी । उसे समझ में नहीं आया कि वो इस लड़के को क्या कहे कि उसे क्या चाहिए.... । उसने थूक की घूंट निगली और मन में बोली " लड़की को यहां नही रख सकते क्या... ?? जहां देखो वहां लड़के । वहां SK के घर में लड़के । बाहर कहीं देखो तो वहां लड़के ही लड़के.. । Shoe स्टोर में लड़के , कपड़ों के स्टोर में लड़के , सब्जी के ठेले पे लड़के... , ऑपरेशन करने वाले लड़के , और मेडिकल शॉप पर आकर देखो तो यहां भी लड़के । अरे लड़कों के अलावा और कोई प्रजाति बची नहीं है क्या दुनिया में... !!! " । सोचते हुए शिविका के एक्सप्रेशन बोहोत चिढ़े हुए थे वो अंदर ही अंदर चिल्लाते हुए ये सब सोच रही थी । सामने खड़ा लड़का बोहोत देर से उसके चेहरे को देखे जा रहा था ।


शिविका अपनी ही धुन में खोई हुई सोचे जा रही थी ।


फिर अपने कदम बाहर की ओर लेने लगी तो पीछे किसी से टकरा गई । ।


" अरे दिखता नहीं है क्या... ?? अंधे हो... " अकड़कर बोलते हुए शिविका जैसे ही पीछे मुड़ी तो पीछे उनके साथ आया ड्राइवर हाथ बांधे खड़ा था । शिविका से टकराया जाने पर वो दो कदम पीछे हटकर खड़ा हो गया था ।




" Sorry mam..... । मैं वो गलती से टकरा गया...... " । शिविका अब शांत हो गई । ड्राइवर की गलती नहीं थी फिर भी वो माफी मांग रहा था ये देखकर शिविका को अच्छा नहीं लगा ।


ड्राइवर ने शिविका से बैग मांगते हुए हाथ आगे कर दिए । शिविका ने बैग उसे पकड़ा दिए ।


ड्राइवर सिर झुकाते हुए बोला " मैम... सर ने बोला है कि आप समान लेकर ही आएं.... वर्ना....... " ।




शिविका ने बाजूएं आपस में बांधते हुए घूरकर ड्राइवर को देखते हुए पूछा " वरना वरना क्या....... ??? । " ।




ड्राइवर ने सिर झुकाए हुए कहा " वरना के आगे कुछ नहीं बोले मैम.... । बस वरना बोलकर जाने को कह दिया...... " ।


शिविका की आंखें बड़ी बड़ी हो गई । संयम उसके लिए पैगाम भिजवा रहा था । ताकि वो उसका बोला सामान खरीदे.... । ड्राइवर bags लेकर चला गया ।


शिविका ने वापिस स्टोर की तरफ देखा । फिर वहां से चली गई । निचले फ्लोर पर आकर शिविका मेडिकल स्टोर को देखने लगी ।


एक मेडिकल स्टोर उसे नज़र आया तो शिविका वहां चली गई । अंदर आकर देखा तो वहां भी लड़के ही थे । ऐसे ही उसने दो से तीन stores और देखे । वो लगभग पूरेेे मॉल में ऊपर सेेेे नीचे तक घूम चुकी थी । पर हर जगह का एक ही हाल था । जहां देखो वहां लड़के ।


आखिर में एक स्टोर पर वो चली ही गई । काउंटर पर खड़ी खोकर वो शेल्फ पर नजरें घुमाने लगी ।


एक लड़का काउंटर पर आकर बोला " how may i help you mam.... ??? " ।


शिविका ने हकलाते हुए कहा " वो.. वो.. मुझे कुछ चाहिए... " ।


लड़का " जी मैम... अ... क्या चाहिए आपको... " बोलते हुए वो लगातार शिविका को ही देखे जा रहा था । शिविका काफी नर्वस लग रहीीी थी । अपनेेेेेे हाथों की उंगलियों को वो आपस में मसले जा रही थी ।


शिविका " वो... मैं खुद घूमकर देख लेती हूं.... । आप रहने दीजिए... " ।


शिविका ने कहा तो लड़का बोला " मैम... सब चीजों के लिए अलग सेक्टर है.. । आपको खुद ढूंढने में वक्त लग सकता है.... आप मुझे बता दीजिए... मैं आपको एकदम से निकाल कर दे दूंगा... " ।


शिविका ने एक गहरी सांस ली और फिर स्टोर में नजरें घुमाने लगी । वाकई स्टोर बोहोत बड़ा था । और उसमे कुछ भी ढूंढना बोहोत मुश्किल था । जो जानता हो बस वो ही चीजें आसानी से निकाल सकता था ।


फिर काउंटर पर अपनी उंगलियों से tap करते हुए उसने कहा " वो... i want protections.... " ।


शिविका ने जल्दी से कहा । Door से टिककर खड़ा संयम शिविका को काफी देर से देख रहा था ।


शिविका ने इतना जल्दी कहा था कि लड़के को कुछ समझ में नहीं आया ।


लड़का कन्फ्यूजन से बोला " सॉरी मैम... मैने सुना नही... क्या चाहिए..... ??? " ।


" Condom मांग रही है... " पीछे से आवाज आई तो शिविका ने पलटकर देखा । सामने संयम खड़ा था । संयम शिविका की ओर आ गया और उसके दोनो और काउंटर पर हाथ रखे खड़ा हो गया ।


शिविका ने नजरें झुका ली । और मुट्ठी कस ली... ।


" बस इतना सा पर्सनल समान लेने के लिए तुम पूरे मॉल के चक्कर लगा कर आ गई.... ?? इसका नाम होता है butterfly.... । वो वो करने से ये नहीं मिलता... । " संयम ने उसके कान में कहा । शिविका ने आंखें कसकर मूंद ली ।


लड़का बोला " ohk.. so.. कौनसी दूं... " ।




शिविका ने उस लड़के की बात सुनी तो उसका लहजा इस मामले में बिल्कुल vocal और नॉर्मल सा लग रहा था ।


शिविका ने अब सिर उपर नहीं उठाया और होंठों को तो मानो उसने सिल ही लिया । वो काउंटर को घूरने लगी ।


संयम ने उसके कंधे पर चिन रख और बोला " बोलो... । अपना पर्सनल सामान बताना भी पड़ता है... " ।


शिविका ने घूरते हुए तिरछी नजरों से संयम को देखा । संयम ने भी उसकी आंखों में घूरा और बोला " एक काम करो... जो भी है सब का एक एक पैकेट दे दो.... " ।


शिविका घबराई हुई सी निगाहों से उसे देखने लगी । संयम ये कैसी हरकतें किए जा रहा था । उसने पूरी शिविका को एंबरेस करवाने की ठानी हुई थी । लड़के को खांसी आ गई । संयम ने उसे घूरा तो लड़का जल्दी से निकल गया और 12 से 15 तरह के पैकेट लाकर उसने काउंटर पर रखकर हैंडबैग में डाल दिए ।


संयम ने अपना डेबिट कार्ड काउंटर पर रख दिया ।
लड़के ने बिल काटा और फिर झुकाकर बोला "thanks for coming..... , visit us again.... " ।


संयम ने शिविका के दोनो ओर से हाथ हटाए और बोला " take it.... " ।


शिविका ने होंठ चबाते हुए उसे घूरा और फिर हिचकते हुए वो बैग उठा लिया । और जल्दी से वहां से बाहर निकल गई ।


संयम जेब से हाथ डाले उसके पीछे ही बाहर निकल गया । लड़का अभी भी खांस ही रहा था ।