बैरी पिया.... - 38 Anjali Vashisht द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 38


अब तक :



संयम वापिस से सोफे पर बैठा और पैर सामने टेबल पर चढ़ा लिए । फिर आंखें बंद करके सीटी बजाने लगा । उसका टोन बोहोत अजीब सा था । मानो कोई डेविल के लिए वो सीटी का टोन डिजाइन हो... । उसी सीटी की धुन के साथ संयम की उंगलियां टेबल पर बजने लगी जो माहोल को और भी एविल बना रही थी ।



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अब आगे :



शिविका जब सोकर उठी तो अपने आप को बेड पर अकेला पाया । रात का संयम को kiss करना शिविका को याद आने लगा । उसने अपने सिर पर हाथ रख दिया ।


" ये तू क्या करने लगी शिवि... ?? क्या इतना अकेलापन खलने लगा है तुझे कि तू उसके लिए किसी के लिए भी फील करने लग गई है... । नहीं ये कोई फीलिंग नहीं हो सकती.... । तुझपर शायद किसी दवाई का असर था जो तू कुछ पल की प्यार भरी बातों से पिघल गई.... " सोचते हुए शिविका फ्रेश होने चली गई ।



नहाकर शिविका ने पिंक क्रॉप टॉप और loose fit व्हाइट जींस पहन ली । दवाई लगाने से अब उसे अपने ज़ख्मों पर दर्द कम हो रहा था । शिविका आकर दरवाजे के पास खड़ी हो गई तो दरवाजा खुल गया ।


शिविका बाहर निकल ही रही थी कि सामने खड़े संयम से टकरा गई । संयम ने उसे कमर से थाम लिया । शिविका उसे देख ही रही थी कि इतने में संयम ने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और kiss करने लगा ।


शिविका ने आंखें बंद कर ली । संयम के हाथ शिविका की पीठ पर चलने लगे । शिविका सीधी खड़ी रही । उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया ।


कोई रिस्पॉन्स ना पाकर संयम ने kiss करना बंद कर दिया ।


संयम उसके चेहरे को देखने लगा तो शिविका उसे ही देखे जा रही थी । संयम ने उसे बेहद करीब पकड़ा हुआ था ।


संयम " कल रात तुमने kiss किया था.... । भूल गई क्या... ?? " ।


शिविका " याद है मुझे... " ।


संयम " तो अभी रिस्पॉन्स क्यों नहीं कर रही हो.. ?? " ।


शिविका " कल ही मैने आपको कहा था कि हमारे बीच सौदे से बढ़कर कुछ भी नहीं है.. । और रही बात kiss की । तो उस वक्त जिस सिचुएशन में मैं थी उसको मेरे अलावा और कोई नहीं समझ सकता । किसी के प्यार की और साथ की जरूरत थी मुझे उस वक्त । जो दर्द उस वक्त् मुझेे हो रहा था उस पर मरहम प्यार ही लगााा सकता था । पर आपको किस मैंने क्यों की उसका जवाब मेरे पास भी नहीं है । बाकी आपको जो करना है वो कीजिए.. मैने आपको रोका नहीं है... । " ।


संयम तिरछा मुस्कुराया और बोला " कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनके जवाब हमारे पास ही होते हैं पर हम उन्हें समझना ही नहीं चाहते.... । और रही बात रोकने की तो वो तो तुमने पहले दिन से ही नहीं रोका था... । पर अब में और तब में बोहोत फर्क है... " ।


शिविका गौर से संयम के चेहरे को देखने लगी । उन्हें साथ में लगभग 2 महीने हो चुके थे । और इन 2 महीनों में उसने संयम के कई रूप देखे थे । जिनमें दूसरों के साथ उसने संयम को हमेशा गुस्से में ही देखा था । लेकिन उनके मुकाबले शिविका के साथ संयम का व्यवहार बहुत अलग रहता था ।


संयम कुछ देर शिविका के चेहरे को देखता रहा और फिर उसकी गर्दन पर हाथ रखकर अंगूठे से उसके गाल को सहलाते हुए बोला " Come on butterfly..... It's not just about a Single deal. There is a feeling between us and I think we should name that feeling.... " ।


बोलकर संयम शिविका की आंखों में झांकने लगा ।
शिविका बिना किसी भाव के बोली " कैसी फिलिंग... ?? " ।


संयम हल्का सा हंसा और फिर बोला " मेरी बातें ना समझ पाओ... इतनी नादान तुम हो नहीं... बटरफ्लाई.. " । बोलते हुए संयम ने शिविका को गोद में उठा दिया और बाथरूम की ओर जाते हुए बोला " let's bath together.... " . ।


शिविका " पर मैं नहा चुकी.... " ।


संयम " कोई बात नहीं... मुझे बॉडी वॉश दे देना.. " ।

संयम की बात पर शिविका ने उसे कोई जवाब नहीं दिया ।


संयम उसे लिए बाथरूम की ओर चल दिया ।
अंदर जाकर संयम ने धीरे धीरे शिविका के सारे कपड़े उतार दिए । और अपने कपड़े भी उतारकर शावर के नीचे खड़ा हो गया । संयम ने शिविका को अपने करीब खींचा पर शिविका के चेहरे पर कोई भाव नहीं था ।



संयम ने पहले उसके होंठों को चूमा और फिर उसकी गर्दन पर चूमने लगा । इस बार संयम बोहोत प्यार से kiss कर रहा था । अब तक जो aggression वो दिखाता आया था वो एग्रेशन अब नहीं था ।


संयम बेतहाशा उसे चूमे जा रहा था पर शिविका आंखें बंद किए हुए खड़ी थी । मानो उसको कोई फर्क नही था । उसने पूरी तरह से खुद को संयम को सौंप दिया था । अपने मन की हो जाने के बाद संयम के शिविका को बाथरोब पहनाया और खुद वहां से बाहर निकल गया ।


शिविका उसे देखती रही और फिर उस की आंखों से आंसू बह निकले । पर उसने उन्हें नीचे गिरने से पहले ही पोंछ लिया । और अपने कपड़े पहन कर बाहर निकल गई ।


शिविका बाहर आई तो संयम ने उसे पकड़कर प्यार से अपनी गोद में बैठा लिया और उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर नापने लगा । शिविका गौर से उसकी हरकतों को देखने लगी ।


संयम ने देखा तो शिविका का हाथ उसके हाथ से काफी छोटा था । और उसके skin टोन के सामने शिविका का स्किन टोन काफी गोरा था ।


संयम ने उसका हाथ अपने हाथ में कसा और शिविका के हाथ पर kiss करते हुए बोला " चलो खाना खाते हैं... " ।


बोलकर उसने वहीं सोफे पर प्लेट में उठाई.. जिसमे उसने खाना निकाला हुआ था । उसने प्लेट शिविका को पकड़ा दी और खुद उसे पेट से थोड़ा उपर पकड़े बैठ गया ।


शिविका ने रोटी का निवाला तोड़ा तो संयम ने मुंह खोल दिया । शिविका ने सब्जी के साथ रोटी का निवाला उसके मुंह में डाल दिया । और फिर खुद भी खाया ।


संयम उसके चेहरे को एक टक देखने लगा । वहीं शिविका के दिल में एक अजीब सा एहसास होने लगा था । खाने का निवाला खाते हुए संयम ने शिविका की उंगली को भी मुंह में भर लिया । शिविका उसे घूरने लगी ।


शिविका " आपने kiss फीलिंग की बात की.. ?? हमारे बीच क्या फीलिंग है.. ?? "।


संयम " कुछ तो है बटरफ्लाई.. वर्मा रात को इतने प्यार से तुम मुझे खाना नहीं खिलाती... " । बोलकर संयम ने शिविका के होंठों को चूम लिया । इस बार भी शिविका ने रिस्पॉन्स नहीं किया लेकिन इस बार संयम ने kiss बीच में नहीं छोड़ा । शिविका को सांस लेने में दिक्कत न होने तक वो उसे पैशनैटली kiss करता रहा ।

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