बैरी पिया.... - 25 Anjali Vashisht द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 25

शिविका जैसे ही गाड़ी से बाहर निकली तो एक लड़का उसके बिल्कुल सामने आकर खड़ा हो गया और उसे देखते हुए अजीब सा हंसकर देखने लगा । फिर उसके दोनो तरफ गाड़ी पर उसने हाथ टिका दिए ।


शिविका उसे घूरकर देखने लगी । लड़के से शिविका का हाथ पकड़ लिया । तो शिविका ने झटकेेे के साथ हाथ छुड़ा़ा लिया । लड़के ने फिर कसकर हाथ पकड़ा और दूर ले जाने लगा तो शिविका ने एक एक हाथ पीछे गाड़ी पर टिकाया और उछलकर एक किक लड़के को दे मारी । लड़का लड़खड़ा कर तीन चार कदम पीछे गिर गया ।


बाकी के लड़के भी उसी तरफ को आ गए । शिविका बोनट के पास पहुंची ही थी कि लड़कों से उसे घेर लिया । उनके हाथों में डंडे और चाकू दोनो थे ।


शिविका ने मुट्ठी कसी और बोनट से एक हाथ टिककर बोनट के उपर से flip करके दूसरी ओर को फिसल गई । लड़के उसकी स्फूर्ति देखकर हैरान रह गए । उस वक्त कोई कुछ नही कर पाया ।


शिविका भागने लगी तो एक लड़के ने वहां आकर उसके पैर के आगे पैर रखकर लंगड़ी फंसा दी । शिविका लड़खड़ाई पर गिरने से उसने खुद को संभाल लिया । शिविका आगे बढ़ने लगी तो एक लड़के ने जमीन पर उसके आगे कांच की बॉटल फोड़ दी ।


शिविका रुक गई । उसने पलटकर देखा तो एक लड़के ने उसके नजदीक आकर उसके बालों को पकड़ लिया । शिविका दर्द से कराह उठी । कोई बालों को हाथ लगा दे तो किसी की भी आंखें नम हो आए । और एक लड़की के बालों को हाथ लगाना... मतलब जैसे उसकी इज्जत पर हाथ डाल देना ।


लड़के ने कसकर शिविका के बालों को पकड़ा और उसे अपनी ओर खींचकर उसके होंठों को चूमने की कोशिश करने लगा । शिविका ने अपने सिर को पकड़े उसके हाथों पर अपना हाथ रखा और चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया । उसे बोहोत दर्द हो रहा था ।। उसकी आंखों में भी आसूं आ चुके थे ।


वहीं दूर कार में बैठी तनीषा दूरबीन से उनकी ओर देखते हुए बोली "। और जोर से खींचो... । वो हाल करो कि SK देखना भी ना चाहे... । और उसके साथ आकर जिन परों के सहारे ये उड़े जा रही है ना... वो सारे पर कट जाएं.... i don't want to see her face again ever...... " ।


लड़का शिविका के चेहरे को अपनी ओर घूमाने में लगा हुआ था कि इतने में दूसरा लड़के ने आकर उसे पीछे से कमर से पकड़ लिया और उसके कंधे पर अपने दांत चुभा दिए । शिविका ने कोहनी से उसे मारा पर वो दूर नहीं हटा ।


उसने शिविका की बाजू पर हाथ फेरा और नाखून से स्क्रेच कर दिया । उसने बोहोत गहरे नाखून चुभाए थे जिससे शिविका की नाजुक स्किन पर खरोंच के निशान बन गए और उनमें से ब्लीडिंग भी होने लगी ।


शिविका की हिम्मत जवाब देने लगी थी । उसने एक गहरी सांस ली और फिर एक बैक किक उस सामने वाले लड़के को दे मारी । किक उसके प्राइवेट पार्ट पर कही तो वो पीछे की ओर चला गया । शिविका ने मौका देखकर पीछे वाले लड़के की एक थाई पर किस मारी और फिर उसके पेट में कोहनी दे मारी । लड़का थोड़ा नीचे झुका और उसी वक्त शिविका ने उसके नाक पर कोहनी मार दी ।


लड़के की पकड़ उसपर से छूट गई । शिविका ने अपने आप को छुड़ा लिया था । उसने उस लड़के की पेंट में रखी चाकू को निकाला और उनकी ओर आगे कर दिया । लड़के हैरानी से उसे देखने लगे ।



शिविका दिखने में बोहोत कमज़ोर सी और नाजुक सी थी । लेकिन हिम्मत और ताकत उसने गजब की थी । वो उन सब पर अकेली ही भारी थी बस अगर कोई बालों को हाथ न लगाए तो । क्योंकि बाल ही उसकी वो कमजोरी थे जो उसे सबसे ज्यादा weak बना देते थे । और कोई बालों को हाथ लगाए ये शिविका को बर्दाश्त भी नही था ।


तनीषा ने दूरबीन से देखा तो उसने मुट्ठी कस ली । उसे गुस्सा आ रहा था । तनीषा दांत पीसते हुए बोली " इतने सारे हट्टे कट्टे सांड... और इनसे एक लड़की तक नहीं संभल रही... ।



बोला था इस कमल के बच्चे को कि ढंग के लोग भेजे... । किन नमूनों को भेज दिया है जो एक तो बीच सड़क पर attempt to rape कर रहे हैं और उपर से ऐसी हरकतें हैं कि एक चुहिया जैसी दिखने वाली लड़की इनको धो रही है... । कुछ तो करो निकम्मों... । बच कर गई ना.. तो तुम लोग नहीं बचोगे.... " ।


बोलते हुए उसने दूरबीन को गाड़ी की सीट पर फेंक दिया और स्टेरिंग पर गुस्से से हाथ दे मारा ।


वहीं शिविका ने चाकू को हाथ में पकड़ा ही हुआ था कि इतने में ही किसी ने जोरदार डंडा उसके हाथ पर मारा । " आ आह.... " की आवाज शिविका के मुंह से निकली । उसके हाथ से चाकू नीचे गिर गया । उसे लगा मानो उसके हाथ की हड्डियां टूट ही गई हो ।



शिविका ने चेहरा घुमा कर देखा तो जिस लड़के के प्राइवेट पार्ट पर उसने मारा था उसी लड़के ने डंडे से शिविका के हाथ पर मार दिया था ।


शिविका वहां से दूसरी ओर भागने लगी तो इतने में एक लड़के ने उसके पैर में डंडा मार दिया । शिविका लड़खड़ा कर आगे की ओर जमीन पर गिर गई ।

उसने हाथ आगे कर लिए थे तो उसकी बाजुएं छिल गई ।


शिविका जमीन पर हाथ लगाकर उठने लगी तो नीचे सड़क पर खून लगा था । उसकी बाजुओं पर स्क्रैचेस थे और उनमें से अब अच्छा खासा खून निकलने लगा था ।


शिविका सिसकती हुई सांसें लेने लगी । उसने उठने की कोशिश की तो अब हिम्मत जवाब ही दे गई । उसके पैर कांच से कटे होने के कारण अभी भी दर्द कर रहे थे । वहीं टांगों और एक हाथ कर डंडा मारा था जिसमे उसे बोहोत दर्द हो रहा था ।


उसका हाथ तो मानो टूट ही चुका था और अब उसके सहारे कुछ भी करना उसके लिए मुश्किल था ।


शिविका ने आंखें बंद की और बोली " कहां हैं आप... Buddy.... । मम्मा तो कहती थी आप हमेशा साथ होते हो.... । तो क्यों अकेला छोड़ देते हो मुझे... । क्या मैं आपकी कुछ भी नहीं हूं... । आपके साथ की जरूरत है भोलेनाथ.... । हिम्मत दीजिए... " ।


शिविका ने कहा तो लड़के हंसने लगे ।

एक लड़का हंसते हुए बोला " यहां तो यमराज भी नहीं आते... । और इस तपती गर्मी में यहां रेगिस्तान में तुम्हारे लिए कौन ही आएगा.... । Huh.... " ।



लड़के ने कहा तो सब और जोरो से हंसने लगे । एक लड़का शिविका की ओर बढ़ा ।



शिविका ने आंसू साफ किए और उठने लगी तो फिर से गिरने को हुई पर इस बार किसी ने उसे बाजुओं से थाम लिया ।


शिविका गहरी सांसें ले रही थी । शिविका ने चेहरा उठाकर देखा तो सामने संयम था । शिविका की आंखों से टप टप लगातार आंसू बहने लगे । गिरने की वजह से उसकी नाक भी नीचे लग गई थी तो वो भी छिल गई थी और उसमें से भी खून निकल रहा था ।


संयम ने शिविका को आराम से उठाया तो शिविका उससे लिपट गई और फूट फूट कर रोने लगी । संयम इस वक्त उसका हाल देखकर उसके दर्द का अंदाजा लगा सकता था । संयम ने शिविका को कसकर अपनी बाहों में पकड़ लिया । उसकीी आंखें अब बेहद सर्द हो चुकी थी ।


उसने लड़कों की ओर देखा तो सब उसी को घूरे जा रहे थे । संयम ने शिविका को खुद से दूर किया और अपना कोट उतारकर शिविका को ओढ़ा दिया ।
फिर जमीन पर पड़ा डंडा उठाया और आगे बढ़ गया ।

लड़के भी लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार खड़े थे ।

संयम को अपनी ओर आता देखा तो एक लड़का मजाक उड़ाते हुए बोला " अरे खैरियत चाहता है तो चला जा.. । वर्ना घर वाले टुकड़े भी नही ढूंढ पाएंगे... । पता भी नही चलेगा कि कहां दफन किया । "।



तनीषा ने दूरबीन उठा कर नजारा देखा तो उसकी आंखें खुली की खुली रह गई । ।


" अब ये कौन है... ?? देखा देखा सा लग रहा है.... " बोलते हुए तनिषा सोचने लगी । और दूरबीन से झांकती रही ।


दरअसल उसने भी SK का चेहरा नहीं देखा था क्योंकि संयम ने कभी किसी को दिखाया ही नही । वो पार्टी में जाता ज़रूर था लेकिन हमेशा उसके चेहरे पर मास्क होता ही था । वहीं उसकी पावरफुल पर्सनैलिटी से वहां मौजूद लोग उसे पहचान लेते थे लेकिन दुनिया की भीड़ में किसी को पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है ।


वहीं संयम पर्सनैलिटी कुछ ऐसी थी उसे भीड़ में भी हर कोई पहचान सकता था । तो तनीषा को भी तो जाना पहचाना ही लगा । लेकिन वो SK है... ये बात अभी वो नहीं जानती थी ।



उसी वक्त काली रंग की गाड़ियों की लंबी कतार वहां पर लग गई । जिनमें से 100 के करीब बॉडीगार्ड से उतरकर लाइन में वहां खड़े हो गए ।



यह सब देख कर जो लड़के अभी हंस रहे थे उनके चेहरे से हंसी एकदम से गायब हो गई । वह हैरानी और परेशानी से एक दूसरे को तो कभी उन लंबी कतार में खड़ी गाड़ियों को देखने लगे ।



वहीं दक्ष उन लोगों में सबसे आगे था । वो संयम के पास जाने लगा तो संयम ने हाथ दिखा दिया । दक्ष अपनी जगह पर ही रुक गया और वहीं खड़ा हो गया ।



संयम ने वहां मौजूद हर लड़के को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया । कुछ देर बाद उनके मुंह के दांत भी टूट चुके थे और सब जमीन पर बुरी हालत में पड़े हुए थे । दक्ष और बाकी बॉडीगार्ड चुप चाप खड़े थे और संयम का रूद्र रूप देखकर सब लोग हैरान थे । उस वक्त कोई भी आगे नहीं आया ।


दक्ष ने शिविका को देखा तो वो समझ गया कि संयम इतना ज्यादा गुस्से में क्यों है । आज से पहले दक्ष के सामने शायद ही उसने कभी किसी पर हाथ उठाया हो । हर बार यह काम या तो दक्ष करता था या फिर बॉडीगार्ड । लेकिन इस बार संयम ने किसी को आगे नहीं आने दिया ।


संयम ने जब जी भरकर उन्हें मार लिया तो डंडा जमीन पर फेंक दिया । और शिविका की ओर बढ़ गया ।


तनीषा ने देखा तो उसकी भी रूह तक कांप गई । उन लड़को की ऐसीीीी हालत देखकर उसे पसीनाा आ गया था ।



वही दक्ष का चेहरा उसने देखा हुआ था तो दक्ष को वहां देखकर वो हैरान थी । इस वक्त उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था । बस कुछ नजर आया था तो सामने खड़े शख्स का भयानक रूप जिसके प्रभाव से वो लड़के जमीन पर पड़े हुए तड़प रहे थे ।



संयम शिविका के पास आया तो शिविका ने उसके सीने पर सिर रख दिया । संयम ने उसकी पीठ पर अपना हाथ रख दिया और धीरे से सहलाने लगा ।
संयम ने आंखें बंद की और बोला " बांधों सबको रस्सी से और घसीट दो सड़क पर... तब तक जब तक मर ना जाएं... । उसके बाद फेंक दो रेत पर... " ।


शिविका ने सुना तो संयम को देखने लगी । संयम आंखें बंद किए हुए था और उसने ऊपर आसमान की ओर अपना चेहरा किया हुआ था ।


" But with a twist..... " बोलकर संयम ने आंखें खोली और गाड़ी के टूटे हुए शीशे की तरफ देखा ।


दक्ष समझ गया कि संयम क्या कहना चाह रहा है ।


संयम ने शिविका को गोद में उठाया और गाड़ी में बैठाकर वहां से निकल गया ।



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