तेरा मेरा ये रिश्ता - 18 Saloni Agarwal द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरा मेरा ये रिश्ता - 18

हेमा, मुझसे पूछती है, "तुम ने ऐसा क्या देखा कि तुम उस भूमि से अपनी जान की भीख मांग रही थी और क्यो ?"


हेमा की बात सुन, शालिनी कहती हैं, "मेने देखा कि भूमि मुझे उस हॉल मे अकेला छोड़ उस जालीदार गेट को बंद कर रही थी !"


तो मैने उस से पूछा, "तुम ये सब क्या कर रही हो, तो वो मुझसे बहुत बातामीजी के साथ कहने लगती हैं, "तूने क्या सोचा था कि मै, भूमि शर्मा, तुझे ये किला घुमाऊंगी, तूने सोच भी कैसे लिया, अपनी शकल देखी है कभी, बड़ी आई महारानी साहिबा !"

भूमि की बातो को सुन मुझे एक बड़ा झटका सा लगता हैं और मै उसे देख ही रही थी कि भूमि मेरा चेहरा देख समझ जाती है और मुझ से कहती हैं, "क्या हुआ तेरे से कुछ बोला नहीं जा रहा है जबकि कुछ ही देर में तूने बोल बोल कर मेरा दिमाग ही खराब कर दिया था !"

भूमि की बातो को सुन, मै उस से कहती हूं, "तुम ही तो मेरे पास आई थी कि तुम्हे मेरे साथ इस किले को घुमाना है और अब तुम ही मुझे ये सब बोल रही हो, जबकि मैने तो कभी भी तुम्हारे साथ ना तो कुछ गलत किया और न ही कभी कुछ गलत कहा तो फिर तुम, मुझे ये सब क्यू कह रही हो ?"

मेरी बात सुन, भूमि मुझसे कहती है, "तुझ जैसे पागल लड़की शायद ही मैने आज तक देखी होगी, नही तो आज मैंने तुम्हे दो मीठे बोल क्या बोल दिया और तुम तो मेरी बातो में ही आ गई, क्या बात है !"

मै, भूमि से जानना चाहती थीं कि वो मेरे साथ ये सब क्यू कर रही है इसलिए मैने उस से पूछा, "तुम, मुझसे चाहती क्या हो और मैने तुम्हारा बिगाड़ा ही क्या है ?"

मेरी बात सुन, भूमि जोर जोर से हसने लगती है जिसे देख मै हैरानी से उस को देख रही होती हू कि अब इस को हो क्या गया है ! फिर भूमि कहती हैं, "मै, तुझे मारना चाहती हू !"

भूमि की बात सुन, मै एक पल के लिए सुन ही पढ़ गई और हकलाते हुए उस से कहती हूं, "का....क्या, तुम पागल हो गई हो ?"

हमे मिले एक महीना ही हुआ है और तुम से तो मेरी ऐसी कोई दुश्मनी भी नही है तो फिर तुम ऐसा क्यों करना चाहती हो मेरे साथ ?

मेरी बात सुन, भूमि कहती हैं, "तुम, मुझसे मेरा पहला प्यार छीन रही हो और तुम कहती हो हमारी कोई दुश्मनी नहीं है ?"

भूमि की बाते सुन, मैं हैरानी से उस की हो देखते हुए कहती हूं, "प्यार, कौन सा प्यार, मुझे इस कॉलेज में एडमिशन लिए हुए एक महीना ही तो हुआ है, ये सब कब हुआ मुझे तो कुछ भी नही पता इस बारे में। "

शालिनी सोचने लग जाती है, "मैं तो जयपुर अपनी जिंदगी में पहली बार आ रही हू, हां वो बात अलग है कि मुझे राजस्थान बहुत पसंद है पर मै अभी तक जयपुर नही घूम पाई थी और शायद इसलिए ही मेरे अभिषेक भैया ने मेरा यहां एडमिशन करवाया था जिस से मै राजस्थान की संस्कृति और बाकी चीज़ों को देखने में लग जाऊं और वंश भैया से मेरा ध्यान हट जाए।"

भूमि की बाते मेरी सिर के ऊपर से जा रही थी क्योंकि मुझे समझ ही नही आ रहा था कि मैने कब इस का पहला प्यार इस से छीन लिया और मुझे पता ही नही है।

मेरी बाते सुन, भूमि मुझ पर बेवजह गुस्सा करते हुए कहती हैं, "जितनी भोली तुम बन रही हो ना उतनी तुम हो नही, मुझे अच्छे से पता है तुम ने ही मेरे आदित्य को अपने जाल में फसाया होगा नही तो वो मुझे छोड़ तेरे पास जायेगा ऐसा हो ही नही सकता।"

भूमि के मुंह से आदित्य का नाम सुन मै हैरान ही रह गई क्योंकि इस एक महीने में मैने, आदित्य से ज्यादा बात ही की और हमारा तो मिलना भी कम ही होता था।

पर आदित्य बहुत अच्छा लड़का है और कहते हुए शालिनी के गोरे गाल कब लाल हो गए उसे पता ही नही चला और ये सब देख अभय को गुस्सा आने लगता हैं और वो शालिनी से कहता है, "और भी कुछ बोलना है ?"

अभय की बात सुन, शालिनी को याद आता है और वो कहती हैं, "हां....!"

अभय का गुस्सा देख, आकाश अपने मन में सोचता है, "बॉस को क्या हुआ और क्या बॉस को, शालिनी मैम के ऐसे किसी और के नाम को कहता देख इन को जलन हो रही है ?"

आकाश फिर अपने ही हाथ से अपने सिर पर मारता है और अपने आप से कहता है, "ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि बॉस तो हर वक्त शालिनी मैम से लड़ते रहते हैं और आज तक बॉस ने किसी लड़की को एक नज़र भर तक नही देखा है।"

आकाश को ऐसा करते देख, राज आकाश को देख रहा होता है जिस पर राज, आकाश से पूछता है, "क्या हुआ तुझे ?"

राज की बात सुन, आकाश उस से कहता है, "कुछ भी तो नहीं !" जिस पर राज, आकाश को कन्फ्यूज होकर देखता ही रह जाता हैं।

फिर शालिनी आगे कहती हैं, " इस लड़के का पूरा नाम आदित्य सिंह है और वो जोधपुर के किसी गांव के जमीदार का इकलौता बेटा है और उस के पिता के नाम पर बहुत सारी प्रॉपर्टी थी और उसी प्रॉपर्टी पर वो भूमि पागल हो रही थी।

जब की वो खुद मुखिया की बेटी थी और उस का ये पागलपन मुझे शुरू मे ही देखने को मिल गया था पर मैंने सोचा उस की लाइफ है कुछ भी कर सकती है पर वो मुझे क्यों मारना चाहती है ये अभी भी मेरे लिए किसी upsc के एग्जाम से भी ज्यादा मुश्किल लग रहा था।

मुझे ख्यालो में खोया देख, भूमि मुझसे कहती हैं, "क्या हुआ मेरी जान, बहुत दोस्त बनाने का शॉक है ना तुझे तो अब तो यहां ही किसी भूत या आत्मा को अपना दोस्त बना लेना मेरा मतलब है कि इस भूतिए किले में मरने के बाद तू भी आत्मा बनके ही तो घूमेगी न क्योंकि अब तो यही पर ही रहना पड़ेगा वो भी पूरी जिंदगी, बेचारी ।" ये सब कहने के बाद वो किसी चुडैल की तरह हसने लगती हैं।

भूमि की बात सुन मुझे अब भी यकीन ही नहीं हो रहा था कि जो लड़की मेरे सामने अच्छी बन रही थीं आज वही मेरे साथ ये सब कर रही है ।

भूमि की बात सुन, जिस पर मै उस से पूछती हूं, "तुम ने मुझ से अभी कुछ दिन पहले ही अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी पर अभी जो कुछ भी तुम ने मुझसे कहा उस से तो तुम ने मुझ से दोस्ती सिर्फ अपने मतलब के लिए की थी और वो क्यों, जब की मैने तुम्हे अपना दोस्त माना था ?"

मेरी बात सुन, भूमि मुझसे कहती हैं, "दोस्त और तुम्हे My Foot ! The Bhoomi Sharma एक ऐरी गेरी लड़की को अपना दोस्त बनाएगी, ये तुम के सोच भी कैसे लिया और रही बात तुम्हारा इस्तेमाल करने की तो हां, किया मैने तुम्हारा इस्तेमाल आदित्य से दोस्ती करने के लिए क्योंकि वो सिर्फ तुम से ही बात कर रहा था पूरे कॉलेज में, पर तुम तो एक नम्बर की बेवकूफ हो जो मेरी चाल में फस गई।"

तुम्हे पता है मैने तुम्हे मारने का प्लान फर्स्ट डे से ही बना लिया था क्योंकि आदित्य मेरी तरफ देख भी नहीं रहा था बस तुम्हे ही देखे जा रहा था पर वो किट्टू बार बार बीच में तुम्हारी ढाल बन के खड़ी हो जाती थीं जिस से मै तुम्हारा बाल भी बांका नहीं कर पा रही थी और मेरे सारे के सारे प्लान बरबाद हो रहे थे।

पर मैंने भी कच्ची गोलियां नही खेली है मैने तुम्हारी उस हीरोइन को ही तुम्हारे लिए विलन बना दिया और मैं ही किट्टू से एक रात पहले उस की बिना किसी गलती पर उस से लड़ी थी और खुद को तुम्हारे सामने अच्छा दिखाने के लिए उन सीढियों से गिर कर चोट भी खा ली जबकि किट्टू ने मेरा हाथ पकड़ने की बहुत कोशिश की पर मैंने जानबूझ कर उस का हाथ नही पकड़ा था।

पर वो क्या कहते है कि कभी कभार आंखों देखी और कानों सुनी भी गलत होती हैं और ये कहावत तेरे पर बिल्कुल सही साबित होती हैं क्योंकि किट्टू ने हमेशा से तुझे बचाने और तेरी मदद करनी की बहुत कोशिश करी मगर तू कभी भी उस को समझ ही नही पाई ।

आज भी वो तुझे बचाना चाहती थी पर तूने मेरी झुठी दोस्ती के सामने उस की एक न सुनी और मेरी चाल कमियाब हो गई और अब तुझे इस भूतिया किले से कोई भी बाहर नही निकल सकता है क्योंकि ये जालीदार गेट बंद कर देने के बाद.....

इस हॉल का ये बड़ा सा गेट बंद करने कर दूंगी और फिर मैने जो इस दरवाज़े का ताला तोड़ा था उस को जेसे का वैसा ही लगा दूंगी जिस से किसी को पता ही नही चलेगा कि तुम अंदर हो और कोई तेरी आवाज सुन भी लेगा तो उस को लगेगा कि कोई आत्मा उस से बात कर रही है, तू यही मर जायेगी क्योंकि हम उसी जगह मौजुद है जहा किसी को भी आना मना है।

क्योंकि यही पर तो इस किले में रहने वाले लोगो का सामान रखा हुआ है जिस से बहुत से लोगो ने हेराफेरी करी सोने चांदी हीरे जवाहरात के लालच में आकर जिस से यहां लोगो को अजीब आवाजे और बहुत कुछ देखने को भी मिला जिस से उन लोगो में दहशत सी भर गई और सरकार से कहकर यहां के कुछ जगहों पर ताले लगवा दिए।

और तुम पूछ रही थी ना उस सोने के दरवाजे पर इतने सारे धागे और कलावे क्यो बांधे तो उस की वजह है कि उस दरवाजे के पीछे किसी लड़की की डरावनी आवाजे आती हैं जिस से कुछ लोगो ने इस हॉल को बंद करने से पहले उस दरवाजे पर कुछ मंत्र पढ़ के कलावे और धागे बांध दिए और इस जगह को पूरी तरह से बंद कर दिया।

और सब से बड़ी बात तुम सोच रही हो ना कि मै, तुम्हे ये सब क्यू बता रही हूं तो सुनो वो क्या है ना ये किला सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक ही खुलता है वो भी वही हिस्से जहा किसी को कोई आवाजे या कुछ अजीब सा नही लगता हैं बाकी सब कुछ बंद कर रखा है।

क्योंकि शाम 5 बजे के बाद यहां सूरज की रोशनी कम हो जाती हैं और कहते है यहां पर रात में शैतानी ताकते बढ़ जाती है जिस से इस किले के 500 किलोमीटर की दूरी तक कोई परिंदा तक पर नही मारता है। और हां, एक बात तो बताना भूल ही गई कि ये किले का नाम भूतिया किलो की संख्या में सबसे पहले नंबर पर आता है।

और हां, यहां पर इस किले को बनवाने वाले राजा की आत्मा भटकती नजर आती हैं। अरे 5 बजने वाले हैं यार मुझे तो अब चलना चाहिए, नही तो अंधेरा हो जायेगा ना और Good Bye शालिनी अब हम कभी नही मिलेंगे ! और हसने लगती है।

जब भूमि वहा मुझे अकेला छोड़ के जा रही होती हैं तो मै, उस से कहती हूं, "नही भूमि मेरे साथ ऐसा मत करो प्लीज, मै सच कहती हू मैने कभी भी आदित्य के बारे में नही सोचा है और न ही उस ने मुझे कभी कुछ कहा, प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो, प्लीज मै, तुम से अपनी जान की भीख मांगती हूं प्लीज !"

अब भूमि ने वो बड़ा वाला गेट भी बंद कर दिया जिस से उस कमरे मे बिलकुल अंधेरा ही हो गया और अब मै वही बैठ कर रो रही होती हू और साथ में अपने आप से कहती हूं, "मै सच में पागल थी जो किट्टू को समझ ही नही पाई पर अब क्या करू !"

फिर मुझे ध्यान आता है कि मेरा फोन कहा है फिर कुछ देर बाद अच्छे से बैग में ढूंढने पर मुझे मेरा फोन मिल ही जाता हैं पर उस मे सिग्नल नही आते हैं तो मै पूरे हाल में घूम घूम के सिग्नल देखने लग जाती हु फिर जेसे ही सिग्नल आया मै इतना खुश हुई मानो मैने upsc का एग्जाम क्लियर कर लिया हो।

फिर जेसे ही मै अभिषेक भैया को कॉल करने वाली होती हु तो सोचती हूं पर भैया को मुंबई से राजस्थान आने मे टाइम भी तो लगेगा तब तक मुझे कुछ हो गया तो.....

फिर अगले पल ही अपने आप से कहती हूं, "नही, किसी ऐसे को कॉल करना होगा जो मेरी यहां से निकलने मे मदद कर सके।" फिर मैं सोच ही रही होती हू कि मुझे याद आता है कि मैने एक लड़की को बोलते हुए सुना था, "किट्टू को इस किले के बारे सब कुछ पता है।"

फिर क्या मै, किट्टू का नंबर हमारे कॉलेज के whatshap ग्रुप में ढूंढने लग गई पर इतने सारे नंबर मे मुझे समझ ही नही आ रहा था कि कौन सा किट्टू का नंबर होगा और मेरे पास इतना टाइम भी नही था कि एक एक नंबर पर कॉल कर के पुछूं।

तो मै ग्रुप चैट पढ़ने लगी तो शायद भगवान मेरे साथ थे क्योंकि उस मे एक लड़की अब एक महीने बाद किट्टू को उस के entrance exam मे टॉप करने पर Congratulations का मैसेज भेजा था क्योंकि उस का एडमिशन देर से हुआ था, जिस पर एक unknown number ने थैंक यू मे रिप्लाई दिया था।

फिर मैं सोचती हूं, "यार ये नंबर ही किट्टू का होना चाहिए क्योंकि इस ने ही तो entrance exam मे टॉप किया और भला कोई और क्यो थैंक यू बोलेगा !"

फिर मैं किट्टू का नंबर सेव कर लेती हु और उस को कॉल करने से पहले अपने आप से कहती हूं, " क्या वो मेरा कॉल उठाएगी...?" यही सोचते सोचते मै, किट्टू को कॉल मिला देती हूं पर वो मेरा कॉल रिसीव नहीं करती है।

फिर मैं अपने आप से कहती हूं, "हां, क्यो ही उठाएगी वो मेरा कॉल, इस एक महीने में मैने किट्टू की इतनी बेज्जती जो की है कि अब तो पूरे कॉलेज को पता है कि शालिनी, किट्टू से नफ़रत करती हैं और उसे ऐसा करना भी चाहिए वही सब को अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट प्यारी होती हैं।"

मै ये सब बोल ही रही थी कि अचानक से उस हॉल की छत से कुछ नीचे गिरता है और डर के मारे मै, उस रस्सी के टुकड़े को सांप समझ लेती हु और चिलाने लगती हूं और एक पल के लिए तो मैं अपने आप को ऐसे देखने लगी कि कही मेरी आत्मा मेरा शरीर छोड़ के तो नही चली गई न !

और इस बीच कब मेरे हाथ से मेरा फोन छूट के कही गिर जाता हैं मुझे पता ही नही चलता ऊपर से इतने अंधेरे में इतने बड़े हॉल मे अपने फोन को ढूंढना किसी घास के ढेर में एक छोटी सी सुई ढूंढने जैसा लग रहा था !

अब मैं फिर उस जालीदार गेट के पास जाकर रोने लगती हूं, फिर मेरा फोन रिंग करने लगता हैं और जब तक मैं उठकर उस के पास पहुंच पाती वो कॉल कट हो जाती हैं अब फोन की लाइट ऑफ हो जाती हैं और उस फोन को ढूंढने में पता ही नही चला कि कितना समय बीत चुका गया था।

अब मैं अपनी किस्मत पर रो ही रही थी कि मेरा फोन पर दुबारा किसी की कॉल आने लगती हैं और मै जेसे ही ये देखती हूं भागते भागते किसी भी तरह उस कॉल को रिसीव कर लेती हु और वो कॉल किट्टू का ही था जिसे देख, पर पता नही क्यों आज मुझे एक अलग ही सुकून मिल रहा था।

फिर मै फोन रिसीव करते ही उस से कहती हूं, "इतनी लेट कॉल क्यो किया ?" जबकि मैने तो कभी उस से बात ही नही करी चाहे वो आमने सामने हो या फोन पर फिर भी मैं उस से ऐसे बात कर रही थी कि हम दोनों एक दूसरे को कब से जानते है।

मेरा सवाल सुन, किट्टू बहुत शांत होकर मुझसे पूछती हैं, "सॉरी मै थोड़ा busy थी और ऊपर से आप का नंबर सेव नही था फोन मे, शायद इसलिए फर्स्ट रिंग silent हो गई होगी, वैसे आप ने बताया नही आप कौन बात कर रही है और मुझे कॉल क्यो किया ?"

किट्टू की बात सुन, मै सोच मे पढ़ गई कि अब उस से क्या ही कहूं और अगर मैने सच बता दिया तो क्या किट्टू मेरी मदद करेगी या फिर....?

मै सोच ही रही थी कि किट्टू दुबारा से पूछती हैं, "हेलो....हेलो क्या हुआ, आप ने बताया नही !"

किट्टू की बात सुन, मै बोलने ही वाली होती हु कि मुझे कुछ सुनाई देखता है जिसे मै अपने फोन की फ्लैश लाइट से देखने लगती हूं और जेसे ही मै देखती हु कि मेरे रोगंटे खडे हो जाते है और मेरे मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा होता है मानो जैसे मेरे मुंह में आवाज़ ही नही है ....!

अब शालिनी ने उस भूतिया किले के हॉल में ऐसा क्या देखा होगा जिस से शालिनी के रोगंटे खडे हो गए ? आगे जानने के लिए पढ़ते रहे मेरी कहानी और इंतजार करे अगले भाग का....!