तेरा मेरा ये रिश्ता - 5 Saloni Agarwal द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरा मेरा ये रिश्ता - 5

अब अमृत, यश से पूछता है, "वैसे तूने किया क्या था जिस को देख मेरी छोटी (रिया) बेहोश ही हो गई ?"

अमृत की बात सुनते ही सब घर वाले अब यश को घूर के देख रहे होते हैं, फिर अमृत दुबारा कहता है, "और यश के साथ मिलकर तो सिद्धार्थ, समीर और मैने ने भी तो सरप्राइज़ पार्टी तैयारी की थी और हमें जितना पता है हम ने तो ऐसा कुछ भी नही किया जिस से छोटी को कोई परेशानी हो सके और इसी कारण तो मैं यश का साथ भी दे रहा था क्योंकि मुझे लगा अंश को कोई Missunterstanding हो गई है।"

अमृत की बात सुन, सिद्धार्थ और समीर दोनो एक साथ बोलते हैं, "हां, ये सही कह रहा है।"

अमृत की बात सुन, यश अपने आप में ही बड़बड़ा रहा होता है, "यार अमृत भाई, आप को ये पूछना जरूरी था, सब क्यो मेरी जान लेने पर तुल चुके हैं और अब मैने कुछ भी बोल दिया न तो अंश भाई के गुस्से से मुझे कोई नही बचा सकता है और वैसे ही इन लोगो ने मुझे ऑफिस के काम पर लगा दिया है जब कि अभी तो पूरे दो साल बाकी है मेरी पढ़ाई पूरी होने मे !"

अब दुबारा से यश भगवान जी से प्रार्थना करते हुए कहता है, "हे मेरे भोलेनाथ अब आप ही मुझे इन सब से बचा सकते हो, प्लीज बचा लो...प्लीज और मैं आप को एक नही दो किलो लड्डू चढ़ाऊंगा, अब तो ठीक है ना प्लीज मुझे बचा लो, मै आज के बाद ऐसी गलती कभी नही करूंगा, प्लीज मुझे अंश भाई के गुस्से से बचा लो... प्लीज मेरे भोलेनाथ !"

अब सिद्धार्थ, यश से कहता है, "अब बोलेगा भी या इस के लिए भी मूहर्त निकलवाऊ !"

सिद्धार्थ की बात सुन, यश से कुछ बोलना नहीं बनता है पर फिर भी वो बोलने की कोशिश करता है, "वो... वो...भाई....भाई !"

यश से तो कुछ बोला ही नही जा रहा होता है तभी सिद्धार्थ दुबारा कहता है, "हकला क्यो रहा हैं और वैसे भी एक कम हकलाती हैं जो तू भी हकलाने लग गया है।" और फिर सिद्धार्थ, श्रेया को घूर के देखता है तो वो अपना सिर नीचे कर लेती हैं।

और श्रेया अपने मन में कहती हैं, "अब मैने क्या कर दिया है जो ये मुझे ऐसे घूर रहे हैं और वैसे भी यश का करा हुआ ये खुद नही समझ पाए तो इस मे किसी और की क्या गलती है भला !"

सिद्धार्थ अब यश से दुबारा कुछ कहने तो होता ही है तभी रिया के कमरे से चीखने की आवाजे आती हैं और सब से पहले समीर और अंश ही भागते हुए रिया के कमरे की तरफ जाते है।

और उस के बाद अंश के दादा जी, दादी जी, मां, पापा, चाचा, चाची, सिद्धार्थ, अमृत, अवनी, श्रेया, राजीव जा ही रहे होते हैं पर यश हाथ जोड़ अपने भोलेनाथ से अपने मन में कहता है लाख लाख शुक्र है आप ने मुझे बचा लिया, आप का बहुत बहुत धन्यवाद।"

यश को ऐसा करते देख, उस की दादी मां उस से कहती हैं, "ये सब क्या रहा है और तुझे मिलना नही है क्या रिया से ?"

दादी मां की बात सुन, यश हड़बड़ा जाता है और कहता है, "वो...वो तो मै भगवान जी से अपनी रिया को ठीक करने के लिए बोल रहा था और अब उस को होश आ गया है ना तो धन्यवाद बोल रहा हु और आप चलो रिया के कमरे में, मैं भी आता हूं। "

यश की बात सुन, दादी मां कहती हैं, "ठीक है जल्दी आना।"

यश और अपनी सासू मां की बात सुन, तब अंश की मां कहती हैं, "यश तुम अभी मत आना क्योंकि अंश, रिया की हालात को देख तुम पर गुस्सा करेगा इसलिए तुम अभी नीचे ही रूको।"

अपनी बड़ी बहू की बात सुन, दादी मां कहती हैं, "हां ये ही ठीक रहेगा।"

रिया की कमरे में,

रिया अपने बिस्तर पर लेती हुई होती हैं और उस के बगल में समीर बैठा होता है और सामने अंश खड़ा होता है, रिया को जैसे ही होश आता है वो सबसे पहले अंश को ही देखती है और धीरे से अंश से कहती हैं, "अंश भाई, आप खड़े क्यों हो ?"

रिया की बात सुन, समीर गुस्सा करते हुए कहता है, "तूने ऐसा भी क्या देख लिया अंधेरे में जो बेहोश ही हो गई वैसे तो बड़ी खतरों के खिलाड़ी बनती फिरती है।"

समीर की बात सुन, अंश उसे घूर रहा होता है तो समीर, अंश से कहता है, "क्या घूर रहा है मुझे, अपनी बहन से पूछ कॉलेज में कैसे बाइक रेसिंग करती हैं और उस पर बैट भी लगाती हैं !"

अब रिया, समीर की बात सुन घबरा जाती है और अपने मन में सोचती है, "ये भगवान, अब ये बात इन्हे कैसे पता चल गई? और घर वालो को पता चल गई तो और खास कर मेरी मां को तो वो तो मुझे मार ही डालेंगी !"

समीर की बात सुन, अब अंश अपनी बहन रिया को देख रहा होता है तो अंश, रिया से पूछता है, "समीर ने जो कहा, क्या वो सच है?"

अपने अंश भाई की बात सुन, रिया हकलाते हुए कहती है, "वो...वो... भैया...वो बस एक बार ही किया था।"

रिया की बात सुन, समीर उस की तरफ देखते हुए कहता है, "सिर्फ एक बार बस, सच कह रही हो क्या ?"

रिया, समीर की बातो को सुन उस को धक्का देते हुए कहती हैं, " आप को क्या पता मेरे बारे में, जो आप इतने Serious होकर के सकते हैं?"

रिया की बात सुन, समीर उस से गुस्से से कहता है, "जितना तुम्हे अपने बारे में भी पता नहीं होगा न उस से कही ज्यादा मुझे तुम्हारे बारे में पता है, अब समझ आया तुम्हे !"

समीर की बात सुन, रिया डर जाती हैं और जल्दी से अपने बिस्तर से उठ जाती है और समीर को खींचते हुए साइड में ले जाती है और समीर से कहती हैं, "मैने आप का क्या बिगाड़ा है, जो आप मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं और क्यू मुझे अंश भाई से डाट खिलवाने पर तुले हैं।"

अंश बस उन दोनो को देख ही रहा होता है और रिया अपनी बात, आगे कहती हुए बोलती है, "और आप को पता एक बार को अंश भाई मुझे छोड़ देंगे पर मेरी मां मुझे मार डालेगी।"

समीर को रिया की बातो को सुनने के साथ उस को देख रहा होता है और रिया का मासूम चेहरा देखते ही उस का सारा गुस्सा खतम हो जाता हैं, तभी रिया उस को Request करते हुए कहती हैं, "प्लीज, अंश भाई को मत बताओ !"

रिया की बातो को सुन, समीर उस से कहता है, "अच्छा, अच्छा ठीक है और आगे से तुम कभी बाइक रेसिंग नही करेगी और बेट तो बिलकुल भी नहीं लगाओगी।"

समीर की बातो को सुन, रिया हल्के से मुस्कुरा रही होती हैं और अपने मन में सोचते हुए कहती हैं, "इन्हे कौन सा कुछ पता चलेगा अगर मैने दुबारा कर भी लिया तो !"

रिया को हल्का सा मुस्कराते देख, समीर उस के मन की बात समझ जाता हैं और रिया के कान के पास जाकर अपनी बात पर जोर देते हुए कहता है, "जो तुम सोच रही हो न अगर तुमने करा तो....!"

रिया उस को हल्का सा धक्का देते हुए बात को बदलते हुए कहती हैं, "आप क्या बोल रहे हैं मुझे तो कुछ भी समझ में नही आ रहा है।"

रिया की बात सुन, समीर एक Smile के साथ और उस की आंखों में देखते हुए कहता है, "अच्छा, सच में !"

समीर की बात को सुन, रिया अपना सिर नीचे कर लेती है, क्योंकि उस को समझ में आ जाता हैं कि समीर क्या कहने की कोशिश कर रहा होता है।

रिया को ऐसे करते हुए देख, समीर के चेहरे पर Smile आ जाती हैं और तभी अंश, रिया से पूछता है, "बच्चा अब तुम ठीक हो न ।"

अपने अंश भाई की बात सुन, रिया अपना सिर उठती है और फिर समीर को साइड कर अंश की ओर बढ़ जाती है, रिया का ऐसा करना समीर को अच्छा नही लग रहा होता है पर फिर वो सोचता है अभी अंश है तो रिया को कुछ नही कहता है।

रिया, अंश के गले लग उस से कहती हैं, "भैया मुझे क्या होगा भला, मै तो बिलकुल ठीक हु।" और रिया हसने लगती है जिसे देख अंश और समीर के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ जाती हैं।

रिया अपने बात को पूरा करते हुए झूठमूठ का गुस्सा करते हुए कहती हैं, "मै आप सब से बात नही करूंगी, आप लोगो को मेरा Birthday याद ही नही रहा !"

तब तक घर के सभी लोग रिया के कमरे में आ चुके होते हैं और सबने रिया की बात सुन ली होती है तो अमृत कहता है, "पागल लड़की हम तेरा Birthday कभी भूल सकते हैं क्या, नही न तो फिर तूने कैसे सोच लिया कि हम तेरा Birthday भूल गए !"

अपने अमृत भैया की बात सुन, रिया कहती हैं, "तो फिर आप लोगो ने मुझे Birthday Wish क्यो नही किया बताओ ?"

तब संजीव जी, रिया से कहते हैं, "मेरी दूसरे नंबर की पागल ओलाद की वजह से हुआ है ये सब !"

तब तक यश भी रिया के कमरे मे आ जाता हैं तो वो अपने पापा की बात पर रोते हुए कहता है, "क्या पापा आप तो ऐसा मत कहो।"

यश की बात सुन, शिवानी जी उसे आंखे दिखाते हुए उस से कहती है, "चुप कर नही तो...!"

अपनी मां की बात सुन, रिया समझ जाती है, "उस ने हो सिर कटी मुंडी देखी थी वो सब उस के यश भाई का कारनामा था पर जब वो यश के गाल पर उंगलियों के निशान देखती है तो हैरान रह जाती है !"

फिर रिया घर का माहौल और यश की ये हालत देख बात को ज्यादा न बढ़ाते हुए अपने अंश भाई से उदास होकर कहती हैं, "भैया आज मेरा Birthday हैं जिसका मै हर साल बेसब्री से इंतज़ार करती हु तो क्या आप लोग मेरा Birthday ऐसे ही जाने दोगे क्या ?"

रिया की बात सुन, अमृत समझ जाता हैं, रिया बात को खत्म करने के लिए कह रही है, तो अमृत, सब की तरफ देख के कहता है, "चलो सब नीचे चल के रिया का Birthday केक कट करते है।"

अमृत की बात सुन, रिया रोते हुए अमृत की तरफ देखते हुए कहती है, "अमृत भाई, बस केक कटिंग ही करवाओगे ?"

रिया की बात सुन, सब घर वाले हसने लगते हैं शिवाए अवनी के और अंश, रिया से कहता है, "बच्चा, आज तुम्हारा Birthday है तो तुम जो चाहोगी वो करवा सकती हो, तो फिर बताओ क्या क्या करना है तुम्हे ?"

अंश की बात सुन, रिया खिलखिलाकर हंसने लगती है और कहती है, "भैया, मुझे अपने Birthday हर साल की तरह ही अच्छे से सेलिब्रेट करना है।"

रिया की बात सुन, अंश कहता है, "ठीक है जैसा तुम चाहो और फिर उस को अपने गले लगा लेता है।"

और रिया भी उस को एक टाइट Hug करती है और उस से कहती हैं, "Thank You Bhaiya !"

रिया की बात पर, अंश बस मुस्करा देता हैं और कहता है, "चलो जल्दी से तेयार हो जाओ !"

अंश की बात सुन, रिया भी सब से कहती हैं, "हां ठीक है भैया, और आप सब भी जल्दी से तेयार हो जाओ और फिर अपनी टावल लेकर बाथरूम में जाने लगती है तो समीर रोकते हुए कहता है, "अरे ये ड्रेस तो लेती जा।"

समीर की बात सुन, रिया देखती हैं कि उस ने कपड़े तो लिए ही नही है, फिर वो दुबारा से पीछे आती हैं और समीर को अपने दात दिखाते हुए वहा से कपड़े लेकर भाग जाती हैं।

जिसे देख समीर अपने मन में कहता है, "पूरी पागल है ये लड़की।"

रिया के जाने के बाद, रिया के पापा हंसते हुए कहते हैं, "अरे चलो वही, हम सब को तैयार भी तो होना है नही तो बाहर आकर फिर से सुनने लग जायेगी।"

संजीव जी की बात सुन, शिवानी जी टोंट मरते हुए कहती हैं, "हां क्यों नही, ये लड़की पूरी की पूरी आप पर ही तो गई हैं।"

शिवानी जी की बात सुन, संजीव जी भी जवाब देते हुए कहते हैं, "हां तो जायेगी क्यो नही, मेरी बेटी जो है।"

संजीव जी की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "अच्छा, तो ये सिर्फ आप की ही बेटी है।"

अपने छोटे बेटे और बहू को ऐसे लड़ते देख, दादी मां कहती हैं, "बस करो तुम दोनो, जब देखो लड़ना चालू कर देते हो।"

जब दादी अपने छोटे बेटे और बहू को डाट रही होती हैं तो सब मजे लेते हुए देख रहे होते हैं, तब दादी मां कहती है, "और तुम सब को अलग से Invitation देना पड़ेगा तब जाकर तेयार होगे।"

दादी मां की बात सुन, सब अपने अपने कमरे मे चले जाते हैं, पर अंश की मां वही खड़ी होती है, जब दादी मां, अपनी बड़ी बहू को ऐसे ही ख्यालों में खोया देख कहती हैं, "बड़ी बहू क्या हुआ तुम्हे, ऐसे क्यो खड़ी हो, जाओ जाकर तेयार हों जाओ !"

अपनी सासु मां की बात सुन, संजना जी के आंखो में आंसुओ आ जाते है और वो अपनी सासु मां से कहती हैं, " मां, आज मेरी बच्ची का Birthday हैं और वो ऐसे चीखी तो मेरा तो दिल ही बैठ गया था और उस के बाद यश को चाटा पढ़ने से, मुझे आज बहुत ज्यादा दुख हो रहा है कि मेरे दोनो बच्चो के साथ क्या हो गया, आज से पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ था।"

अपनी बड़ी बहू की बात सुन, दादी मां कहती हैं, "बेटा, जो होना था वो हो गया है, अब हम बस इसे भूलने की कोशिश ही कर सकते हैं और अब तुम मेरी छोटी पोती के Birthday Party के लिए तैयार हो जाओ !"

अंश अभी अभी हॉल में अपनी ऑफिस फॉर्मल सूट में ही खड़ा होता है क्योंकि वो अपने कपड़े बदलने नही गया था, फिर कुछ देर बाद दादी मां, सीढ़ियों से नीचे आते हुए, अंश से कहती हैं, "अंश, वो दोनो बच्चे अभी छोटे ही है तो अब इस बात को यही खतम कर दो, और रही बात उस की सजा की तो वो तो तुम उस को पहले ही दे चुके हो !"

अपनी दादी मां की बात सुन, अंश उन से कुछ नही कहता है, क्योंकि वो भी जानता है कि यश भी अभी छोटा ही है और साथ मे सिंघानिया परिवार का कोई भी व्यक्ति अंश के द्वारा यश को मिली सजा पर कोई आपत्ति नही जताता हैं क्योंकि सब पता है कि यश से अनजाने में ही सही पर गलती तो हुईं है।

आधा घंटे बाद,

पूरा सिंघानिया परिवार, हॉल में खड़ा होता है और सब ने Black & White Combination Dress पहनी हुई होती हैं। फिर रिया की मां, अपने पति से कहती हैं, "ये लो आप की बेटी अभी तक तेयार ही नही हुई है और हमें कह रही थी की जल्दी तेयार हो जाओ !"

शिवानी जी की बात सुन, संजीव जी हंसते हुए कहते हैं, "अरे आज मेरी बेटी का Birthday हैं, तो थोड़ा ज्यादा टाइम लगना तो बनता ही है ना।"

संजीव जी की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "आप तो रहने ही दो।" और फिर सब हसने लगते हैं।

कुछ देर बाद फिर से सारी लाइट्स ऑफ हो जाती है तो सब एक साथ यश का नाम पुकारते है, जिस कारण यश डर जाता हैं और कहता है, "मै... मैने कुछ भी नही किया है सच में, मम्मा प्रोमिस !"

फिर कुछ देर बाद सीढियों की तरफ White Light Spot में रिया Black Colour Long Evening गाउन में नजर आती है तो एक पल के लिए तो समीर की नजर उस पर ठहर ही जाती हैं पर जब सब रिया के आने पर तालियां बजाते हैं तब जाकर समीर को होश आता है।

फिर रिया धीरे धीरे चलकर नीचे आती हैं तो सब उस को Birthday Wish करते हैं। तभी रिया की मां उस से कहती हैं, "एक ड्रेस पहने मे इतना टाइम लगता हैं क्या ?"

अपनी मां की बात सुन, रिया कहती हैं, "मां, ये ड्रेस कौन लाया है, आप को पता है मैने कितनी मुश्किल से ये ड्रेस पहना है !"

जब समीर, रिया की बातो को सुनता है तो उस को घूरने लगता हैं और रिया, समीर को अपने आप को ऐसे घूरते हुए देखती है तो अपने आप से कहती हैं, "भला, अब इन्हे क्या हो गया है!"

रिया की मां कुछ बोलने ही वाली होती है कि दादी मां बीच में ही बोल पड़ती है, "चलो अब जल्दी से केक कटिंग करो।"

अपनी सासु मां की बात सुन, संजना जी नौकरों से कहकर एक बड़ा सा कोकोलेट केक मंगवा लेती है, फिर रिया खुशी से अपने कॉकोलेट केक को कटने लगती है, फिर सब एक साथ कहते हैं, "Happy Birthday to you Riya"

फिर रिया सब के एक साथ Wish करने पर उनको कहती हैं, "Thank You"

फिर रिया सबसे पहले अपने दादा जी और दादी मां को अपने हाथो से केक खिलाती है, फिर उस के बाद अपने बड़े पापा और मां को खिलाती हैं और उस के बाद अपनी मां और पापा को खिलाती हैं और फिर Last में अपने अंश, सिद्धार्थ, अमृत, राजीव और यश भाई को खिलाती हैं पर समीर और अवनी को नही खिलाती हैं क्योंकि समीर उस को घूर के देख रहा होता है और अवनी से उस की बनती ही नही है।

और कोई भी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देता हैं क्योंकि आज पहले ही बहुत कुछ हो चुका है। अब रिया सब से कहती हैं, "चलो अब सब जल्दी से मेरा गिफ्ट मुझे दो।"

रिया की बात सुन, सबसे पहले दादा जी और दादी मां आती है और एक लिफाफा देते हुए कहती हैं, "ये लो हमारी तरफ से।" और रिया खुशी खुशी ले लेती हैं।

फिर रिया के बड़े पापा और मां, रिया के पास आते हैं और उस को एक हीरो का हार देते हुए कहते है, "ये लो हमारी तरफ से, हमारी प्यारी सी बेटी के लिए प्यारा सा तोफा।" और रिया जब उस हीरो के हार को देखती हैं तो देखती ही रह जाती हैं क्योंकि वो बहुत ही सुंदर होता है।

जब रिया की मां ये देखती है, तो कहती हैं, "दीदी, इस को ये देने की क्या जरूरत थी और ये पागल कहा संभाल पाएगी।"

शिवानी जी की बात सुन, संजना जी कहती हैं, "खबरदार जो मेरी प्यारी सी बच्ची को पागल कहा तो और मेरी बच्ची के सामने तो ये हीरो का हार तो कुछ भी नही है।"

संजना जी की बात सुन, उनके पति कहते हैं, "हां बिलकुल सही कहा तुमने और रिया हमारी भी बच्ची है तो क्या तुम से पूछ के करेंगे, क्या हम उस के लिए कुछ भी।"

अपने जेठ जी की बात सुन, शिवानी कहती हैं, "नही ऐसी बात नहीं है।"

शिवानी की बात सुन, संजना जी कहती हैं, "बस अब बहुत हुआ, अब हमें और कुछ नही सुनना है।"

संजना जी अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहती है, "और ये सब मेरी बच्ची के पास ही रहेगा, तुम्हरा जब मन करे इस को पहन लेना ठीक है ना।" और अपनी बड़ी मां की बात सुन, रिया मुस्करा देती हैं।

अब रिया के पापा उस के पास जाते हैं और उस को London के Best Water Park के टिकट देकर बोलते हैं, "बेटा तुम्हारे Exam खतम होने के बाद हम सब वहा घूमने चलेंगे।"

और अपने पापा की बात सुनते ही, रिया उन के गले लग जाती है और कहती हैं, "आप दुनिया के Best Papa हो।"

अब रिया अपनी मम्मी के पास जाती है और कहती है, "आप कुछ नही दोगे क्या ?"

रिया की बात सुन, उस की मां कहती हैं, "बेटा ऐसा कैसे हो सकता है भला, और एक बड़ा सा बॉक्स उस को पकड़ा देती हैं।

जिसे लेते हैं रिया का Belance ही बिगड़ जाता हैं और जब वो गिरने वाली होती है तो समीर उस को संभाल लेता है, और उस को डाटते हुए कहता है, "खाना नही खाती हो क्या, जब देखो गिरती ही रहती हो और अब एक हल्का सा बॉक्स भी पकड़ा नही जा रहा है !"

समीर की बात सुन, रिया उस से अपना हाथ झुड़वा कर उस कर, वो बॉक्स जैसे तैसे दुबारा उठाकर समीर को पकड़ा देती हैं और गुस्से से कहती हैं, "अब बताओ ये हल्का सा बॉक्स है क्या ?"

समीर जब उस बॉक्स को पकड़ता है तो उस को पता चलता है कि बॉक्स सच में भारी है पर समीर के लिए नही बल्कि रिया के लिए क्योंकि रिया तो एक छोटी और पतली सी लड़की है जिस के लिए ये बॉक्स सच में भारी है।

रिया की बात सुन, समीर शिवानी जी से कहता है, "आप ने ऐसा भी क्या दिया है जो ये बॉक्स इतना भारी हो रहा है ?"

समीर की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "इस के लिए वो सारी बुक्स है जो ये कह रही थी कि कही मिल नही रही है और अब ये अपने Exam की तैयारी कैसे करेगी !"

अपनी मां की बात सुन, रिया कहती हैं, "क्या, आप ऐसा कैसे कर सकती है और वैसे भी Birthday पर गिफ्ट दिए जाते हैं और आप मुझे ये दे रही है?"

रिया की बात सुन, उस की मां कहती हैं, "बेटा ध्यान से देखो मैंने सारी किताबे तुम्हे गिफ्ट पैक कर के ही दी है !"

अपनी मां की बात सुनने के बाद, रिया अपनी दादी मां से कहती हैं, "देखो ना दादी !"

तो रिया की मां, अपनी सासु मां से कहती हैं, "मां, मैने कुछ गलत किया है क्या और अब आप भी जानती ही है इससे एग्जाम आ रहे हैं।"

अपनी छोटी बहु की बात सुन, उस की दादी मां कुछ नही बोलती है क्योंकि सच तो यही है कि अब एक महीने बाद रिया के Exam तो आ ही रहे हैं और ये सब देख कि उस की दादी मां कुछ नही कह रही है तो रिया का मुंह ही उतर जाता हैं।

रिया का ऐसे मुंह उतरता देख अमृत उस के पास आता है और एक Limited Edition Sport Bike की चाभी उस को चुपके से देते हुए कहता है, "ये ले अब तो खुश हैं और हां किसी को बताना मत, नही तो चलाने को नही मिलेगी।"

अमृत के कहने पर जब रिया अपने हाथ में देखती है तो खुशी के मारे उछल के अमृत के गले ही लग जाती है और कहती हैं, "Thank you so much Bhaiya"

और रिया के ऐसे करते ही सब घर वाले हसने लगते हैं शिवाए अवनी के, बल्कि रिया के ऐसे करते ही, अवनी अपना मुंह बनाते हुए धीरे से कहती हैं, "इस के अंदर तो अब मैनर्स भी नही बचे हैं कि अपने बड़े भाई के साथ सब के सामने कोई ऐसा व्यवहार करता हैं।"

अवनी ने वैसे तो धीरे से बोला होता है पर उसके पास खड़े रिया और उस की बड़ी मां को सुनाई दे जाता हैं अब रिया कुछ बोलने को होती ही हैं कि उस की बड़ी मां उस को न बोलने का इशारा करती है जिसे देख रिया, अवनी से कुछ नही बोलती हैं।

फिर सिद्धार्थ, रिया को उस की फेवरेट Chocolate Gift Pack देता हैं और कहता है, "धीरे धीरे खाना नही तो दात खराब हो जायेंगे तेरे।"

सिद्धार्थ की बात सुन, रिया कहती हैं, "ठीक है भैया।"

अब बस तीन लोग बचे होते हैं पर रिया को दो से ही गिफ्ट लेना है क्योंकि रिया, अवनी से तो कुछ न तो लेने वाली हैं और न ही मांगने, इसलिए अब समीर और अंश ही बच जाते है।

अब रिया, समीर के पास जाती हैं और कहती है, "मेरा Birthday Gift दो।"

रिया की बात सुन, समीर मुस्कराते हुए कहता है, "उस के लिए तुम्हे मुझे पहले अपने हाथो से केक खिलाना पड़ेगा।"

समीर की बात सुन, रिया कहती हैं, "केक भी खिलाना पड़ेगा।" तो समीर अपना सिर हां में हिला देता है।

फिर रिया, केक लेकर आती हैं और समीर को अपने हाथो से केक खिलाने लगती हैं और समीर खुश होते हुए उस के हाथो से केक खा लेता है। अब रिया केक खिलाने के बाद समीर से अपना Gift मांगती हैं, तो समीर कहता है, "ये जो ड्रेस तुम ने पहनी है वो ही मेरा तुम्हारे लिए Gift हैं।"

समीर की बात सुन, रिया चोकते हुए कहती हैं, "क्या सच में ?" तो समीर अपना सिर हां में हिला देता है।

रिया फिर से बोलती हैं मगर अब की बार धीरे से और कहती है, "अगर मुझे पहले पता होता न तो मै, आप को केक ही नही खिलाती !"

रिया ने वैसे तो धीरे से बोला था पर समीर उस के पास खड़ा था तो वो रिया की कही हुई बाते सुन लेता है और कहता है, "क्या कहा तुम ने ?"

समीर के ऐसे बोलते ही, रिया पीछे हटते हुए अनजान बनते हुए कहती हैं, "क्या मैने नही तो....आप के कान बजने लग गए हैं।"

रिया की बात सुन, समीर कहता है, "अच्छा....आगे बोलने ही वाला होता है कि रिया भाग के अंश के पास आ जाती है, और कहती हैं, "आप ने अभी तक मुझे कुछ नही दिया भैया ?"

रिया की बात सुन, अंश कहता है, "तुझे जो चाहिए वो बता दे, मै तुझे लाकर दे दूंगा।"

अपने अंश भाई की बात सुन, रिया चहकते हुए कहती हैं, "एक बार फिर सोच लो क्योंकि फिर आप पीछे नही हट सकते हो !"

रिया की बात सुन, अंश कहता है, "सोच लिया, तू जो मांगेगी मैं तुझे दूंगा !"

ऐसा भी क्या मांगने वाली है रिया, अंश से ?? और अब क्या होगा आगे जानने के लिए इंतजार करे अगले भाग का...।