तेरा मेरा ये रिश्ता - 3 Saloni Agarwal द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरा मेरा ये रिश्ता - 3

अगली सुबह,

आज रिया बहुत खुश होती है क्योंकि आज उस का जन्मदिन है और उस को लग रहा होता है कि हर बार की तरह सब घर वाले उस को नीचे जाते है Birthday Wish करेंगे इसलिए रिया बहुत जल्दी जल्दी तैयार हो रही होती हैं क्योंकि रिया हर बार की तरह आज भी देर से ही उठी है।

रिया जल्दी नीचे आती है तो अमृत उस से कहता है, "अरे छोटी संभाल के अभी गिर जाती ना तू, आज कल तेरा ध्यान किधर रहता है।"

रिया, अमृत को देख कहती है, "वो भैया....!"

रिया की बात सुन, अमृत बोलने वाला होता ही है कि सिद्धार्थ बीच में बोल पड़ता है, "जब भी कोई इस से कुछ पूछता है तो इस की जवान पर ताले पढ़ जाते हैं नही तो वैसे इस की जवान कैची की तरह चली रहती हैं।"

सिद्धार्थ की बात सुन, रिया का मुंह उतर जाते है जिसे देख अमृत कहता है, "सिद्धार्थ, चुप कर तू, जब देखो मेरी छोटी के पीछे पड़ा रहता है।"

फिर अमृत, रिया को देख कहता है, "जा जाके नाश्ता कर ले नही तो कॉलेज के लिए देर हो जायेगी तुझे ?

रिया, सिद्धार्थ और अमृत को देख के बोलती हैं, "भैया आप को कुछ याद नहीं है क्या, कि आज कौन सा दिन है?"

रिया की बात सुन, सिद्धार्थ और अमृत एक दूसरे को देख मंद मंद मुस्करा रहे होते है पर फिर खुद को नॉर्मल कर एक दूसरे से पूछते हैं, "सिद्धार्थ, आज कौन सा दिन है ?"

अमृत की बात सुन, सिद्धार्थ कहता है, "अमृत भाई, आज तो 15 मई, दिन बुधवार है।"

पर फिर सिद्धार्थ सोचते हुए कहता है, मुझे जितना पता है कि आज तो कुछ खास दिन नही है।"

फिर सिद्धार्थ, अमृत से पूछता है, "मैने सही कहा न अमृत भाई।"

सिद्धार्थ की बात सुन, अमृत कहता है, "हां, सिद्धार्थ, तू सही कह रहा है।"

रिया, सिद्धार्थ और अमृत की बात सुन अपना मुंह लटका लेती है और कहती है, "सच में आप दोनो को कुछ भी याद नहीं है।"

रिया की बात सुन, दोनो अपना अपना सिर न मे हिला देते हैं। और अमृत तो रिया से सवाल करते हुए कहता है, "अगर आज ऐसा कोई खास दिन है तो तू ही बता दे, है ना सिद्धार्थ।"

अमृत की बात सुन, सिद्धार्थ कहता है, "हा भाई और अब बोल भी।"

सिद्धार्थ की बात सुन, रिया उदास होकर कहती हैं, "कुछ नही भैया।" और वहा से उदास होकर रसोई घर की तरफ़ चली जाती हैं।

रिया के चले जाने के बाद सिद्धार्थ और अमृत दोनो हसने लगते हैं, फिर सिद्धार्थ, अमृत से कहता है, "अमृत भाई, यह छोटी कितनी पागल है न, सही मे इस को कोई भी आसानी से पागल बना सकता है।"

सिद्धार्थ की बात सुन, अमृत कहता है, "यार, छोटी पागल नही है बस मासूम है, जो जल्दी ही किसी की भी बातो में आ जाती चाहे वो घर से हो या फिर बाहर, इस से कोई फर्क नहीं पड़ता है।"

अमृत, यश को खोसते हुए कहता है, "अगर इस पागल ने सरप्राइज़ पार्टी के लिए नही बोला होता न तो आज मेरी छोटी अपने जन्मदिन पर इतनी उदास नहीं होती।"

अमृत की बात सुनके, सिद्धार्थ सुन के कहता है, "क्या अमृत भाई आप भी इन दो पागलों के बीच में बोल रहे हो, आप जानते तो हो रिया और यश दोनो एक से बढ़कर पागल है !"

रसोई घर में,

रिया का चेहरा सिद्धार्थ और अमृत की बातो से उतर तो चुका ही था पर फिर भी वो एक उम्मीद के साथ रसोई घर की तरफ जाती हैं कि उस की बड़ी मां और दादी तो कभी उस का जन्मदिन भूल ही नही सकती है।

रिया रसोई घर में जाते हैं अपनी बड़ी मां के गले लग जाती है और उन से पूछती हैं, "बड़ी मां, आप को तो याद ही होगा न कि आज किया है ?"

रिया की बात सुनके, अंश की मां मुस्करा रही होती है पर रिया उन की मुस्कान देख नही पाती हैं क्योंकि रिया के सामने अंश की मां अपनी पीठ होती है।

अंश की मां अपने आप को कंट्रोल कर के बोलती है, "क्यो रिया, आज ऐसा भी कौन सा दिन है, जो तुम इतनी खुश नजर आ रही हो ?

रिया, अपनी बड़ी मां की बात सुनने के बाद, उदास होकर कहती हैं, "क्या आप को भी, सिद्धार्थ और अमृत भैया की तरह कुछ भी याद नहीं है !"

रसोई घर में खड़ी अंश की मां और चाची समझ जाती है कि रिया को सिद्धार्थ और अमृत की तरह हमे भी रिया को परेशान ही करना है।

रिया की बात सुनने के बाद, रिया की मां गुस्से से कहती हैं, "ऐसा भी कौन सा दिन आ गया है जो तू इतनी खुश हो रही है और कभी तूने इतनी खुशी अपनी पढाई में तो नहीं दिखाई और हां महारानी जी नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दिया है जाओ जाकर कर लो फिर तुम्हे कॉलेज भी तो जाना है नही तो रोज की तरह आज भी देर से जाओगी।"

शिवानी की बात सुन के, संजना जी कहती हैं, "क्या शिवानी, भला तुम्हे मेरी बच्ची तो इतना सुनने की क्या ज़रूरत पढ़ गई थी।"

संजना जी की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "दीदी आप ने ही इस को बिगड़ दिया है, देखा नही अवनी कितनी होशियार निकल गई हैं और यह एक नंबर की बुद्धू, कोई समझ नही है इस लड़की को।"

शिवानी जी की बात सुनने के बाद, संजना जी कहती हैं, "कोई बुद्धू नही है मेरी बच्ची, समझ आया तुझे और रही बात अवनी और रिया की बराबरी करने की तो एक बात समझ लो तुम कि बराबरी दो बराबर इंसानों में होती है जबकि रिया और अवनी मे बहुत ज्यादा अंदर है।"

संजना जी की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "हां... हां दीदी, आप तो रिया की ही साइड लोगे न।"

शिवानी जी की बात सुन, संजना जी कहती हैं, "हां क्यों नहीं, मेरी बच्ची है ही इतनी प्यारी।"

अपनी मां की बात सुनने के बाद, रिया रोते हुए रसोई घर से बाहर निकल जाती है और अपने कमरे की तरफ जाने लगती है, तो सीढ़ीओ की तरफ जाते हुए जल्दी जल्दी जाने के चक्कर मे गिरने वाली होती है तो अब की बार अंश, रिया को पकड़ लेता है।

अंश, रिया को कुछ बोलने ही वाला होता है कि रिया जल्दी से अपने कमरे की तरफ चली जाती हैं और अंश के Happy Birthday Riya....शब्द उस तक ही रह जाते है और अंश, रिया को जाते हुए देख रहा होता है।

रिया को जाते देख, यश अमृत से परेशान होते हुए कहता है, "ओह गॉड, रिया ने अंश भाई की बात सुन तो नही ली होगी ना, नही तो सारा प्लान पर पानी फिर जाएगा।"

यश की बात सुन, अमृत कहता है, "Relax, मुझे नहीं लगता कुछ सुना होगा, क्योंकि अगर सुन लिया होता न तो अभी तक रिया ने पूरा घर अपने सर पर उठा लिया होता।"

अमृत की बात सुन, यश कहता है, "हां भाई, आप सही कह रहे हो, मै तो बेकार मे ही पागल हो रहा हु।"

और रिया अपने कमरे में जाकर अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लेती है और उदास होकर सोचती है अंश भाई आप को भी मेरा Birthday याद नहीं है फिर उस की आंखों में अंशु आ जाते हैं।

कुछ देर बाद,

रिया अपना मुंह साफ करके, अपने कॉलेज जाने के लिए फिर से तैयार होकर नीचे आ जाती है, और बिना नाश्ता किए ही सिंघानिया मेंशन से बाहर आ जाती हैं।

और फिर ड्राइवर अंकल से कहती हैं, "मुझे कॉलेज जाना है।"

रिया की बात सुन ने के बाद, वो ड्राइवर कार का दरवाज़ा रिया के लिए खोल देता है और रिया उस मे बैठ जाती है फिर वो ड्राइवर भी कार की आगे वाली सीट पर बैठ कॉलेज के लिए निकल जाता हैं।

रिया ने आप अपने जन्मदिन पर ही अपनी मां से डाट खाने के बाद बहुत ज्यादा उदास होती जाती है पर जब वो कुछ सोच ही रही होती है, "क्या सच में किसी को भी मेरा जन्मदिन याद नहीं है ?"

तो उस के फोन पर किसी का कॉल आता है तो अपने आप से ही गुस्से में कहती हैं, "अब कौन पागल हो रहा है ?"

रिया के फोन पर श्रेया का नाम लिखा हुआ आ रहा होता है जिसे देख रिया के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती है और फोन उठाकर बोलती है, "कहा है तू, पता भी है तुझे, मै कब से तेरे फोन का इंतजार कर रही थी?"

रिया की बात सुन, श्रेया मुस्करा रही होती है फिर श्रेया बात को पलटते हुए रिया से कहती है, "क्या मतलब कहा हु मै, मै कब से तेरा कॉलेज में इंतजार कर रही हू उस का कुछ नही, और महारानी मुझसे पूछ रही है कि मैं कहा हु !"

श्रेया की बात सुन, रिया कहती हैं, "मैने जो पूछा उस का जबाव कौन देगा ?"

श्रेया मुस्कराते हुए रिया से कहती हैं क्योंकि फोन पर कौन सी उस की चेहरे की मुस्कान दिख ही जायेगी, " अब किस चीज का जवाब चाहिए तुझे ?"

श्रेया की बात सुन, रिया उस से पूछती है, "तुझे भी याद नहीं है कि आज क्या है, मुझे नही करनी है तुझसे बात और कॉल कट कर देती हैं !"

रिया के फोन काट देने पर, श्रेया फोन को देख के हसने लगती हैं और कहती है पागल लड़की, तुझे क्या पता आज तेरे लिए घर में पार्टी रखी गई है और तू ऐसे गुस्सा हो रही हैं जैसे क्या हो गया है!

रिया की इकलौती दोस्त का नाम श्रेया घोषाल है। श्रेया एक अच्छी और समझदार लड़की है और यह भी रिया की उम्र के ही बराबर होती है। रिया और श्रेया दोनों एक साथ सिंघानिया मेमोरियल इंटरनेशनल कॉलेज में पढ़ती है।

सिंघानिया मेमोरियल इंटरनेशनल कॉलेज का ट्रस्टी और कोई नही हमारा हीरो अंश सिंघानिया ही होता है, पर उस चचेरे भाई यश और बहन रिया अपनी अपनी पहचान छुपाकर पढ़ रहे होते है क्यूंकि अंश सिंघानिया के बिजनेस में अब बहुत ऐसे दुश्मन बन गए होते हैं जो उस के परिवार को नुकसान पहुंचाने के लिए बस एक मौके का ही इंतजार कर रहे होते हैं।

इसलिए अंश ने खुद उन दोनों से अपनी पहचान छुपाने के लिए कहा होता है पर यह बात श्रेया को पता होती है क्योंकि श्रेया और रिया के पापा दोनो बहुत अच्छे दोस्त होते है। इसलिए उन का सिंघानिया परिवार में आना जाना लगा ही रहता है।

श्रेया भी आज अनजान बनकर रिया को बुद्धु बना रही होती हैं क्योंकि यश ने पहले ही सब परिवार वालो को बोल दिया है कि कोई भी रिया को Birthday Wish नही करेगा, शिवाए अंश के क्योंकि उस से कहने की हिम्मत उस के छोटे भाई बहनों में तो बिलकुल भी नहीं है और इसी वजह से रिया आज श्रेया से भी गुस्सा हो जाती हैं।

सिंघानिया मेमोरियल इंटरनेशनल कॉलेज,

ड्राइवर, रिया को उस के कॉलेज छोड़ देता है और वहा से वापस सिंघानिया मैंशन के लिए निकल जाता हैं और उस के बाद रिया अपने कॉलेज में अंदर जाने लगती है पर उस का आज मन नहीं होता है पर कर भी क्या सकती है उस की मां उस क्लास टीचर से उस की Attendence के बारे में जानकारी लेती रहती है।

क्योंकि रिया का पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता है पर रिया जैसे तैसे कर के एग्जाम पास कर ही लेती है जिस वजह से उस की दादी उस को उस की मां की डाट से बचा ही लेती हैं। वैसे तो रिया सारी क्लास अटेंड न करनी पढ़े उस के लिए कोई न कोई बहाना बना ही लेती है बस First & Last को छोड़ के क्योंकि उस समय ही कॉलेज की टीचर उस पर अपना ज्यादा ध्यान देते हैं।

और वैसे भी आज कॉलेज में ज्यादा Student नहीं आए होते है क्यूंकि अभी कल ही तो सब पिकनिक ट्रिप से आए होते है इसलिए आज कुछ टीचर छुट्टी पर होते हैं और कुछ ही टीचर कॉलेज आए होते हैं तो आज ज्यादा पढाई नही होने वाली होती है।

दुपहर का समय,

आज कॉलेज में ज्यादा पढाई नही होने के कारण रिया जल्दी ही अपने घर सिंघानिया मेंशन वापस आ जाती हैं। घर में इस समय अंश के दादा, दादी, मां, पापा, चाचा, चाची और यश ही होते हैं। बाकी बचे लोग यानी खुद अंश, सिद्धार्थ, अमृत और अवनी सिंघनिया कम्पनी में होते है।

सिंघानिया परिवार में मौजूद लोग साथ में बैठ कर लंच कर रहे होते हैं वैसे तो सब ने रिया को सिंगानिया मेंशन में आते देख लिया होता है पर फिर भी वो सब अनजान बनते हुए उस को रोज की तरह इग्नोर कर दिया होता है। जिस को देखने के बाद रिया का मुंह देखने लायक हो जाता हैं।

रिया सिंघानिया मेंशन में आते हैं अब सीधा अपने कमरे की तरफ जाने हो होती हैं तो उस के दादा जी उस को रोकते हुए कहते हैं, "रिया, तुम आज कॉलेज से जल्दी आ ही गई हो तो यहां आकर सब के साथ लंच करो।"

अपने दादा जी की बात सुनने के बाद, रिया उदास मन से कहती हैं, "ठीक है, दादा जी।"

और फिर बिना मन के सब के साथ लंच करने के लिए बैठ जाती हैं जब की आज उस के पसंद का ही सारा खाना बना होता है फिर भी वो इस बात पर कोई ध्यान नहीं देती हैं।

रिया को ऐसे उदास देख उस की बड़ी मां और दादी बहुत ज्यादा दुखी हो रहे होते हैं। वैसे तो किसी को भी आज ऐसे रिया को परेशान करना अच्छा नहीं लग रहा होता है पर वो भी क्या कर सकते हैं उन की रिया को Surprise Party & Gift लेना बहुत पसंद हैं इसलिए तो सब उस की खुशी के लिए चुप रह जाते हैं।

शाम के समय,

अंश की मां, रिया को देखने उस के कमरे में जाती है तो देखती है कि रिया अपने कमरे की बालकनी में खड़ी कुछ सोच रही है और उस का चेहरा बिल्कुल उतर ही चुका होता है।

जिसे देख अंश की मां को बिलकुल अच्छा नही लग रहा होता है, फिर वो रिया से कहती हैं, "रिया बेटा, वहा बालकनी में क्यो खड़ी हो ?"

अपनी बड़ी मां की आवाज़ सुन, रिया पीछे मुड़ के देखती है तो उस की बड़ी मां वहा खड़ी होती है, जिन्हे देख वो कहती हैं, "कुछ नही बड़ी मां, आज मेरा किसी भी काम मे कोई मन नहीं लग रहा है और आप बताये आप क्यो आ गई, मुझे बुला लिया होता अपने कमरे मे।"

रिया की बात सुन के, उस की बड़ी मां कहती हैं, "क्यो बेटा जी, क्या मै तुम्हारे कमरे मे नही आ सकती हु क्या, बताओ मुझे ?"

अपनी बड़ी मां की बात सुन, रिया कहती हैं, "नही...ऐसी तो कोई बात नही है बड़ी मां, आप तो जब चाहो मेरे कमरे मे आ सकती हो।"

रिया की बात सुन, उस की बड़ी मां कहती हैं, "अच्छा चलो छोड़ो, तुम कह रही हो न की तुम्हारा कही मन नहीं लग रहा है तो जाओ कही घूम आओ।"

अपनी बड़ी मां की बात सुन, रिया कहती हैं, "नही बड़ी मां मुझे कही नही जाना है।"

रिया की बात सुन, उस की बड़ी मां कहती हैं, "ऐसे कैसे नही जाना है, मैने कहा न जाओ।"

उस की बड़ी मां, फिर थोड़ा Emotional Black Male करते हुए रिया से कहती हैं, "अपनी बड़ी मां की बात नही मानोगी तुम !"

अपनी बड़ी मां की बात सुन, रिया बिना किसी मन से कहती हैं, "ठीक है, बड़ी मां आप कह रहे हो तो, मै अब आप को तो मना कर नही सकती ना।"

अपनी बड़ी मां की बात, रिया इसलिए भी मन लेती हैं क्योंकि वो अपनी मां से भी ज्यादा अपनी बड़ी मां को प्यार करती है।

रिया की बात सुन, उस की बड़ी मां कहती हैं, "हां, अब ठीक है तो जाओ जल्दी से तेयार हो जाओ और मै श्रेया को बोल देती हूं कि वो भी तुम्हारे साथ चली जाए।"

रिया को घर से बाहर जाने के बाद,

यश, अपनी बड़ी मां से पूछता है, "चली गई न वो?"

यश की बात सुन, उस की बड़ी मां अपना सिर हां में हिला देती है, तब यश के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती हैं।

यश को इतना खुश देख, उस की दादी उस से कहती है, "बेटा वो कुछ समय के लिए बाहर गई है ना की जिंदगी भर के लिए जो इतना खुश हो रहा है !"

अपनी दादी की बात सुन, यश अपना मुंह बना लेता है तो उस की दादी उस से कहती है, "बेटा सब भाई अपनी बहन के घर पर होने पर उस से लड़ाई करते हैं और जब वो अपने घर चली जाती है ना, तो उदास हो जाते हैं उन का किसी भी काम मे मन ही नही लगता हैं !"

अपनी दादी मां की बात सुन, यश कहता है, "ऐसा कुछ नही है दादी मां, बल्कि मैं तो बहुत ज्यादा खुश होंगा उस की शादी होने पर।"

यश की बात सुन कर, उस की दादी मां कहती हैं, "हां... हां सब यही कहते हैं।"

अपनी दादी मां की बात सुन, फिर यश कहता है, "चलो छोड़ो इस बात को वैसे भी अभी कौन सा उस की शादी हो ही रही है और जब होगी तब का तब देखेंगे, अभी के लिए तो मै अमृत भाई को बुला लेता हूं, जिस से घर में कुछ तैयारी भी हो जाएंगी।"

फिर यश, अमृत को कॉल करता है तो वो पहली ही रिंग में कॉल रिसीव कर लेता है और कहता है, "हां बोल यश क्या हुआ ?"

अमृत की बात सुन, यश कहता है, "घर आने का कब इरादा है आप का !"

यश की बात सुन, अमृत मजाकिया लहजे में बोलता है, "जब तू कहे।"

अमृत की बात सुन, यश चिड़ते हुए कहता है, "हो गया आप का, तो अब जल्दी से घर आ जाओ बहुत सारी तैयारियां करनी है, रिया के Suprise Party के लिए।"

यश की बात सुन, अमृत कहता है, "अच्छा ठीक बाबा, बस थोड़ी देर में पहुंच रहे हैं, अब ठीक है ना।"

अमृत की बात सुन, यश कहता है, "हां अब ठीक है और सारे काम छोड़ जल्दी से आ जाओ, बहुत काम पढ़ा है।"

यश की बात सुन, अमृत कहता है, "रुक जरा तू, अंश को बोलता हूं कि तुझे सारे काम छोड़ के घर बुला रहा है !"

अमृत की बात सुन के, यश जल्दी से बोलता है, "अरे अमृत भाई, बच्चे की जान लेने का इरादा है क्या और आप को जितना समय चाहिए ले लो पर अंश भाई को कुछ मत कहना !"

यश को ऐसे घबराता देख, अमृत हंसते हुए कहता है, "क्या हुआ, अभी तो कुछ कहा नहीं तो यह हाल है और कह दिया होता तो पता नहीं क्या ही हो जाता ना !"

अमृत की बात सुन, यश गुस्सा होते हुए कहता है, "क्या भाई ऐसा कोई दुश्मन के भी साथ न करे और आप अपने छोटे से भाई के साथ करने जा रहे थे !"

यश की ऐसी बात सुन के, अमृत कहता है, "अच्छा.. अच्छा ठीक है, चल अब फोन रख।"

तो यश फोन काट देता है तो अमृत अपने फोन को देख हस्ते हुए कहता है, "पूरा पागल है यह लड़का !"

कुछ देर बाद,

अमृत और सिद्धार्थ घर वापस आ जाते हैं पर अंश नही आता है क्योंकि उस की आज Inportant मीटिंग होती है जिसे Attend करने राजीव के साथ चला जाता हैं और समीर को घर भेज देता है।

यश, अमृत, सिद्धार्थ और समीर मिलकर सिंघानिया मैंशन को Horror Theme के अनुसार डिकोरेडेड कर देते हैं। वैसे तो रिया को Horror Movies बिलकुल भी पसंद नहीं होती हैं पर यश उस को परेशान करने का एक भी मौका अपने हाथो से जाने नही देना चाहता है क्योंकि उस के Birthday पर रिया ने बहुत बदमाशी की थी जिस का यश सूत समित बदला ले रहा होता है।

और साथ में यश मुस्कराते हुए अपने मन में सोचता है, "रिया, अब तू देख आगे क्या क्या होता है और अब जो होना ना उस को तू हमेशा याद रखेगी और मुझे पंगा लेने की तो कभी सोचेगी भी नही।"

दो घंटे बाद,

सब तैयारी पूरी हो जाती है तो सब को Black & White Dress पहनने को बोला होता है क्यूंकि यह एक Horror Theme के अनुसार ही डिसाइड हुआ होता है। वैसे तो यश चाहता था कि Horror Related ही Costume पहननी चाहिए।

पर दादा जी ने कहने पर कि तेरे तरह अब हम सब पागल तो बन नही सकते हैं ना बस इसलिए ही सब के लिए एक आसान सी Theme रखवाई गई होती है।

क्या अब सच में यश, अपना बदला लेने के लिए रिया के साथ कुछ ऐसा करने वाला है कि उस को हमेशा याद रहेगा ?? और अब क्या होगा आगे जानने के लिए इंतजार करे अगले भाग का...।