तेरा मेरा ये रिश्ता - 9 Saloni Agarwal द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

तेरा मेरा ये रिश्ता - 9

उन best डॉक्टर्स की बात सुन, शालिनी रोते रोते ही बेहोश हो जाती हैं और हेमा उस को संभाल के हॉस्पिटल की कुर्सी पर बैठा देती हैं और उस के पास बैठ जाती है पर अभी उस को संभालना उस के बस में नहीं होगा यही सोच कर हेमा, शालिनी को होश में नही लाती है।


उधर, राठौड़ मिशन में,


सुबह के 8:30 बजे,


काव्या अपने कमरे से तैयार होकर बाहर आ रही होती हैं साथ में कह रही होती हैं, "किट्टू....किट्टू, बच्चा कब तक सोएगी, अब उठ भी जाओ।"


काव्या, किट्टू के कमरे का दरवाजा खटखटा ही रही होती हैं पर उस के कमरे से कोई भी आवाज न आने पर वो थोड़ी परेशान होने लगती है क्योंकि आज से पहले किट्टू कभी भी इतनी देर तक नही सोई थी पर आज तो किट्टू अपने कमरे से बाहर आने का नाम ही नही ले रही होती हैं और न ही किट्टू, काव्या की किसी भी बात का जबाब दे रही होती हैं।


अब काव्या का सबर का बांध टूटने ही वाला होता है क्योंकि काव्या, किट्टू के लिए बहुत ज्यादा Protective है और उस का गुस्सा बहुत ज्यादा तेज है और साथ में काव्या अपने दादा जी पर न जाकर अपने पापा पर गई होती हैं, उन का गुस्सा भी बात बात पर बढ़ जाता हैं और जल्दी ही छोटी सी छोटी बात पर भी गुस्सा करने लग जाते है।


काव्या को ऐसे चिल्लाता देख, उस के पापा उस से कहते हैं, "काव्या, ऐसा भी क्या हो गया है जो तुम सुबह सुबह इतना चिल्ला रही हो ?"


काव्या के पापा का नाम विक्रम सिंह राठौड़ होता है,राठौड़ कंपनी की नीव इनके ही पिता ने रखी थी फिर बाद मे वो कंपनी को इन्होंने ही संभाल रहे थे और अब कुछ समय से यानी दो सालों से काव्या ही राठौड़ कंपनी की भाग दौड़ संभाल रही होती हैं। पर फिर भी ये राठौड़ कंपनी के President होते हैं, और इनकी उम्र लगभग 56 वर्ष होती हैं और ये अपने पिता की बड़े बेटे है।



अपने पापा को ऐसा बोलते देख, काव्या उन से कहती हैं, "मेरी नन्ही सी जान, अपने कमरे का दरवाजा नही खोल रही है और आप कह रहे हैं मै चिल्ला क्यो रही हू !"



काव्या अपनी बात पूरी करते हुए, अपने पापा को टोंट मरते हुए कहती हैं, "ओ हां, आप को तो किट्टू के होने न होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता है तो आप के लिए तो मेरा ऐसे सुबह सुबह चिल्लाना गलत ही होगा न, am I right dad !"



काव्या के ऐसे कहने से, विक्रम जी का गुस्सा बढ़ जाता हैं और वो काव्या से कहते हैं, "Yes, Offcourse, तुम ने बिलकुल सही सोचा, मेरे लिए वो लड़की का इस घर में होना ना होना एक बराबर है और वो मेरे लिए कुछ भी मायेने नही रखती है।"



अपने पापा की बात सुन, काव्या का गुस्सा बढ़ जाता हैं, और वो अपने पापा से कहती है, "तो फिर जाइए न, यहां खड़े होकर अपना टाइम बर्बाद मत कीजिए।"



काव्या की बात सुन, विक्रम जी कहते है, " मै यहां अपनी बेटी के लिए रुका हू ना की उस लड़की के लिए, समझ में आया तुम्हे !"



अपने पापा की बात सुन, काव्या कहती हैं, "शायद आप भूल रहे हैं, उस लड़की का एक नाम भी है !"



काव्या की बात सुन, विक्रम जी कहते हैं, "मै सिर्फ उन लोगो के नाम याद रखता हु जो मेरे लिए जरूरी है और उनके तो बिलकुल भी नही जिनसे मैं नफरत करता हूं और वो मेरे लिए कुछ मायेने नही रखते हैं और वो लड़की इन लोगो मे से ही है।"



अपने पापा की बात सुन, काव्या का गुस्सा बढ़ा रहा होता है फिर वो किसी को जोर से आवाज लगाती है और कहती हैं, "रघु...रघु...!"



रघु, काव्या का पी ए होता है और इस की उम्र 23 वर्ष होती है, हाइट 5"9 होती हैं, रघु, काव्या के घर के साथ साथ, उस के ऑफिस का भी सारा काम देखता है और इसी कारण रघु, काव्या के घर में ही रहता है।



अपनी बॉस की आवाज सुन, रघु दौड़ कर काव्या के पास पहुंच जाता हैं और कहता है, "जी बॉस, आप ने बुलाया !"



रघु को अपने सामने देख, काव्या उस से कहती हैं, " जल्दी जाकर, दादू के कमरे से किट्टू के कमरे की Master key लेकर आओ।"



काव्या की बात सुन, रघु कहता है, "ठीक है बॉस, मै अभी लेकर आता हु।" और फिर वो बहा से दादा जी के कमरे की तरफ चला जाता हैं।



राठौड़ मैंशन के मुख्य द्वार पर से अंदर आते हुए किसी शख्स की आवाज आती हैं और वो कह रहे होते हैं, "किट्टू... किट्टू देख मैं अपनी योगा class से आते हुए तेरे लिए कितनी सारी आमी (अमिया) लेकर आया हुआ, फिर हम दोनो साथ मिलकर खूब सारा आम पन्ना पियेंगे, साथ में काव्या और विक्रम को तो बिल्कुल भी नही देंगे।"



जब उस शख्स को कोई जवाब नही मिलता है तो वो फिर से कहते हैं, "आ जा बच्चा, अब अपने दादा जी को कितना इंतज़ार करवाएगी और अब तक तो तूने अपने भगवान शंकर की पूजा भी कर ली होगी।"



ये शख्स और कोई नहीं काव्या और किट्टू के दादा जी रघुनाथ सिंह राठौड़ होते हैं। जिनकी उम्र लगभग 70 के करीब होगी और ये हमारी किट्टू के सबसे अच्छे और प्यारे दोस्त है, साथ में किट्टू और दादा जी, काव्या और विक्रम के ऑफिस जाने के बाद खूब मस्ती करते है और बहुत सारी चीज़ें खाते पीते रहते हैं। किट्टू के साथ रहकर ये भी बहुत ज्यादा मस्तीखोर हो गए हैं वो बात अलग है कि ये हसमुक स्वभाव के तो पहले से ही है।



अपने दादा जी की आवाज सुन, काव्या उन से कहती हैं, "आप की किट्टू आज अभी तक अपने कमरे से बाहर ही नही निकली है !"



काव्या की बात सुन, रघुनाथ जी पूछते हैं, "क्या ये केसे हो सकता है भला, मेरी बच्ची तो सुबह जल्दी उठ जाती हैं और साथ में घर की पूजा भी कर लेती है और तुम कह रही हो वो आज उठी नही है तो क्या उस की तबियत खराब है ?"



अपने दादा जी की बात सुन, काव्या कहती हैं, "पता नही दादू, क्या हुआ है मेरी नन्ही सी जान को, आज सुबह से इस के कमरे का दरवाजा ही नही खोल रही है।"



काव्या की बात सुन, दादा जी कहते हैं, "तो देख क्या रहे हो, दरवाज़ा खोलो मेरी बच्ची के कमरे का !"



दादा जी की बात सुन, काव्या कहती हैं, "हां, मैने पहले ही रघु को आप के कमरे से किट्टू के कमरे की Master Key लाने को बोल दिया है और वो आता ही होगा।"



काव्या अपनी बात कह ही रही होती है तभी रघु वहा आ जाता हैं और काव्या की तरफ देख कहता है, "ये लीजिए बॉस, किट्टू मैम के कमरे की master key."



तब तक दादा जी भी सीढ़ियों से चढ़ कर ऊपर किट्टू के कमरे तक पहुंच जाते हैं। फिर काव्या, रघु के हाथ चाभी ले कर किट्टू के कमरे का दरवाजा खोलती हैं पर साथ में घबरा भी रही होती हैं कही उस की नन्ही सी जान ने कुछ कर तो नही लिया न।



क्योंकि उस के पापा विक्रम जी, किट्टू के ऊपर हर वक्त गुस्सा करते रहते हैं जिस कारण किट्टू आज कल कुछ ज्यादा ही चुप चाप रहने लगी हैं। जबकि उस की नन्ही सी जान तो उस को बोल बोल कर काव्या को बहुत ज्यादा परेशान करती रहती हैं।



काव्या जैसे ही किट्टू के कमरे का दरवाजा खोलती हैं तो काव्या और दादा जी जल्दी से किट्टू के कमरे में घुस जाते है पर उन को किट्टू कही नज़र नही आती हैं। फिर काव्या, रघु से कहती हैं, "रघु, bathroom मे देखो कही वहा तो नही है !"



काव्या की बात सुन, रघु जल्दी से किट्टू के कमरे मे आता है और bathroom ka दरवाजा खोलने लगता हैं तो वो एक दम ही खुल जाता हैं और वो अंदर देखता है तो उस को किट्टू कही नज़र नही आती हैं, तो रघु, अपनी बॉस से कहता है, " बॉस, किट्टू मैम bathroom मे भी नही है। "



रघु की बात सुन, काव्या कहती हैं, "पूरे राठौड़ मैंशन में किट्टू को ढूंढो !"



काव्या की बात सुन, रघु जल्दी से कहता है, "ठीक है बॉस, मै अभी सारे बॉडीगार्ड्स और नौकरों से राठौड़ मैंशन में किट्टू मैम के ढूंढने के लिए कहता हु और खुद भी ढूंढने जाता हु।"



रघु की बात सुन, काव्या अपने सिर हां मे हिला देती है और साथ में अपनी जींस की पॉकेट में से अपना मोबाइल फोन निकलती हैं और किट्टू का नंबर डायल करती है काव्या बार बार लगातार किट्टू के नंबर पर कॉल कर रही होती हैं पर उस का नंबर Switch off बता रहा होता है।



क्योंकि जब किट्टू की Bike Slip हुई थी तब उस का फोन उस की जींस की पॉकेट में से निकल कर वही गिर का टूट गया था। पर ये बात काव्या को कहा से पता हो सकती है इसलिए वो किट्टू के लिए बहुत ज्यादा परेशान होने लगती है।



फिर जब उस के दादा जी पूछते हैं, "क्या हुआ, फोन लगा मेरी बच्ची का !"



अपने दादा जी की बात सुन, काव्या कहती हैं, "नही दादू, उस का नंबर Switch off आ रहा है, कही वो किसी मुसीबत में तो नही है ना क्योंकि आज मेरा दिल सुबह से ही बहुत ज्यादा घबरा रहा है।"



काव्या की बात सुन, दादा जी उस को हिम्मत देते हुए कहते है, "क्या तू भी कुछ भी सोचती रहती है, और मेरी किट्टू को कुछ नही हुआ होगा समझ में आया तुझे।"



वैसे दादा जी ने, काव्या को कह तो दिया होता है पर उन का दिल खुद बहुत ज्यादा घबरा रहा होता है पर फिर भी वो ये बात काव्या से नही कह सकते हैं क्योंकि काव्या की जान, किट्टू मे बसती हैं और अगर उस को कुछ हो गया न तो काव्या क्या कर जायेगी, ये कोई भी नही बता पाएगा।



आधा घण्टे बाद,



रघु भाग कर काव्या के पास आता है और उस से कहता है, "बॉस, वो किट्टू मैम, पूरे राठौड़ मैंशन में कही भी नही है, सब जगह देख लिया है।"



रघु की बात सुन, काव्या और दादा जी दोनो ही घबरा जाते हैं पर दोनो मे से कोई भी अपने चेहरे पर घराहाट को आने नही देता हैं। फिर काव्या, रघु से कहती है, "जाओ पार्किंग एरिया में जाकर देखो कौन सी कार नही है और फिर उस कार की कार Location पता कर के बताओ।"



काव्या की पूरी बात सुनने के बाद, रघु कहता है, "जी ठीक है बॉस, मै अभी पता कर के बताता हु।"



रघु राठौड़ मैंशन से बाहर निकल के मुख्य द्वार से पार्किंग एरिया में जाकर देखता है साथ में वहा के गार्ड से पूछता है, "आज कौन सी कार राठौड़ मैंशन से बाहर गई हुई है।"



रघु की बात सुन, वो कार पार्किंग गार्ड कहता है, "सर, आज तो अभी तक कोई भी कार राठौड़ मैंशन से बाहर नही गई है।"



उस पार्किंग गार्ड की बात सुन, रघु घबरा जाता है और कहता है, "क्या, ये केसे हो सकता है क्योंकि आज किट्टू मैम पूरे राठौड़ मैंशन में कही भी नहीं है और उदयपुर से बिना की कार से बाहर कैसे जा सकती है ?"



रघु भाग के राठौड़ मैंशन के अंदर जाता हैं तो काव्या उस से पूछती हैं, "हां, बताओ कहा की लोकेशन है मेरी किट्टू की।"



काव्या की बात सुन, रघु कहता है, "वो मैम, आज राठौड़ मैंशन से कोई भी कार बाहर नही गई है।"



रघु की बात सुन, दादा जी कहते हैं, "क्या...कहा है मेरी बच्ची !"



फिर दादा जी कहते हैं, "काव्या, जल्दी से उस के कॉलेज वालो से confirm करो कही मेरी बच्ची जयपुर के लिए तो नही निकल गई न क्योंकि वो कह रही थी उस से एग्जाम आने वाले और ये कॉलेज वाले कुछ ड्रामा जरूर करेंगे।"



दादा जी की बात सुन, काव्या उन से अब परेशान होते हुए कहती हैं, "दादू, मै पहले ही पता कर चुकी हु, किट्टू वहा पर नही है।"



काव्या की बात सुन, दादा जी गुस्से में पूरे राठौड़ मैंशन के गार्ड से कहते हैं, "तो कहा है मेरी बच्ची, मुझे नही पता मेरी नन्ही सी जान को कही से भी ढूंढ के निकालो वो भी सही सलामत, समझ आया तुम सब को।"



सब गार्ड्स, दादा जी की बात सुन, कहते हैं, "जी सर।"



अब काव्या, उदयपुर के Police Commissioner को कॉल करती है और उन से कहती हैं, "मेरी किट्टू को पूरे राजस्थान में ढूंढ ने लग जाओ और याद रखना अगर मेरे किट्टू मुझे आज रात तक सही सलामत नही मिली न तो मैं क्या कर जाऊंगी ये तुम सोच भी नही सकते हो।"



Police commissioner, काव्या की बात सुन कहता है, "जी ठीक है बस आप किट्टू की कोई फोटो send कर दीजिए।"



Police commissioner की बात सुन, काव्या रघु से कहती हैं, "उस commissioner को किट्टू की फोटो send कर दो।"



काव्या की बात सुन, रघु कहता है, "जी बॉस।"



अब काव्या जोर जोर से आवाज देने लगती है, "राहुल....राहुल।"



राहुल, काव्या का Personal बॉडीगार्ड होता है, जो उस के साथ तब से है जब उस ने अपनी Teenage Life Complete करी होती है, साथ में राहुल, काव्या का सबसे वफादार बॉडीगार्ड होता है उस की उम्र तो काव्या से ज्यादा यानी 27 वर्ष होती है और हाइट 6"1 होती हैं पर फिर भी राहुल, काव्या के गुस्से से बहुत ज्यादा डरता है।



काव्या की एक आवाज पर राहुल आया नही होता है तो काव्या का गुस्सा बढ़ रहा होता है वो रघु को देखती हैं और उस से पूछती हैं, "राहुल कहा है?"



काव्या को इतनी गुस्से में देख, रघु डरते हुए कहता है, "वो...वो मैम, राहुल को मैने बाहर ही देखा था पता नही आप के बुलाने पर अंदर आ क्यो नही रहा है।"


काव्या, रघु को कुछ बोलने ही वाली होती हैं तभी राहुल भागते हुए आता है और काव्या की तरफ देख डरते हुए कहता है, "वो...वो की...किट्टू मैम को......?


राहुल अपनी बात पूरी कर ही नही पाता है कि काव्या उस का कॉलर पकड़ के पूछती हैं, "क्या...क्या हुआ मेरी किट्टू को बोलो....!



ऐसा क्या पता चला होगा राहुल को किट्टू के बारे में ? और कहा है किट्टू ये काव्या को केसे पता लग पाएगा ? क्या किट्टू की हालत को जान कर काव्या और दादा जी को लगेगा बहुत बड़ा झटका ? आगे जानने के लिए इंतज़ार करिए अगले भाग का....!