तेरा मेरा ये रिश्ता - 2 Saloni Agarwal द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

तेरा मेरा ये रिश्ता - 2

अगली सुबह,

अंश रोज की तरह ही अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा होता है और फिर सब डायनिंग टेबल पर मौजूद हो जाते है क्योंकि सिंगनिया परिवार का एक बड़ा रुल है की सुबह का नाश्ता और रात का खाना सब को साथ ही करना होगा।

यह सब अंश के दादा जी का कहना है और उन की बात कोई भी नही ताल सकता है उन होने कह दिया तो वो पत्थर की लकीर हो जाती हैं इसलिए सब को उन की बात माननी पड़ती हैं और खास कर अंश को भी पता है की दादा जी की बात को टालना सबसे बड़ी गलती होगी इसलिए वो भी उन की बात को मान लेता है।

सब सुबह का नाश्ता कर ही रहे होते है कि सिंगनिया मेंसन में किसी के आने की आहट होती हैं सब देखने के लिए पीछे की तरफ मुड़ कर देख ही रहे होते है कि इतनी सुबह को कौन आया है ? पर हमारे अंश तो आराम से अपना नाश्ता कर रहे होते है उस को कोई फर्क नही पड़ता है कि कौन आया है और कौन नही !

फिर सिंघानिया मेंशन में एक लड़की अंदर आ रही होती है यह है अंश और अमृत की सगी बहन जिस का नाम अवंतिका सिंघानिया होता है और सब इस को प्यार अवनी कह कर बुलाते हैं। जिस की उम्र 25 वर्ष और हाइट 5"8 होती हैं। यह सिंघानिया परिवार की सबसे बड़ी पोती है। अवनी का रंग गोरा और यह दिखने में बहुत सुंदर होती हैं।

पर यह थोड़ी सी घमंडी भी होती है क्योंकि यह मुंबई की फैशन आइकन है और साथ में अग्रवाल कॉर्पोरेशन कंपनी की एक छोटी सी Perfume Product की ब्रांड एम्बेसडर है। जबकि अग्रवाल कॉर्पोरेशन कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी लेडीज & Male से जुड़ी हर चीज का Most Expensive Products कंपनी है। साथ ही साथ इस कंपनी के कपड़ो से लेकर हर चीज की मांग विदेशों तक है।

अवनी ने आज क्रॉप टॉप, जैकेट और साथ में ब्लू जींस पहनी होती हैं। अवनी ने अपने MBA की पढ़ाई Complete करी होती है और अब अवनी पिछले दो साल से अंश के साथ सिंघानिया कम्पनी में ही Intership कर रही होती है क्योंकि अंश ने सिंघानिया कम्पनी में एक रूल बनाया है कि कोई भी बिना Intership के Direct ऑफिस ज्वाइन नही कर सकता है।

अवनी के अंदर आते ही अंश की चाची, उस से पूछती है, "बेटा तुम्हारी बिजनेस ट्रिप कैसी रही ?"

अपनी चाची की बात सुन, अवनी इतराते हुए कहती है, "चाची जी, आप को क्या लगता हैं कि मै बिना किसी काम को पूरा किए वापस आ सकती हूं। "

अवनी की बात सुन, दादा जी कहते है, "चलो अच्छा हुआ अब तुम आ कर हमारे साथ नाश्ता करो।"

अपने दादा जी की बात सुन, अवनी अपना सिर हां में हिला कर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाती हैं।

सब डाइनिंग टेबल पर अपना अपना नाश्ता कर ही रहे होते है कि अमृत का फोन बजने लगता हैं फिर सब का ध्यान अमृत के फोन पर जाता हैं तो..

अमृत के पापा, उस से पूछते हैं, "बेटा, तुम्हारे फोन पर किस का कॉल आ रहा हैं?"

अपने पापा की बात सुन, अमृत कहता है, "पापा वो छोटी का कॉल आ रहा हैं ।"

अमृत की बात सुन, उस के चाचा जी अमृत से कहते हैं, "अच्छा, तो फिर उठाओ मेरी बच्ची के कॉल को !"

अपने चाचा जी की बात सुनने के बाद, अमृत कॉल उठा लेता है और कहता है, "हां छोटी बोल क्या हुआ और कैसी रही तेरी पिकनिक ट्रिप ?"

अमृत की बात सुन सिंघानिया मेंसन मे अंदर आते हुए एक लड़की कहती हैं, "क्या अमृत भैया इतनी देर कौन लगाता है एक कॉल उठाने में ?"

फिर पूरा सिंघानिया परिवार बाहर की और देखता है तो एक लड़की ही नजर आ रही होती है जिस पर सिद्धार्थ कहता है, छोटी, अब यश कहा रह गया है?"

सिद्धार्थ की बात सुन, वो लड़की कहती है, "वो आता ही होगा और कहा जायेगा।"

यह लड़की और कोई नही अंश के चाचा जी की बेटी रिया सिंघानिया होती हैं। यह सिंघानिया परिवार की सबसे छोटी पोती है। रिया की उम्र 20 वर्ष और हाइट 5"5 होती हैं। और रिया अभी B.A First Year की पढ़ाई कर रही होती है। यह सिंघानिया परिवार में सबसे शरारती और हसमुख स्वभाव की लड़की है।

पर इन्हें अपनी मां शिवानी जी से बहुत डाट पड़ती हैं क्योंकि यह कुछ न कुछ गड़बड़ करती रहती हैं। और रिया ने आज पिंक कलर का शॉर्ट फॉक साथ में शॉर्ट जैकेट पहनी हुई होती हैं।

और रिया के पीछे पीछे एक लड़का आ रहा होता है जो रिया को देख कहता है, "मोटी मुझे बाहर छोड़ के आ गई और कम से कम अपने बैग्स तो ले आती !"

यह लड़का और कोई नहीं अंश के चाचा जी का छोटा बेटा यश सिंघानिया होता है। यश सिंघानिया परिवार का सबसे छोटा पोता है। जो अपना सगा भाई सिद्धार्थ के बिलकुल उलट स्वभाव का यानी शांत तो बिलकुल भी नहीं बल्कि सबसे ज्यादा मस्तीखोर और बदमाश स्वभाव का होता है।

यश की उम्र 22 वर्ष और हाइट 5"9 होती है। यश का रंग भी गोरा और यह भी Body फीचर वाइस अच्छा लगता हैं। यश अभी M.Com First Year की पढ़ाई कर रहा होता है। यश ने आज ब्लू T shirt के साथ ब्लैक जींस पहनी होती हैं।

रिया और यश को देख, अंश की मां उन दोनो से पूछती है, बेटा तुम्हारी पिकनिक ट्रिप कैसी थी और तुम ने वहा क्या क्या किया ?"

अपनी ताई जी की बात सुन, रिया कहती है, "बड़ी मां, आप को पता है हम दोनो ने कितनी मस्ती की और तो और वहा के वाटरफॉल और वहा की प्रकृति कितना अच्छा महसूस करवा रहे थे !"

रिया की बात सुनने के बाद, उस की मां, रिया और यश पर गुस्सा करते हुए कहती हैं, "अच्छा अच्छा, बहुत मस्ती कर ली तुम दोनो ने अब थोड़ी पढ़ाई पर भी ध्यान दो, अगले महीने से एग्जाम होने वाले है तुम लोगो के !"

अपनी मां की बात सुनने के बाद, रिया अपना मुंह बनाए हुए कहती हैं, "क्या मम्मी आप हर वक्त पढ़ाई पढ़ाई के बारे में बोलती रहती हो ?

रिया की बात सुनने के बाद, उस की मां, रिया और यश को ताना मरते हुए कहती हैं, "वो क्या है न मेरे दो बच्चे पढ़ाई लिखाई के मामले में थोड़े नही बहुत ज्यादा बेकार निकल गए हैं !"

अपनी मां की बात सुनने के बाद, यश अपनी बड़ी मां से शिकायत करते हुए बड़ी मासूम सी शकल बनाते हुए कहता है, "देखो ना बड़ी मां, हमारी मां हमारे आते ही, हम दोनो को ऐसे बोल रही है !"

यश की बात सुनने के बाद, अंश की मां, अपनी देवरानी से कहती हैं, "शिवानी, बच्चे अभी तो घर आए हैं, और तुम उन्हें ऐसा बोल रही हो !"

फिर रिया अपनी मां से अपना मुंह बनाते हुए कहती हैं, "अरे हम इतनी दूर से आए हैं कि हमारे बारे में पूछो कि हम ने वहा क्या क्या किया पर.....नही !!! आप तो हमे सुनाने में लगी है !"

रिया की बचकानी बात सुन, पूरा सिंघानिया परिवार मुस्कराने लगता हैं शिवाए तीन लोगो के अंश, अवनी और शिवानी जी के, बल्कि शिवानी जी तो रिया को गुस्से से घूर रही होती हैं।

फिर दादा जी कहते हैं, "चलो सब नाश्ते के लिए बैठ जाओ।"

फिर रिया और यश दोनो भी डाइनिंग टेबल पर अपनी सीट पर बैठ जाते है।

रिया की बात सुन, शिवानी जी कहती है, "अच्छा बेटा अब तुम मुझे बताओगे की क्या पूछना है और क्या नहीं ? और रही बात तुम्हारी ट्रिप की तो तुम सब वहा घूमने गए थे न की हाल जोतने, जो वहा पर तुम कैसे रहे होंगे और तुम सब वहा क्या क्या कांड कर के आए हो इस का भी पता जल्द ही चल जायेगा। तो अब चुपचाप नाश्ता करो अपना।"

अंश की चाची जी, अब अवनी की तरफ देख मुस्करा के बोलती है, "बेटा अब तो तुम्हारी सारी बिज़नेस ट्रिप पूरी हो गई हैं न !"

अपनी चाची जी की बात सुन, अवनी बोलती है, "हां अब सारी बिज़नेस ट्रिप पूरी हो गई हैं और साथ में मेरी Intership भी !"

अवनी की बात सुन, रिया अपना मुंह बना लेती है तो अमृत उस से कहता है, "छोटी ऐसा नहीं करते हैं तुम दोनो तो पिकनिक ट्रिप पर गए थे और तुम्हारी अवनी दीदी बिजनेस ट्रिप से बाहर गई थी तो फिर तुम ऐसा कैसे कर सकती हो ?"

अमृत आगे हस्ते हुए रिया से कहता है, "बल्कि तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम्हे उस बोरिंग बिजनेस ट्रिप पर नहीं जाना पढ़ रहा है ।"

अपने अमृत भैया की बात सुन, रिया भी मुस्कराने लगती है, और फिर अपना नाश्ता करने लग जाती हैं।

रिया को हंसता देख, उस की मां गुस्से में कुछ बोलने को होती है तभी.....

अंश की दादी जी, "अपनी छोटी बहू को कुछ न बोलने का इशारा करती है।"

अपनी सासु मां के इशारे को समझ, शिवानी जी कहती हैं, "मां आप ने ही इस को बिगाड़ने मे मदद की है।"

अपनी मां की बात सुन, रिया डाइनिंग टेबल से गुस्से में उठ कर वहा से अपने कमरे मे चली जाती है।

अंश की दादी जी का नाम सरला सिंघानिया होता है जिनकी उम्र लगभग 65 वर्ष होती हैं। अंश की दादी अपने सभी पोते और पोती से बहत प्यार करती है। साथ में यह सिंघानिया परिवार की सबसे बड़ी और अंश अपनी दादी से अपने दादा जी से भी ज्यादा प्यार करता है।

रिया के चले जाने के बाद, यश डाइनिंग टेबल पर बैठे सब लोगो को देख कर कहता है, "कल रिया का जन्मदिन है तो उस के लिए हम सब सरप्राइज पार्टी रखेंगे, जिस से उस का मूड भी ठीक हो जायेगा तो फिर आप सब अपने अपने सजेशन दो !"

यश की बात सुन, उस की मां, अपने बेटे से कहती हैं, "चुपचाप अपना नाश्ता Complete करो, नही तो तुम्हारे लिए, मुझसे बुरा कोई नही होगा !"

अपनी मां की बात सुनने के बाद, यश उन से कहता है, "मम्मी मै आप के जन्मदिन के लिए सजेशन नही मांग रहा हु।"

यश की बात सुनने के बाद, अंश उस को घूर के देखता है तो यश हड़बड़ा जाता हैं और अपना सिर नीचे कर नाश्ता करने लगता हैं।

यश को ऐसे हड़बड़ाता देख, अमृत अंश से के कहता है, "क्या है यश को घूर क्यो रहा है, और अभी वो बच्चा है, समझदार हो जायेगा तो अब उस को घूरना बंद कर दे।

अमृत की बात सुन, अंश यश को घूरना बंद कर देता है, और साथ में कहता है, "बच्चा है तो बच्चे की तरह से बाते किया करे।"

अब सब की बातो को सुनने के बाद, अंश के दादा जी सभी घर वालो से कहते है, "चुपचाप नाश्ता करो सब के सब।"

फिर सब घर वाले अपना अपना नाश्ता कर ने लगते है साथ में रिया और अवनी के बीच मे किसी ने बोलना जरूरी नहीं समझा क्योंकि पूरे परिवार को पता है कि अवनी और रिया के बीच मे बनती नही है।

अब तक अंश ने अपना नाश्ता पूरा कर लिया होता है तो अंश, अपने दादा जी से कहता है, "दादा जी मे ऑफिस जा रहा हु और दुपहर को मेरी एक मीटिंग तो मैं रात तक ही घर आऊंगा।"

अंश को जाते देख, सिद्धार्थ अंश से कहता है, "हां चलो, भाई मैने भी अपना नाश्ता पूरा कर लिया है !"

सिद्धार्थ की बात सुन, अमृत कहता है, "थोड़ी देर रुक जा अंश, यार मेरा भी नाश्ता बस हो ही गया है तो फिर साथ में ही चलेंगे न !"

पर अंश, बिना अमृत को देखे सिंघानिया मेंशन से बाहर निकल जाता हैं और उस के पीछे पीछे सिद्धार्थ भी चला जाता हैं।

अंश के ऐसे चले जाने पर, अंश के पापा कहते हैं, "इस लड़के का कुछ नहीं हो सकता है जब अमृत कह ही रहा हैं तो थोड़ी देर रुकने मे क्या ही हो जाता पर यह लड़का किसी की सुने तब न !"

अपने पति की बात सुन, अंश की मां कहती हैं, "अरे आप भी ना मेरे बेटे के पीछे ही पड़े रहते है, उस को ऑफिस में कुछ काम होगा तभी तो इतनी जल्दी चला गया है।"

और वैसे भी अंश और अमृत कौन सा रोज साथ में जाते हैं कि एक दिन नही जायेगे तो कोई पहाड़ टूट जायेगा।

अपनी पत्नी की बात सुन, अंश के पापा कहते हैं, "अच्छा आप को आज अपने एक ही बेटे पर कुछ ज्यादा प्यार नही आ रहा हैं।"

अपने पति की बात सुन, अंश की मां कहती हैं, "आप से तो कुछ कहना ही बेकार है और वहा से चली जाती हैं।"

अंश की मां के बात पर सिंघानिया परिवार के लोग मुस्कराने लग जाते है शिवाए अंश के दादा जी को छोड़ कर। फिर सब अपने अपने कामों में लग जाते हैं और अंश की मां और चाची जी अपनी सासू मां से दुपहर के खाने के लिए पूछ रही होती है।

अंश और सिद्धार्थ तो पहले ही ऑफिस के लिए निकल गए थे तो थोड़ी देर बाद अमृत भी आफिस के लिए निकल जाता हैं। रिया और यश अपने अपने कमरे मे होते है और अवनी अपने किसी दोस्त के यहां पर जाने की तैयारी कर रही होती है।

अंश के पापा और चाचा जी किसी मीटिंग के बारे में हॉल में ही बाते कर रहे होते हैं। अंश की दादी अपने पति के लिए रसोई घर में चाय बना रही होती हैं क्योंकि उन के पति को अखबार पढ़ते हुए चाय पीना पसंद होता है। साथ में अंश की मां और चाची भी अपनी सासु मां के पास ही खड़ी होती हैं।

अब अवनी रसोई घर में आकर अपनी मां से कहती हैं, "मां, मै अपनी दोस्त से मिलने जा रही है फिर बाद मे बिज़नेस मीटिंग के चक्कर में मिलना नही हो पाएगा।"

अपनी बेटी की बात सुन, उस की मां कहती हैं, "ठीक है बेटा, ठीक से जाना।"

एक घर में रह कर ही क्यों नहीं बनती है रिया और अवनी के बीच ?? क्या कभी इन दोनो के बीच सुला हो पाएगी ? और यश, रिया के जन्मदिन के लिए क्या करने वाला है ?? अब क्या होगा आगे जानने के लिए इंतजार करे अगले Episode का...।