Tera Mera Ye Rishta book and story is written by Saloni Agarwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tera Mera Ye Rishta is also popular in रोमांचक कहानियाँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तेरा मेरा ये रिश्ता - उपन्यास
Saloni Agarwal
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
यह कहानी है अंश और सौम्या की। एक तरफ है हमारे कहानी के हीरो अंश सिंघानिया जो है सिंघानिया ग्रुप ऑफ कंपनी के सीईओ और साथ में माफिया वर्ल्ड के बादशाह जिन्हे सब डेविल के नाम से जानते हैं। जो है बहुत ही ज्यादा गुस्से वाले और इन्हे लड़कियों से नफरत क्योंकि इन्हे लगता हैं की प्यार सिर्फ कमज़ोरी को ही जन्म देती है। दूसरी तरफ है हमारी हीरोइन सौम्या, जो है बहुत शान्त और मासूम सी लड़की और जिसे है अपने परिवार से अपनी जान से भी ज्यादा प्यार। और क्या होगा जब यह दोनो टकराएंगे ?
यह कहानी है अंश और सौम्या की, अंश जो है आग की तरह गुस्से वाला और दूसरी तरफ सोना एक शांत स्वभाव और मासूम सी लड़की है तो क्या होगा जब यह दोनो एक दूसरे से टकराएंगे ?
अगली सुबह, अंश रोज की तरह ही अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा होता है और फिर सब डायनिंग टेबल पर मौजूद हो जाते है क्योंकि सिंगनिया परिवार का एक बड़ा रुल है की सुबह का नाश्ता और ...और पढ़ेका खाना सब को साथ ही करना होगा। यह सब अंश के दादा जी का कहना है और उन की बात कोई भी नही ताल सकता है उन होने कह दिया तो वो पत्थर की लकीर हो जाती हैं इसलिए सब को उन की बात माननी पड़ती हैं और खास कर अंश को भी पता है की दादा जी की
अगली सुबह, आज रिया बहुत खुश होती है क्योंकि आज उस का जन्मदिन है और उस को लग रहा होता है कि हर बार की तरह सब घर वाले उस को नीचे जाते है Birthday Wish करेंगे इसलिए रिया ...और पढ़ेजल्दी जल्दी तैयार हो रही होती हैं क्योंकि रिया हर बार की तरह आज भी देर से ही उठी है। रिया जल्दी नीचे आती है तो अमृत उस से कहता है, "अरे छोटी संभाल के अभी गिर जाती ना तू, आज कल तेरा ध्यान किधर रहता है।" रिया, अमृत को देख कहती है, "वो भैया....!" रिया की बात सुन, अमृत
रिया के सिंघानिया मैंशन से चले जाने के बाद, श्रेया भी रिया के साथ ही बाहर चली जाती है क्योंकि सब ने सोचा होता है कि जब तक सब तैयार होंगे तब तक श्रेया, रिया को बाहर ही रोक ...और पढ़ेरखेगी। पर आज रिया, श्रेया की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थी और भला कैसे हो जाती उस की इकलौती दोस्त उस का जन्मदिन जो भूल गई थी तो बस इसलिए वो उस की कोई बात नही मान रही होती हैं। श्रेया अपने मन में कहती हैं, "क्या यार यश भाई ने कहा फसा दिया मुझे, और यह
अब अमृत, यश से पूछता है, "वैसे तूने किया क्या था जिस को देख मेरी छोटी (रिया) बेहोश ही हो गई ?" अमृत की बात सुनते ही सब घर वाले अब यश को घूर के देख रहे होते हैं, ...और पढ़ेअमृत दुबारा कहता है, "और यश के साथ मिलकर तो सिद्धार्थ, समीर और मैने ने भी तो सरप्राइज़ पार्टी तैयारी की थी और हमें जितना पता है हम ने तो ऐसा कुछ भी नही किया जिस से छोटी को कोई परेशानी हो सके और इसी कारण तो मैं यश का साथ भी दे रहा था क्योंकि मुझे लगा अंश को