बैरी पिया.... - 1 Anjali Vashisht द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

बैरी पिया.... - 1

राजस्थान :

रात का वक्त :


मंदिर में एक लड़की दुल्हन के जोड़े में खड़ी थी । उमर करीब 19 साल । तीखे नैन नक्श , पतला सा चेहरा , गोरा रंग , सांचे में ढला शरीर , काली गहरी आंखें जो काफी सूज चुकी थी लेकिन फिर भी उसके चेहरे की सुंदरता कम नहीं हुई थी ।

उसने लाल रंग का लहंगा पहना हुआ था , जो काफी भारी था और उसके इर्द गिर्द जमीन पर घेरा बनाए हुए फैला हुआ था । सिर पर रखा लाल रंग का net वाला दुपट्टा जिसे pin up किया गया था । कमर में लगाया कमरबंद , कानों में लगाए लाल झुमके , हाथों में पहनी चूड़ियां , कलीरें , पैरों में पायलें और गले में पहना हुआ मोतियों का हार... उपर से हल्के मेकअप में वो लड़की बला की खूबसूरत नजर आ रही थी ।


चेहरा बिल्कुल खामोश था । कोई भी भाव चेहरे पर नही थे । शादी की कोई खुशी नही थी ।

मंदिर में मंडप सजाया हुआ था और हवनकुंड में आग जल रही थी और पंडित जी कुछ मंत्र पढ़ रहे थे । वहीं करीब 60 साल के करीब का आदमी शेरवानी पहने मंदिर में आया ।

सफेद बाल , बढ़ी हुई दाढ़ी... , बड़ी बड़ी मूंछे.... लंबा चौड़ा शरीर.... , और झुर्रियों से भरा चेहरा । उसे देखकर साफ पता लगाया जा सकता था कि वो दूल्हा है । वो अजीब सी हंसी के साथ उस लड़की को देखने लगा । और अजीब सी नज़रों से उपर से नीचे तक उस लड़की को घूरने लगा ।

लड़की की नजरें नीची थी और उसने अपनी मुट्ठियां भींची हुई थी । आस पास बोहोत से लोग हाथों में बंदूकें पकड़े खड़े थे । वो लड़की जानती थी कि उन सबकी गंदी नजरें उसी पर थी लेकिन वो इस वक्त हालत के हाथों बोहोत मजबूर थी । उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब वो नहीं दे सकती थी । इसलिए उन लोगों की वैह्शी नजरों को भी वो अपने उपर बर्दाश्त कर रही थी । आंखों में भर आए आंसू बस गिरने के लिए तैयार बैठे थे ।

मजबूरी इंसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर ही देती है । हालत के हाथों मजबूर होना सब कुछ करवा देता है ।

आदमी उस लड़की के बगल में आकर खड़ा हो गया । पंडित जी ने एक झलक लड़की को देखा और फिर उसके बगल में खड़े 60 साल के उस बूढ़े इंसान को जो उस 19 साल की लड़की से शादी कर रहा था । पंडित जी को भी ये सही नही लग रहा था । लेकिन फिर जब मिया बीवी राजी तो क्या करेगा काजी.. वाला फंडा अपना कर उन्होंने भी बस अपना काम करने की सोची ।

लड़की के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे । उसे किसी चीज़ से कोई फर्क नही पड़ रहा था । लेकिन शादी करना मानो उसके लिए बोहोत जरूरी था ।

आदमी घिनौनी सी हंसी हंसते हुए बोला " के बात छोरी... । घनी चोखी लाग री से.... । मारी तो नजर ही ना हट री... । अरे... म्हारी छोड़ अट्ठे खड़े किसी की भी नजर न हट री थारे पर से... । म्हारी तो किस्मत ही घणी चोखी लाग री से इब.... " ।


लड़की ने आंखें मूंद ली... । सब लोगों का गंदी तरह से घूरे जाना उसे बर्दाश्त नही हो रहा था । वहीं वो इंसान जो उससे शादी कर रहा था उसे भी लोगों की बुरी नजरें उस लड़की पर पड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता था ।


पंडित जी ने लड़की से प्यार से उसका नाम पूछा तो लड़की ने दबी हुई सी आवाज में जवाब दिया " शि शिविका । शिविका चौधरी..... " । बोलते वक्त उसके शब्द मानो उसके गले में ही अटक से रहे हों । उसका गला रूंझा हुआ था । एक अलग सा ही दर्द उसकी आवाज से झलक रहा था । ये शादी करना उसकी मजबूरी थी ।

वो जानती थी कि आज के बाद उसकी जिंदगी पूरी तरह से तबाह हो जायेगी... । अपनी उमर से चार गुुने उम्र के बड़े इंसान से शादी करने के बाद उसका कोई भविष्य नहीं है । लेकिन फिर भी इस शादी को वो करना चाहती थी । जिस इंसान को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि कोई और उसकी होने वाली बीवी को गंदी नजरों से घूर रहा है... , वो इंसान उसे क्या ही सुरक्षा दिलवाएगा... । बल्कि वो तो खुद अपने फायदे के लिए उसकी इज्जत नीलाम तक कर सकता था ।


शिविका नही जानती थी कि जिस मजबूरी के चलते और जिस मकसद के लिए वो ये सब कर रही है क्या वो मकसद पूरा भी होगा या नहीं । लेकिन इतना जरूर समझ आ चुका था कि ये आदमी उसे जिंदगी भर जिल्लत देने वाला है ।


पंडित जी ने आदमी से नाम पूछा तो वो शिविका के चेहरे को घूरते हुए बोला " अनिरुद्ध.... सक्सेना... " ।


आदमी ने शिविका के हाथ को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसके हाथ पर अपनी उंगलियां फेरने लगा । शिविका ने उसकी ओर एक झलक भी नहीं देखा ।


" चुरा लो नजरें... । आज के बाद तो हमारी हो ही जाओगी... । इतनी हसीन जवान दुल्हन....... । फिर देखते हैं कैसे मुंह फेरती हो... । शादी हो जाने दो.. बस... " बोलते हुए उसने शिविका के हाथ पर दांत मारकर कर के छोड़ दिया ।


शिविका ने आंखें बंद ही रखी । वो सहम सी गई थी और उसे घिन सी आने लगी थी ।


एक आदमी दोनो के पास वरमाला लेकर खड़ा हो गया ।


पंडित जी ने दोनो की एक दूसरे को वरमाला पहनाने को कहा । शिविका ने उस आदमी को वरमाला पहना दी... । आदमी भी जैसे ही वरमाला उसके गले में डालने लगा कि इतने में धुआंदार फायरिंग शुरू हो गई । शिविका जल्दी से अपने सिर पर हाथ रखकर घुटनों के बल जमीन पर बैठ गई ।

मंदिर में खड़े बॉडीगार्ड्स fire करते इससे पहले ही वो लोग बुरी तरह से घायल हो चुके थे ।

पंडित जी भी जल्दी से नीचे लेट गए । हर तरफ धुआं ही धुआं था । लगातार गोलियां चलने से शिविका के कानों में अभी भी गोलियों की आवाज़ें गूंजे जा रही थी ।

शिविका ने अपने बगल में देखा तो वो आदमी लहू लुहान होकर जमीन पर पड़ा हुआ था । शिविका का दिल जोरों से धड़कने लगा ।

आस पास खड़े सब बॉडीगार्ड्स भी जमीन पर पड़े हुए थे । कुछ दर्द से कराह रहे थे तो कुछ मर चुके थे । हर एक के सीने में कम से कम 8 से 10 गोलियां मारी गई थी ।

लेकिन एक भी गोली का निशाना शिविका या पंडित जी की ओर नही था । जिसका मतलब साफ था कि ये गोलियां टारगेट करके चलाई गई थी और trained shooters के द्वारा चलाई गई थी ।


शिविका को बोहोत से लोगों के चलने की आवाज आती तो उसने नजरें उठाकर देखा । हटते हुए धुएं के बीच से उसे कोई आदमी उनकी ओर आता हुआ नज़र आया ।


गठीला कसा हुआ बदन । वेल सेटल्ड shiny हेयर्स । गुस्से से गहराई गाढ़ी भूरी आंखेंेंेंें, सीरियस लुक वाला चेहरा । उसने ब्लैक कलर का ब्रांडेड थ्री पीस सूट पहना हुआ था और कोट के अंदर व्हाइट कलर की शर्ट । उसका skin tone हल्का गहरा था । जो उसपर बिल्कुल सही लग रहा था । और चेहरे पर हल्की बियर्ड उसे और भी अट्रैक्टिव बना रही थी वहीं उसे एग्रेसिव लुक भी दे रही थी ।

अपने दोनो हाथों को जेब में डाले वो लंबे लंबे कदमों से आगे बढ़ रहा था । उसके पीछे बोहोत से लोग हाथों में बंदूकें लेकर लाइन में चले आ रहे थे । अपने चारों तरफ खून देखकर शिविका बोहोत घबराई हुई थी वहीं पंडित जी भी जल्दी से मंदिर में स्थापित शिवजी की मूर्ति के पीछे जाकर छुप गए थे ।


लेकिन शिविका अपनी जगह पर ही जमी हुई सी खड़ी थी । आदमी ने एक झलक शिविका को देखा और फिर नीचे पड़े आदमी को देखने लगा ।


उसकी आंखें नफरत से भरी थी । और गुस्से वाली नज़रों से वो उस नीचे पड़े मर चुके आदमी को देख रहा था ।

फिर एक गहरी सांस छोड़ते हुए उसने आदमी से नजरें फेर ली । उस आदमी के आस पास बोहोत खून जमा हो गया था । सबसे ज्यादा गोलियों से उसे ही भूना गया ।


" च च च.... जल्दी मर गया... । Died before seeing the devil..... । थोड़ा इंतजार तो करता... तो SK का चेहरा देखकर जाता... । शांति मिलती इसको...... । खैर... इन सबकी बॉडीज को रेगिस्तान में छोड़ दो... । बाकी चील कौवे अपना काम जानते हैं । " बोलते हुए एक आदमीीीी हाथ में पट्टी बांधे सामने आया और नीचे पड़े मर चुके आदमी को देखने लगा ।

फिर उसने पीछे खड़े बॉडीगार्ड्स को देखा तो वो सब जल्दी से अपने काम में लग गए ।

हाथ में पट्टी बांधे हुए आदमी को देखकर शिविका सहम गई । आदमी भी शिविका को घूर कर देखने लगा ।


पहलेेेे वाला आदमी शिविका को देखते हुए बोला " huh... इतनी उम्र भी नहीं लगती तुम्हारी... । इस बुझ चुकी जवानी से क्यों टांका लड़ा रही हो... ??? । इतनी ज्यादा काट रही है क्या जवानी.... जो 60 साल के बूढ़े से काम चलाना चाहती हो.... । Huh.... कुछ अच्छा सोच सकते हो जिंदगी में.... । पर अब तो मर गया है..... तो पहले मातम मना लो....... शादी के पहले विधवा होने का.... " ।


शिविका ने बिना किसी भाव के जवाब दिया " Huh..... मुझे इसके मरने से कोई मतलब नहीं है...... । पैसा और पावर थे इनके पास... और वो ही चाहिए थी..... । माातम मनाने का मेरा कोई इरादा नहीं है.......... " ।

आदमी हंसने लग गया । उसके साथ हाथ में पट्टी बांधा हुआ दूसरा आदमी भी हंसने लग गया ।

" कमाल की लड़की है ना SK...... " बोलते हुए पट्टी बांधे हुए आदमी ने उस आदमी को देखा । पहले आदमी का नाम SK था ।

SK एक दम से सीरियस हो गया ।


" इसमें कमाल क्या है दक्ष..... । बस पैसा ही तो है जो लड़कियों को प्यारा होता है । उसके लिए तो कुछ भी करेंगी...... । Huh bloody slut.... " । बोलते हुए SK शिविका को घिन से भरी नजरों से देखने लगा ।

पट्टी बांधे आदमी का नाम दक्ष था । वो शिविका को आंखें छोटी कर अजीब सी नज़रों से घूरने लगा । मानो कुछ पहला हिसाब भी उसका रहा हो..... ।

आदमी वापिस मुड़कर जाने लगा तो शिविका ने बोला " मुझसे शादी कर लीजिए... " । बोलते हुए शिविका जमीन की ओर देखे जा रही थी ।

Sk ने इस तरह की बात सुनी तो अपनी जगह पर ही रुक गया । उसने अपनी मुट्ठियां कस ली... । उसके एक्सप्रेशंस पहले से ही बोहोत गुस्से वाले और गहरे थे । वहीं शिविका की बात सुनने के बाद उसके एक्सप्रेशंस और भी डरावने हो गए थे

" एक पति मरा नहीं कि अभी दूसरा ढूंढ रही हो.. । इतनी जल्दी तो sluts बिस्तर भी नही बदलती होंगी... , गिरगिट रंग नही बदलता होगा जितनी जल्दी ये लड़की मंडप पे दूल्हा बदल रही है । इतनी जल्दी है किसी लड़के के साथ सोने की तो जाकर कोठे पे try करो... । बोहोत मिलेंगे... हर रात नया.... " । बोलते हुए SK बिना शिविका को देखेे बिना ही वहां से निकल गया ।

शिविका कुछ नही बोली । इस तरह की बातें किसी भी लड़की के दिल पर तीर की तरह चुभने के लिए काफी हैं । शिविका केे होंठ कांपने लग गए । कुछ भी बोल पाना अब मुश्किल लग रहा था ।

पट्टी बांधे हुए आदमी ने एक झलक उसने शिविका को देखा और फिर उसके इर्द गिर्द घूमते हुए बोला " च च च.... च... शादी के दिन दूल्हा ही मर गया... । बेचारी... । हमसे बचने के लिए इसके साथ शादी कर रही थी ना... । पर उसकी कोई औकात नही है हमारे आगे... । और अब देखो हमसे बचने के लिए हमीं लोगो के बीच आना चाहती हो । SK को शादी के लिए भी पूछ लिया..... । " बोलते हुए उस आदमी ने शिविका का हाथ मरोड़कर उसकी पीठ से लगा दिया ।

" आ... आह.... " शिविका को दर्द हुआ तो उसकी आह निकल गई ।

" दक्ष रावल.... चाहे तो खून के आंसू रुला दे तुम्हे.... । पर इतना वक्त नही मेरे पास... । मरो यहीं.... । बॉडीगार्ड्सड्सस अच्छेछे से देख लेंगे तुम्हे.... । और उसके बाद कोई तुमसे शादी करेगा ये तो भूल जाओ.... " बोलते हुए वो भी यहां से निकल गया ।

शिविका के रोंगटे खड़े हो गए । दक्ष से वो पहले भी मिल चुकी थीी और उसे देख चुकी थी । और वो कितना खतरनाक है ये वो अच्छे से जान चुकी थी । ना जाने ये बॉडीगार्ड्स अब शिविका के साथ क्या करने वाले हैं ।

एक बॉडीगार्ड शिविका के नजदीक आते हुए बोला " वैसे जो तेरको चाहिए वो तो हम भी दे सकते हैं । इस बूढ़े से क्यों शादी कर रही थी... । अरे एक बार हमसे तो कहती... । हम भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे..... । जितना चाहिए उससे ज्यादा ही देंगे...... " बोलते हुए उसने आकर शिविका का हाथ पकड़ लिया । शिविका नेे हाथ झटके से पीछे खींच लिया ।

तभी दूसरा बॉडीगार्ड बोला " और नही तो क्या... । इस बुढ़ाऊ में अब इतनी ताकत भी नही थी । इसके साथ क्या ही करती तुम ?? अच्छा हुआ जो हम मिल गए..... " । बोलते हुए वो सब शिविका को देखकर घिनौने तरीके से हंसने लगे ।

और बॉडीगार्ड्स भी शिविका की ओर बढ़ गए और घेरा बनाकर उसके इर्द गिर्द खड़े हो गए । वो सब उसके चेहरे बालों हाथों और बाजुओं को छुने लगे । शिविका ने उन्हें धक्का दिया और भागने लगी लेकिन उसका लहंगा बोहोत बड़ा और भारी होने की वजह से वो भाग भी नहीं पा रही थी ।

उसका चेहरा पसीने से भीग चुका था । लोगों की घूरती गंदी नजरें अब वो नही झेल सकती थी ।

और वो जानती थी कि अब अगर वो यहां रुकी तो इससे बड़ी गलती और कोई नहीं होगी । उसे किसी भी तरह भागना ही होगा । उसकी सांसें भी अब पूरी नही आ रही थी ।

°°°°°°°°

वहीं मंदिर से निकल कर SK गाड़ी से टिककर सिगरेट सुलगा रहा था । ।

तभी दक्ष ने गाड़ी के पास आते हुए कहा " चलें SK..... " बोलते हुए उसने गाड़ी का पिछला दरवाजा खोला ।
SK...... अंडर वर्ल्ड माफिया... । कई कालें धंधों को अपने अंदर चलाने वाला.... गुमशुदा चेहरा.... पर मशहूर नाम SK...... । लेकिन बिजनेस वर्ल्ड की जानी मानी शक्सियत...... और जाना माना नाम संयम सनियाल खुराना....... ।

SK और संयम सनियल खुराना दोनो एक ही आदमी के नाम हैं लेकिन इन्हें जान पाना हर किसी के नसीब में नहीं.... । स्वभाव से गुस्सैल , रहस्यमई और तानाशाह.... ।

हालांकि गैर कानूनी काम तो कई चलते हैं लेकिन कभी भी किसी भी काम में ना तो पकड़ा गया है और ना ही कोई इस नाम वाले को ढूंढ पाया है ।

दक्ष के दरवाजा खोलने पर संयम गाड़ी में बैठ गया । मंदिर में खड़ी लड़की का चेहरा अभी भी उसकी आंखों में था । ना जाने क्यों उसकी आंखे और उसका मासूम चेहरा संयम की आंखों में बस गया था ।

" लड़की को उसके घर पहुंचा दो.... " बोलते हुए वो अपने फोन को देखने लगा ।

" SK एक बात और थीी । वोो..... ये वही लड़की है जिसकी वजह से राठी भागा और हमारे बोहोत ज्यादा बॉडीगार्ड्स भी मारे गए... । और मुझेे भी जो गोलियां लगी वो उसी की वजह से हुआ । इसको सजा मिलनी चाहिए और वो काम हो जायेगा । Don't worry... बॉडीगार्ड्स देख लेंगे..... " बोलते हुए दक्ष आगे की पैसेंजर सीट पर जा बैठा ।

दक्ष की बात सुनकर संयम के मोबाइल स्क्रीन पर चलते हाथ रुक गए । उसकी आंखों में गुस्सा उतर आया ।

" क्या वो राठी से मिली हुई है.... ??? " पूछते हुए संयम की आंखें गुस्से से बड़ी हो गई ।

दक्ष ने हां में सिर हिला दिया । वो पूरी तरह से यकीन से नहीं कह सकता था लेकिन जैसे शिविका ने राठी की मदद की उसको याद करके उसे यही लग रहा था ।