तेरा मेरा ये रिश्ता - 6 Saloni Agarwal द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरा मेरा ये रिश्ता - 6

जब अंश ये कह देता हैं, "तुम जो मांगेगी वो मै तुम्हे देने के लिए तैयार हु" जिसे सुन रिया के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती है।

जिसे देख सब घर वाले घबरा जाते हैं और सोच रहे होते है, "अब रिया क्या मांगने वाली है !"

रिया के चेहरे पर मुस्कान देख, अब अंश उस से पूछता है, "बोलो क्या चाहिए तुम्हे ?"

अपने अंश भैया की बात सुन, रिया बड़े प्यार से कहती है, "भैया मुझे न एक प्यारी सी भाभी लाकर दे दो ना, जिनके साथ, मै बहुत मस्ती करूंगी !"

रिया की बात सुन, अंश थोड़ा सा हैरान रह जाता हैं क्योंकि उस को ये उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी कि रिया उस से ये मांगेगी, क्योंकि वो तो हमेशा से अपने लिए ही कुछ न कुछ लेने की जिद करती आई है।

रिया की बात सुन, सिर्फ अंश को झटका नही लगा होता है, उस के साथ सब घर वालो को भी झटका लगता हैं शिवाए अंश के पापा, चाची, अवनी और दादा जी के, और तो और यश अपने मन में रिया को कोसते हुए कहता है, "तेरे को भी यही मांगना रह गया था और कुछ नही मांग सकती थी क्या ?"

आज अंश को रिया की बात माननी ही पड़ेगी क्योंकि उस ने अपनी छोटी बहन को, कह जो दिया है कि उस को जो मांगेगी वो देगा पर अंश आज पहली बार रिया की मांगी हुई चीज उस को देना नही चाहता है क्योंकि वो कभी भी शादी ही नही करना चाहता है।

अंश से उस की शादी के लिए कहने से, अंश के पापा और चाची खुश हो जाते हैं। वो लोग तो कब से अंश को शादी करने के लिए माना रहे होते हैं पर अंश इतनी जल्दी किसी भी चीज के लिए मानता ही नहीं है पर अब तो अंश को रिया की ख्वाहिश पूरी करने के लिए शादी करनी ही पड़ेगी।

अब अंश के दादा जी, अंश से कहते हैं, "अंश, अब तुम्हे स्नेहा से शादी कर ही लेनी चाहिए।"

स्नेहा अरोरा और ये कोई और नही अंश की मंगेतर होती हैं, जिसकी उम्र 25 वर्ष यानी अवनी के बराबर ही होती है मगर हाइट 5"5 यानी रिया के बराबर होती हैं। साथ में स्नेहा, अवनी की ही दोस्त भी होती हैं। स्नेहा, अंश को पाने के लिए बहुत ज्यादा ही पागल है।

पर अंश, स्नेहा को पसंद नही करता है और साथ में अंश को ये बिलकुल पसंद नही कि कोई लड़की उस को उस की Permission के बिना उस को छुए, पर स्नेहा उस के करीब आने और के आस पास रहने की ही कोशिश करती रहती हैं।

अंश इस शादी के लिए बस अपनी दादी मां और स्नेहा के पापा के बिजनेस के लिए कर रहा होता है क्योंकि पूरा घर जानता है, "अंश, सिर्फ अपनी दादी मां की बात कभी ताल नही सकता है और इसलिए ही अंश के दादा जी ने अपनी पत्नी से कह कर ही अंश को शादी के लिए तैयार करवाया होता है।"

और दादी मां ने भी अपनी बीमारी का फायदा उठाकर अंश को उस की शादी के लिए तैयार करवा लिया होता है और सच तो ये भी है कि दादी मां को भी अपने पोते की शादी देखने का मन है पर वो साफ साफ ये बात अपने पति से नही कहती है बल्कि उनके कहने पर ही अंश को शादी के लिए तैयार करने का काम करती हैं।

जब रिया, दादा जी कहने पर अंश को स्नेहा से शादी करने के लिए कहते हैं तो रिया अपना मन में कहती हैं, "हे मेरे भोले बाबा, मेरे अंश भाई की शादी इस जन्म तो क्या किसी भी जन्म मे उस स्नेहा से तो बिलकुल मत करवा देना।

रिया अपनी बात आगे कहती है, "और आप को तो पता ही है वो कैसी लड़की है और ऊपर से मुझे बिलकुल भी पसंद नही है वो मेकअप की दुकान, रिया स्नेहा को इसी नाम से पुकारती है क्योंकि वो बहुत ज्यादा मेकअप लगा के अंश को रिझाने की कोशिश करती हैं।"

अमृत और सिद्धार्थ, अंश के बीच में कम से कम ही बोलते हैं इसलिए वो इस बात पर कुछ नही कहते है। और रही बात घर के बड़ो कि तो अंश के पापा तो उस की शादी की बात पर बहुत ज्यादा ही खुश होते हैं क्योंकि स्नेहा, उन के दोस्त और बिज़नेस पार्टनर मोहित अरोरा की बेटी है।

और रही बात शिवानी जी वो भी अंश के रिश्ते से बहुत खुश होती है क्योंकि उन के लिए अपने परिवार के Status से ज्यादा कुछ भी अहमियत नही रखता है, उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता है कौन आ रहा होता है बस वो एक अच्छे और नामी गिरामी परिवार से होना चाहिए और उनका, सिंघानिया परिवार से Status Match होना चाहिए।

और वैसे भी स्नेहा के पापा की कंपनी, अंश के साथ शादी के बाद अंश की ही होने वाली है। शायद इसलिए भी अंश उस से शादी करने के लिए मां जाता हैं।

पर अंश की मां और चाचा जी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होते है क्योंकि उन्होंने अंश और स्नेहा के बीच में आए दिन होती लड़ाई झगडे होते देखा होता है जिस पर स्नेहा के पापा कहते हैं, "वही हर रिश्ते में लड़ाई झगडे तो होते ही रहते हैं अब भला इस कारण से रिश्ते तोड़ तो नही सकते हैं।"

और अंश की मां और चाचा जी ये भी जानते हैं कि अंश सिर्फ दो कारणों से ये शादी कर रहा होता है, पहला अपनी दादी मां के लिए और दूसरा अपने बिजनेस के लिए और शायद इसलिए ही कोई भी परिवार वाला कुछ नही बोल रहा होता है। और अंश के दादा जी की बात को कोई न टाल सकता है और न ही मना कर सकता है।

वैसे तो अंश और स्नेहा का रिश्ता हुए दो साल हो चुके थे पर अंश अभी भी उस के साथ साथ शादी करने के लिए हां ही नही कर रहा था पर आज रिया के कहने पर ये बात दुबारा से शुरू हो चुकी थी जिस के लिए आज खुद अंश भी मना नहीं कर सकता है।

और साथ में रिया तो बिलकुल भी नहीं चाहती है कि उस के अंश भैया की शादी उस मेकअप की दुकान यानी स्नेहा से हो जाए पर रिया चाहा कर भी कुछ नही कर सकती है क्योंकि इस रिश्ते के लिए खुद अंश ने ही हां की है मगर वो शादी को बार बार टाल रहा हैं।

अंश की दादी मां ने उस को तो शादी के लिए जैसे तैसे मना ही लिया था क्योंकि उन के पतिदेव ने जो कहा था, पर वो अभी अपनी बड़ी बहू की तरह स्नेहा को कुछ ज्यादा पसंद नही करती थी वो तो बस इसलिए ही खुश थी कि उन का सबसे बड़ा पोता शादी के लिए तैयार हो गया है।

अब अंश के दादा जी सब के सामने अपनी कड़क आवाज में अंश से कहते हैं, "अब तुम्हे स्नेहा से शादी कर ही लेनी चाहिए क्योंकि आज तुम ने रिया से वादा भी कर दिया है।

अपने पिता की बाद सुन, अंश के पापा खुशी से कहते हैं, "तो फिर मै कल दुपहर ही अपने दोस्त मोहित के परिवार को लंच के लिए Invite कर लेता हूं और साथ रिश्ते को आगे बढ़ाने की बात भी कर लेंगे।"

अपने जेठ जी की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "हां, यही ठीक रहेगा।"

वही रिया, अपने बड़े पापा की बात सुन, अपने भोलेबाबा से प्रार्थना करते हुए कहती हैं, "हे मेरे भोलेबाबा कुछ भी करो मगर मेरे अंश भाई के जिंदगी में उस स्नेहा को बिलकुल भी मत आने देना या फिर खुद अंश भाई ही इस शादी से इन्कार करवा देना।

और साथ में अपने बात पूरी करते हुए कहती है, "प्लीज मेरे भोलेबाबा, अगर आप ने ऐसा कर दिया न तो मै आप को एक...नही नही दो किलो मोतीचूर के लड्डू चढ़ाऊंगी।"

अंश के दादा जी ये बात बहुत अच्छे से जानते हैं कि उन का सबसे बड़ा पोता, ये शादी नही करना चाहता है मगर ऐसा भी नहीं है कि अंश सिर्फ स्नेहा से ही शादी नही करना चाहता है बल्कि वो तो कभी शादी ही नही करना चाहता है इसलिए तो अंश के दादा जी ने स्नेहा के साथ अंश की शादी करवाने का सोचा है क्योंकि इस से अंश ये शादी करने के लिए मान सकता है।

क्योंकि इस से सिंघानिया कंपनी को एक और बिजनेस मे फायदा होगा वही दूसरी और दादा जी को लगता हैं कि स्नेहा एक बहुत अच्छी और सुलझी हुई लड़की है इसलिए भी वो अंश का रिश्ता, स्नेहा से करवा रहे होते हैं जबकि उन होने स्नेहा का असली चेहरा नही देखा है जो सिर्फ अंश जानता है।

अब सारी बातें हो जाने के बाद, दादा जी कहते हैं, "चलो अब सारे अपने कमरो मे जाकर सो जाओ।"

दादा जी की बात सुन, शिवानी जी कहती हैं, "हां चलो जल्दी सो जाओ, मुझे और दीदी को तो कल दुपहर के खाने के लिए बहुत कुछ बनाना भी पड़ेगा।"

अपने दादा जी की बात सुन, अंश अपने कमरे से अटैच स्टडी रूम में चला जाता हैं और सब अपने अपने कमरों में जाने लगते है पर जब रिया अपने कमरे का दरवाजा खोलने ही वाली होती है तो कोई उस के सिर पर मरता है जब वो पीछे मुड़ के देखती हैं तो पूछती हैं, "क्यो मार रहे हो तुम, मुझे ?"

रिया की बात सुन, यश कहता है, "भला तू, काम ही मार खाने वाली करती हैं तो कोई कर भी क्या सकता है !"

यश की बात सुन, रिया उस से पूछती हैं, "भला अब मैने क्या कर दिया ?"

रिया की बात सुन, यश कहता है, "तुझे क्या जरूरत पड़ गई थी अंश भाई को शादी करने के लिए कहने की, जबकि तू जानती तो है कि हम दोनो को वो बिलकुल भी पसंद नही है फिर भी कैसे कर सकती है तू ये सब ?"

यश की बात सुन, रिया चीड़ की बोलती है, "तुम तो ऐसे कह रहे हो कि मुझे वो मेकअप की दुकान बहुत पसंद है ना और मैने अंश भाई से, ये तो नही कहा न कि मै चाहती हूं आप उस स्नेहा से शादी कर लो।"

रिया की बात सुन, यश कहता है, "जो भी हो पर तू ये कैसे भूल गई स्नेहा, अंश भाई की मंगेतर है और अंश भाई उस से शादी न करने के लिए पिछले दो सालों से टालते आ रहे हैं पर तेरे एक गिफ्ट की वजह से उन को स्नेहा से शादी करनी पड़ेगी, पागल लड़की !"

यश की बात सुन, रिया उदास होकर कहती हैं, "अब क्या सच में अंश भाई की शादी उस स्नेहा से हो जायेगी ?"

रिया की बात सुन, यश उस से कहता है, "उदास मत हो, हम दोनो मिलकर कुछ न कुछ करके इस बार भी अंश भाई की शादी रुकवा ही देंगे या फिर टलवा देंगे।"

यश की बात सुन, रिया भी मुस्कराने लगती है और कहती हैं, "चलो Good Night "

रिया की बात सुन, यश भी उस को Good Night बोल के अपने कमरे की तरफ चला जाता हैं। और रिया अपने कमरे मे अपने बिस्तर जाकर सो जाती हैं।


और अगर स्नेहा की शादी अंश से हो गई तो क्या स्नेहा सब कुछ बर्बाद कर देगी या छीन लेगी उस से अंश की खुशियां ?? अब आगे क्या होगा जानने के लिए इंतजार करे अगले भाग का....।