तेरा मेरा ये रिश्ता - 19 Saloni Agarwal द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरा मेरा ये रिश्ता - 19

शालिनी को इतना डरा देख, अभय उस के पास आ जाता हैं और उस से कहता है, "ऐसा भी क्या देख लिया तुम ने, जो तुम दो साल बाद भी इतना डर रही हो ?"

शालिनी से तो कुछ बोला ही नही जा रहा होता है मानो जैसे वो सब कुछ बताते हुए वो खुद ही उस को महसूस भी कर रही हो, शालिनी की ऐसी हालत देख अभय तो पता नही क्या होता है कि वो, शालिनी को अपने गले से लगा लेता है और उस को शांत करने की कोशिश करने लगता हैं।

जब शालिनी शांत नही होती है तो अभय अपना एक हाथ शालिनी के सिर पर और दूसरा कमर पर रख देता है और सिर पर रखे हाथ को धीरे धीरे शालिनी का सिर सहला रहा होता है।

अभय के ऐसे करने से वहा पर खड़े आकाश, राज और हेमा के होश ही उड़ जाते है और साथ में उस सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स, नर्स, वर्डबॉय सब आंखे फाड़े अभय को देख रहे होते हैं पर उन को शालिनी का चेहरा न दिख कर उस की पीठ ही दिख रही होती है। साथ मे शालिनी से जलन भी हो रही होती हैं।

शालिनी को इतना डर लग रहा होता है कि वो, अभय के ऐसे व्यवहार से उस के इतने करीब कैसे चली जाती हैं उस को पता ही नही चलता है और शालिनी भी अभय को कस के पकड़ लेती हैं।

शालिनी के ऐसे करने से अभय समझ जाता हैं कि शालिनी अभी बहुत ज्यादा डरी हुई हैं और साथ में उस से कहता है, "शांत हो जाओ....वो समय अब बीत चुका है और कभी वापस नहीं आयेगा और न ही मै कभी वापस आने दूंगा अब तुम्हे डरने की जरुरत नही है क्योंकि मैं, तुम्हारे साथ हमेशा रहूंगा....!"

अभय के ऐसे कह देने से शालिनी अपने रोते हुए चेहरे को ऊपर कर अभय को देखने लगती हैं और साथ मे आकाश, राज और हेमा भी हैरान होते हुए उसी को देख रहे होते हैं क्योंकि अनजाने में ही सही पर अभय ने पहली बार किसी लड़की को अपने गले से लगाया है और अभय के द्वारा बोला गया एक एक शब्द वहा खड़े हर शख्स के दिमाग में गुंज रहा होता है।

साथ में आकाश, राज और हेमा के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती हैं जिसे शालिनी देख लेती हैं पहले तो उस को समझ नही आता है ये लोग हस क्यो रहे हैं पर जब अपने आप को अभय के इतने करीब खड़ा पाती हैं तो खुद भी शॉक रह जाती हैं और सोचने लगती हैं कि अनजाने में वो, अभय के इतने करीब केसे चली गई।

अब शालिनी झट से अपने हाथ, अभय की कमर से हटा देती हैं और उस को अपने से दूर करने की कोशिश कर रही होती हैं पर अभय की पकड़ से छूट पाना शालिनी के लिए इतना भी आसान काम नही था।

शालिनी जब भी अभय को दूर करने की कोशिश करती तो अभय उस को फिर से अपने पास कर लेता जिस से शालिनी अब तक अपनी सारी ताकत का इस्तेमाल कर लेती हैं फिर भी अभय को अपने से दूर नहीं कर पाती है।

फिर थक हार के अपना सिर ऊपर कर के अभय को देख ने लगती हैं, या फिर ये कहो देख कम घूर ज्यादा रही होती हैं, क्योंकि अभय, शालिनी को छोड़ ने का नाम ही नही ले रहा होता है।

अभी तक अभय अपनी आंखे बंद करके खड़ा होता है कि जब उस को लगता हैं कि कोई उस को घूर रहा है तो वो अपनी आंखे खोल लेता है और शालिनी के उस को ऐसे देखने पर, शालिनी से कहता है, "तुम मुझे घूर क्यो रही हो ?"

अभय की बात सुन, शालिनी उस से कहती हैं, "तो फिर क्या करू ?"

शालिनी की बात सुन, अभय कन्फ्यूज होकर कहता है, "मतलब क्या है तुम्हारा ?"

अभय की बात सुन, शालिनी उस से पूछती हैं, "कब छोड़ने का इरादा है आप का ?"

शालिनी की बात सुन, अभय उस से बिना कुछ सोचे ही कह देता है, "अभी कुछ सोचा नहीं है !"

अभय की बात सुन, शालिनी उस को हैरानी से देख रही होती हैं तो अभय उस से,पूछता है, "तुम अब ठीक हो ना या फिर अब भी डर लग रहा है?"

अभय की बात सुन, शालिनी बड़ी मासूमियत से अपना सिर ना मे हिला देती हैं, जिसे देख अभय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं।

पर अभय और शालिनी को छोड़ वहा खड़ा हर इंसान शॉक होकर बस उन दोनो को ही देखे जा रहा होता है, साथ में आकाश को तो विश्वास ही नहीं होता है कि उस का बॉस आज खुद से किसी लड़की को अपने इतने करीब लिए खड़ा है, जिसे देख वो राज से कहता है, "राज, मेरे हाथ पर चुटकी कटना तो कही मै आज दिन में ही सपने देखे जा रहा हु !"

आकाश की बात सुन, राज उस के हाथ पर चुटकी काट देता हैं और राज ने इतनी जोर से चुटकी काट देता है कि वो दर्द के मारे चिलाने ही वाला होता है कि हेमा उस के मुंह पर अपना हाथ रख देती हैं जिस से उसकी आवाज अपने तक ही रह जाती हैं।

अब तक आकाश अपने आप को कंट्रोल कर चुका होता है और फिर राज पर गुस्सा करते हुए कहता है, "तेरा क्या मुझे मारने का इरादा है ?"

आकाश की बात सुन, राज उस से हैरान होकर कहता है, "पागल हो गया क्या, कुछ भी बोले जा रहा है, मै क्यों मारना चाऊंगा तुझे ?"

राज की बात सुन, आकाश उस से कहता है, "तो फिर इतनी तेज चुटकी कौन कटता है, अभी मुझे कुछ हो जाता तो ?"

आकाश की बात सुन, राज उस को हैरानी से देख रहा होता है और वही हेमा अपनी हसी कंट्रोल करने की नाकाम कोशिश कर रही होती हैं और जब हसी कंट्रोल नही कर पाती हैं तो वो हाथ रख हसने लगती हैं।

हेमा को हस्ता देख दोनो एक दूसरे को हैरानी से देखते हैं और आकाश और राज, हेमा से पूछते हैं, "तुम्हे क्या हुआ जो इतना हस रही हो ?"

आकाश और राज की बात सुन, हेमा जेसे तेसे अपनी हसी कंट्रोल कर के आकाश की तरफ प्वाइंट कर के बोलती हैं, "अरे भई जब इस सुखी हुई हड्डी को तुम जैसा हट्टा कट्टा बॉडीगार्ड (राज) एक छोटी सी भी चुटकी कटेगा तो भई इस की तो जान निकल ही जायेगी ना !"

हेमा के बोलने के तरीके से ही राज की हसी छूट जाती हैं और आकाश उन दोनो को हसता हुआ देख अपना मुंह बना लेता है, जिसे देख राज और हेमा की हसी कन्ट्रोल होने की बजाए अब रुक ही नही रही होती हैं। जिस पर आकाश, राज से गुस्सा होते हुए कहता है, "जा नही करता मै, तुझ से बात !"

आकाश की बात सुन, हेमा राज को देखते हुए आंखो से इशारा करती हैं मानो जैसे कह रही हो, जाओ जाकर अपने भाई को माना लो.....

राज, हेमा का इशारा समझ जाता हैं और आकाश को मनाते हुए कहता है, "क्या यार, इतनी सी बात पर गुस्सा करेगा, मेरी जान !"

राज की बात सुन, आकाश उस से कहता है, "पहले मजाक बनाओ फिर मनाने आ जाओ !"

आकाश की बात सुन, राज भी उस से कहता है, "अरे अब तू ही तो मेरा इकलौता दोस्त हैं तो अब तेरे साथ मस्ती मजाक नही करूगा तो फिर किस के साथ करूंगा, बता मुझे !"

राज की बात सुन, आकाश उस से कहता है, "अच्छा...अच्छा ठीक है।" और फिर दोनो गले लग जाते है। हेमा, राज को देख मुस्करा रही होती हैं वही राज भी उस को देख मुस्करा देता है।

अभय अभी भी शालिनी के गले लगा हुआ होता है जिस पर शालिनी, अभय से कहती हैं, "मुझे छोड़ दो !"

शालिनी की बात सुन, अभय उस से कहता है, "अच्छा, वो क्यू ?"

अभय की बात सुन, शालिनी उस से बड़ी मासूमियत से कहती हैं, "क्योंकि सब हमे ही घूर रहे हैं !"

शालिनी की बात सुन, जेसे ही अभय अपना सिर ऊपर करता है, तो देखता है कि सब दोनो को ही देखे जा रहे है पर अभय की नजर पड़ते ही आकाश, राज और हेमा झट से अपनी नजर हटा लेते हैं तो इधर उधर देखने लगते है।

वही वहा खड़े डॉक्टर, नर्स और वर्डबाय तो ऐसे भाग जाते है जेसे उन्होंने भूत ही देख लिया हो पर फीमेल डॉक्टर्स और नर्स को आज शालिनी को देख जलन हो रही होती हैं और भला हो भी क्यों न राजस्थान के प्रताप खानदान का इकलौता वारिस "अभय प्रताप सिंह" आज खुद से किसी लड़की को अपने गले से जो लगाए हुए है।

सब को देखने के बाद, अभय, शालिनी को छोड़ देता है और उस से पूछता है, "देखो अगर तुम्हे बताने में डर लग रहा है या कोई परेशानी हो रही है तो मत बताओ, कोई जरूरी नहीं है !"

अभय की बात सुन, शालिनी कहती हैं, "हां, मै मानती हूं मैने जो देखा वो मेरी लाइफ का सबसे डरावना पल था जिस के बारे में सिर्फ सोच के ही मेरी रूह काप जाती हैं..पर अगर किट्टू ने दो साल पहले मुझे वहा से नही निकला होता न तो शायद आज मैं जिंदा नही होती......! ये कहते हुए उस की आंखो में दुबारा से नमी आ जाती हैं।

शालिनी के ये शब्द सुन, अभय के साथ आकाश, राज और हेमा सोच मे पढ़ जाते है कि शालिनी के साथ दो साल पहले ऐसा क्या हुआ था, जिसे वो अपनी ज़िंदगी का सबसे डरावना पल बता रही है।


दो साल पहले ऐसा क्या हुआ होगा उस किले में जो शालिनी उस को अपनी जिंदगी का सबसे डरावना पल बता रही है ? और अगर शालिनी को वहा से किट्टू ने नही निकला होता तो वह आज जिंदा ही नही होती......?

आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला एपिसोड सिर्फ प्रतिलिपि पर।

"तेरा मेरा ये रिश्ता"