Pyar ki Arziya - 27 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - 27

बैंगलोर.....

सुबह नाश्ते के मेज़ पर कृष्णकांत जी अपने परिवार के साथ नाश्ता करते बैठे हैं ,इस बीच कृष्णकांत जी सभी के उतरे चेहरे देखकर कहता है ,"कनू कल रात को संदीप का फोन आया था मेरी और संदीप से बात हुई....

अब कन्या ,मिहिका ,बुआ खुशी के भाव में आ जाते तभी बुआ रेवती ,"क्या कहा संदीप ने भैया ...??

कृष्णकांत ,"संदीप ने कहा कि मैंने कन्या को बुलाया बैंगलोर , उसकी बेबे ने झूठ बोला उसे कि मैंने कनू को अपने पास बुलाया फिर मैंने सारी बातें बता दिया ,अब देखते हैं कैसे करता है वो ...!!

कन्या , मन में सोचती है,"जब संदीप को सच पता है तो मुझे फोन क्यो नही किया अब तक ...??

संदीप की जॉगिंग से दिन का शुरुआत करता है हमेशा की तरह ,वापस आता है तो घर में अजीब से शांति रहता है फिर खुद ही ब्रेकफास्ट बनाकर खाता है और पापाजी को को देकर ऑफिस निकलता है....!!

बेबे मुंह फुलाए बेड पर ही लेटे रहती है घर का कुछ काम नहीं करती बस जब पापाजी सामने आती तो दो बूंद आंसू टपका देती है फिर पूरा दिन वैसे ही रहती है ....!!

सुबह से दोपहर होने चली है बेबे अभी भी मुंह फुलाए बिस्तर पर है पापाजी उसे खाने के लिए दो बार बोले वो कुछ नहीं बोली .......

अब शाम को संदीप आता है घर , संदीप के आते ही घर में छाई शांति को पापाजी से कारण पूछता है...??

पापा जी ने बेबे की मुंह फुलाए बिस्तर पर लेटे रहने की बात बताई
संदीप कुछ सोचा और अपने रूम चला गया , वहां रूम में सुबह जैसे छोड़कर गया था वैसे ही था बिस्तर पर गिला टावेल अभी भी पड़ा था तो उसे व्यवस्थित फैला दिया और जेहन में कन्या को याद भी कर लिया अपने रूम को व्यवस्थित करते हुए ..कुछ देर बाद संदीप फ्रेश होकर किचन गया और खाना बनाया, पापाजी जी ने भी हेल्प कर दिया , खाना तैयार हुआ और एक प्लेट में डालकर बेबे के रूम ले गया संदीप ,....

उस रूम में अंधेरा था संदीप ने लाइट ऑन किया तो बेबे अपने आंखों मिच ली ...

संदीप बेबे को उठाया ,"बेबे उठो चलो खाना खा लो सुना आज दिन भर कुछ खाई नहीं और रात को भी कुछ नहीं खाई ,इस तरह से तबीयत खराब हो जाएगी चलो उठो खाना खा लो, मैं गरमागरम बनाकर लेकर आया हूं चलो उठो...??

बेबे अब बोल पड़ती है झिड़कते हुए ,"मैनू भूख ना हे पुत्तर, सानू खाणा खा लो ...!!

संदीप अब प्लेट को साइड में रखकर बेबे को जबरदस्ती बांहों में भरकर उठाते बैठा देता है और कहता है ,"नहीं बेबे ऐसे हठ करने से तबीयत और बिगड़ जानी है आप उठो फिर सो जाना , अच्छा बताओ आप क्या चाहती हो मैं आपकी बात मानू , ठीक है, मैं आप जो भी बोलेंगी वैसा ही करूंगा लेकिन पहले खाना खाना होगा ...??

बेबे अब बोल पड़ती है प्यार से ,"सच्ची दसिया सी ,मेरी गल मानीयागा ..??

संदीप प्लेट अपने हाथ लेकर रोटी का तूकड़ा बेबे के मुंह तरफ बढ़ा देता है और कहता है ," हां बेबे मैं वादा का पक्का हुं जिसे वादा कर दिया मैं उसे पूरा करता हूं, मेरी बात पर विश्वास कीजिए ..!!

बेबे अब संदीप के गाल पर हाथ रखकर कहती हैं ,"हां पुत्तर जी मैनू पता हे सानू गल वीच अडिग रहना हे , संदीप के हाथ से निवाला खाती है, बेबे अब मन में सोचती है संदीप मान गया है और अभी अच्छा मौका है मेरी सारी बातें मनवाने की उसने वादा किया है तो मानेगा भी फिर दूसरा निवाला खाती है संदीप के हाथ से , फिर बोलती है संदीप मैनू दसिया सी...

संदीप बेबे पहले अच्छे से खाना खा लो मैं यहीं हुं ...??

बेबे अब चुपचाप खाना खाती है फिर भी आधी रोटी बची ही रहती है बेबे से अपने बात मनवाने के लिए आतुर होकर बोलती है ,"संदीप मैनू गल सुन.. तू ..तू कन्या को तलाक दे दे ..??

संदीप बेबे की बात सुनकर बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ लेकिन आंखों में नमी बनी जाती है खून की , फिर कहता है ,"क्यो बेबे तलाक क्यो दूं ...??

बेबे अब फिर तेवर दिखाकर ,"तू सब जाणता से फेर भी पूछिया सी मैनू देख तू इब गल वीच ना पलट तैनू वादा करिया सी मेरी गल मानने वीच ...??

संदीप हल्का सा मुस्कुरा कर ,"वादा किया है, नहीं पलटुंगा बोलो आगे और क्या करना है...??

बेबे ," पुत्तर तू पहणे कन्या को तलाक दे दे फिर आगे आगे दसिया सी मैनू ...??

संदीप अब बेबे के खुरापाती दिमाग को समझता है और फिर बोल पड़ता है ,"बेबे मैं कन्या को त..तलाक दूंगा लेकिन आज रात के वक्त मैं एक और कसम खाता हूं, आपकी सौ बेबे (अब अपने हाथ को संदीप बेबे के सिर पर फेरते हुए रख देता है) कन्या के अलावा मेरी पूरी जिंदगी में कोई दूसरी नहीं आएगी , बेबे के आंखों में देखकर कहता है ...!!

बेबे अब फिर नाराज़ भाव से ,"कि
दूसरी नहीं आएगी तो सानू कोण संभालेंगी ,मैनू होर गुरु जी सेवा कोण करियेगा अस्सी बुढ़ापे की होर जा रहे हे संदीप ,होर पुत्तर हमारे वंश वीच बढ़ने वास्ते तो कुड़ी चाहिदा ..??

संदीप ,"मैं आप दोनों को संभाल लूंगा घर में परमानेंट मेड रख लूंगा जो आप दोनों की हर जरूरत पूरी करेगी (संदीप अब खड़े हो जाता है फिर कहता है) और वंश की बात है तो बेबे, ये जरूरी नहीं कि एक लड़की की जरूरत हो जो इस वंश को बढ़ाए मैं बच्चा गोद ले लूंगा फिर तो कोई प्रॉब्लम नहीं ना बेबे...??

बेबे ,"संदीप ..जोर से आवाज में तू बच्चे नाल गोद लेगा मलूम नहीं किसकी गंदी खूण बह रहा होंदा उस बच्चे में ,, अस्सी कार वीच में मैनू ना होणे देना ऐ सब ,इस कार वीच तैनू ही खूण होना इस वास्ते दूसरी शादी करन ही चाही ..??

संदीप ,"बेबे अभी अभी मैंने आपकी कसम खाई है कि मेरी जिंदगी में कोई दूसरी नहीं आएगी तो ये ख्याल छोड़ दो की मैं दूसरी शादी करूंगा मैं कन्या से बेहद प्यार करता हुं और उसके सिवा मैं किसी दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करता .... तभी फोन पर रिंग आता है , संदीप फोन निकालते ही रहता है जेब से फोन कट जाता है , फिर फोन के स्क्रीन पर रावी का नाम शो करता है ,, फिर रावी का फोन आता है इस बार उठा लेता है संदीप ,"हेलो रावी कैसे फोन किया ....??

रावी बहुत ही परेशानी में डरी सहमी सी बात करती है ,"मामा जी प्लीज़ हेल्प करो हमारी ...??

संदीप ,"पुत्तर जी क्यो परेशान हैं क्या हुआ....??

रावी ,"मामा जी आज हम शाम पांच बजे की मूवी आए थे ,रात आठ बजे छुटे फिर हमने एक रेस्टोरेंट ग्रे खाना खाने उसे,के बाद हम बाहर आए रेस्टोरेंट से रिक्श का वेट कर रहे थे इतने में कुछ गुंडे दिखे जो हमें कुछ दूर से घूर रहे थे फिर रिक्शावाला आए और हम उस रिक्शा में बैठ कर जाने लगे वो गुंडे अपने बाइक से पीछे करते हमारे पीछे आए नाना रोड क्रास किया वहां से एक किलोमीटर पर हुए और हमारी रिक्शा बंद हो गई मैं और मेरी फ्रेंड जल्दी भागने के चक्कर में सुनसान जगह पर आ गए वो हमें ढूंढते आ रहे हैं हम अभी छुपे हुए हैं प्लीज़ हमारी मदद के लिए आइए ना मामा जी..!!

बेबे संदीप से फोन छिनकर फोन पर रावी को कहती हैं ," खोतिया सानू मत मारी गई सी क्यो निकली हॉस्टल से तू (गुस्सा में चिल्लाकर कहती हैं) इक तू कुड़ी नु फेर रात को गेड़ी मार फिरन तू साड्डी त्वडी गलती होई ..??

क्रमशः......


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