Pyar ki Arziya - 24 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - 24

संदीप - "बेबे एक मिनट फिर फोन रख देना कन्या अगर किचन में होगी तो बोल दो मैं फोन कर रहा हुं उसे वो फोन पर बात करें ठीक है अब फोन रखता हुं ...!!

बेबे ,"संदीप नू वेल्ले हो गया सी अपणी वोटी के पीछे लगदा सी मैनू की ,,, फिर थोड़ा सोचकर वो फिर फोन लगाती है ,रिंग जाता है और सामने फोन उठाकर "हेलो जी ...??

बेबे - "हेलो मीता कौर सब बधिया जी..??

मीता ," अहो जी सब बधिया बाबाजी की कृपा नू ,दस की गल हे सड्डी रात को फोन कर दी तैनू...??

बेबे ,"मीता बधाईया जी बधाईया संदीप और सिमरजीत की रास्ते साफ़ करें दिता मैनू , कन्या को उठा फेंकै मैनू ,,अब उसकी शक्ल नहीं दिखया सी ...!!

मीता ,"ये कि ,हैं ...सच्ची जी अब संदीप नाल ब्याह सिमरजीत की , अहो जी अहो तैनू तो खुश कर दिता‌मैनू सिमरजीत को खुशखबरी देण दे ...!!

बेबे - "हां अब संदीप नाल थोड़े ड्रामा करया सी फिर देखया तैनू चल फोण रख गुरु जी जाग रिया सी,, और फोन रखती है...!!

दिल्ली में....

संदीप कन्या को फोन करके परेशान होता है कि फोन क्यो नही उठा रही और सोचने लगता है ,"कन्या बेबे के किसी बात को लेकर नाराज़ तो नहीं हुई होगी इसलिए फोन नहीं उठा रही है या तबीयत तो और नहीं बिगड़ी होगी कैसे पता करूं मैं वो फोन ही नहीं उठा रही है ,अगर कुछ होता तो पापाजी मुझे जरूर फोन करता ,, हां सब ठीक होगी शायद आज जल्दी सो गई होगी कन्या कल बात करता हुं सुबह ,यही ठीक रहेगा ...!!

बैंगलोर में...

कन्या जानबूझकर फोन नहीं उठाई आज यहां भी सभी परेशान हैं....

अप्पा ," ऐसे कैसे घर से निकाल दिया बिना संदीप के प्रेजेंट के मनप्रीत जी को समझना चाहिए बच्ची को अतीत को आज में देख रही है, मेरी बच्ची बहुत सीधी सादी है दुनिया को जानती नहीं ..!!

रेवती बुआ - "हां भैया आप सही कह रही हो ,हमारी कन्या बहुत सीधी है वो जवाब भी नहीं देती सामने वाले को चाहे वो कितनी भी बुरा भला बोले ,और आज तक भी संदीप की बेबे को भी कड़ा जुबान नहीं बोली होगी लेकिन संदीप की बेबे ने हद कर दी हमारी कनू को हाथ पकड़कर निकाल दिया उसने हम चुप नहीं रहेंगे...??

कन्या - "बुआ जी प्लीज़ मैं कोई झगड़ा नहीं करना चाहती मम्मी जी की सोच कभी सुधर नहीं सकती , वैसे भी वो चाहती है कि मैं संदीप को तलाक दे दूं ...!!

अप्पा - "आश्चर्य से क्या ...??

रेवती बुआ - "अपने मुंह में हाथ रखकर आश्चर्य से "ओह ..रामा ....!!

बैंगलोर में...

अप्पा और रेवती बुआ शॉक्ड होती है कन्या की तलाक वाली बात सुनकर ...

अप्पा - "ऐसे कैसे तलाक देगी कन्या संदीप के रजामंदी से हुआ है शादी संदीप आया था कन्या का हाथ मांगने हम नहीं गये उसके दरवाजे पर मेरी बेटी से शादी कर लो बोलकर,,और संदीप को सब सच पता था उसे मना करना था उसी समय..

कन्या बीच में बोल पड़ती है, - "अप्पा आप संदीप को कुछ मत बोलो उसने कुछ नहीं किया उसे तो मालूम नहीं कि मैं चंडीगढ़ छोड़कर आ गई हुं , मम्मी जी की करनी को संदीप को दोष मत दो अप्पा प्लीज़..!!

अप्पा - "मैं अभी मनदीप जी को फोन करता हुं ऐसे कैसे मेरी बेटी को हाथ पकड़कर निकाल दी और तलाक मांग रही है वो,, आज अगर मिहिका नहीं जाती तो मेरी बेटी क्या करती..

"कन्या अप्पा का फोन लेती है ,"नहीं अप्पा आप कुछ नहीं बोलेंगे संदीप घर में नहीं है वो और भी कुछ इल्ज़ाम लगा सकती है आपके बातों का इसलिए आप संदीप घर आ जाए तो बोलना अभी नहीं प्लीज़ ..!!

रेवती बुआ - " कनू भैया को फोन करने दे वरना वो अपनी मनमानी करती रहेंगी ...??

अप्पा - " हां मंगू रेवती सही बोल रही है लाओ मुझे फोन दे हम डरते नहीं है लड़की वाले हैं तो उसकी कारगुज़ारियों को सह लेंगे बिल्कुल भी नहीं मुझे फोन दे मंगू ..??

कन्या ,"अप्पा आपको मेरी कसम प्लीज़ बात संदीप घर आए तो करना और मत उलझाओ ,"फिर फोन टेबल में रख देती है..!!

अप्पा कन्या के उतरा हुआ चेहरा देखकर कहता है ," ठीक है संदीप को आने दे तब बात करेंगे ..!!

क्रमशः..............

"प्रिय पाठकों समीक्षा में जरूर बताइएगा कि कहानी कैसी है आप अपना ओपिनियन भी दे सकते हैं...🙏🙏

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