Pyar ki Arziya - 22 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - 22

दूसरे दिन संदीप ऑफिस निकलता है आज कन्या की तबीयत ठीक रहती है तो...।
संदीप को दिल्ली बुलाया जाता है मीटिंग के लिए मुख्य ब्रांच से,, दूसरे दिन ही निकलना रहता है...!!

बैग पैक करते संदीप कन्या को समझता है ,"कन्या अगर बेबे कुछ बर्दाश्त से बाहर बोले तो तुम भी जवाब देना प्लीज़ चुपचाप मत रहना और खाना ठीक से खाना मैं आऊंगा तो तुम्हारी चेहरा खिले हुए मुस्कुराते दिखना चाहिए ,और गले से लगा लेता है I love you बहुत प्यार करता हूं तुम्हें प्लीज़ एक दिन की बात है अच्छे से रहना मैं जाते जाते बेबे को भी समझा दूंगा और पापाजी को भी...!!

संदीप आज दिल्ली जा रहा है मीटिंग में तो कन्या के पास है समझाते हुए....

संदीप कन्या को बांहों में लिए प्यार से समझाते हुए ," बस दो दिन आज और कल शाम तक आ जाऊंगा तो तुम तब तक अच्छे से खाना खाना और बेबे के बातों का जवाब भी देना मुझे पता है मेरे गैरहाजिर में वो बहुत बुरा सुलूक करेंगी , वैसे पापाजी है तुम्हारी तरफ साइड लेने के लिए ,अपना ख्याल रखना और बेबे , पापाजी का भी ख्याल रखना ,अब मैं चलता हूं बाय ,और माथे को चूम लेता है कन्या के, कन्या मुस्कुराते हुए सिर को हां में हिलाती है... फिर संदीप लगेज लेकर बाहर हॉल में जाकर बेबे और पापाजी का पैर छुकर घर से निकलता है .....!!

आज बेबे थोड़ी खुश होती है संदीप कन्या को छोड़कर जा रहा है , और सोचती है कैसे इस कन्या को इस घर के बाहर फेंकू ...सोचते सोचते दोपहर से शाम होता है तभी पापाजी बाहर इवनिंग वाक पर जाता है ..........!!

फिर बेबे , अपने खुरापाती दिमाग लगाती है और सोफे पर बैठे कन्या को आवाज लगा देती,"गुस्सा के भाव से ,"कन्या छेती आ मैनू गल दसिया सी , ...."कन्या बेबे के पास आती है "जी मम्मी जी बुलाया आपने ..??

बेबे ,"अहो तैनू बुलाया सी ,इक गल दस मैनू, तैनू नी लगदा की संदीप नू सारी खुशियां मिलनी सी ,वो तैनू प्यार करदा तैनू कि फर्क पड़ता हे , अच्छा इक गल कर मैनू तू संदीप के वास्ते कि कार सकदी है दस ...दस मैनू...??

कन्या ,"जी संदीप के लिए कुछ भी कर सकती हुं मैं आप बोलो मैं क्या करूं ...??

बेबे ,"अहो जी ,मैनू नू जो बोलिया सी तैनू करण पड़ेगा ..!!

कन्या ,"जी बोलिए क्या करूं मैं जो आप भी समझ जाए कि मैं संदीप से प्यार करती हुं...!!

बेबे ,"तू चुप कर मैनू नी दस की तू संदीप नाल चाहे या ना चाहे, मैनू तलाक चाहिदा तैनू होर संदीप नाल..........

कन्या की मुंह खुली और आंखें फटी की फटी हो जाती है बेबे की बात सुनकर , और बोल पड़ती है ,"क्या तलाक संदीप को , आंखों में आंसू आ जाते हैं कन्या के फिर बोल पड़ती है , मम्मी जी संदीप मुझसे बहुत प्यार करते हैं वो जी नहीं पाएगा ,वो टूट जाएगा प्लीज़ आप ऐसा मत बोलो ..रोते सोफे पर बैठ जाती है..!!

बेबे ,"चुपकर फिटे मुंह, बांद कर ये सब ,तू तलाक देगी ते देगी,, होर सुण तू भेजया सी तलाकनामा ,सानू कुछ भी करया सी होण संदीप तलाक तैनू दे दिया सी,होर जा तू आज ही बैग पैक कर होर जा तू तेरे बाप नाल निकल जा तू इथे कार वीच तेरे नाल जग्याह ना सी ,तैनू चेहरा मैनू ना देखया सी नफरत हो गई है तैनू देख देख के तेरे चरित्र को सुण कर कोई बर्दाश्त ना करी तू चली जा ..अभी के अभी ,जा निकल जा ,अरे उठ छेती ,, फिर कन्या के बांह पकड़कर उठाते हुए कन्या के बेडरूम जाती है और बैग पैक कर चल तूसी....??

कन्या ," मम्मी जी पहले संदीप को आने दो फिर मैं चली जाऊंगी प्लीज़ , दोनों हाथ जोड़कर रोते हुए गिड़गिड़ाती है...!!

बेबे ,"तैनू कि लगदा मैनू बेवकूफ समझ री तू ,मैनू पहले पता होंदा की तू ऐसी हे तेरे नाल ब्याह ना करवादी सनू, चल छेती छेती कपड़े पैक कर होर निकल कर से , गुस्से से बोलती है ..??

कन्या रोते हुए बैग पैक करती है ,

बेबे छेती छेती हाथ चला तू और निकल चल जा ,होर सुण अगर संदीप नू कुछ भी गल करया सी तो ठीक ना होंदा ,तू उसे ना फोन करेगी होर ना उसका फोन उठाएगी कसम है संदीप नू तैनू ,अगर सच में प्यार नाल सी संदीप नू तो तू वही करया सी जो मैनू गल कर दीता चल जा , बेबे कन्या के हाथ को पकड़ती है दुसरे हाथ से बैग पकड़कर घर से निकाल देती है ....!!

कन्या रोते हुए सबसे नजरे बचाकर चल देती है .....

कुछ देर बाद...

पापाजी घर आता है , दरवाजा बेबे खोलती है, फिर कन्या को आवाज देता है और सोफे पर बैठता है ,"कन्या पुत्तर चाय साय पीणी है लाओ जी इथे...!!

बेबे तुरंत किचन जाती है और चाय दो कप कुछ बिस्कुट के साथ लेकर आती है ...

पापाजी ,"मनदीप जी आप की तकलीफ़ दीता सनू , कन्या पुत्तर है ना हमारे ख्याल रखने वास्ते...??

बेबे ,"अहो जी मैनू सब समझ आन्दा तूसी मैनू बुड्ढी समझ तै नी ,छड्डो ना कन्या नाल, मैनू ख्याल रखया सी तैनू गुरू जी मुस्कुराते हुए बोलती है...!!

पापाजी ,अब फिर कन्या को अकेले हैं सोचकर फिर आवाज लगाता है,"कन्या पुत्तर तूसी भी चा इथे लाओ होर पियो जी, कन्या पुत्तर...??

बेबे ,"कन्या इथे ना हे जी, वोनू अप्पा नाल फोन आया सी तो कुछ जरूरी काम के वास्ते चली गई सी अपने अप्पा नाल,,संकुचते बोलती है ..!!

पापाजी ,"कि ..प्रश्न सूचक चेहरे के साथ बेबे को देखता है और फिर बोलता है,"बिना मैनू पूछया सी होर चली गयी सी ये कि गल हुई मैनू ना समझ आंदा अभी फोन लगा तूसी कन्या नू मैनू गल करनी सी कन्या नू मनदीप जी फोन लगा तूसी , गुस्सा करते हुए ..??

बेबे ,"अहो जी मैनू फोन कर दिता ,पर वो एरोप्लेन वीच बैठया सी फिर की ,मैनू फोन कर दीता तूसी शांत रहो जी फिर फोन करती है लेकिन फोन तुरंत खुद ही कट कर देती है और गुस्सा दिखाते हुए मैनू दसया सी तैनू , कुड़ी एरोप्लेन वीच होगी इब फोन ना लग रहा जी मैनू होर काम है ,और उठकर किचन जाती है ....!!

पापाजी , अब मन में सोचते हुए,"कुड़ी मैनू गल ना करी चल दिता सानू अप्पा वीच ऐ की , संदीप वीच कार ना हे फिर कि गल हो सकदी हे , कन्या पुत्तर मैनू ना मिलया सी ,कि गल होई ...!!

बेबे ," किचन से ही पापाजी को डांटते हुए चिल्लाती है ," अखा दुनिया नू गल कर दिता तो तैनू विश्वास होणा हे, होर मैनू गल कर दस दी सानू शक हो रिया सी ,ओह वाहेगुरु जी मैनू समझ नी आंदा मे कि करया सी ,इब तैनू ही इस गुरु जी समझा वेए ...


क्रमशः....


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जय श्री कृष्णना 🙏


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