Pyar ki Arziya - 21 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार की अर्जियां - 21

बेबे संदीप को कन्या के पास जाने के लिए रोकती है , कन्या को दूसरे की जुठन बोलकर ...

संदीप - "बेबे ,आप एक औरत है और कन्या के दर्द को समझना चाहिए तो आप उसे जुठन बोल रही है , बेबे आपकी सोच इतनी छोटी है ,प्लीज़ मुझे मेरी कन्या के पास जाने दो ,,और हाथ झटकते हुए अपने बेडरूम जाता है तो कमरे की लाइट ऑन करता है , फिर देखता है कि कन्या जमीन में बैठी सिर बेड पर है और सो गई ,"कन्या के पास जाता है उसे ठीक से सुलाने के लिए तो ,,"कन्या छुते हुए तुम्हें तो बुखार है तुम बहुत तप रही हो ,, फिर कन्या के गाल को थपथपाता है ,"कन्या ... कन्या उठो चलो हॉस्पिटल ,(फिर अपने जेब से ड्राइवर को फोन लगाता है ,,रिंग जाता है और ड्राइवर फ़ोन उठाता है) "ड्राइवर जल्दी गाड़ी निकालो मुझे कन्या को हॉस्पिटल लेकर जाना है वो बुखार से तप रही है ...और फोन कट करता है ,,अभी भी कन्या अचेत ही रहती है ,"संदीप कन्या को अपनी गोद में उठाकर रूम से बाहर ले जाता है तो ....

बेबे ,"इब कि होया किथे ले जांदा इने , सामने खड़े हो जाती है संदीप को कन्या को उठाए देखकर ....

पापाजी : " कि होया संदीप कन्या नू ...??

संदीप : "पापाजी कन्या को तेज बुखार है उसकी दो दिन से तबीयत खराब है इसे बोल रहा था मैं हॉस्पिटल चलते हैं लेकिन मेडिकल के मेडिसिन ले रही थी आज बहुत ज्यादा ही बुखार है इसलिए मैं इसे हॉस्पिटल ले जा रहा हुं बेबे सामने से हट जाओ...??

बेबे ,"मरती हे तो मर जाने दे इथे कि पैसा बर्बाद करिया सी ,इन्ने बडी सियापा कर दिता, तूसी इने वास्ते जो तैनू होर तैनू प्यार समझ नी सकदी उथे नाल फिक्र करिया सी तू मैनू गल सुन इसे इथे ही मरण दो तूसी छड दे इन्ने ...!!

संदीप : "बेबे जाने दो मुझे, मेरी कन्या को हॉस्पिटल की जरूरत है ,आप नहीं समझती मेरा प्यार को तो प्लीज़ बीच में मत आओ मेरी कन्या पाक साफ है ,और मैं इसके लिए किसी से भी लड़ सकता हुं रास्ता छोड़ो आप...!

पापा जी : "मनदीप जी आप छडो ना गल , संदीप पुत्तर नू जाण दे कन्या पुत्तर को डॉक्टर की जुरूरत है जी जाण दे ,और बेबे के बांह पकड़कर एक किनारे करता है ..!!

संदीप ,"पापाजी आप लोग कोई रेस्टोरेंट्स चले जाइएगा डिनर के लिए मैं वापस ड्राइवर को गाड़ी लेकर भेज दूंगा...??

पापाजी ,"पुत्तर जी तूसी चिंता ना करो हम कुछ खा लेंगे अभी कन्या पुत्तर नू दिखा लाओ हॉस्पिटल से, छेती जाओ पुत्तर....!!

अब संदीप कन्या को देखते हुए घर से निकलता है ..बेबे रोने लगती है ,"ओ रब्बा मैनू आगे पीछे कोई ना हे जी मैनू गल कोई नी समझता ........!!

कुछ देर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचते हैं...

संदीप कन्या को उठाए आपातकालीन चिकित्सा सेवा में ले जाकर डॉक्टर को आवाज देकर बुलाता है ,,

डॉक्टर और नर्स दौड़कर संदीप के पास आता है और पेशेंट देखकर एक स्ट्रेचर पर सुलाने बोलता है और पूछता है ,"पेशेंट को क्या परेशानी है....??

संदीप ,"डॉक्टर ये मेरी पत्नी है इसे तेज बुखार है दो दिन से हल्की बुखार हो रही है पेट में इसकी मरोड़ रहती है....!!

डॉक्टर : "इसने कुछ बाहर का खाया था ...??

संदीप : "हां ....!!

डॉक्टर ,"आप जाइए एक फार्म फिल करो हम पेशेंट को अंदर रूम में ले जाकर ट्रीटमेंट करते हैं ,नर्स वार्ड बॉय स्ट्रेचर को रूम में ले चलो जल्दी ... फिर कन्या को में ले जाते हैं ।।

संदीप ,रूम के बाहर टहलते रहता है ,,कुछ देर में डॉक्टर और नर्स आते हैं और ,"मिस्टर संदीप आपकी पत्नी को फुट इन्फेक्शन हुआ है जिसकी वजह से फीवर हाई है ,आज रात यहीं रखना होगा अभी उसे ग्लोकोज का बोतल चढ़ा है , धीरे धीरे फीवर उतरेगा आप गिली पट्टी लगाते रहिए सिर पर और शरीर में जल्दी फीवर उतर जाएगी,,,,,,

संदीप रूम अंदर जाता है और अपने रूमाल को गीला करके कन्या के माथे पर लगाता है ....!!

दूसरे दिन सुबह से.... कन्या की तबीयत ठीक होती है और उठती है तो संदीप उसके हाथ पकड़े उसे ही देख रहा था...

कन्या उठने की कोशिश करती है तो संदीप उसे अच्छे से दीवार पर तकिया रखकर बैठाता है .."संदीप हम यहां हॉस्पिटल में...??

संदीप ,"कल रात से, मैंने तुम्हें पहले ही कहा था चलो डॉक्टर को दिखाने लेकिन तुम मानती कहां हो ,कल रात मैं कितना परेशान हो गया था तुम्हें हाई फीवर हुआ था,प्लीज़ यार अपना ध्यान रखा करो मुझे तुम्हें कुछ होता है तो बर्दाश्त नहीं होता है , कन्या के हाथ पकड़कर बोलता है..!!

कन्या ,"संदीप मम्मी जी और पापाजी ,आपके आने के बाद कुछ पुछे होंगे ...??
संदीप : "हां पूछे बहुत बहस हुई हमारे बीच ..!!
कन्या मायूस होकर कहती हैं ,"मुझे पता था मेरी अतीत घर वालों को तोड़ देगी इसलिए शादी से पहले बता देना चाहिए था हमें फिर उसकी मर्जी होती मुझे अपने घर की बहू बनाए या ना बनाए...!!

संदीप : "और मेरा क्या कन्या वो नहीं मानते इस रिश्ते के लिए तो मैं कैसे करता कैसे जीता तुम्हारे बगैर ,और क्या अतीत,, तुमने जानबूझकर तो नहीं किया ,ये एक हादसा है जो किसी के साथ हो सकती है ,ऐसे हादसों के वजह से हम जीना छोड़ दें ,बोलो कन्या ,है उत्तर कोई...??

कन्या ,"संदीप लेकिन मम्मी जी को अच्छा नहीं लगा तो ये हादसा फिर ...??

संदीप कन्या के बेड पर बैठते हुए उसके माथे को चूमता है फिर बाल को फेरते हुए , तुम्हारी लाइफ में सिर्फ मैं इम्पोटेंट हुं तो मेरे बारे में सोचो हम दोनों को एक-दूसरे के साथ जीना है बुढ़ापे तक इसलिए ज्यादा किसी के बारे में मत सोचो दुनिया सिर्फ अपने बारे में सोचती है दूसरे की दुख को हंसी में टाल देता है , और तुम ना बेबे के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचोगी वो चाहे कुछ भी करे ,एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देना समझी ,,और सीने से लगा लेता है कन्या को....

तभी डॉक्टर और नर्स चेक अप के लिए आते हैं और कन्या का चेक करता है,,

डॉक्टर ,"मिस्टर संदीप ,आपकी पत्नी अभी ठीक है आप घर ले जा सकते हैं ,कुछ मेडिसिन लिख रहा हूं आप ले लेना और दो दिन बिल्कुल लाइट खाना देना होगा और आराम करना है ...!!

संदीप ,"ओके डॉक्टर पर्ची लेते हुए....!!

डॉक्टर और नर्स रूम से चले जाते हैं...!!

कन्या ,"संदीप कल रात को मम्मी जी और पापाजी को खाना कौन दिया होगा वो लोग भूखे होंगे ,...??

संदीप," मैंने पापाजी को कहकर आया था वो कोई रेस्टोरेंट्स में जाकर खाना खा ले और ड्राइवर को भेज दिया था ,,ओह मैडम मुझे पूछा आपने खाना खाया की नहीं ,सबकी चिंता रहती है पति को छोड़कर, तुम यहीं रूको मैं मेडिसिन लेकर आता हूं...!!

कन्या ,"संदीप हम दोनों चलते हैं मैं चेयर में बैठ जाऊंगी आप मेडिसिन ले लेना ...??
संदीप ,"हां ये भी ठीक है, चलो फिर उठो, (कन्या को सहारा देते हुए ),आराम से विक हो अभी गिर ना जाओ ... फिर दोनों जाते हैं ....!!

अर्पामेंट में....

बेबे अपने सिर पर रूमाल बंधी रहती है, पापाजी सोफे पर बैठे रहता है ....तभी डोर बेल बजती है ....श्याम चाचा दरवाजा खोलता है तो संदीप और कन्या अंदर आते है ,,,,,,,,

कन्या अंदर जाते ही बेबे की शक्ल देखती है लेकिन बेबे मुंह फुलाए गर्म मिजाज में बैठी रहती है...

पापाजी ,"आ गये पुत्तर कि तबीयत सी कन्या पुत्तर नू संदीप ..??

संदीप कन्या को सहारा दिए आते हुए जवाब देता है ,"पापाजी अभी कन्या ठीक है लेकिन विक है , डॉक्टर आराम करने बोले है..!!

पापाजी ,"बधिया जी,कि गल किथे डॉक्टर नू कन्या पुत्तर विच ..??

संदीप ,"पापाजी , कन्या को फुड इंफेक्शन हुआ है इसलिए तबीयत बिगड़ी थी मेडिसिन लेगी तो ठीक होगी, पापाजी मैं कन्या को अंदर छोड़कर आता हुं ..??

पापाजी ,"अहो जी जाओ ...!!

संदीप कन्या को बिस्तर पर लेटा कर अपने फोन में ऑफिस फ़ोन करता है रिंग जाता है और सामने किसी से बात करता है ,"हेलो मिस्टर आहुजा मैं आज ऑफिस नहीं आ रहा हूं मेरी मिसेज की तबीयत ठीक नहीं है हाफ डे के बाद ही आऊंगा आना होगा तो, आप कोअपरेट कीजिए आज..फोन रखता हूं ... फिर कन्या जो उसे ही देख रही थी ,"क्या हुआ कन्या तुम ऐसे क्यो देख रही हो , चलता हूं किचन तुम्हारे लिए नाश्ता की तैयारी करता हूं कुछ जरूरत हो तो आवाज दे देना मैं आ जाऊंगा ,,मुस्कुराते हुए कहा...!!

कुछ देर बाद संदीप अपने बेडरूम में कन्या को खाना खिलाते रहता है ,,इधर संदीप के प्यार भरी बातें कन्या से करते सुनती है तो और दिमाग खराब होती है बेबे की...

आज जैसे तैसे कटती है बेबे की कन्या का क्या करूं संदीप तो पागल है उसके पीछे सोचकर क्या करूं ,,क्या करूं कैसे अलग करूं दोनों को उस लड़की को यहां से कैसे निकालू सोचते दिन काटती है ,, बेबे अब कन्या को ज़रा भी पसंद नहीं करती कन्या के अतीत जानकर उसे लगता है कि दूसरे की जूठन लगती है चरित्र पर दाग लगता है और दूसरा ये अब इस खानदान को वारिस भी नहीं दे सकती सोचते रहती है....!!

दूसरे दिन संदीप ऑफिस निकलता है आज कन्या की तबीयत ठीक रहती है...


क्रमशः...


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जय श्री कृष्णना 🙏

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