इंतजार प्यार का - भाग - 18 Unknown Writer द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इंतजार प्यार का - भाग - 18

आरव और उसके दोस्त दादाजी के मुंह से यह बात सुनने के बाद और भी ज्यादा शौक हो जाते हे। दादा जी ये सब को देखते हे लेकिन उन होने सब को इग्नोर करते हुए टाइगर अपने पास बुला दिया। जिस वजह से वह दादाजी के पास आ जाता फिर आर्यन भी डरते हुए दादाजी के पास आ जाता है। और वो दादाजी से बोलता हे की सॉरी दादाजी मुझे याद नहीं रहा था लेकिन प्लीज मुझे माफ कर दीजिए आगे से ऐसी गलती फिर कभी नहीं होगी। यह सुनने के बाद भी दादाजी उसको कुछ नहीं बोलते और फिर उन सब से और घूमते हे और उनको रेडी होने के लिए बोलते हैं। तो सब बोलते हे की क्यूं तो दादाजी बोलते हे की आज तुम लोग मेरे साथ मेरे घर जाने वालो हो तो सब के आंखों में चमक सी आजाती है और फिर वो जल्दी से रेडी होने चले जाते हे। फिर सब रेडी हो कर नीचे आते हे और वहां से चले जाते हे।

फार्म हाउस में सब लोग एक साथ मिलकर दादा जी के घर के और निकल जाते है। आर्यन का फैमिली एक जॉइंट फैमिली है जिनमें आर्यन उसके पापा मां और उसके दादा-दादी और चाचा चाची और उनकी बेटी सुहानी सब लोग मिलकर रहते हैं। वह लोग भी आरव को और बाकी दोस्तों को भी अच्छे तरीके से भी जानते थे और वह लोग उन लोगों को भी काफी पसंद करते थे। सुहानी भी आर्यन की तरह सबको अपना भाई मानती थी। सुहानी और आरव की बॉन्डिंग सबसे अच्छी थी और वो लोग मिलकर काफी हंगामा करते थे घर में। आरव भी सुहानी को अपना हीं बहन मानता था। वो उसके लिए कुछ भी कर देता था। अगर कोई सुहानी को रुलाए तो वो आरव का सबसे बड़ा दुश्मन होता था। और आरव भी उसको इतना रुलाता था की वो अपनी जिंदगी में फिर कभी भी सुहानी की और अपने नजर उठाके नही देखता था।



तकरीबन 45 मिनट बाद दिल्ली के एक पोर्स इलाके के एक बंगले के सामने दादाजी की कार और साथ में उन पांचों की बाइक वहां पर आकर रूकती है। तो सब लोग सामने देते हैं कि रेड एंड वाइट कलर में बना हुआ एक सुंदर बंगला उनके सामने खड़ा हुआ था जो कि दिखने में काफी आलीशान लग रहा था। उसको देखकर आरव को अपनी कुछ पुराने यादें याद आने लगती है आज से 2 साल पहले जब उसका एक्सीडेंट हुआ था। तब वो इसी घर में रहा था। और आर्यन के दादा-दादी और उनके फैमिली वालों ने मिलकर उसका बहुत ख्याल रखा था। जिस वजह से वो हमेशा उनके एहसान को मानता था और उसकी सब बात मानता था और उनको पूरा रिस्पेक्ट दे रहा था। यह सब सोचने के बाद उसके आंखों में फिर से आंसू आ जाते हैं। उसके बाद एक एक करके सब बाइक से उतरने लगते हैं। उतरने के बात सब लोग एक एक करके घर के अंदर जाने लगते हैं लेकिन जाते वक्त उन्होंने आरोप को अपने पीछे ही रहने दिया और आगे आने नहीं दिया। जिस वजह से वो उन लोगो से आगे जाने की कोशिश करने लगता हे। लेकिन कोई भी उसे आगे जाने नहीं देता है। और उसको ब्लॉक कर के पीछे ही रखते हैं। यह सब देखकर अब आरव को गुस्सा आने लगा था तो आर्यन उससे बोलता है अरे भाई जरा रुक जाना दादाजी ने सबके लिए सरप्राइस रखा था तू आज यहां का सरप्राइज है इसीलिए जरा शांति से पीछे पीछे खड़े रहना यह सब सुनकर वो पूरी तरह से चुप हो जाता है और सब कुछ समझ जाता हे।
फिर सब लोग मिलकर घर के मेन हॉल में जाते हाल में आर्यन के पापा और चाचा मिलकर सोफे पर बैठ कर कुछ बातें कर रहे थे। और आर्यन की मॉम और चाची किचन में कुछ काम कर रहे थे। लेकिन जब देखते हैं कि सारे के सारे बच्चे उनके दादाजी के साथ आते हैं तो वो लोग किचन से बाहर उनके पास आजते है और उनको उनके हाल चल पूछते है और वो लोग भी उनको ग्रीट करते है और सब ठीक है इसे उनको बोलते हे। लेकिन अब तक कोई भी उनके बीच में आरव को नोटिस कर नही पाया था। फिर दादा जी सबको हॉल में आने के लिए बोलते हैं तो सब लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि दादाजी ने क्यों हमें यहां पर बुला है तो दादाजी सब को बताते हैं कि आज तुम लोगों के लिए एक बहुत ही अच्छा सुंदर और बहुत ही बढ़िया सरप्राइस है। यह सब सुनने के बाद और भी ज्यादा कंफ्यूज एक्साइटेड हो गए दादा जी के गिफ्ट के लिए। क्योंकि वह लोग अच्छे तरीके से जानते थे कि दादाजी का गिफ्ट बहुत अच्छा होता है। तभी वहां पर दादी जो बाहर मंदिर में थी वह आ जाते हैं और सारे के सारे बच्चे और दादा जी को देखकर बोलते हे की, “ आप यहां पर क्या कर रहे हैं सब लोगों को हाल पर ही क्यों बुलाया है क्या चल रहा है आपके दिमाग में ” तो दादा जी उनको बताते हैं कि मैंने आप सब के लिए बढ़िया सरप्राइस लेकर आया हूं। तो दादी बोलती है हां मैं जानती हूं कैसा सरप्राइस लेकर आए हो तुम और बस ₹2 की चॉकलेट ले कर आए होगे और कुछ नहीं मिलता है तुम्हें। यह सुनने के बाद दादा जी का मुंह लाल हो जाता है और वो चीड़ जाते हे और बाकी सब हंसने लगते हैं। तो उन्होंने वैसे हीं चिड़ते हुए बोला कि तुम कौन से मुझे 100 रूपीस के डेरी मिल्क देती थी तुम भी तो बस ₹1 की टॉफी लेकर आती थी मेरे लिए। दादाजी का मजाक उड़ाते हुए बोलते हैं कि हां तुम तो बड़े महंगे आदमी हो जो में तुम्हारे लिए ₹100 का डेरी मिल्क लेकर आता है यह बात सुनने के बाद तो दादाजी और भी ज्यादा चीड़ जाते हे। और वही बाकी सब और जोर-जोर से हंसने लगते हैं। तभी दादा जी बोलते हैं की मुझे तुझे लड़ने का कोई शौक नहीं है चल हट बुड्ढी। दादाजी के मुंह से बुड्ढी वर्ड सुन ने के बाद दादी एक दम चीड़ जाति हे। और अब वो गुस्से से कुछ बोलने हीं बाली थी। लेकिन तभी दादाजी उससे बोलते हे की ज्यादा मत बोल और आजा यहीं खड़ा हो जा तूभी में ऐसा सरप्राइस लाया हूं की तू एकदम शॉक हो जाएगी और तेरे आंखों से आंसू बहने लगेंगे।
और फिर दादाजी सब से बोलते हैं की आज मैंने आप लोगों के लिए बढ़िया सर प्राइस तो देखें उस सरप्राइज को। यह बोलकर वो आरव को अंदर आ जाओ बोलते हैं। तो आरव अंदर आ जाता हैं। वही आरव को वहां पर देखकर सब एकदम शौक होकर उसकी ओर देखने लगे। वही दादी की तो आरव को देखकर अपने आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था और वह बार-बार अपने आंखें मसल रहे थे। लेकिन जब उनको विश्वास हो गया कि वह आरव हीं है। तो उनके आंखों से आंसू बहने लगे यह देखकर आरव भी काफी इमोशनल हो जाता हे। और फिर वो जल्दी से जाकर दादी के गले लग गया। ऐसे ही थोड़ी देर गले लगने के बाद अरब दादी से अलग होता है और अलग होने के बाद वह सब को ग्रीट करता है। आरव के ग्रीट करने के बाद सब लोग भी उसके गले लग जाते हैं। और गले लगने के बाद सब लोग जाकर लिविंग रूम के सोफे पर ही बैठ जाते हैं सोफे पर बैठ कर वो लोग खुशी-खुशी एक-दूसरे से बातचीत और हंसी मजाक कर रहे थे।
वहीं आरव तो दादी के गोद में अपना सर रखकर हर किसी को देख रहा था आज उसको अपने मम्मी पापा की बहुत याद आ रही थी और अपनी दूसरी फैमिली को देख कर उसको बहुत खुशी भी हो रही थी। तभी आर्यन की मां सबसे नाश्ता करने के लिए बोलती है। तो सब लोग हां बोलते हैं और जाकर टेबल पर बैठ जाते हैं फिर सब लोग मिलकर एक साथ हंसी खुशी मजाक करते हुए नाश्ता करने लगते हैं। नाश्ता करने के बाद सब लोग फिर से जाकर सोफे पर बैठ जाते हैं फिर तभी वहां आरव सबसे बोलता है कि यार चलो अब कॉलेज का टाइम हो गया है। जल्दी जाना भी है तो सब लोग हां बोलते हैं। और वहां से जाने लगते हे। और तभी दादी आरव के पास आकर उसे एक पेंडेंट देती है और उससे बोलती है कि आते रहना बेटा इतने दिन तक तो दूर रहा अब आते रहना और यह बोल कर उसको गले लगा लेते और उनकी आंखें कभी नम थी। आरव भी उनके गले लग जाता हे। और वो भी इमोशनल हो रह था। उसको फिर से इमोशनल होते हुए देख कर दादी उससे बोलती हे की अगर तू चाहेगा तभी भी में तुझसे अलग नहीं हूंगी क्यूं की तेरे इस पेंडेंट में हमेशा रहूंगी। ये सुन ने के बाद अरब के फेस में भी स्माइल अजाती है और वो दादी से प्रॉमिस करता है की वो कभी भी वो पेंडेंट अपने गले से नहीं निकलेगा। फिर सब वहां से चले जाते हे।
तो आगे क्या होता है? अब कालेज में क्या नया बवाल होने वाला है? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरा यह कहानी इंतजार प्यार का...........
To be continued............
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