Intezar Pyaar ka - 17 books and stories free download online pdf in Hindi

इंतजार प्यार का - भाग - 17

फिर वो उनको लेकर वापस वही जगह पर आ गया जहां पर एक्सीडेंट हुआ था। लेकिन अब तक वहां पर काफी सारे लोग भी घेर के खड़े हो गए थे। पुलिस भी अब तक वहां पर अगयि थी फिर पुलिस उन लोगो के बयान लेती है उसके बाद उन चोरों से उनकी चोरी की गई सामान को उन कपल को देती है। देने के बाद वो लोग आरव को thank you बोलते हे। और उन चोरों को लेकर चले गए। फिर आरव भी अपने सारे दोस्तों के साथ मिलकर दिल्ली के लिए निकल जाता है और वो लोग 8:30 बजे तक दिल्ली में पहुंच चुके थे। वह लोग आते वक्त ही रास्ते में अपना डिनर एक ढाबे में कर लिए थे। फिर वो लोग लड़कियों को उनके हॉस्टल छोड़कर वहां से आर्यन के फॉर्म हाउस के तरफ चले जाते हैं। वो लोग आज की रात भी वहां पर काटने का प्लान किए थे। फिर वो लोग आर्यन के फॉर्म हाउस के लिए निकल जाते हे। वहां पर जानेे के बाद वो लोग पहले अपना बाइक पार्क करते है फिर अपने रूम में चले जाते हे। जाने के बाद सब लोग फ्रेश होने के बाद अपने बेड में सो जाते हे। आज सबको बेड पर गिरते वक्त हीं नीद आगयी क्यों की क्यूं की आज वो लोग काफी थक गए थे।
अगले दिन सुबह

आरव अपने कमरे में आराम से सो रहा था लेकिन तभी उसको किसी के बचाओ बचाओ चिलाती हुए आवाज सुनाई देती है और साथ में ही एक कुत्ते का भोंकने का भी आवाज सुनाई देता है। जिस वजह से आरव का नीद टूट जाता हे और वो देखने लगता हे की आवाज कहां से आ रहा है। लेकिन जब उसको कोई नही दिखता तो वो उसको अपना सपना मानकर इग्नोर करके फिर से सोने लगता है। लेकिन फिर थोड़ी देर बाद उसको वही आवाज फिर से आती है जिस वजह से वह अपने ऊपर तकिया रखकर सोने की कोशिश करता है। लेकिन इस बार और जोर से आवाज आती है जिस वजह वो सो नहीं पाता और उठ जाता हे। उठने के बाद बाहर जा कर देखता है की हुआ क्या है। लेकिन वह देखता है कि सिर्फ वही नहीं उसके बाकी सारे दोस्त भी अपने कमरे से निकल कर बाहर आ गए थे। क्या हुआ है जानने के लिए वह उन लोगों के पास जाता है और उनसे पूछता है कि क्या हुआ है चिल्लाने की आवाज और कुत्ते की भौंकने की आवाज कहां से आ रही है। तो सब बोलते हैं कि हमें क्या पता हम भी तो अभी हीं आए हैं चल नीचे चलते जाकर देखते हैं।
वह लोग एक-एक करके सीढ़ियों से नीचे जाने लगे वह लोग जो कि नीचे पहुंचते हैं तो देखते हैं की वहां पर आर्यन के दादाजी सोफे पर आराम से बैठे हुए थे और पेपर पढ़ते हुए चाय पी रहे थे। आर्यन के दादाजी को वहां देखकर पहले तो सब शॉक होते हैं। फिर उनको वहां देख कर सब के फेस में बड़ी सी स्माइल आ जाती है। और सब लोग उनके पास चले जाते हैं उनके पास जाकर उनको प्रणाम करते हैं। दादाजी भी उनको आशीर्वाद देते हैं और फिर उन सब से उनकी हालचाल पूछते हैं। उसके बाद वो लोग वहां पर सोफे पर हीं बैठ कर बातें करना शुरू करते हैं। दादाजी जी भी पेपर को फोल्ड करके रख देते हे उनसे बात करने के लिए। और जब आरव उनको कुछ पूछने वाला होता है कि तभी उन्होंने बिक्रम से कुछ बात करना शुरू कर दिया। जैसे आरव दादा जी से कुछ बात करने की कोशिश करता था तभी दादाजी उसको पूरी तरह से इग्नोर कर देते हैं और किसी और से बात करने लगते हे। यह देख कर सब को एहसास हो गया की आरव से दादाजी नाराज हे जिस वजह से उससे बात नही कर रहे थे। और अब तक आरव भी ये बात को पूरी तरह से था जान गया कि दादाजी उसके ऊपर नाराज है। लेकिन उसको पता नही चल रहा था की वो क्यूं उससे नाराज हे। जिस वजह से उसने उनके आगे जाकर अपना कान पकड़ लिया और दादा जी से बोला सॉरी दादा जी मैंने अगर कोई गलती किया हो तो प्लीज मुझे माफ कर दीजिए।
तो दादाजी उसकी और गुस्से से देखते हे। और फिर आरव को अपने झड़ी से मारते है। फिर उससे बोलते हे की तू आ गया ये हमे बताया नही नही हमसे मिलने आया और अब तुझे हम याद नहीं रहे। पिछले साल तूने हमें छोड़ कर चला गया तो तेरी दादी तुझको कितना याद कर रही थी तुझको पता है। उसके आंखों में आंसू आए वो भी तेरे वजह से। और फिर जब उसको पता चला की तू अब वापस आ गया तो हमने सोचा की तू जरूर उससे मिलने आयेगा। लेकिन तू आया नहीं जिस वजह से मुझे हीं तुझे लेने आना पड़ा। ये सुन कर आरव काफी शर्मिंदा होता है लेकिन जब उसको पता चलता हे की उसकी वजह से उसकी दादी रोयी तो वो काफी इमोशनल हो गया और उसके आंखों में भी आंसू आ गए। तो उसने दादाजी के पर के पास बैठ कर कहा की I am sorry दादाजी मुझे पहले आकर आपसे मिलना चाहिए था। लेकिन में ऐसा नहीं किया प्लीज आप मुझे माफ कर दो।
वही दादाजी के मुंह से दादी की आंखों से आंसू आने की बात सुनकर वह पर बैठे हुए हर कोई शौक हो जाता है। और फिर उन लोगों के भी आंखों में आंसू आ जाते हैं। क्योंकि आर्यन की दादी एक बहुत अच्छी महिला थी वह उनमें और आर्यन में कभी भी कोई भी फर्क नहीं करती थी। और वो उन लोगों को भी काफी पसंद करती थी। और वो हमेशा उनको सही गलत पहचानने में भी काफी मदद करती थी। और उनकी हर फैसले में भी उनका साथ देती थी। सिर्फ इतना ही नहीं वह लोग उनको जब से जानते थे तब से वो लोग उनको कभी भी रोते हुए ना देखा था नहिं किसी के मुंह से भी सुना था। लेकिन जब आज दादा जी ने उनको बताया कि आरव के चले जाने की वजह से उन्होंने रोया था यह सुनकर उन सबके आंखों में भी आंसू आ जाता है क्योंकि वह लोग भी आर्यन के दादी को अपना ही दादी मानते थे और उनको बहुत पसंद करते थे उनको बहुत प्यार भी करते थे जिस वजह से उनके आंखों में भी नमी उतर जाती है।
तभी दादाजी आरव की ओर देखते हैं और फिर उसको पूछते हैं कि क्या तू आज भी मेरे साथ चलेगा या फिर नहीं या फिर आज भी हम लोगों को छोड़कर कहीं और चले जाने का प्लान हे। यह बात सुनने के बाद आरव और भी ज्यादा इमोशनल हो जाता है। और वह अपना सर दादाजी के गोद में रखकर बोलता हे की नहीं दादा जी आज मैं आपके साथ चलूंगा मैं दादी से जरूर मिलूंगा आज। यह सुनने के बाद दादाजी के फेस पर एक छोटी सी स्माइल आ जाती है। और वह अपना हाथ लेकर आरब के सर में घुमाने लगते हैं आरव को भी दादा जी का यह करना बहुत अच्छा लगता है। उसको बचपन की बात याद आने लगती है। जब उसको अपने दादाजी की याद अति थी तो आर्यन के दादाजी उसको अपने गोद में सर रखकर लेटने को बोलते हे और फिर उसके सर में हाथ फिराते थे। यह सब सोचकर उसके फेस में भी एक छोटी सी स्माइल आ जाती है। और उसको अब दादी की याद आने लगती है तो उनके सामने दादी की एक तस्वीर आंखों के सामने आ जाती है जिसमें वह आरव के सर में तेल लगाते हुए देखते हैं। यह देखने के बाद और भी ज्यादा इमोशनल हो जाता है सबको इतना इमोशनल होते हुए देखकर दादाजी माहौल को हल्का करते हुए सबसे बोलते हैं कि क्या तुम लोगों को कोई आवाज सुनाई दे रही है तो सब लोग दादा जी के बात पर ध्यान देने लगते हे। और सब बोलते हे की हां हमें तो कुछ आवाज आरही थी जिस वजह से हमारा नींद टूटी और हम लोग नीचे आए।
उनकी ये बात सुन ने के बाद दादा जी हंसने लगते हैं उनको ऐसे हंसते हुए देखकर हर कोई शौक हो जाता है फिर पूछते हैं कि आप हंस क्यों रहे तो दादा जी बोलते हैं की चलो तुम लोग मेरे साथ चलो तो सब दादाजी के पीछे पीछे घर के बाहर गार्डन के और चलते हैं। कोई भी कुछ नहीं बोलता और सीधे दादाजी के पीछे पीछे बाहर जाते हैं तो देखते हैं कि आर्यन के पीछे एक कुत्ता पड़ा हुआ है उस कुत्ते को देखकर सब लोग समझ गए कि यह टाइगर है जो कि दादाजी का पालतू कुत्ता है। और यह भी याद था की आर्यन कुत्तों से बहुत डरता है। वो लोग कुछ नही समझ पाते हे की वो कुत्ता आर्यन के पीछे क्यों पड़ा हे। तो वो लोग उसको बचाने के लिए जाने ही वाले थे कि दादाजी उनको बोलते हैं उसको बचाना मत यह उसकी पनिशमेंट है।
तो सब लोग एकदम शॉक हो जाता है। और दादाजी की और देखने लगते हैं तो दादा जी उनको कुछ बताते उससे पहले ही आरव उनसे पूछता है कि दादा जी उसको क्यों पनिशमेंट मिल रहा है। तो दादाजी उसको बोल्टेही की मैने उसको बोला था जब भी तुम यहां पर वापस आओ तो तुमको पहले मेरे पास या फिर तुम्हारे दादी के पास लेकर आए। लेकिन मैंने इसके लिए 2 दिन वेट किया ताकि उसको मौका मिल जाए की यहां पर लेकर आए। लेकिन इन 2 दिनों में से भी वह मेरे पास कभी ना तुझे लेकर नहीं आया नहीं उसने बताया की तू यहां पर है। मुझे मेरे आदमी ने बता दिया नही तो में बस वेट करता रहता। जिस वजह से उसको यह पनिशमेंट मिल रहा है।
आरव और उसके दोस्त दादाजी के मुंह से यह बात सुनने के बाद और भी ज्यादा शौक हो जाते हे। दादा जी ये सब को देखते हे लेकिन उन होने सब को इग्नोर करते हुए टाइगर अपने पास बुला दिया। जिस वजह से वह दादाजी के पास आ जाता फिर आर्यन भी डरते हुए दादाजी के पास आ जाता है। और वो दादाजी से बोलता हे की सॉरी दादाजी मुझे याद नहीं रहा था लेकिन प्लीज मुझे माफ कर दीजिए आगे से ऐसी गलती फिर कभी नहीं होगी। यह सुनने के बाद भी दादाजी उसको कुछ नहीं बोलते और फिर उन सब से और घूमते हे और उनको रेडी होने के लिए बोलते हैं। तो सब बोलते हे की क्यूं तो दादाजी बोलते हे की आज तुम लोग मेरे साथ मेरे घर जाने वालो हो तो सब के आंखों में चमक सी आजाती है और फिर वो जल्दी से रेडी होने चले जाते हे। फिर सब रेडी हो कर नीचे आते हे और वहां से चले जाते हे।
तो आगे क्या होता है आर्यन के घर में क्या होता है? क्या दादी आरव से नाराज होती है? या बह आरव को अभी भी उतना ही प्यार करती है जानने के लिए पढ़ते रहे हैं मेरा एक कहानी इंतजार प्यार का...........
To be continued.............
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