Intezar Pyaar ka - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

इंतजार प्यार का - भाग - 2

सनाया आज डेनिम जींस के साथ एक ब्लू कलर के क्रॉक-टॉप पेहनी हुई थी जिसमे वो एक काफ़ी सुंदर लग रही थी वो कार से उतरने के बाद अपना बुक लेकर अपने अपने दोस्तों के पास चली जाती हे फिर वहन से कॉलेज के प्रशासनिक कार्यालय के और जाने लगते हे अपने आई कार्ड को जारी करने के लिए।
सनाया अपने दोस्तों के साथ बात करते हुए ही administrative office के और चलीजती हे और फिर वहां से अपने बेस्ट फ्रेंड तान्या को अपना कार्ड भी लेकर आने को बोलती हे और अपना फोन लेकर वहां से बात करने के लिए चली जाती हे| वो बात करने में इतना ज्यादा मशगुल हो गई की वो वहां से कब कॉरिडोर में उसे पता नहीं चला। लेकिन तबी वो सामने से आता हुआ एक लड़के से टकरा जाती हे। ये लड़का कोई और नहीं आरव हे।दोनो के तकराने के बजा से दोनो की हाथों से उनकी किताब निचे गिर जाति हे और वो भी आरव के ऊपर गिर जाती हे जिस बजा से वो उसके सीने में गिर गति हे फिर वो गुस्से में अपना सर ऊपर कर के देखती है की उसके सामने एक हैंडसम हे और हमें भी देख रहा हे वो तो उसके चेहरे की देख कर बस देख कर हिन रह गई| वो बस उसके भूरे और नशीले आंखों में देखा तो एक दम उसमे दुब हिन गई और उसकी दिल की धड़कन थोड़ी तेज हो गई। उसका दिल एक दम जोर से धड़कन लगा और जब उसे उसका चेहरा को अपने करीब आते हुए देखा तो उसका चेहरा और लाल हो गया। और हमें लगने लगा की वो उसे किस करने वाला हे। तो वो एस बजा से उसका दिल एक दम शताब्दी एक्सप्रेस की तरह जोर जोर से धड़कन लगा और उसके गाल और भी ज्यादा लाल हो गया और उसकी आंखें अपने आप ही बंद हो गई। लेकिन तबी आरव उसे थोड़ी ढाका देकर साइड मी कर दिया और उठा कर एक बार उसे गुसे से घुरा और अपना ड्रेस झड़ा लेकिन सनाया अभी भी उसे हिन घुर राही थी उसे अपने कपड़ों के बाद अपना हाथ आला की और लेने लगा और सनाया को लगा की वो उसकी और अपना हाथ बढ़ा रहा हे उसकी मदद करने के लिए। तो उसे भी अपना हाथ उठा कर आरव किस हाथ की और बड़ा दिया। लेकिन आरव में उसके हाथ को अनदेखा करते हुए अपने किताब को उठा ने लगा। उसे ऐसा करते हुए देख कर सनाया को गुस्सा आया और उसका मुह बन गया। और उसे अपने आप ही उठी हे लेकिन तब तक आरव में अपने बुक को उठा लिया था। और वहां से अपने अपने क्लास के और जाने लगा। सनाया उसे पहले तो घुर कर देखती हे और बोलती हे की केसे लड़के हो तुम एक लड़की निचे गिरी हुई हे वो भी तुम्हारे बजा से लेकिन तुम उसे मदद नहीं की और नहीं उसे ढाका देने के बजा से सॉरी नहीं बोला और हिन और उसे उल्टा साइड में भाका देकर गिरा देते हो।
तो आरव वही रुक जाता हे और पिचे घुम कर गुसे से सनाया को देखता हे। उसका ऐसे गुसे से देखने के बजा से सनाया बुरी तरह से दार जाति हे फिर भी अपने आप को सम्भलते हुए बोलती हे अपने मेरी मदद नहीं किया क्यों और टकरा गए और मुझे साइड में ढाका दे दिया। तो आरव उससे वहीं रूड तारिके से जवाब देते हुए बोलता हे की "मिस आप आकार मुझसे टकरा गई यह ना की में मुझे क्यों आप से सॉरी बोलू और आप तो उल्टा मेरे ऊपर हिन गिर गई मेने आप को काफ़ी बार आपको मेरे ऊपर से ऊपर से उठे हैं नहीं तो मुझे आप को ऐसे ही साइड में ढाका देकर उठा पड़ा और रही बात उठने की तो मैंने आप को उठे तो फिर भी आप उठ गए तो अलविदा” आरव सनाया को इतना ही बोलता हे और बिना उसकी और देखता हे और नहीं उसकी बात के लिए इंतजार करता हे वहां से अपने क्लास रूम में और चला जाता हे.आरव इतना कुछ बोला लेकिन सनाया के ध्यान उसकी बात पर ना होकर बस उसका चेहरा पर हिन होता हे और उसका दिल जोर जोर से धड़कने लगा। वो बस आरव के हिलते हुए कुछ नहीं को देख रही थी उसका मान हो रहा था की सिद्ध जकर उसके होथो को अपने होठों से बंद करदे और उसके होठ को किस करे वो भी दीप वाला।
अब तक आरव वहां से अपने रूम में चला गया था लेकिन सनाया अब भी वहां पर आरव जिस और गया कि हम एयर को घुर रही थी और आरव के बारे में अपने माइंड में नॉटी ख्याल हि घुम रहे थे।लेकिन थोड़ी देर बाद वो अपने जोश में आती हे और होश में आने के बड़ वो अपने दिमाग में चल रहे गंडे ख्यालों को झटकती हे। और फिर उसके बारे में सोच कर उसे शर्मा जाति हे। फिर वहन परी उसकी बेस्ट फ्रेंड तान्या उसी आईडी कार्ड लेकर अति हे और उसे देखते हैं और उसे देखते हैं, उससे पुछती हे की "तेरी फेस इतना लाल क्यों हुई हे" तो सनाया उसे बहाने बनते हुए बोलती हे की वो कॉरिडोर में काफ़ी ज्यदा गरमी हे तो इसी बजाह से लाल हो गई हे। तो तान्या उससे बोलती हे की हान यार गरमी तो हे और चल कैंटीन चलते हे वहां पर कोल्ड ड्रिंक्स पीटे हे तुझे आराम मिलेगा सनाया कुछ नहीं बोलती हे बस अपना सर हन में हिला देती हे। और फिर दोनो वहां से कैंटीन के लिए निकले जाते हे। तबी तान्या निचे देखती हे की सनाया के सारी की सारी किताब गिरी हुई हे तो वो उससे पुछी हे की उसे किताब केसे निचे गिरी तो सनाया उसे बोलती हे की उसे वो में किसी से तका गई तो सब आला गिर गया बताने के बाद दोनो मिलके किताब आला से उठाती हे। और फिर कैंटीन की और जाने लगती हे। जटे जते देखती हे की उसके पास एक अतिरिक्त किताब हे तो हम किताब को खुलके देखती हे की किताब पे नाम लिखा हुआ था की आरव राजपूत तो वो नाम पढने के बाद काफी उत्साहित हो जाति और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आजत्ती हे। फिर थोड़ी देर बाद दोनो मिलके कैंटीन के सामने पहंचते हे और फिर और जकार एक टेबल पर बेथ जाति हे और और फिर दो प्लेट समोसे और दो कोल्ड ड्रिंक ऑर्डर कार्ति हे और फिर कुछ बात करते हुए अपने खाने को खत्म करते हैं और फिर बिल पे करके वहन से बेब निकले जाते हे बहार निकल जाने के बाद सनाया उसे बोलती हे की उस लड़के का किताब मेरे पास हे अगर उसे जरूरत पद गया तो बहुत बुरा फास जाएगा तो चल उसे बुक दे दे हे।
तो दो मिलके वहन से खोज अभी जन सुरु करते हे। और आरव को धूलने लगती हे। वो पहले कॉलेज कॉरिडोर फिर कैंपस ऐसे करते हुए पुरे कॉलेज में धुँते हे लेकिन उनको आरव नहीं मिलता हे फिर दोनो मिलके लाइब्रेरी में धुंडने जाते हे लेकिन उनको तो मिला हिन वहीं सनाया भगवान की प्रार्थना करते हुए बोलती हे की प्लीज गॉड उसे मेरे साथ एक बार मिलवा दो प्लीज। जब वो उन लोगों को पुस्तकालय में भी नहीं मिला हे तो तान्या सनाया को बोलती हे की यार इसको धुंते हुए बोलती हे की यार क्या ये बंदा कहां गया हमको को मिलता है और उसे ढूंढते हैं मुझे भुक लग गई चल कैंटीन में चलते हे वहां पर कुछ खाएंगे और फिर वहां पर धुंडेंगे और फिर नहीं मिला तो वो जब तुझे मिल जाएगा तब तू उसे उसकी किताब लौटना। सनाया भी हन बोलती हे की हां चल चलते हे।
क्या होगा? क्या सनाया आरव मिलेंगे एक बार फिर मिलेंगे तो जाने के लिए रहेंगे मेरा ये कहानी इंतजार प्यार का .....
To be continued............

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Unknown writer

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