इंतजार प्यार का - भाग - 36 Unknown Writer द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

इंतजार प्यार का - भाग - 36

तो सब लोग उन लोगों की तरफ और भी अजीब भरी नजरों से देखने लगते हैं। तो इस बार आर्यन थोड़े गुस्से से पूछता है कि क्या हुआ हमें बताओगे भी। तो नैना खड़ी होती है। और उन दोनो की और थोड़ी अजीब नजर से घूरते हुए पूछती हे कि तुम लोगों ने हमें कुछ बताया क्यों नहीं। ये सुनने के बाद लोगों को से शौक लगता है। क्योंकि उन लोगों को क्या बताना है वह लोग कुछ खुद नहीं जानते थे। तो वो लोग उसकी और और भी ज्यादा कंफ्यूज नजर से देखते हुए बोलते हे की क्या । तो नैना उनको मुंह बनाते हुए बोलती हे की तुम दोनो gay हो। ये सुन ने के बाद उन दोनो को काफी तगड़ा और बड़ा शॉक लगता है। और वो लोग अपने खुले मुंह और बड़े बड़े आंखों से नैना को घूरने लगते हे। तो नैना उनसे पूछती हे की क्या हुआ शॉक लगा अच्छा हुआ हम को आरव ने बता दिया वरना हम कभी पता नही चलता। ये सुन ने के बाद वो लोग आरव की और घूरने लगते हे। वहीं आरव जल्दी से अपना फोन निकल कर किसी से बात करने की एक्टिंग करने लगा। तो वो लोग समझ जाते हे की अरब ने सुबह जो देखा था वो उन सबको बोल दिया हे। तो वो दोनो एक दूसरे को देखते हे। फिर सबको सब कुछ सच सच बता देते हे। वहीं सच सुन ने के बाद वो लोगों को बिस्वास नहीं होता हे लेकिन फिर सब को समझ आता हे। की वो लोग उन दोनो को गलत समझ लिए हे। तो वो लोग जल्दी से उन लोगों से माफी मांगते है। वहीं वो लोगों को बिक्रम बताता हे की जल्दी से अपना फोन निकाल कर देखो तो वो लोग जल्दी से फोन निकाल कर देखने लगते हे।
जब वो दोनो अपना अपना फोन निकाल कर उस फोटो को देखते हे। तो एक दम से शॉक हो जाते हे। क्यूं की वो फोटो को इस तरीके से उठाया गया था की हर किसी को लगे की वो दोनो मिलकर वो सब कर रहे हे। ये देखने के बाद वो लोग एक दम शॉक हो जाते हे और उन दोनो की फेस एक दम गुस्से से लाल हो जाता हे। और अपने गुस्से से लाल आंखों के साथ आरव को घूरने लगे। और फिर जल्दी से अरब के पास जाते हैं। और उसको पकड़ कर मारना शुरू कर देते हैं। तकरीबन 15 मिनट तक आरव को वह लोग लगातार मारने के बाद थक जाते हैं। और उठकर साइड में खड़े हो जाते हैं लेकिन वो लोग अभी भी गुस्से भरी नजरों से अरब को घूर रहे होते हैं। लेकिन तभी विक्रम उन दोनों को शांत करवाते हो बोलता है अबे यार वह मजाक में किया था क्यों बेचारे को मार रहे हो। तो वो दोनो एक साथ विक्रम की और गुस्से से घूरने लगते हैं। तो विक्रम एकदम चुप हो जाता है और कुछ नहीं कहता और साइड में खड़ा हो जाता है। और फिर वह दोनों भी आरव को इग्नोर करके साइड में आकर खड़े हो जाते हैं।
तभी बाहर से एक लड़का आता है जिसकी उम्र तकरीबन 20 22 साल के बीच में होगी वह अंदर आता है। और बोलता है कि आप लोगों के बीच में से क्या कोई विक्रम है। तो विक्रम बोलता है हां मैं विक्रम हूं। तो क्या आप ने हीं मुझे बुलाया था। तो विक्रम बोलता है क्या आपका नाम पवन है। तो वह लड़का बोलता है हां मेरा नाम ही पवन है तो विक्रम बोलता है मैं ने हीं बुलाया था। वह हम लोगों को यहां जयपुर के कुछ अच्छे अच्छे जगह घूमने हैं और हम लोगों को उन जगहों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। और जिस वजह से हमने तुमको hire किया है। वह लड़का बोलता हे जी सर यह बात तो मैं जानता हूं कितना लोग। तो विक्रम बोलता है आठ लोग तो फिर पवन बोलता है की ठीक है सर मैंने ऑलरेडी गाड़ी बोल दिए वह गाड़ी आने वाली है और फिर सब लोग मिलकर उस में जाएंगे तो बिक्रम उससे बोलता हे की ठीक हे।
फिर वह लड़का वैसे ही विक्रम के साथ कुछ बातें करने लगता है। कि तभी उसकी नजर सनाया के ऊपर पड़ जाती है। और सनाया को देखते ही वो काफी ज्यादा शॉक हो जाता हे। और वह जल्दी से उसके सामने जाकर घुटने में बैठकर बोलता है की प्रणाम राजकुमारी आपका राजस्थान में स्वागत है। यह सुनने के बाद सब लोग शौक मारे पवन और सनाया को घूर घूर कर देखने लगते हैं। वहीं सनाया का तो पहले शॉक हुई और उसको कुछ सुजा ही नहीं पवन को कहने के लिए। फिर वो उसको बोलती हे उठ जाओ और आप को केसे पता तो वो लड़का बोलता हे की वह लड़के के पिता उनके हवेली में माली का काम कर रहे थे। जिस वजह से वो काफी बार हवेली में जया हुआ था। और उसकी फोटो को देखा था। जिस वजह से वह लड़का उस को पहचान ता है। तभी वह लड़का फिर से बोलता है राजकुमारी जी क्या आप यहां पर घूमने आए हैं। तो सनाया उसको हां का इशारा करती है। तो वह लड़का बोलता है आप चिंता मत कीजिए। राजकुमारी आपकी और आपके सारे के सारे दोस्तों की मैं अच्छी तरह से सेवा करूंगा इतना सुनने के बाद सनाया उसको बोलती है। आपको बार-बार आप मुझे राजकुमारी कहकर बुलाने की कोई जरूरत नहीं। और नाही आप को किसी की सेवा करने की जरूरत है बस आप को हम लोगों को पूरे के पूरे जयपुर घूमना होगा। और आप मुझे ना मेरे नाम से भी पुकार सकते है। तो वह लड़का बोलता है नहीं यह गुनाह मैं नहीं कर सकता हमारे लिए हमारे मालिक के नाम को अपने मुंह से निकालना मतलब गुनाह करने के समान है। तो सनाया उसको बोलती हैं। की ऐसा कुछ नहीं होता वह सब पहले होता था अब सब लोग एक समान है। तो वह लड़का बोलता है नहीं राजकुमारी जी। तो उसकी बात को बीच में हीं काट ते हुए बोलती हे की तुम मुझे राजकुमारी के अलावा कोई भी और नाम से बुलाओ। तो वह लड़का बोलता है तो ठीक है आप ही बताइए मैं आपको किस नाम से बुलाऊं। तो सनाया उसको बोलती हे की तुम मुझे कुछ भी तुम बुला सकते हैं। तो वह लड़का उस को मैडम कहकर बुलाने लगता है। तो सनाया भी एक राहत भरी सांस लेती है। और सब की ओर देखने लगता है वही सब लोग अभी तक सनाया को बस घूरे जा रहे थे। तो सनाया जल्दी से उन लोगों को शांत कर वाते हुए बोलती हे। आप लोगों को फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं मेरे पापा यहां के राजा है जिस वजह से यह लड़का मुझे राजकुमारी बोल रहा था। यह सुनने का बाद वह लोग और भी बड़ा शॉक लगता है। क्योंकि वह लोग पहले से जानते थे कि समय एक राज परिवार से बिलॉन्ग करती है लेकिन वह लोग नहीं जानते थे कि समय के पापा पूरी के राजस्थान के राजा हे। तो सब लोग अपने होश में वापस आते हैं। फिर आपने पहले जैसे एक दूसरे से बात करने लगते हैं तकरीबन 11:45 को वहां पर एक ट्रैवलर आकर रूकती है। और वह लोग जाकर उस पर बैठ जाते हैं। तो तभी विक्रम पवन से पूछता है कि पहले हम कहां जाने वाले हैं तो पवन उसको बताता है कि पहले हम लोग गल्ताजी टेंपल जाने वाले हैं। जो कि यहां के one of द फेमस टेंपल है। और मैं बता रहा हूं कि आप लोगों को वहां जा कर बहुत खुशी मिलेगी। और आप लोगों को वह जगह बहुत भी पसंद आने वाली है और वह जगह यहां से तकरीबन 8 किलोमीटर दूर है और हमें जाने के लिए तकरीबन आधा घंटा लगेगा यह सुनने के बाद वह लोग हैं में अपना सर को हिला देते हैं। फिर वह गलताजी टेंपल की ओर निकल जाता है। जाते वक्त पवन उन सबको गल्ताजी टेंपल के बारे में बताते हुए बोलता हे की,“ गलताजी मंदिर (Galtaji Temple) जयपुर के रीगल शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक प्रागैतिहासिक हिंदू तीर्थ स्थल है। अरावली पहाड़ियों द्वारा उल्लिखित, इसमें कई मंदिर, पवित्र कुंड, मंडप और प्राकृतिक झरने हैं। यह आकर्षित मंदिर एक पहाड़ी इलाके के दिल में स्थित है, जो एक खूबसूरत घाट से घिरा है, जो हर साल भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आपको बता दें कि गलताजी मंदिर का निर्माण गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर का उपयोग से किया गया है। यह एक विशाल मंदिर परिसर है जिसकें अंदर कई मंदिर स्थित हैं। सिटी पैलेस के अंदर स्थित इस मंदिर की दीवारें नक्काशी और चित्रों से की गई है, जो इस मंदिर को एक देखने लायक जगह बनाते हैं। गलताजी मंदिर को अपनी वास्तुकला की वजह से जाना जाता है और इसका निर्माण महल की तरह किया गया है।
यह शानदार मंदिर किसी भी पारंपरिक मंदिर की तुलना में एक भव्य महल या ‘हवेली’ की तरह दिखता है और यह मंदिर बंदरों की कई जनजातियों के लिए जाना जाता है, जो यहां देखे जाते हैं। यह मंदिर धार्मिक भजनों और मंत्र, प्राकृतिक खूबसूरती साथ, पर्यटकों को एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।” उसकी पूरी की पूरी बात सुन ने के बाद बिक्रम उसको पूछता हे की क्या तुम किसी हिस्ट्री इंस्टीट्यूट का स्टूडेंट हो तो पवन शॉक हो कर उससे पूछता हे की तुम्हे कैसे बता हे। तो बिक्रम उसको बताता हे की तुम्हारे बोलने की शैली से तो वो बोलता हे की हां में जयपुर का हिस्ट्री इंस्टीट्यूट में फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूं और में ये काम करता हूं की मुझे ये काम काफी पसंद है और सब लोगों को में कुछ बता रहा हूं। जिस से मुझे काफी खुशी मिलती हे। उसकी ये बात सुन ने के बाद सब लोग उससे इंप्रेस हो जाते हे। और उसके साथ बात करते हुए हीं वहां तक की सफर को पूरा करते हैं।
तकरीबन 30 मिनट बाद
वो लोग गल्ताजी टेंपल में पहुंच गए थे। तभी पवन उन सब से बोलता हे की आप लोग हमारे साथ रहिए। हम आप को पूरा का पूरा टेंपल घुमाने वाले हे। और यहां के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बाते बताने वाले हे। तो सब लोग प्लीज मेरे साथ हीं रहिए। तो सब लोग उसको हां बोलते हे। फिर वो जाकर सबके लिए टिकट लेकर आता हे। और फिर उन सबको अंदर जाने के लिए बोलता हे। की तभी उसको कुछ याद आता हे। और फिर वो उन सबसे बोलता हे की में आप लोगों को गुजारिश करूंगा की आप लोग अंदर जाने से पहले काफी सारे फ्रूट खरीद लीजिए उसकी ये बात सुन ने के बाद सब लोग उसकी और हैरानी भरी नजर से देख रहे थे। लेकिन उसके कहे मुताबिक काफी सारे फल खरीद लिए थे। फिर सब लोग अंदर चले जाते हे।
फिर वो उन सबको गल्ताजी टेंपल के हिस्ट्री के बारे में बताते हुए बोलता हे की आप लोगों को पता हे,“गलताजी मंदिर की शानदार गुलाबी बलुआ पत्थर की संरचना दीवान राव कृपाराम द्वारा बनाई गई थी जो सवाई राजा जय सिंह द्वितीय के दरबारी थे। 16 वीं शताब्दी की शुरुआत से गलताजी रामानंदी संप्रदाय से संबंधित और जोगियों के कब्जे वाले पुरी के लिए एक आश्रय स्थल रही है।
यह भी बताया जाता है कि संत गालव ने तपस्या करते हुए सौ साल तक इस पवित्र स्थान पर सारा जीवन बिताया। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान उसके सामने प्रकट हुए और अपने पवित्र स्थान को पवित्र जल से आशीर्वाद दिया। बता दें कि इस संत या ऋषि की वंदना करने के लिए, गलताजी मंदिर का निर्माण किया गया था और उसके नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया। ऐस भी बताया जाता है कि इस जगह पर तुलसीदास द्वारा पवित्र रामचरित्र मानस के खंड लिखे गए थे।”
उसकी पूरी बात सुन ने के बाद सब शॉक हो गए थे। और सूरज उसको पूछता हे की क्या सच में वो संत यहां पर सो सालो तक थे। और संत तुलसी दास ने यहां पर राम चरित मानस लिखा था। तो पवन कुछ नही कहता बस स्माइल करते हुए अपना सर जन्मे हिला देता है। तो सब लोग उसकी और थोड़ी देर तक शॉक हो कर देखने लगते हे। फिर थोड़ी देर बाद वो लोग वो लोग शॉक से बाहर आकर उसके पीछे पीछे जाने लगे।
वहीं पवन अब उन सबको उसकी आर्किटेक्ट स्टक्चर के बारे में बताते हुए बोलता हे की,“ गलताजी मंदिर अरावली पहाड़ियों में स्थित है और घने आलीशान पेड़ों और झाड़ियों से घिरा हुआ है। मंदिर को चित्रित दीवारों, गोल छत और स्तंभों से सजाया गया है। इस पूर्व-ऐतिहासिक हिंदू मंदिर के अंदर भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान हनुमान मंदिर भी स्थित हैं। जयपुर के सबसे खास दर्शनीय स्थलों में से एक इस मंदिर के परिसर प्राकृतिक ताजे पानी के झरने और सात पवित्र ‘कुंड’ या पानी की टंकियां हैं। इन सभी कुंडों में से गलत कुंड (Galta Kund) को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है और यह कभी नहीं सूखता। यहां गौमुख (Gaumukh) से शुद्ध और साफ पानी बहता रहता है।” इस बार नैना ने शॉक होते हुए बोला की क्या कहा गोमुख से भी साफ और सुद्ध पानी यहां पर हे। तो वो हां में सर हिलाया हे।
फिर वो वो लोगों को अपने साथ आगे लेने लगता हे। और फिर वो उन लोगों को वहां के पानी के कुंड के और लेकर जाता है और फिर उसको दिखा कर उसके हिस्ट्री के बारे में बताते हुए बोलता हे की,“ और हम आपको बता दें कि गलतजी मंदिर अपने प्राकृतिक पानी के झरनों के लिए सबसे ज्यादा धार्मिक और पूजनीय है। इस मंदिर के परिसर में पानी स्वचालित रूप से फैलता है और टंकियों में इकट्ठा हो जाता है। इस प्राकृतिक झरने के सबसे खास बात यह है कि इसका पानी कभी नहीं सूखता जो यहां आने वाले पर्यटकों को चकित कर देता है। इसके साथ ही गलता कुंड, मंदिर परिसर में सात टंकियों में से सबसे पवित्र कुंड है। हर साल मकर संक्रांति के त्योहार के खास मौके पर इस पवित्र कुंड (Tank) में डुबकी लगाना बेहद शुभ माना जाता है।” फिर वो उन सबको बताते हुए बोलता हे की यहां पर पास में हीं एक अच्छा जगह और हे घूमने के लिए तो सब लोग उसको पूछते हे की क्या हे तो वो सबको बताता हे की,“मंदिर के पास का प्रमुख दर्शनीय स्थल गलवार बाग गेट हैं जो गुलाबी रंग में एक बहुत ही अद्भुत संरचना है और गलता मंदिर परिसर में एक मुख्य मंदिर है। यहां का हनुमान मंदिर भी बेहद खास है जो अपनी अपनी वास्तुकला के लिए और यहां पाए जाने वाले बंदरों के लिए भी जाना जा सकता है। ” तो सब लोग एक दम शॉक हो जाते हे फिर सब लोग एक साथ पूछते हे की बंदर के लिए तो वो बोलता हे की हां। लेकिन फिर भी उनको कुछ समझ नहीं आता हे फिर वो उन लोगों को समझते हुए और पूरी बात को एक्सप्लेन करते हुए बोलता हे की वो बात ये हे की,“ यहां पर बहुत ज्यादा संख्या में बंदर रहते हैं, जिस कारण इस प्राचीन मंदिर को बंदरों का मंदिर भी कहा जाता है। यहां पर रहने वाले बंदर मंदिर के परिसर में ही घूमते रहते हैं, मगर वो कभी भी यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। आप यहां पर जाकर इन बंदरों को खाना भी खिला सकते हैं, इन बंदरों के लिए ये जगह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है।”
तभी बिक्रम उससे पूछता हे की तुम ने इस वजह से हम काफी सारे फ्रूट खरीदने के लिए बोला था। तो पवन उसको बोलता हे की हां मेने उसी वजह से आप लोगों को फ्रूट्स खरीदने के लिए बोला था।
क्या होता हे आगे और कहां कहां घूमने वाले हे ये लोग और सनाया का रियल आइडेंटिटी क्या है जन ने के लिए पढ़ते रहिए मेरा ये कहानी इंतजार प्यार का.........
To be continued
Written by
Unknown writer