झुमका गिरा रे S Sinha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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झुमका गिरा रे

                                     झुमका गिरा रे 

 

सुनील की नयी नयी शादी हुई थी  . अभी तीन दिन पहले ही वह अपनी बीवी नेहा को ससुराल से विदा कर के लाया था  . नेहा की मुंह दिखाई की रस्म एक दिन पहले खत्म हुई थी  . ज्यादातर गेस्ट वापस जा चुके थे फिर भी दो तीन बहुत करीबी बच गए थे जिन्हें आज ही लौटना था  . 


सुनील ने पत्नी से कहा “ आज ऑफिस में जरूरी मीटिंग है , मुझे ऑफिस जाना होगा  . मैं लंच ऑफिस में ही ले लूँगा  . और हाँ , हो सकता है शाम को भी कुछ देर हो जाये क्योंकि एक सेल डील  फाइनल करनी है  . “ 
सुनील का छोटा भाई अनिल भी वहीँ था  . यह सुन कर उसने कहा “ भैया , आज बाकी गेस्ट वापस जा रहे हैं  . हो सके तो अपनी कार छोड़ दें , किसी को रेलवे स्टेशन तो किसी को एयरपोर्ट  ड्राप करने जाना होगा  . आप उबेर से चले जाएँ  . “ 


“ कोई बात नहीं , मैं किसी तरह चला जाऊंगा  . बल्कि तुम अपनी बाइक मुझे दे दो   . कैब से जाने पर कुछ दूर पैदल चलना होता है  . बाइक ही ठीक रहेगा  . “ 


तब तक उसकी माँ के कान में भी यह बात गयी , माँ ने कहा “ आज शाम बरेली  वाली मौसी आ रहीं हैं  . वे लोग शादी में नहीं आ सके थे  . उनके लिए बहू की मुंह दिखाई की रस्म होगी  . “ 


“ तो दिखाओ न बहू को , मुझे देखने थोड़े आ रहीं हैं  . “  सुनील ने हँसते हुए कहा और वह वाशरूम में तैयार होने चला गया  . जाते जाते उसने कहा “ मेरा और नेहा का  नाश्ता यहीं बेडरूम में भिजवा देना , हम लोग यहीं नाश्ता कर लेंगे  . “ 


“ वाह  भाभी , नाश्ता भी बेडरूम में !”  अनिल ने आँख मारते हुए भाभी से कहा 


कुछ देर बाद सुनील और नेहा दोनों ने नाश्ता किया  . सुनील ने जल्दी से कोट पहन कर अपनी टाई बाँधी और कहा “ कॉफी मैं ऑफिस में पी लूँगा , मुझे देर हो रही है  . “ 


जाने से पहले जब वह नेहा से गले मिला नेहा बोली “ इतने जोर से क्यों गले मिल रहे हो कोई पहली बार थोड़े ही है  . “  और वह मुस्कुरा कर अलग हो गयी 


सुनील  हैदराबाद में एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स मैनेजर था  .  तीन कमरों  का छोटा सा ऑफिस था जिसकी एक चाभी वह स्वयं रखता था  . इन्हीं तीन कमरों में एक उसका अपना केबिन भी था  . आज वह रोज की अपेक्षा जल्दी गया था . उसने खुद ऑफिस खोला और रोबोट द्वारा फ्लोर की सफाई की  . कोट को उसने कुर्सी पर टांग दिया  और कुछ फाइल खंगालने  लगा  . कुछ देर बाद उसकी सेल्स असिस्टेंट शीला भी आयी  . उसने कहा “ गुड मॉर्निंग सर एंड शादी मुबारक हो  . “


“ थैंक्स  शीला , बैठो  . “ 


“ सॉरी सर मैं आपकी शादी में नहीं आ सकी  . पापा को हार्ट अटैक आया था इसलिए राजमुंदरी जाना पड़ा  . “ 

“ कोई बात नहीं , अब पापा ठीक हैं न ? “ 


“ यस सर  . “


“ 11 बजे  क्लाइंट आ रहे हैं  . देख लो मेरे फ्रिज में कोल्ड ड्रिंक्स आदि हैं न  . कुछ स्नैक्स कैंटीन से आर्डर दे कर मंगवा लो और चार पांच लोगों का लंच पैकेट भी आर्डर कर देना  .यहीं  मीटिंग के दौरान ही वर्किंग लंच हो जायेगा  . “ 

इधर सुनील अपने काम में बिजी हो गया उधर उसके घर पर हंगामा बरपा था  .  आज नेहा को किचन में कुछ मीठा बनाने की रस्म थी   .  नयी बहू के एक कान का झुमका गुम हो गया था  .  सभी नौकर चाकर आदि से पूछताछ हुई  . बहू के बेडरूम और बाथरूम का कोना कोना छान मारा पर झुमका कहीं नहीं दिखा  .


तब तक किसी रस्म के सिलसिले में पंडितजी आये  . उन पर परिवार को पूरा भरोसा था  . उनसे जब झुमके की चर्चा हुई तब उन्होंने “ हे राम ! यह तो बड़ा अपशकुन है  . सोना खो जाना बहुत अशुभ होता है  .  “ 


“ आप तो ज्ञानी हैं पंडितजी  .  इस संकट से निकलने का कोई उपाय बतायें  .  “


“ देखता हूँ  “ कह कर पंडितजी ने अपनी झोली से कुछ पोथी आदि निकाल कर अँगुलियों पर कुछ गिनती किया फिर  कहा “ झुमका पूरब दिशा में मिलेगा और जिस व्यक्ति का नाम क से शुरू है , उसी के पास मिलेगा  . “ 
उस घर में कमला नाम की महरी काम करती थी और इतफ़ाक़ से उसका घर भी पूरब में था . वह पिछले दस वर्षों से यहाँ काम कर रही थी  . उसकी ईमानदारी पर किसी को कोई संदेह नहीं था  . 


तब तक नेहा ने कहा “ पूरे आठ  ग्राम का झुमका था और उसमें एक हीरा भी जड़ा  था  . “


वहां मौजूद लोगों में काना फूसी होने लगी “ इतनी  महंगी  चीज देख कर उसकी नीयत भी बदल  सकती है  . “ 


कमला काम समाप्त कर अपने घर जा चुकी थी  . कमला काम वाली यूनियन की  लीडर  भी थी  . उस झोपड़ पट्टी में करीब 80 घर थे जिनमें काम वाली महरी , माली , रोजाना ठेले लगाने वाले और मिस्त्री आदि रहते थे  . 


तब तक बरेली वाली मौसी भी आ गयीं  . यह सब देख उन्होंने पूछा “ क्या बात है ? सबके मुंह क्यों लटके हैं ? “


अनिल ने चुटकी लेते हुए कहा “ झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में  . “ 


माँ  ने उसे डांटते हुए कहा “ चुप कर , तुम्हें मजाक सूझ रहा है  . “ 


सब देख सुन कर मौसी ने कहा “ कमला के घर पुलिस भेज कर तलाशी  कराओ  . “ 


मौसी ठहरीं सबसे बुजुर्ग सदस्य और ऊपर से पंडित का सह  . पुलिस को बुलाने की तैयारी हो ही रही थी कि इसी बीच शर्माजी आ गए  . शर्माजी कारपोरेशन के उसी क्षेत्र के वार्ड  कमिश्नर थे और अपने लिए वोट मांगने आये थे  .  वे बोले “ भाई आपलोग मौके की नजक़त को समझिये  . मैं दोबारा इलेक्शन में खड़ा हो रहा हूँ  . कमला की झोपड़ पट्टी से मेरे सॉलिड 250 - 300 वोट हैं  . आपलोग पुलिस न भेजें  . मैं अपने आदमियों से  तहकीकात करवाता हूँ  . वैसे कमला पर मुझे तनिक भी शक नहीं है फिर भी आपलोगों की तस्सली के लिए मैं कुछ करता हूँ  .  “ 

शर्माजी ने अपने दो आदमियों जिनमें एक महिला भी थी कमला के घर भेजा  . कमला से  जब झुमके के बारे में पूछा गया तब वह आग बबूला हो कर बोली “ उन्होंने ऐसा सोच भी कैसे लिया  ?  मैं दस सालों  से वहां काम करती आयी हूँ  . लाखों के गहने आदि सामान मैडम के यहाँ पड़े रहते हैं , मैं उधर देखती भी नहीं हूँ  .  मैं खुद चल कर उनसे बात करती हूँ  . वैसे अगर आपलोग तलाशी लेने आये हैं तो अपना काम कर के जाएँ  . “


उधर ऑफिस का काम खत्म करते करते शाम हो गयी  . सुनील और शीला ऑफिस बंद कर घर लौटने वाले थे  . सुनील ने शीला से पूछा “ तुम्हारी  स्कूटी नहीं देख रहा हूँ  . “ 


“ सर , बहुत दिनों पर लौटी हूँ न  बैट्री डिस्चार्ज हो गयी थी  . इसलिए स्कूटी स्टार्ट नहीं हो सकी  . “ 


“ कोई  बात नहीं चलो मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ  . “ 


“ मैं भी भाभी मैडम से मिलने की सोच रही थी  . उनके लिए एक छोटा सा गिफ्ट भी ले कर आयी हूँ   . “ 


सुनील की बाइक पर शीला बैठ गयी  . थोड़ी दूर जाने पर एक कुत्ते को बचाने में सुनील ने जोर से ब्रेक लगाया   जिसके चलते शीला सुनील की पीठ पर जा गिरी  और उसकी गाल में हल्की सी  खरोच  आ गयी , उसके मुंह से ऊई की आवाज सुन कर सुनील बोला    . “   सॉरी शीला , अचानक  ब्रेक लेना जरूरी था  . तुम ठीक हो न ? “ 


“ मैं समझ सकती हूँ सर  . पर यह आपके कोट में लगे झुमके से मेरी गाल में खरोच आ गयी  . “


कोट में फंसे झुमके को निकाल कर सुनील को दिखाते हुए बोली “ ये क्या है ? “


“ अरे , यह तो नेहा का झुमका है  .  इसे अपने पास रखो  .  घर चल कर उसे दे देंगे  .  “


घर पहुंच कर सुनील ने देखा कि सबका मूड ख़राब है  .  मामला तो वह समझ चुका था फिर भी  उसने पूछा “ सब का मुंह क्यों लटका हुआ है ? “ 


“ भाभी का एक झुमका गुम हो गया है  .  “ अनिल ने कहा 


“ कोई बात नहीं , नया ले देंगे  .  “  हँसते हुए सुनील बोला 


फिर सुनील ने शीला  का परिचय नेहा से कराया  .  शीला  ने अपने बैग से एक गिफ्ट निकाल कर नेहा को दिया  .  नेहा ने ‘ थैंक्यू ‘  कहा  .  तब सुनील ने कहा शीला  तुम्हारे लिए एक और सरप्राईज़ गिफ्ट लायी  है  .  “ 


फिर शीला से कहा “ भाभी को दूसरा गिफ्ट भी दे दो  .  “ 


शीला ने बैग से झुमका निकाल कर नेहा को दिया।  यह देख कर सब की आँखें आश्चर्य से शीला को देखने लगीं  .  


तब सुनील ने नेहा के कान में कहा “ मॉर्निंग के गले मिलन में तुमने यह गिफ्ट मेरे कोट में टांक दी थी , याद करो  .  शीला बाइक पर पीछे बैठी थी तब उसकी नजर इस झुमके पर पड़ी  .  “ 


पंडित ने कहा “ अच्छा यजमान , मैं अब चलता हूँ  .  आपका झुमका मिल गया है न  मैं फिर बाद में आऊंगा .  “  फिर वह बिना दान दक्षिणा लिए ही चल दिये  . 


दूसरे दिन सुबह सुबह कमला काम पर नहीं आयी तब सुनील की माँ खुद उसकी झोपड़ी में गयी  .  बहुत मन्नत करने पर वह बोली “ आपको सोसइटी में सब के सामने मुझे सॉरी कहना होगा तभी मैं वापस काम पर आउंगी   .  “ 

“ अच्छा बाबा तू चल तो सही  .  “


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नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है  .