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अनुत्तरित प्रश्न

अनुत्तरित प्रश्न

बेली रोड पटना का एक पॉश इलाका है. यहीं पर एक आलिशान बंगले में विवेक माथुर रहता था. विवेक के पिता दिव्य माथुर हाई कोर्ट के चोटी के अधिवक्ता थे. एक दिन की सुनवाई की उनकी फीस पचास हज़ार रूपये से कम न होती थी. कोर्ट कचहरी में चाहे जाने अनजाने उन्हें झूठ का सहारा लेना पड़ा हो, व्याहारिक जीवन में वे मृदु स्वाभाव के थे. सभी से उनका रिश्ता सौहार्दपूर्ण था. कुछ समय पूर्व दिव्य बाबू की पत्नी का देहांत हो गया था. उस समय विवेक आई आई टी दिल्ली से बी टेक कर नॉएडा की एक कंपनी में कार्यरत था. विवेक को घर में विक्की नाम से बुलाते थे. उसके पिता कोर्ट कचहरी और अपने मवक्किलों के बीच इतने व्यस्त रहते थे कि विक्की से भी मुश्किल से बात होती थी.

विक्की को एम बी ए करने का मन था. देश में भी उसे अच्छे बिजनेस कॉलेज में दाखिला मिल सकता था, पर उसका मन किसी अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बिजनेस स्कूल से एम बी ए करने का था. इसी लिए उसने लगभग चार साल तक नौकरी करने के बाद जीमैट ( GMAT ) टेस्ट दिया. इंटरनेशनल बिजनेस स्कूलों में इंडिया की तरह सिर्फ डिग्री के बल पर और टेस्ट में कंपीट करने पर एडमिशन नहीं मिलता है. उसके लिए कार्य क्षेत्र का अनुभव भी जरूरी है. GMAT में उसे काफी अच्छा स्कोर भी मिला. विक्की को फ्रांस के इंसियाड ( INSEAD ) में एडमिशन मिला जो विश्व के चंद शीर्ष बिजनेस स्कूलों में एक है.यहाँ एम बी ए का कोर्स एक साल का ही होता है. इंसियाड में पढ़ने के लिए विक्की ने फ्रेंच भाषा का एक शार्ट कोर्स भी किया.

विक्की फ्रांस के एक शहर फोंटेनब्लू गया. इंसियाड इसी शहर में है. फोंटेनब्लू फ्रांस की राजधानी पेरिस से दक्षिणपूर्व में लगभग 55 किलोमीटर दूर है. इस छोटे से पर खूबसूरत शहर में पहुँच कर वह बहुत खुश था. उसने अपने लिए एक कार एक साल की लीज पर ले ली थी.इंसियाड में विक्की के बैच में दुनिया के करीब दस देशों के विद्यार्थी थे. वहां उसकी मुलाकात एक फ्रेंच लड़की एमी से हुई. वह सुदूर दक्षिणी फ्रांस के नीस (NICE ) शहर की रहने वाली थी.

एमी से विक्की की पहली मुलाकात स्कूल के कैफिटेरिया में हुई. उस दिन दोनों एक ही टेबल पर लंच ले रहे थे. विक्की ने मुस्कुरा कर फ्रेंच में पूछा “ पार्लेज वु आङ्ग्लिस ? “ ( क्या तुम इंग्लिश जानती हो )

एमी ने भी मुस्कुरा कर कहा “ ओइ, जे पार्ले आङ्ग्लिस. “ ( हाँ मैं इंग्लिश जानती हूँ )

“ मेसी, जे ने पार्ले पेस बीन फ्रेंच. “ ( थैंक्स, मैं फ्रेंच ठीक से नहीं बोलता हूँ )

“ इट्स ओके, यू कैन बी कंफर्टेबल इन इंग्लिश. “

“ मेसी, ब्यूक्यू. “ ( बहुत धन्यवाद ) विक्की बोल कर हँस पड़ा. जबाब में एमी भी हँस दी.

इसके बाद विक्की और एमी दोनों अंग्रेजी में बात करते. दोनों में काफी दोस्ती हुई और अक्सर खाना पीना, मिलना जुलना, सैर सपाटा एक साथ शुरू हुआ. धीरे धीरे यह दोस्ती अब प्यार का रूप ले चुकी थी. एक बार विक्की ने एमी को अपने परिवार के बारे में बताया. जब उसने एमी के परिवार के बारे में पूछा तो उसने कहा

“ मेरे पूर्वज मॉरीशस में रहते थे.जब वहां फ्रेंच शासन खत्म हुआ तो ब्रिटिश आये, पर हमारे पूर्वज वहीँ रह गए. साठ के दशक में मॉरिशस की आज़ादी के बाद मेरे माता पिता फ्रांस आ गए. मेरा जन्म फ्रांस में ही हुआ, पर अब मेरे माता पिता इस दुनिया में नहीं हैं. “

विक्की ने सॉरी कहा. एमी बोली “ इट्स ओके. चलो तुम्हें आज शैटो घुमा कर लाती हूँ. स्कूल से थोड़ी ही दूरी पर मशहूर शैटो है. दरअसल फ्रांस में राजा के महल को शैटो कहते है. यह नेपोलियन का छोटा महल था, एक तरह से समर पैलेस. “

महल घूमने के बाद दोनों बहुत देर तक वहीँ बाग़ में फव्वारे के पास बैठे थे. मौसम खुशनुमा था, खिरामा खिरामा. अभी गर्मी की शुरुआत थी, पर कड़ाके की धूप होने के कारण दोनों फव्वारे के निकट पेड़ की छाया में बैठे थे. विक्की एमी के सुनहरे बालों से खेल रहा था. एमी भी एक फूल से उसके गालों को सहला रही थी. फिर विक्की ने अपनी दोनों टाँगे फैला दी. एमी ने अपना सर उसकी जांघ पर रख दिया. एमी वहीँ घास पर लेट गयी.

विक्की बोला “ जी चाहता है तुम्हें चूम लूँ. “

“ इस देश में दो प्यार करने वालों को इसकी मनाही नहीं है. फिर भी अगर तुम्हें शर्म आ रही हो, तो मेरी बालों की ओट में मुझे किस कर सकते हो. “

और वह उठ कर बैठ गयी. उसने अपनी बालों को फैला कर चिलमन बना दिया और विक्की को अपनी बात पूरी करने का मौका मिला. कुछ देर दोनों इसी प्रेम क्रीड़ा में लीन रहे, फिर विक्की ने कहा “ अब तो बस तीन महीनों में हमारी पढ़ाई भी समाप्त हो जाएगी. मुझे इंडिया जाना होगा. हम दोनों इंडिया में ही शादी करेंगे. तुम देखना कि इंडियन शादी कितनी अच्छी होती है.”

“ मुझे भी इंडिया देखने का बहुत मन करता है. वहां भी सुना है कि काफी बड़े बड़े महल और किले हैं. और ताजमहल तो हर कोई देखना चाहता है. मैं भी चलूँ तुम्हारे साथ ? “

“ इसे कहते हैं सोने में सुहागा. नेकी और पूछ पूछ. “

“ मतलब ? “

“ इट्स अ बूम इन डिस्गाइज फॉर मी. पर मैं तो चाहूंगा तुम मेरी जीवनसंगिनी बन कर वहीँ रह जाओ. “

“ वह फैसला तो इंडिया देखने के बाद ही लूँगी. “

“ तुम देखना मेरा देश कितना महान है. विभिन्न भाषाओं और धर्मों का देश है. इंडिया फ्रांस की तुलना में बड़ा देश है. हम भारतीय अतिथि को भगवान् का रूप मानते हैं. तुम्हें भारत जरूर पसंद आएगा. “

“ ठीक है कॉन्वोकेशन ( दीक्षांत ) के बाद चल कर देख ही लेते हैं. “

“ और अगर पसंद आया तब वहां रहोगी ? “

“ बेशक रहूँगी. अगर नहीं अच्छा लगा तो लौट कर फ्रांस आ सकती हूँ. “

इसी बीच विक्की और एमी दोनों को कैंपस से अच्छे जॉब ऑफर मिले. विक्की और एमी दोनों को ही फ्रांस के एक मल्टीनेशनल दूरसंचार कंपनी अल्काटेल का ऑफर मिला था.

विक्की एमी से बोला “ इंडिया तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा, हम दोनों वही सैटल करेंगे. वहां भी दोनों को अच्छी नौकरी मिल जाएगी. मुझे यकीन है इंडिया और इंडियंस दोनों तुम्हें पसंद आएंगे. पर इंडिया में तुम्हें जॉब करने की जरूरत नहीं होगी. “

“ जॉब तो मुझे करनी है, जहाँ भी रहूँ. दिन भर घर में निकम्मी बैठी नहीं रहूंगी. “

“ अच्छा, जैसा तुम चाहो, चलो तो सही पहले. “

विक्की और एमी की पढ़ाई पूरी हुई. दीक्षांत समारोह तीन सप्ताह बाद होना था. एमी बोली “ इस बीच चलो तुम्हें ससुराल घुमा लाऊँ. “

“ क्या मतलब ? “

“ अरे नीस, मेरा घर. मम्मी पापा नहीं हैं तो क्या हुआ ? तुम्हारा ससुराल तो मेरा घर ही हुआ. “

दोनों नीस गए. फ्रांस के दक्षिणी तट पर इटली की सीमा के निकट नीस सैलानियों के लिए एक लोकप्रिय जगह है. भूमध्यसागर के किनारे बसा यह शहर अपनी रंगीनियों के लिए मशहूर है. यहाँ कैसिनो ( जुआ घर ) से लेकर मनोरंजन के अन्य काफी साधन हैं. एमी का घर शहर के बीचो बीच अच्छी जगह पर था. भूमध्यसागर भी निकट ही था, सी बीच तक पैदल जाया जा सकता था. वे दोनों नीस में एक खूबसूरत रिसोर्ट ला मार्टिन गए. फिर पोर्ट क्रॉस नेशनल पार्क और पुराने शहर का सलैया मार्केट भी घूमने गए.

एक रात शहर घूमते वक़्त विक्की की नज़र एक बड़ी बिल्डिंग पर पड़ी. यह बिल्डिंग रंगीन रोशनियों से जगमगा रहा था और इस पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था “ सेक्स शॉप.”

वह बोला “ तुम घर चलो, मैं यहाँ घूम कर थोड़ी देर में आता हूँ.”

एमी उसका हाथ खींचते हुए थोड़ा नाराज होने का नाटक करते हुए बोली “ यहाँ क्यों जाना है, मैं हूँ ना.

“ फिर मुस्कुराते हुए बोली “ पर यह सब शादी के बाद.”

देखते देखते उनके कॉन्वोकेशन का दिन भी आ गया. दोनों भारत आये. विक्की ने एमी के बारे में अपने पापा को पहले से बता रखा था, उसके पापा दिव्य बाबू एमी को बहू बनाने को तैयार थे. पेरिस से दिल्ली होते हुए वे पटना एयरपोर्ट पहुंचे.फ्लाइट से उतरने समय विक्की बोला “ तुम्हारा ससुराल आ गया. “

उसने अपनी शर्त याद दिलाते हुए कहा “ मैं यहाँ रहूँ या न रहूँ, शादी के बाद मेरा ससुराल तो इंडिया ही होगा. “

विक्की के घर हुए स्वागत सत्कार से एमी बहुत प्रभावित हुई. नाना प्रकार के भारतीय व्यंजन का भरपूर आनंद ले रही थी. भारतीय आमों के बारे में सुन रखा था, आम के लज़ीज स्वाद ने उसका मन मोह लिया था.वह बोलती यहाँ का खाना खा कर मेरा वजन दोगुना हो जायेगा.

कुछ दिन पटना में रहने के बाद विक्की एमी को देश भ्रमण कराने निकला. शुरु में तो यहाँ कि भीड़, गन्दगी और ट्रैफिक अनुशासनहीनता देख कर उसे परेशानी हुई. इस देश में फैले भ्रष्टाचार के किस्से उसने सुन रखे थे, इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी.

एमी आये दिन महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरें सुनती. टी वी में कभी रेप, कभी छेड़छाड़, कभी खाप के फैसले, कभी दहेज़ के लिए प्रतारणा तो कभी कन्या भ्रूण हत्या आदि ख़बरें सुनकर दुखित होती थी. उसने एक दिन विक्की से पूछा “ इस देश में राष्ट्रपति महिला हैं, शासन में सोनियाजी का अहम रोल है, अनेकों देवियों की पूजा होती है, बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं, फिर भी औरतों की स्थिति ऐसी क्यों है.”

विवेक के पास कोई उत्तर नहीं था, वह बोला “ इतने बड़े देश में और इतनी बड़ी जनसंख्या में कुछ ऐसे मामलों के आधार पर पूरे देश की छवि बिगाड़ना ठीक नहीं है.चलो तुम्हें देश दिखाता हूँ.”

फिर एमी विवेक के साथ देश के अनेक प्रदेशों में गयी. एक ओर देश की सुंदरता, ऐतिहासिक स्थलों और धरोहरों को देख उसे काफी ख़ुशी हुई. पर दूसरी तरफ उसने देखा कि कहीं जाट आंदोलन, कहीं गुज्जर आंदोलन, कहीं किसान रैली कहीं दलित रैली तो कहीं महादलित रैली है, कहीं बड़ी रैली तो कहीं नक्सली हिंसा देखने को मिला. ट्रेन और टैक्सी से चलती तो कई जगहों पर बंद और चक्का जाम का सामना करना होता. कहीं से मार पीट कर उत्तर भारतियों को भगाया जा रहा था तो कहीं हिन्दू मुसलमान के दंगे सुनने को मिले. कॉलेजों और होस्टलों में भी यदा कदा फॉरवार्ड बैकवार्ड की झड़पें सुनने को मिलतीं. एमी करीब दो महीने इंडिया रही. तब एक दिन विक्की ने कहा “ पापा कह रहे थे कि शादी की तारीख इसी महीने में रखने को. तुम्हारा क्या ख्याल है ?. “

“ शादी होगी, जरूर होगी. पर यहाँ नहीं नीस, फ्रांस में. मैंने सुना है कि इंडिया में दूल्हा बारात ले कर लड़की के घर जाता है. “

“ पर क्यों, वहां तो तुम्हारे माता पिता भी नहीं हैं. यहाँ शादी होने में क्या प्रॉब्लम है ? “

“ प्रॉब्लम तो है. मेरे माता पिता नहीं हैं तो क्या हुआ, मेरा घर तो वहीँ है.फ्रांस में सभी लोग फ्रेंच हैं. “

“ उससे कई गुना बड़ा हमारा देश भारत है, और हम सभी भारतीय हैं. “

“ मैं इस देश का भी पूरा सम्मान करती हूँ. यह देश विशाल है, यहाँ के लोग भी अच्छे हैं. अतिथियों का सत्कार करते हैं. इन सब बातों को मैं स्वीकार करती हूँ. “

“ फिर क्या प्रॉब्लम है तुम्हें यहाँ ? “

“ भारत की पुरानी संस्कृति के बारे में जो किताबों में पढ़ी है वे लुप्त होती जा रही है. लोग अब प्रणाम या नमस्ते की जगह हाय, हेलो करते हैं, शरबत और दही की जगह बीयर और शराब का चलन है.पढ़े लिखे उच्च और उच्च मध्यम वर्ग के लोग हिंदी की जगह अंग्रेजी में बात करते हैं. लोग पश्चिम की नक़ल करने की होड़ में अपनी परंपरा की आहुति दे रहे हैं. औरतों को समाज में जो सम्मान पहले दिया जाता था, वह अब नहीं रहा.

“ यह तो वैश्वीकरण के चलते है, पर हैं तो भारतीय ही.”

“ पर शायद भारत में भारतीय ढूँढने से ही मिलेंगे. यहाँ लोग देश से ज्यादा प्रमुखता अपनी जाति, प्रान्त या धर्म को देते हैं.”

“ हमारे देश की यही तो विशेषता है विषमताओं में समानता. “

“ काश ऐसा होता. मुझे ऐसा नहीं लगता है.यहाँ हिन्दू, मुसलमान, फॉरवार्ड बैकवार्ड, बिहारी, बंगाली और न जाने क्या क्या हैं. मैं शादी फ्रांस में करुँगी. “

“ ठीक है. अपने प्यार की खातिर फ्रांस चल रहा हूँ. अभी तो नौकरी भी वहीँ मिली है. पर मैं हिंदुस्तानी ही रहूँगा, फ्रेंच नहीं बन सकता हूँ.”.

“ मेरे लिए यह ख़ुशी की बात होगी अगर तुम भारतीय ही बने रहो. मैं भी तुम्हारी अच्छाइयों से सीखने की कोशिश करुँगी और अगर तुम्हें फ्रांस में कुछ अच्छा लगे तो तुम्हें जैसा उचित लगे करना. वैसे भी भारत का ‘ वसुधैव कुटुंबकम ‘ अत्यंत सराहनीय विचार है. “

विक्की के पापा दोनों की बातें सुन रहे थे. वे भी उनके पास आ कर बोले “ अब यह बहस बंद करो. एमी की बात बहुत हद तक सही है.यह देश का दुर्भाग्य ही है कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी हम आपस में लड़ते ही रहें हैं, सही है कि हम एक नहीं हो पाए हैं. अब फैसला तुम दोनों को करना है साथ रहना है या नहीं और कहाँ रहना है. “

एमी बोली “ पापा मैं आपका पूरा सम्मान करती हूँ. हमारी शादी तो होनी ही है. मैं इंडिया भी आती जाती रहूंगी, यहाँ मेरा ससुराल है. बल्कि मैं कहूँगी कि आप भी फ्रांस चलिए और कुछ दिन हमारे साथ रह कर देखिये. मैं तो कहूँगी कि आप भी हमारे साथ फ्रांस में रहें. “

दिव्य बोले “ नहीं बेटा, तुमलोग जहाँ चाहो रहो. अगर फ्रांस में रहे तो मैं वहां मिलने आता रहूँगा. “

एमी ने आते वक़्त दिल्ली एयरपोर्ट पर ससुर को पैर छू कर प्रणाम करते हुए कहा “ हमारी शादी के अवसर पर आप फ्रांस जरूर आएं. आपकी उपस्थिति में ही शादी होगी, और भारतीय रीति के अनुसार होगी. “

“ हाँ, जरूर आऊँगा. “

“ पापा मैं भी आती रहूँगी, अपना ख्याल रखेंगे. और प्लीज बुरा न माने, मुझे जिस दिन महसूस हुआ कि भारत में भारतीय रहते हैं मैं और विक्की यहाँ आ जायेंगे. “

एमी और विक्की दोनों फ्रांस आ गए. पर एक प्रश्न दिव्य के मन में अनुत्तरित रह गया था कि क्या उस विदेशी महिला एमी ने हमारे देश और यहाँ की सामाजिक व्यवस्था का सही आकलन किया है !

शकुंतला सिन्हा

(बोकारो, झारखण्ड)

presently in USA

यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है, इसके किसी पात्र,घटना या जगह से भूत या वर्तमान का कोई सम्बन्ध नहीं है

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