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हरज़ाई

हरज़ाई

सक्सेना साहब के घर पार्टी चल रही थी. उनके ऑफिस के मित्र के अतिरिक्त कुछ लोकल रिश्तेदार पड़ोसी और गौतम के मित्र थे. गौतम सक्सेना साहब का बेटा था. अभी इसी साल आई. आई. टी. से बी. टेक किया था. उसे कैंपस से एक अमेरिकन बहुराष्ट्रीय कम्पनी में नौकरी मिली थी और अगले सप्ताह वह अमेरिका जा रहा था. काफी अच्छा पैकेज दिया था कंपनी ने. इसी ख़ुशी में सक्सेना साहब ने पार्टी दी थी. नार्थ इंडियन और साउथ इंडियन डिश के साथ साथ ठंढा गर्म सभी पेय थे. सक्सेना साहब के मित्रों के लिए अलग से ड्रिंक भी थी.

एक सप्ताह के बाद मध्य रात्रि में गौतम अपने माता पिता और छोटी बहन शिखा के साथ दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर था. दो घंटे में उसकी फ्लाइट थी. सक्सेना दंपत्ति तरह तरह से बेटे को समझा रहे थे यह नहीं करना, वह नहीं करना, यह नहीं खाना, वह नहीं ख़ाना आदि तभी शिखा बोली

" एनफ मां, भैया कोई बच्चा नहीं है. देखना मेरे लिए अमेरिकन भाभी लाएगा. "

गौतम ने शिखा के कान पकड़ कर कहा " तू भी अब बच्ची नहीं है. तेरे लिए भी वहां दूल्हा खोजूंगा, ठीक है अब खुश. "

तब तक सिक्योरिटी चेक की घोषणा हुई तो गौतम माता पिता के पैर छू कर उठा और माँ के आंसू पोछकर उन्हें सांत्वना दिया और अंदर चला गया. एक घंटे के बाद वह खुले आकाश में था. फिर लभगग इक्कीस घंटे के बाद एम्स्टर्डम होते हुए गौतम कैलिफ़ोर्निया राज्य के सैन फ्रांसिस्को हवाई अड्डे पर उतरा. कस्टम और इमिग्रेशन चेक के बाद बाहर निकला तो उसके कंपनी का एक दोस्त सोमेश उसे रिसीव करने के लिए गेट पर मिला. सोमेश कॉलेज में गौतम से एक साल सीनियर था. सोमेश गौतम को अपनी कार में अपने अपार्टमेंट में ले गया. पहले तो वह सिंगल रूम अपार्टमेंट में रहता था, पर जब गौतम के आने का हुआ तो मिल्पिटस शहर के डबल रूम अपार्टमेंट में शिफ्ट कर गया.

गौतम ने दो सप्ताह के अंदर ही ड्राइविंग लाइसेंस लेकर लीज पर एक कार भी ले ली. दोनों दोस्त मजे में रहने लगे. गौतम रोज ही इंडिया अपने घर बात करता था. वीकेंड में कुछ और दोस्त भी साथ मिल कर गप्प शप करते, मूवी देखते या सैर सपाटे पर निकल जाते. कुल मिला कर मस्ती में दिन कट रहे थे.

कुछ महीने के बाद गौतम की दोस्ती एक अमेरिकन लड़की मोनिका से हुई. मोनिका और गौतम एक ही कंपनी में एक ही प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. कभी कभी क्लाइंट के यहाँ विचार विमर्श या प्रेजेंटेशन के लिए दोनों को साथ कैलिफ़ोर्निया से बाहर भी जाना पड़ता था.

रेस्टॉरेंट में कभी दोनों साथ होते तो आमने सामने बैठ कर मोनिका अपनी टाँगे गौतम से लड़ाती . अपने बालों को बार बार झटकती, कभी लिपस्टिक ठीक करती. इस तरह गौतम का ध्यान अपनी ओर खींचती. कभी बातें करते करते अपने कंधे उससे जानबूझ कर टकराती तो कभी उसके हाथ पकड़ कर घूमती. एक बार बीच पर बिकिनी में तैरने निकल गयी. पानी से बाहर निकल कर गौतम के बहुत करीब बैठ

गयी, तो गौतम बोला " तुम बहुत सुन्दर लग रही हो. "

मोनिका बोली " ओ, रियली. थैंक्स डियर. "इतना बोल कर उसका हाथ अपने हाथ में ले कर कहा " तुम

भी तो हैंडसम लग रहे हो, सो क्यूट. " बोल कर मोनिका ने उसके गाल थपथपा दिए

. इस पर गौतम बोला " इतना प्यार न दिखाओ कि तबीयत मचल उठे. "

" वो क्यों मचलेगा ? "

" फॉरबिडेन फ्रूट खाने को. "

" यू नॉटी, डोंट वरी. वो भी मिलेगा, हैव पेशेंस. "

" रियली . " बोल कर गौतम ने भी उसके गाल थपथपाये

वैलेंटाइन डे पर गौतम मोनिका को लेकर मिल्पिटस के प्रसिद्ध " द ग्रेट मॉल " गया. वहां मोनिका की पसंद की महँगी गिफ्ट खरीद कर उसे प्रेजेंट किया.

अब दोनों अक्सर अकेले में भी मिला करते थे. और दोनों की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदलने लगी. दोनों

डेट्स पर भी जाते. इसी दौरान दोनों ने फॉरबिडेन फ्रूट खा ही लिया, उनका प्यार फिजिकल हो चुका था. गौतम सभी बातें अपने दोस्त सोमेश से शेयर करता. मोनिका को भी उससे मिलवा चुका था.

एक बार अपनी बहन शिखा को भी फोन पर बताया. शिखा तो ख़ुशी से झूम उठी और बोली " मैं मम्मी पापा को अभी जाकर बोलती हूँ. कॉलेज में अपनी सखियों को भी बताऊंगी कि जल्द ही अमेरिकन भाभी आने वाली है. "

परन्तु गौतम ने उसे सख्त हिदायत देते हुए मना किया और कहा कि वह स्वयं ही उचित समय पर बात करेगा.

कुछ दिनों बाद गौतम ने मोनिका को शादी के लिए प्रोपोज किया तो मोनिका बोली क्यों न शादी से पहले

हम दोनों कुछ दिन साथ रह कर एक दूसरे को अच्छी तरह समझ लें. गौतम भी तैयार हो गया. उसने सोमेश से भी इस विषय पर बात की.

सोमेश बोला " तुम चाहो तो मोनिका के साथ यहाँ रह सकते हो. अगर ज्यादा प्राइवेसी चाहिए तो मैं दूसरी जगह मूव कर जाता हूँ. "

गौतम बोला " नहीं, मैं डबल रूम लेकर अभी क्या करूँगा. सिंगल रूम में मैं शिफ्ट कर जाऊँगा. तुम मेरे वाले रूम को नेट पर डाल दो. दो चार दिन में कोई नया पार्टनर मिल ही जायेगा. "

गौतम और मोनिका अब एक साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगे थे. उधर सोमेश को भी एक नया पार्टनर मिल गया था अपार्टमेंट शेयर करने वाला. गिब्सन नाम था उसका. वह एक अमेरिकन था पर सुदूर राज्य टेक्सास से आया था. वह किसी दूसरी कंपनी में काम करता था. गौतम और मोनिका कभी कभी सोमेश के घर आते तो कभी सोमेश और गिब्सन भी उनके घर जाते. अब चारों ही अच्छे दोस्त बन गए थे.

गौतम और मोनिका को साथ रहते एक साल से ज्यादा हो चुका था. गौतम ने अपने माता पिता को भी मोनिका के बारे में बता रखा था. उसने साथ रहने के बारे में तो नहीं बताया पर मोनिका से शादी करने का इरादा साफ शब्दों में बता दिया था. पहले तो वे बिलकुल इसके विरुद्ध थे कि दूसरे धर्म और पश्चिमी संस्कृति की लड़की उनकी बहू हो. पर अपने इकलौते बेटे की ख़ुशी और जिद के आगे उनकी एक न चल सकी. बल्कि शिखा भी इस मामले में अपने भाई के पक्ष में ही थी. वह तो कॉलेज में अपनी सहेलियों के बीच ढिंढोरा भी पीट चुकी थी कि बहुत जल्द अमेरिकन लड़की उसकी भाभी बनने जा रही है. गौतम के माता पिता ने उसे कहा कि शादी इंडिया में ही हिन्दू रीति से होगी. गौतम को इसमें कोई एतराज न था. मोनिका ने भी इंडियन शादी की बात सुनकर ऊपर से तो ख़ुशी ही जाहिर की थी.

इधर मोनिका और गिब्सन में अच्छी दोस्ती हो गयी थी. पर गौतम इन बातों से अनभिज्ञ था. वह जब शादी की बात करता मोनिका किसी न किसी बहाने थोड़ा और समय देने को बोलती. देखते देखते लगभग दो साल होने को आये तो एक दिन गौतम बोला "मोनिका, अगले महीने क्रिसमस और नए साल की छुट्टी हो रही है. कुछ अपनी छुट्टी मिलाकर एक महीने की छुट्टी ले लूँ ? मैं सोच रहा हूँ कि हम दोनों साथ इंडिया चल कर शादी कर ही लें. "

मोनिका बोली "आईडिया बुरा नहीं है. फिर भी मैं एक बार अपने माता पिता को कम से कम बता तो दूँ.

और ऑफिस में छुट्टी की बात कर लेती हूँ. अभी तो हम दोनों अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. "

पर इधर मोनिका के मन में कुछ और चल रहा था. मोनिका कभी कभी अकेले भी सोमेश के अपार्टमेंट में गिब्सन से मिलने आती. यह बात सोमेश से छिपी नहीं थी. उसने गौतम को भी सचेत किया था.

पर गौतम ने कहा " हमलोग अगले महीने शादी करने इंडिया जा रहे हैं. बस गिब्सन के अमेरिकन मित्र होने के कारण कभी कभी मिल लेती होगी. "

सोमेश तो चुप रह गया. जो बात गौतम नहीं देख पा रहा था सोमेश अपनी आँखों से देख रहा था. एक दिन दिन में जब वह ऑफिस से जल्द लौट कर आया तो मोनिका गिब्सन के कमरे में थी और दोनों काफी करीब बैठ कर हंसी मजाक कर रहे थे. गिब्सन का बेड और उसके कपड़े भी अस्त व्यस्त लग रहे थे.

अगले दिन सोमेश ने गौतम को फोन कर कहा " तुमलोगों की शादी का डेट फिक्स हो गया कि नहीं ? "

" अभी नहीं हुआ, पर मोनिका की छुट्टी मंजूर होते ही जल्द सब तय हो जायेगा. मेरी छुट्टी तो मंजूर हो गयी है. "

" पर मोनिका क्या उतनी ही सीरियस है जितना तुम? यार तुझे अपना दोस्त समझ कर बोल रहा हूँ. मुझे तो आसार अच्छे नहीं लग रहे हैं. "

सोमेश ने कल वाली बात उसे बताई. इस बार गौतम के मन में भी शंका हुई. फिर भी मोनिका के विरुद्ध अपनी आँखों से देखा या कानों से सुना कोई सबूत नहीं था.

कुछ दिन बाद गौतम की माँ का फोन आया. उन्होंने कहा " बेटा, तुम्हारी छुट्टी तो मंजूर हो चुकी है. मैं शादी का मुहूर्त निकलवा रही हूँ. तू जानता है कि 14 दिसंबर से 13 जनवरी के बीच खरमास में हमलोग शादी नहीं करते. "

" माँ, बस एक सप्ताह और समय दो. इस बीच मोनिका की छुट्टी का भी फैसला हो जायेगा. "

देखते देखते क्रिसमस में पांच दिन रह गए थे. गौतम घर पर ही था पर मोनिका बाहर गयी थी. वैसे तो ऑफिस के काम के लिए दोनों को कंपनी से लैपटॉप मिले थे, पर दोनों के पास अपने निजी लैपटॉप भी थे. दोनों अपने अपने लैप टॉप पासवर्ड से लॉक रखते थे.

गौतम ने देखा कि मोनिका का लैपटॉप अनलॉक पड़ा था. उसने जैसे ही नीचे का एक टैब दबाया मोनिका का मेल बॉक्स खुल गया. उसके इनबॉक्स में गिब्सन के काफी मेल पड़े थे. उसने जल्दी जल्दी दो चार मेल खोल कर पढ़े. गिब्सन ने लिखा था वह नए घर में शिफ्ट कर रहा है तब दोनों साथ रह सकते हैं. फिर उसने सेंट मेलबॉक्स भी खोला. मोनिका ने भी गिब्सन को काफी मेल भेजे थे. पर सबसे ऊपर में जो मेल था उसे पढ़ कर गौतम के होश उड़ गए.

मोनिका ने लिखा था " डिअर गिब्सन, अब और इंतजार नहीं सहा जाता. जैसा कि पहले तय हुआ था मैं कल यहाँ से निकल तुम्हारे नए अपार्टमेंट में आ रही हूँ, गौतम को अपनी लाइफ से सदा के लिए डिलीट कर, फिर हमदोनों जीवन भर साथ रहेंगे. लव यू. "

गौतम ने तुरंत फोन कर सोमेश को सारी बातें बतायीं. सोमेश बोला " मैं तो तुम्हें पहले ही सचेत कर रहा था. आज गिब्सन ने भी कहा कि वह अलग घर में मूव कर रहा है. बल्कि अभी तक अपना सामान लेकर चला गया होगा. उसने बकाया रेंट मेरे अकाउंट में जमा कर दिया है. अभी अभी उसका मेल आया. "

गौतम बोला " अब मेरी बात ध्यान से सुन. मैं दो तीन घंटों में यह घर खाली कर तुम्हारे यहाँ शिफ्ट कर रहा हूँ. तुम यह बात मोनिका या गिब्सन को नहीं बताना. तुम्हें कोई एतराज नहीं होना चाहिए. "

" यार, कैसी बातें कर रहा है. मुझे तो ख़ुशी होगी पुराने दोस्त का साथ फिर मिल रहा है. "

इसके बाद जल्दी से गौतम ने अपने सामन पैक किये. फिर " U HAUL " से ट्रक लेकर आया और अपने सामान लोड किये. उसने अपार्टमेंट के रेंट के लिए चेक लिखा. एक पत्र मोनिका के नाम लिखा जिसमें लिखा था

" डियर मोनिका. जितने दिन तुमने मेरा साथ दिया उसके लिए थैंक्स. अब जब तुमने अपनी लाइफ से मुझे डिलीट कर ही दिया तब यहाँ रहने का कोई मतलब नहीं है. मैंने अपार्टमेंट का चेक रख दिया है. अगर इसके अतिरिक्त कुछ और मुझे देना होगा तो निःसंकोच बोलना, तुम्हारे अकाउंट में ट्रांसफर कर दूंगा. अपार्टमेंट की चाभी ऑफिस में लौटा देना. मेरी माँ ने मेरे लिए इंडियन लड़की खोज ली है. तुम्हें भी नए दोस्त के साथ नयी पाली पर मेरी शुभकामनाएं. मेरी क्रिसमस- कभी तुम्हारा था - गौतम "

उसने जानबूझ कर इंडियन लड़की के बारे में झूठ लिखा था ताकि जो दर्द मोनिका उसे देने जा रही थी वो उसे भी महसूस हो.

फिर उसने ट्रक चलाते हुए ही माँ को फोन कर कहा " माँ, मैं तीन चार दिन में इंडिया आ रहा हूँ. "

माँ खुश हो कर बोली " ठीक है मैं पंडित से शादी का दिन दिखवा लेती हूँ. पर 14 जनवरी या उसके बाद ही संभव होगा. मोनिका को मेरा प्यार कहना "

" मोनिका को भूल जाओ माँ. वह अब मुझसे शादी करने के लिए तैयार नहीं है. कोई और मिल गया है उसे. "

" बेटे यह तो बहुत अच्छी बात है. हमलोगों को तो शुरू से ही मोनिका पसंद नहीं थी. तुम्हारी ख़ुशी के लिए बेमन से हम इस रिश्ते पर सहमत हुए थे. अच्छा ही हुआ वह तेरी ज़िन्दगी से खुद हट गयी. वह हरजाई थी. उसकी किस्मत फूटी थी जो तेरे जैसे लड़के को छोड़ दी. तेरे लिए यहाँ एक से बढ़ कर एक अच्छे रिश्ते आ रहे हैं. अफ़सोस नहीं करना उसके लिए. "

गौतम सोमेश के अपार्टमेंट में आ चुका था. उधर शाम को जब मोनिका गौतम के घर आयी तो उसे चेक और पत्र दोनों मिला. पर बाजी पलट चुकी थी, जो सरप्राइज वह गौतम को देने जा रही थी, गौतम ने उसे ही देकर सरप्राइज कर दिया.

शकुंतला सिन्हा

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