रिश्तो की कश्मकश - 7 Naaz Zehra द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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रिश्तो की कश्मकश - 7

अब आगे




नीर खाना लेकर संदीप के कमरे में आई।,, तो उसने देखा संदीप सोफे पर लेटा मोबाइल चला रहा था। ,, नीर ने थोड़ी देर संदीप को घोरा और फिर चलकर संदीप के पास आकर खड़ी हो गई।,, संदीप को जैसे ही अपने कमरे में किसी की मौजूदगी का एहसास हुआ।,,




उसने सर उठाकर अपने बराबर में देखा तो। नीर को देखकर जल्दी से खड़ा हो गया और बोला। ,, तुम ,, तुम क्या कर रही हो क्या तुम्हें कुछ चाहिए। नीर संदीप की बात सुनकर बोली नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए ।मैं तो आपके लिए खाना लेकर आई हूं। आप नीचे नहीं आए थे। ,,,तो मैंने सोचा कि आपके रूम में ही खाना लेकर आ जाऊं।,,,,




संदीप ने थोड़ी देर नीर को दिखा। और फिर बोला नहीं मुझे भूख नहीं है ।तुम यह ले जाओ नीर ऐसे कैसे ले जाऊं। मैं कितनी मेहनत से लेकर आई हूं ।,,, और आप केहे रहे हैं कि ले जाऊं बिल्कुल भी नहीं आपको यह खाना खाना ही होगा। नीर की बात सुनकर संदीप अपने मन में बोला अजीब जबरदस्ती है ।,,,और खाना लाने में कितनी मेहनत लगती है यह तो मुझे आज पता चलेगा।वरना मैं तो समझता था।,,,




कि खाना बनाने में मेहनत लगती है ।लेकिन लाने में पहले दफे सुन रहा हूं। संदीप खड़ा हुआ। ,,,,और चलकर नीर के पास आकर बोला तुम कुछ ज्यादा नहीं बोलती जब मैंने तुमसे कह दिया है ,,,कि मुझे खाना नहीं खाना तो नहीं खाना समझी । अब जाओ यहां से नीर संदीप की बात सुनकर बोली उदास होकर बोली ।सॉरी आपको बुरा लगा हो तो मैं तो बस आप के लिए खाना लाई थी,,,, मेरी मामा कहतीं हैं की रात को बिना खाना खाए नहीं सोते।,,,


मैंने भी खाना नहीं खाया था,, तो मैंने सोचा क्यों ना मैं हम दोनों का खाना आपके रूम में लेकर आओ तो फिर साथ में खाना खाएंगे। लेकिन कोई बात नहीं यह बोलकर नीर ने खाना टेबल से उठाया और वहां से जाने लगी।,,,


संदीप ने जब नीर की बात सुनी तो एकदम से बोला रुको नीर संदीप की आवाज सुनकर मुस्कुराई। नीर पीछे पलटी और उदास होकर संदीप की तरफ देखने लगी।,,,,

संदीप ठीक है मैं खाना खाऊंगा नीर मुस्कुरा कर बोली सच में आप खाना खाएंगे। ,,,संदीप नील को इतना खुश देखकर मुस्कुरा दिया नीर ने जल्दी से खाना टेबल पर लगा दिया और खुश होकर बोली संदीप भाई जल्दी आई वरना खाना ठंडा हो जाएगा।,,,,

संदीप नीर के मुंह से अपने लिए भाई सुनकर गुस्से में नीर को घूरते हुए बोला मैं तुम्हारा भाई नहीं हूं।,,,, अगर मैंने दोबारा तुम्हारे मुंह से अपने लिए भाई सुन लिया ।तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मेरा नाम संदीप है तुम मुझे संदीप कहकर बुलाओ। ना कि भाई यु अंडरस्टैंड । ,,,नीर संदीप की इतनी गुस्से वाली आवाज सुनकर उसने जल्दी से हां मैं सर हिला दिया । और बोली ठीक है ,,,मैं आपको संदीप कहकर ही बुलाऊंगी।



संदीप नीर की बात सुनकर खाना खाने बैठ गया और नीर की तरफ देखा जो खड़ी थी,,,, और बोला तुम खड़ी क्यों हो अब क्या तुम्हें खाना नहीं खाना आओ जल्दी अभी तुमने कहा था ना खाना ठंडा हो जाएगा चलो। आओ बैठो,,,

नीर अपने मन में खाना देखते हुए बोली बैठकर क्या करूं जबकि मैंने तो पहले से ही खाना खा लिया,,,,, और अब तो मेरे पेट में जगह भी नहीं है और खाना खाने की और अगर अब मैंने खाना नही खाया तो यह मुझ पर और गुस्सा करेंगे।,


संदीप जो नीर को देख रहा था जब उसने नीर के चेहरे के बनते बिगड़ते एक्सप्रेशन एक्सप्रेशन देखकर मुस्कुरा दिया क्योंकि नीर लगी इतनी प्यारी रही थी,,,,

य अपने मन में बात करते हुए नीर चलकर संदीप के पास आए और जैसे ही बैठने को हुई इतने में संदीप बोला रूको नीर संदीप के रोकने से कंफ्यूज होकर संदीप को देखने लगी ,,,संदीप कोई जरूरत नहीं है,,,, खाना खाने की जब तुम्हारे पेट में जगह नहीं है तो मैं खा लूंगा नीर संदीप की बात सुनकर खुश होकर ,,,




बोली थैंक यू सो मच मैं तो समझी थी आज मेरे पेट में दर्द हो जाना है लेकिन आपको कैसे पता चला मेरे पेट में जगह नहीं है संदीप नीर का सवाल सुनकर मुस्कुरा कर बोला तुम्हारे चेहरे से जब तुम अपने मन में बात कर रही थी तब ।,,नीर ने संदीप







की बात सुनकर ,, अपने चेहरे को
छूते हुए बोली क्या मेरे चेहरे पर लिखा है कि मैंने खाना खा लिया और मेरे पेट में जगह नहीं है संदीप नीर की बात सुनकर खूब ,,जोर ,, जोर , जोर से हंसने लगा नीर संदीप को हंसाता देख अब इन्हें क्या हो गया




मेंरे कों क्या मुझे जल्दी से जाकर आंटी को बताना होगा कि उन्होंने खाना खा लिया बेचारी फालतू में इतनी परेशान हो रही थी यह कहकर नीर रूम से चली गई संदीप ने हंसना बंद क्या और बोला सो क्यूट तुम कितनी प्यारी हो और तुम्हारी बातें तो सबसे अलग है। ,,,,



सुबह का टाइम





पूजा और मनीष हाॅल में बैठे बातें कर रहे थे। इतने में एक लड़का आकर बोला। ,,,नमस्ते मामी और क्या हो रहा है पूजा चोकर बोली अरे बेटा तुम कब आए आओ बेठो तुम तो शान की शादी के बाद गायब ही हो गए था । लड़का मुस्कुरा कर पूजा के गले में हाथ डालकर बोला। ,,,






मम्मी आपको तो पता है ना पापा का जरूरी काम आ गया था। जिसकी वजह मुझे वहां जाना पड़ा। लेकिन मैं अब आ गया हूं ना। अब नहीं जाऊंगा।,,, पुजा हां मैं भी तुम्हें जाने नहीं देती और अगर तुम फिर से चले जाते तो मैं तुझसे नाराज हो जाती। लड़का पूजा की बात सुनकर मुस्कुरा कर बोला । ठीक है नहीं जाऊंगा मैं आपको छोड़कर। और अब मैं आपके पास ही रहूंगा ।,,,





अब मुस्कुराइए और यह गुस्सा छोड़ दीजिएगा पूंजा लड़के की बात सुनकर खुश होकर बोली ।,,,, सच्ची ,,,लड़के ने पूजा की बात सुनकर हा मैं सर दिया।। पूजा चलो ठीक है यह अच्छा हुआ। मनीष भाई हम भी यही है कोई हमें तो पूछ भी नहीं रहा है हम कैसे हैं ,,,,



To be,,,, continue