रिश्तो की कश्मकश - 1 Naaz Zehra द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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रिश्तो की कश्मकश - 1

जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी अपनी तैयारी कर लो लेकिन नहीं कोई सूने मेरी बात तब ना,,,एक औरत चिल्लाती हुई बोली ,,,,

अरे भाग्यवन क्यों अपना बीपी बढ़ा रही हो सब हो जाएगा बारात निकल जाएगी ,,, तुम्हे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है,,, एक आदमी उसे औरत को चिल्लाता देख ,,उसके पास आकर बोला ,,, औरत कैसी बात कर रहे हो आप कैसे परेशान नहीं हूं समय देखा है कितना हो गया है,,,,,,,,


अभी तक बारत नहीं निकलीं और वो सब वहां क्या सोचेंगे हमारे बारे में,,,, आदमी तुम पहले शांत हो जाऊं और यहां बैठो ,,,उस औरत के दोनों कंधे पकड़ कर सोफे पर बैठ दिया और बोले ,,,और रहीं उन लोगों की वो हमारे बारे में क्या सोचेंगे तो तुम उसकी टेंशन मत कीजिए क्योंकि उन लोगों को पता है कि बारत बाले घरों में समय लगता है बस तुम शांत हो जाऊं और यह लो पानी पायो ,,,


(चलो अब मैं इन दोनो के बारे में बाता दो यह है ,,कौन यह दोनों हे हमारी कहानी के हीरो के मां,,बाबा )




(मनीष खुराना,,,,,और उनकी बाइफ पुजा खुराना,,,, )


आज इनके बड़े बेटे की शादी है जिसकी वजह से यह इतनी परेशान हैं,,,, (आप लोग तो जानते हैं अगर घर में शादी हो तो एक मां बहुत टेंशन होती ऐसा नहीं है कि बाप को नहीं होती बाप को भी होती है लेकिन एक मां को तो कुछ ज्यादा ही टेंशन होती है हर वक्त यही सोचतीं है पता नहीं वो काम होआ होगा यह नहीं किसी चीज की कमी तो नहीं रे गई सब अच्छे से हो गया होगा ना कोई गड़बड़ तो नहीं है पता नहीं कितनी टेंशन एक मां लेती है )






इतने में एक लड़का उन दोनों के पास आया और बोला मां-पापा आप दोनों यहां बैठे हों,,,,चलों सब तैयार हो गया है अब आप दोनों भी चलों जल्दी करो,,, पुजा हां चलो बेसे भी काफी समय हो गया है,,, यह बोलकर पुजा और मनीष दोनों ही उस लड़के के साथ चलें गए,,,,

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(अब आप लोगो को बाता दो यह कौन है तो यह है इन दोनो के छोटे बेटे ,,,)




( अजय खुराना)



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तीन घण्टे बाद

पूजा जी क्या बात है समधन जी आपने तो बहुत अच्छी तैयारी करी किसी चीज की कमी नहीं रहने दे,,, शालिनी जी कैसी बात कर रही है बहन जी आज मेरी बेटी की शादी है ,,,तो कैसे कमी रहने दे सकती हूं,, खूब,, दोम ,,दम,, से अपनी बेटी की शादी करूंगी आखिर मेरे घर में पहली जो शादी है‌‌,,,

पूजा जी हां सही कहा बहुत अच्छी तैयारी करी है,,, पूजा ने पूरे हॉल में नजर दौड़ते हुए कहा जो बहुत अच्छी तरह से सजा हुआ था ,,,, वहां पर जितने भी लोग थे सब तारीफ कर रहे थे,,, कुछ आपस में बातें कर रहे थे ,,,तो कुछ मौज मस्ती

वहीं दूसरी तरफ


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मनीष और राजेंद्र आपस में बात कर रहे थे,,, मनीष समधी जी आपने बहुत अच्छी तैयारी करवाइए है ,,,राजेंद्र जी शुक्रिया संदीप जी मुझे तो लगा था आपको पसंद नहीं आएगी,,, मनीष जी पसंद कैसे नहीं आएगी आपने इतनी मेहनत से करवाई है ,,पसंद की बात ही नहीं है और वैसे भी एक पिता की नजरों में अपनी बेटी के लिए जितना करें कमी लगता है,,,

लेकिन आप बेफिक्र रही है किसी चीज की कमी नहीं है वैसे भी मैंने मना करा था,,,





जारी है