रिश्तो की कश्मकश - 3 Naaz Zehra द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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रिश्तो की कश्मकश - 3

यह है ,,साक्षी वर्मा ,,और अब वर्मा से यह साक्षी शान खुराना बनने वाली है,,,,

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थोड़ी देर बाद



शादी संपन्न हुई,,,, और विदाई की तैयारी होने लगी,,,



साक्षी अपनी मां शालिनी के गले लगकर रो रही थी,,,, राजेंद्र साक्षी के पास आया जिसकी आंखें नम थी,,, और उन्होंने साक्षी के सर पर हाथ रखा दिया,,,साक्षी अपने बाबा का हाथ अपने सर पर महसूस करके ,,,





पीछे पलटी और अपने पापा के गले लग गई ,,,,और बोली आई मिस यू पापा मुझे आपकी बहुत याद आएगी,,, राजेंद्र साक्षी का सर सेलाते हुए बोले,,, मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आएगी,,, लेकिन तुम फिक्र मत करना जब भी तुम्हें याद आए तो मेरे पास चली आना और मुझे उम्मीद है ,,,,तुम्हारे ससुर के होते हुए कभी मेरी याद नहीं आएगी ,,,,





वह तुम्हें उतना ही प्यार देंगे जितना मैं तुम्हें देता हूं कभी यह मत समझना ,,,वह तुम्हारा ससुराल है,,, हमेशा यही समझना कि वह तुम्हारा अपना घर है ,,,जैसे तुम यहां पर हम सब के साथ रहती हो,,, वैसे ही वहां पर ही सबके साथ रहना कभी उनको,,,





कोई तकलीफ मत होने देना,,, साक्षी अपने पापा की बात सुनकर बोली मैं आपसे वादा करती हूं,,, पापा कभी आपकी परवरिश पर उंगली नहीं उठने दूंगी ,,,,राजेंद्र यही उम्मीद थी तुमसे बेटा चलो अब रोना बंद करो,,, यह बोल उन्होंने साक्षी के आंसू पहुंचे ,,,और शान की तरफ देखकर बोले बेटा मेरी बेटी का ध्यान रखना,,, मानता हूं वह थोड़ी शरारती है लेकिन दिल की बहुत अच्छी है,,, अगर कभी उससे कोई गलती हो जाए तो,,,






उसको माफ कर देना उसको डांटना मत,,, शान राजेंद्र के हाथ पड़कर बोला कैसी बात कर रहे हैं,,, पापा आपने मुझे अपनी बेटी दी है तो क्या मैं उसको कोई तकलीफ होने दूंगा हमेशा खुश रखूंगा,,, राजेंद्र शान की बात सुनकर मुस्कुरा कर उसके गले लग गए ,,और बोले तुमसे यही उम्मीद थी,,


थोड़ी देर बाद


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राजेंद्र और शालिनी ने साक्षी की विदाई कर दी थोड़ी देर बाद कार आके ,,, खुराना विला रुकी जल्दी से पूजा कर से उतरी और घर के अंदर चली गई,,,, वही शान और साक्षी कार से उतारे,,, और घर की तरफ चल दिए ,,,


जैसे ही वह घर के अंदर कदम रखते इतने में पूजा जी आरती की थाल लेकर आई,,, और उन्होंने दोनों की आरती करी और अंदर आने को कहा ,,,साक्षी और शान दोनों अंदर आए पूजा ने अपनी बेटी की तरफ देखा ,,,और बोली,,, मीत जाऊं भाभी को रूम में लेकर जाओ थक गई होगी ,,और हां कोई शरारत मत करना,,,



मीत मां आप कैसी बात कर रही है ,,,भाभी नई-नई आई है तो इतनी जल्दी में भाभी के साथ कैसे शरारत कर सकती हूं अभी भाभी को थोड़े दिन ठहरने दो फिर बाद में शरारत होती रहेगी,,,( क्यों भाई यह कहकर उसने,,, शान की तरफ आंख मार दी,,,) शान मुस्कुराया और चलकर मीत के पास आकर उसके कान पड़कर बोला ,,,





खबरदार अगर मेरी वाइफ को जरा भी परेशान कर तो ,,,मीत अपना कान शान से छुड़ाते हुए ,,,बोली आपकी शादी क्या हो गई ,,,आप तो इतनी जल्दी बदल गए,,, ए भगवन,,क्या दिन देखने को मिल रहे हैं ,,,बीबी के आते ही बहन के साथ जुल्म होने लगे ,,,देखो जमाने वालों कैसा ,,,,भाई मिले हैं मुझे ,,,(यह कहकर वह नौटंकी करने लगी)


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