डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 6 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 6

अब आगे,

 

आराध्या की बात सुन कर, अब जानवी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और जानवी अच्छे से जानती थी कि आराध्या दिल की बुरी नही थी बस अगर उस से जुड़े लोगों के साथ कोई बेवजह बुरा व्यवहार करता था तो वो उस से बरदाश नही होता था वर्ना उस को किसी ने कोई फर्क नहीं पड़ता था कि कौन क्या था और क्या करता था...!

 

और ऐसे ही बाते करते करते दोनो अपने कॉलेज पहुंच गए और कॉलेज पहुंचते ही जानवी अपनी क्लास के तरफ जैसे ही मुड़ने को हुई तभी आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी से कहा, "वहा कहा जा रही है चल ना कॉलेज की कैंटीन में चलते हैं और वैसे भी हम दोनो ने ब्रेकफास्ट भी नही किया है तो दोनो साथ में व्हाइट सॉस पास्ता के साथ मस्त कोल्ड ड्रिंक पिएंगे..!"

 

आराध्या की बात सुन कर, जानवी ने अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "क्या तू पागल हो गई है और चल मेरे साथ और सारे लेक्चर लेते है और उस के बाद ब्रेक टाइम में खा लेना जो तेरा मन करे, ठीक है अब चल..!"

 

जानवी की बात सुन कर, अब आराध्या ने अजीब सा मुंह बनाते हुए अपनी दोस्त जानवी से कहा, "हां..हां मुझे पता है अभी हमारा लेक्चर है, पर देख ना लेक्चर में जाने का क्या फायदा, मेरा मतलब है कि हम ऑलरेडी 20 मिनट्स लेट है और सारे प्रोफेसर ने रूल बनाया है कि अगर हम क्लास स्टार्ट होने से पहले नही पहुंचते है तो वो लोग हमें क्लास के बाहर ही खड़ा कर देंगे और साथ में प्रिंसिपल से शिकायत भी कर देंगे और देख न हम तो पूरे आधा घंटा लेट है तो वो खडूस प्रोफेसर हमें क्लास के अंदर तो लेगा नही बल्कि उल्टा बाहर खड़ा कर देगा, तू ही बता ना तो फिर क्या फायदा है हमारा लेक्चर लेने का और चल ना कॉलेज की कैंटीन में कुछ खाते हैं उस हिमानी की वज़ह से मैने कुछ भी नही खाया है और मुझे बहुत ज्यादा भूख लग रही है और तुझे तो पता ही है कि मुझे भूख बर्दश नही होती..!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अब जानवी ने अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "अच्छा बाबा, ठीक है चल चलते हैं तेरा पहला प्यार तेरे खाने के लिए..!"

 

और फिर दोनो कॉलेज की कैंटीन के लिए निकल गए..!

 

आराध्या आगे आगे चल रही थी और उस की दोस्त जानवी उस के पीछे पीछे चल रही थी और साथ में कुछ सोचते हुए उस ने अपने आप से कहा, "ये लड़की अपने साथ साथ मेरी भी पढ़ाई का नुकसान करवाती रहती हैं फिर भी ये इतना रिलैक्स कैसे रह लेती है इस को किसी भी चीज से कोई टेंशन क्यू नही होती और ये क्यू किसी चीज की टेंशन नहीं लेती, चाहे वो इस की क्लास हो या फिर इस के एग्जाम या फिर इस का रिजल्ट, पता नही ये बिना किसी टेंशन के केसे रह लेती हैं..!"

 

जानवी ये सब सोच ही रही थी कि उस के कानो में आराध्या की आवाज आई और अब अराध्या ने अपनी दोस्त जानवी से कहा, "अरे कितने धीरे धीरे चल रही है तेरी वजह से हमारा नेक्स्ट लेक्चर भी मिस हो जाएगा..!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अब उस की दोस्त जानवी ने चिड़ते हुए अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "अच्छा, कह तो ऐसे रही हैं जैसे तो तुझे बहुत फर्क पड़ता है न, लेक्चर के मिस होने से..!"

 

अराध्या और जानवी के कॉलेज की कैंटीन में,

 

आराध्या, जानवी की बात सुने बिना ही कैंटीन के अंदर चली गई और वहा पर खाली सीट पर बैठ गई और जैसे ही उस ने अपनी दोस्त जानवी को कैंटीन में अंदर आते देखा तो आराध्या चिल्लाते हुए अपनी दोस्त जानवी से कहने लगी, "अरे जानवी, यहां आजा...!"

 

आराध्या की बात सुन कर, जानवी ने अराध्या की तरफ देखा और फिर उस के बराबर वाली सीट पर जाकर बैठ गई तो आराध्या ने अब अपने कॉलेज की कैंटीन के वेटर को बुला लिया और अपने कॉलेज की कैंटीन वेटर को अपना ऑडर दे दिया..!

 

कुछ देर बाद,

 

आराध्या का दिया हुआ ऑडर आ चुका होता था और दोनो कोल्डड्रिंक पीने के साथ साथ अराध्या का पसंदीदा व्हाइट सॉस पास्ता खा रहे थे, तभी वहा एक लड़का आया जिसे देख आराध्या ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया..!

 

और वो लड़का, आराध्या और जानवी के पास वाली सीट पर जाकर बैठ गया और आराध्या को देखने लगा और वही आराध्या ने जब देखा कि वो लड़का उस को ही देखे जा रहा था तो अब उस ने उस लड़के से पूछा, "क्या है और आप मुझे क्यू देखे जा रहे है..?"

 

आराध्या की बात सुन कर, अब उस लड़के ने अराध्या से कहा, "अरु, मुझे तुम से कुछ बात करनी है..!"

 

उस लड़के के मुंह से अपना निक नेम सुन कर, अब आराध्या का पारा चढ़ गया और उस ने उस लड़के पर गुस्से करते हुए कहा, "आप मुझे अरु कह कर नही बुला सकते, ये कहने का हक सिर्फ और सिर्फ मेरी दोस्त जानवी का है, समझ में आया आप को..!"

 

हां तो उस लड़के का पूरा नाम "राघव शर्मा" था और उस की उम्र 21 वर्ष थी और उस की हाइट 5"8 होगी और वो, अराध्या का सीनियर था जो उस को अराध्या की फ्रेशर पार्टी में देख कर ही पागल हो चुका था और साथ में राघव एक अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद है जो अपने बाप के दम पर कुछ भी पा लेता था..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।