डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 7 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 7

अब आगे,

आराध्या, राघव से कहती है, " मुझे पता है कि आप को मुझ से क्या बात करनी है लेकिन मैने आप को हजार बार बोल दिया है कि मुझे इन सब रिलेशनशिप में कोई इंटरेस्ट नहीं है और मुझे बस दो ही रिलेशन पर भरोसा है और वो है, फैमिली और दोस्ती, और मैने आप को अपना दोस्त भी बनाया था, जब की पूरा कॉलेज आप के बारे मे कुछ भी सही नही बता रहा था फिर भी मैंने आप पर भरोसा करा लेकिन अगर आप ने मुझे बार बार रिलेशनशिप में आने पर मजबूर करते रहोगे तो मै आप से अपनी दोस्ती भी तोड़ लूंगी और अगर आप फिर भी अपनी बातो से बाज़ नही आए तो मै मजबूर होकर आप की शिकायत प्रिंसिपल से कर दूंगी...!"

आराध्या की बात सुन, राघव को बहुत गुस्सा आ जाता है क्योंकि उस ने आज तक जो भी चाहा उस को पा ही लिया था पर आराध्या उस की गर्लफ्रेंड बनने को तैयार नहीं थी।

इसलिए वो गुस्से से आराध्या से कहता है, "ओ कम ऑन आराध्या, मै तुम्हे फर्स्ट ईयर वालो के फ्रेशर पार्टी में देख के ही पहली बार मे पसंद कर चुका था इसलिए तो पिछले दो महीनों से तुम्हारे पीछे पड़ा हुआ हु पर तुम मुझे एक मौका ही नही दे रही हो अपने आप को साबित करने का तो फिर मैं तुम्हे कैसे समझाऊं कि मै अब बदल चुका हु...!"

राघव की बाते सुन, आराध्या उस से गुस्से से कहती है, "मै आज आखरी बार आप से कह रही हूं मुझे आप की गर्लफ्रेंड बनने मे जरा सा भी इंटरेस्ट नहीं है, समझ में आया आप को मिस्टर राहुल शर्मा...!"

आराध्या ने गुस्से के साथ इतनी जोर से बोला था कि कॉलेज की कैंटीन में सब ने ये बात अच्छे तरह से सुन ली थी जिस वजह से राहुल की पूरे कैंटीन में बैठे स्टूडेंट जो की कुछ जूनियर से तो कुछ उस के ही क्लास के स्टूडेंड थे उन सब के सामने बेज्जती हो गई थी..!

ये सब बोल कर आराध्या अपनी कुर्सी से उठ खड़ी हुई और उस कैंटीन से सीधे बाहर निकल कर गार्डन की तरफ मुड़ गई ।

आराध्या के जाने के बाद, जानवी गुस्से से राघव से कहती है, " अगर सच में आप उस को पसंद करते ना तो उस की बात का मान भी रखते पर मुझे नही लगता है कि आप को उस की बात से कोई मतलब है, आप को तो बस उस को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने से मतलब है और अगर आप ने आज के बाद फिर से मेरी अरु को परेशान किया ना तो आराध्या का तो पता नही पर मै खुद ही जाकर आप की शिकायत प्रिंसिपल से कर दूंगी, समझ में आया आप को...!"

अपनी बात कह कर जानवी भी आराध्या के पीछे उस को ढूंढने चली गई, जानवी और आराध्या के उस कैंटीन से जाने के बाद, राघव गुस्से से अपना हाथ उस डेस्क पर मारता है और गुस्से से अपने आप से कहता है, "पता नही ये खुद को समझती क्या है, और इतना समझाया पर इस को तो कुछ समझ में ही नही आता है और मुझे राघव शर्मा को प्रिंसिपल के पास जाने की धमकी देकर गई है, इस आराध्या को तो मै इतनी आसानी से छोड़ने वाला नही हु, इसे तो ऐसा सबक सिखाऊंगा न कि जिंदगी भर याद रखेगी और बहुत घमड़ है ना तुझे अपनी खूबसूरती पर और मुझे धमकी देकर गई है न तो देख मै तेरे साथ क्या करता हु...!" अपनी बात बोल कर राघव गुस्से से वहा से चला जाता है।

आराध्या को ढूंढते हुए जानवी गार्डन में पहुंच जाती हैं, तो वो देखती है कि आराध्या एक बेंच पर बैठी होती हैं, उस समय आराध्या ने जानवी से पीठ कर रखी होती हैं इसलिए जानवी, आराध्या के पास जाकर उस से पूछती हैं, "तू ठीक तो है ना...?"

जानवी के ऐसे कंधे पर हाथ रखने और उस से पूछने पर आराध्या, जानवी के गले से लग जाती हैं और उस रोते हुए कहती हैं, "नही, मै ठीक नही हु, और उन्होंने मुझे समझ क्या रखा है, वो मेरे सीनियर है तो क्या कुछ भी कहेंगे और मै वो सब मानूंगी...!"

आराध्या की बात सुन, जानवी की भी आंखे नम हो चुकी थी आराध्या हमेशा मुस्कराती रहती थी पर उस के मुस्कान के पीछे एक दर्द छिपा हुआ था जिसे सिर्फ जानवी ही जानती थी क्योंकि ये मुस्कान सिर्फ लोगो को दिखाने के लिए और अपने दर्द को छुपाने के लिए है और असल में वो कॉलेज के ऐसे लोगो से बहुत परेशान हो गई थी।

और उस की भी क्या गलती है कि वो पूरे कॉलेज में सबसे सुंदर और खूबसूरत है और वो किसी से हंस के बात कर रही है तो क्या वो लड़का उस का कोई भी मतलब निकल सकता है और उस को किसी भी रिलेशनशिप में आने के लिए मजबूर कर सकता है।


To be Continued......❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला एपिसोड सिर्फ मातृभारती पर।