डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 4 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 4

जानवी अपनी प्लेट और अरु की प्लेट उठा कर जा ही रही थी कि तभी जानवी की बातो को सुन कर हिमानी चिढ़ जाती हैं और अपनी चमची को इशारा कर देती हैं।

हिमानी का इशारा पाते ही उस की चमची जानवी के रास्ते में अपना पैर अड़ा देती हैं और जानवी को पता नही होता है कि हिमानी अपनी चमची से कहकर उस के साथ ये सब करवा रही होती हैं। और जानवी का पैर उस हिमानी की चमची के पैर से उलझने से जानवी का बैलेंस बिगड़ जाता है और उस के हाथ में जो खाना होता है वो जमीन पर गिर जाता है और जब वो जैसे ही सामने गिरने को होती हैं।

तो किसी ने जानवी का हाथ थाम कर उस को गिरने से बचा लिया और वही जानवी गिरने के डर से अपनी आंखे बंद कर लेती हैं और जब उस को लगता है कि वह तो गिरी ही नही है और तो और किसी है उस का हाथ थाम लिया है तो वह अपनी आंखे खोल के सामने खड़े उन इंसान की तरफ देखती है।

जानवी ने जब देखा तो पाया कि उस के सामने खड़ा इंसान और कोई नही बल्कि अरु ही है और अरु के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था क्योंकि अरु का रंग गोरा होने की वजह से उस का गुस्सा साफ साफ झलक जाता है और उस का चेहरा लाल हो जाता है। अरु, हिमानी को गुस्से से घूर रही होती हैं।

और वही हिमानी बिना किसी डर के एस्प्रेशन के साथ अरु को देख रही होती हैं। अरु ने कुछ देर तक हिमानी को घूर कर देखा फिर जानवी को ठीक से खड़ा कर के उस से पूछा, "तू ठीक तो है, तुझे लगी तो नही न...?"

अरु की बात सुन, जानवी उस से कहती है, "नही मुझे कुछ नही हुआ और जब तक तू मेरे साथ है मुझे कुछ होगा भी नही...!" अपनी बात कह कर जानवी मुस्कराने लगती हैं।

जानवी की बात सुन, अरु उस को उस हॉस्टल की कैंटीन में एक कुर्सी पर बिठा देती हैं। और फिर हिमानी की तरफ बढ़ने लगती है। वही जब जानवी ने देखा कि अरु, हिमानी की तरफ बढ़ रही है तो वो जल्दी से कुर्सी से उठ कर अरु के पास जाती हैं और उस का हाथ पकड़ कर उस से कहती है, "तू शांत हो जा और तुझे उस को कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है...!"

जानवी की बात सुन, अरु मजबूर होकर वही खड़ी हो जाती हैं और उस ने हिमानी से कुछ नही कहा होता है। वही जब हिमानी ने अरु को देखा तो उस का मजाक बनाते हुए कहने लगी, " देखो फ्रेंड्स, महारानी अपनी दासी को प्रोटेक्ट करने आई है...!"

हिमानी, जानवी और अरु का मजाक उड़ा रही होती हैं पर अरु उस को कुछ नही कह पाती हैं क्योंकि जानवी ने उस को मना कर दिया होता है और इसलिए वो, हिमानी की बाते चुप चाप सुन रही होती हैं।

वही जब हिमानी ने अरु को शांत देखा तो उस के पास आकर उस को उकसाते हुए कहती हैं, " क्या हुआ अरु बेबी तुम कुछ कहोगी नही या फिर अपनी दासी उफ्फ तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड के कहने पर चुप रहोगी और वैसे भी तुम, मुझे कुछ कह भी नही सकती हो क्योंकि तुम्हारी मेरे सामने कोई औकात ही नही है...!"

हिमानी के इतना कुछ कहने पर भी अरु उस को कुछ नही कहती हैं क्योंकि अरु, जानवी की सारी बाते मानती हैं और उस के मना करने के बाद अरु चुप चाप खड़ी सब कुछ सुन रही होती है।

हिमानी ने जब देखा कि अरु उस की बात का कोई जवाब नही दे रही हैं तो हिमानी अपने अभिमान और अपने दोस्तो के साथ आगे बढ़ने लगती हैं।

हिमानी अपने दोस्तो के साथ आगे बढ़ ही रही थी तब अरु ने मौका पाकर उस के पैर में अपना पैर उलझा दिया जिस से हिमानी का बैलेंस बिगड़ गया और हिमानी सीधा मुंह के बाल उसी खाने पर जाकर गिर गई जिस पर हिमानी की चमची ने जानवी को गिराना चाह रही थी।

हिमानी का चेहरे और उस के कपड़ो पर सारा खाना लग चुका था, हिमानी की हालत को देख कर हॉस्टल की कैंटीन में सभी लड़कियां एक साथ जोर जोर से हंसने लगती हैं।


To be Continued......❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला एपिसोड सिर्फ मातृभारती पर।