डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 4 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 4

अब आगे,

 

जानवी अपनी प्लेट और अपनी दोस्त अरु की प्लेट उठा कर जा ही रही थी कि तभी जानवी की बातो को सुन कर हिमानी चिढ़ चुकी थी और अब उस ने एक लड़की को इशारा कर दिया..!

 

हिमानी का इशारा पाते ही उस लड़की ने जानवी के रास्ते में अपना पैर अड़ा दिया और जानवी को पता नही था कि हिमानी एक लड़की से कह कर उस के साथ ये सब करवा रही थी..!

 

और जब जानवी का पैर उस लड़की के पैर से उलझ गया तो अब जानवी का पैर उलझ जाने से जानवी का बैलेंस बिगड़ गया और उस के हाथ में जो खाने की प्लेट थी वो भी जमीन पर गिर गई और जब वो जैसे ही सामने जमीन पर गिरने को हुई..!

 

तो किसी लड़की ने जानवी का हाथ थाम कर उस को गिरने से बचा लिया और वही जानवी ने गिरने के डर से अपनी आंखे बंद कर लिया था..!

 

और जब उस को लगा कि वह तो गिरी ही नही और तो और किसी है उस का हाथ थाम लिया है तो वह अब अपनी आंखे धीरे से खोल कर सामने खड़ी लड़की की तरफ देखने लगी..!

 

जानवी ने जब देखा तो पाया कि उस के सामने खड़ी लड़की और कोई नही बल्कि उस की ही दोस्त अरु ही थी और उस की दोस्त अरु के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था..!

 

क्योंकि अरु का रंग गोरा होने की वजह से उस का गुस्सा साफ साफ झलक जाता था और उस का चेहरा लाल हो जाता था अब अरु, हिमानी को गुस्से से घूर रही थी..!

 

और वही हिमानी बिना किसी डर के साथ अरु को देख रही थी, अब अरु ने कुछ देर तक हिमानी को घूर कर देखा फिर अपनी दोस्त जानवी को ठीक से खड़ा कर के उस से पूछने लगी, "तू ठीक तो है, तुझे लगी तो नही न..?"

 

अपनी दोस्त अरु की बात सुन कर, अब जानवी ने उस से कहा, "नही मुझे कुछ नही हुआ और जब तक तू मेरे साथ है तो मुझे कुछ होगा भी नही..!"

 

जानवी अपनी बात कह कर अब अपनी दोस्त अरु को देख कर मुस्कराने लगी..!

 

जानवी की बात सुन कर, अब उस की दोस्त अरु ने उस को हॉस्टल की कैंटीन में एक कुर्सी पर बिठा दिया और फिर हिमानी की तरफ बढ़ने लगी..!

 

वही जब जानवी ने देखा कि उस की दोस्त अरु, हिमानी की तरफ बढ़ रही है तो वो जल्दी से कुर्सी से उठ कर अरु के पास पहुंच गई और उस का हाथ पकड़ कर उस से कहने लगी, "तू शांत हो जा और तुझे उस को कुछ भी कहने या फिर करने की जरूरत नहीं है..!"

 

जानवी की बात सुन कर, उस की दोस्त अरु मजबूर होकर वही खड़ी हो गई और उस ने हिमानी से कुछ नही कहा..!

 

वही जब हिमानी ने अरु को देखा तो उस का मजाक बनाते हुए कहने लगी, "देखो फ्रेंड्स, महारानी अपनी दासी को प्रोटेक्ट करने आ रही थी मगर अपनी दासी के कहने पर अब अपना मुंह बंद कर के खड़ी है..!"

 

हिमानी, जानवी और उस की दोस्त अरु का मजाक उड़ा रही थी पर अरु उस को कुछ नही कह पा रही थी क्योंकि जानवी ने उस को मना कर दिया था और इसलिए वो, हिमानी की बाते चुप चाप सुन रही थी..!

 

वही जब हिमानी ने अरु को शांत देखा तो उस के पास आकर उस को उकसाते हुए कहने लगी, "क्या हुआ अरु बेबी तुम कुछ कहोगी नही या फिर अपनी दासी उफ्फ तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड के कहने पर चुप रहोगी और वैसे भी तुम, मुझे कुछ कह भी नही सकती हो क्योंकि तुम्हारी मेरे सामने कोई औकात ही नही है..!"

 

हिमानी के इतना कुछ कहने पर भी अरु ने उस को कुछ नही कहा क्योंकि अरु, अपनी दोस्त जानवी की सारी बाते मानती थी और उस के मना करने के बाद अरु चुप चाप वही खड़ी सब कुछ सुन रही थी..!

 

हिमानी ने जब देखा कि अरु पर उस की बात का कोई असर नहीं हो रहा और वो कोई जवाब नही दे रही तो अब हिमानी अपने घमंड के साथ और अपने दोस्तो के साथ आगे बढ़ने लगी..!

 

हिमानी अपने दोस्तो के साथ आगे बढ़ ही रही थी तब अरु ने मौका पाकर उस के पैर में अपना पैर उलझा दिया जिस से हिमानी का बैलेंस बिगड़ गया और हिमानी सीधा मुंह के बाल उसी खाने पर जाकर गिर गई जिस पर उस लड़की ने जानवी को गिराना चाह रही थी..!

 

हिमानी का चेहरे और उस के कपड़ो पर सारा खाना लग चुका था, हिमानी की हालत को देख कर हॉस्टल की कैंटीन में बैठी सभी लड़कियां एक साथ जोर जोर से हंसने लगी..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।