अब आगे,
वही अरु और उस की दोस्त जानवी भी हिमानी की ऐसी हालत देख हसने लगी और वही अरु कुछ देर तक हिमानी को देख के हंसी और फिर उस के पास जाके उस से कहने लगी, "क्या हिमानी तुम तो बहुत गिरी हुई निकली, क्या यार देख कर चला कर ना और देख तो तेरी ये ड्रेस और तेरा ये फूल से खिला ये चेहरा कैसे मुरझा गया है और तेरा ये एक्सपेंसिव प्रोडक्ट्स से करा हुआ सारा मेकअप बेकार हो गया है..!"
और अब अरु ने कुछ सोचने का नाटक करते हुए, फिर से हिमानी से कहने लगी, "और हां, सब से पहले अपना ये चेहरा साफ कर लेना नही तो कॉलेज के सारे लड़के तुझे देख के डर जायेंगे..!"
अपनी बात कह कर अरु हंसते हर आगे बढ़ गई और अपनी दोस्त जानवी का हाथ पकड़ कर हॉस्टल की कैंटीन से बाहर निकल गई..!
हां तो ये है हमारी कहानी की हीरोइन अरु और अरु का पूरा नाम "अराध्या श्रीवास्तव" था और उस की उम्र लगभग 19 साल थी और हाइट 5"6 इंच होगी, साथ में अरु का रंग दूध से भी गोरा, कमर तक लहराते लंबे घने बाल और आंखो का रंग डार्क ब्राउन था..!
अरु बहुत ही ज्यादा शरारती और साथ में मासूम सी लड़की थी, जो अपनी छोटी सी दुनिया में ही मस्त रहने वाली लड़की थी और अरु अपनी फैमिली से बहुत ज्यादा प्यार करती थी और अरु अभी बी. कॉम फर्स्ट ईयर में पढ़ रही थी..!
अरु को सिर्फ अपने और अपने साथ रहने वालो से ही मतलब था और अरु को दूसरो के मामलो में बोलने का कोई शौक नही था पर अगर कोई उस की बेस्ट फ्रेंड जानवी उफ्फ जानू को कोई कुछ भी कह दे तो अरु से बर्दाश के बाहर हो जाती थी और अरु, जानू के लिए कुछ भी कर सकती थी..!
हिमानी को सबक सिखाने के बाद, आराध्या और अपनी दोस्त जानवी के साथ हॉस्टल से सीधे कॉलेज के लिए निकल गई, आराध्या और जानवी का कॉलेज उन के हॉस्टल से 20 मिनट की दूरी पर ही था इसलिए दोनो पैदल ही जाया करती थी..!
रोड पर चलते हुए आराध्या बार बार, हिमानी की हालत को याद कर जोर जोर से हंस रही थी और आराध्या को ऐसे हसते हुए देख कर अब उस की दोस्त जानवी ने उस से कहा, "नही आराध्या ऐसे किसी की हालत पर नही हंसते हैं..!"
और अब जानवी ने, आराध्या को डाटते हुए उस से कहा, "अब हंसना बंद कर और क्या जरूरत थी तुझे उस हिमानी से पंगा लेने की और तुझे हजार बार कहा है कि अपनी ये उल्टी सीधी हरकते मत किया कर, कभी मुसीबत में फंस जायेगी ना किसी दिन तब पता चलेगा तुझे और अगर उस हिमानी ने अपना बदला लेने के लिए तेरे साथ कुछ कर दिया तो तू क्या करेगी..!"
अपनी दोस्त जानवी की बात सुन कर, अब आराध्या ने अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए और जानवी की बातो से अनजान बनते हुए उस से कहा, "मैने..मैने क्या किया जो तू मुझे बोल रही है और वो हिमानी तो अपने आप ही गिरी थी, मैने कुछ नही किया..!"
आराध्या की बात सुन कर, अब जानवी ने उस से कहा, "ओह हेलो ये पागल न किसी और को बनाना और रही बात हिमानी के गिरने की तो मैने खुद अपनी आंखो से देखा था कि तूने अपना पैर उस के पैर के साथ अड़ा दिया था और उसी वजह से से वो जमीन पर गिर गई और कम से कम मुझ से तो झूठ मत बोला कर..!"
जानवी की बात सुन कर, आराध्या ने अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए उस से कहा, "अच्छा बाबा ठीक है, मै मानती हूं कि मैने ही अपना पैर उस हिमानी के पैर के साथ अड़ा दिया था और जिस से वो जमीन पर गिर गई और हां मैने कुछ गलत नहीं किया है बल्कि उस ने जो तेरे साथ किया मैने तो उस का बदला उस से सूत समित लिया है और तू ही तो मेरी इकलौती दोस्त हैं इस पूरे कॉलेज में और उस के साथ भी कोई बेवजह बातामीजी करेगा तो मै बर्दाश नही करूंगी और हां बल्कि, उस का मुंह जरूर से तोड़ दूंगी..!"
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।