डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 11 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 11

अब आगे,

 

अपनी दोस्त जानवी की बात सुन कर आ आराध्या ने अपने मन में ही कहा, "मै जानती हूं, जानू कि आज तेरा बर्थडे है, लेकिन मै तेरे बर्थडे को स्पेशल बनाना चाहती हूं और इसलिए ही मै तुझे बर्थडे विश नही करूंगी, लेकिन बाद में जब तुझे तेरे बर्थडे की सरप्राइज़ पार्टी दूंगी न तो तू बहुत खुश होगी..!"

 

अपनी बात अपने ही मन में कह कर अब आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी से कहा, "चल तू कह रही है तो तैयार हो ही जाती हु, बस थोड़ी देर और इंतजार कर मै नहा के आती हु और फिर बाहर चल के ही कुछ खा लेंगे...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर अब जानवी ने थोड़ा ड्रामा करते हुए अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "बहुत बहुत आभार हो आप का महारानी अरु...!"

 

अपनी दोस्त जानवी का ड्रामा देख कर आराध्या बस मुस्करा रही थी और फिर अपनी दोस्त जानवी के बेड से उठ बाथरूम मे शावर लेने चली गई..!

 

और आराध्या के जाने के बाद, जानवी ने अपने बेड की चादर को ठीक किया क्योंकि उस को पूरी तरह से उस की दोस्त आराध्या ने बिगाड़ कर रख दिया था..!

 

करीब 15 मिनट बाद,

 

आराध्या बाथरूम से शावर लेकर बाहर आ गई और अपने गीले बालों को हेयर ड्रायर से सुखा कर खुला ही छोड़ दिया और साथ में आज उस ने एक लॉन्ग स्कर्ट एंड क्रॉप टॉप पहनी हुई थी और जिस मे हमारी आराध्या बहुत ही सुन्दर लग रही थी..!

 

फिर जानवी और आराध्या दोनो अपना रूम लॉक कर के गर्ल्स हॉस्टल के एंट्रेंस पर पहुंच गए और दोनो ने बारी बारी से अपनी अपनी एंटी रिजिस्टर में कर दी...!

 

जिस से हॉस्टल की वॉर्डन ने उन दोनो को गर्ल्स हॉस्टल से बाहर जाने की परमिशन दे दी और साथ में अराध्या और जानवी को हिदायत देते हुए कहने लगी, "रात 10 बजे से पहले पहले उन दोनो को गर्ल्स हॉस्टल में आना होगा नही तो उनके फैमिली वालो को इनफॉर्म कर दिया जाएगा..!"

 

अपनी वार्डन की बात सुन कर अब आराध्या और जानवी ने हां मे सिर हिला दिया और फिर गर्ल्स हॉस्टल से बाहर निकल गई..!

 

दिल्ली के, एक कैफे में,

 

आराध्या और जानवी अपने गर्ल्स हॉस्टल से बाहर निकल कर अब एक कैफे में बैठ कर कॉफी एंड कुछ स्नैक खा रही थी और साथ में जानवी का मूड थोड़ा सा खराब हो चुका था इसलिए आराध्या उस से कुछ भी पूछती तो जानवी उस को उल्टा जवाब ही दे रही थी..!

 

जब काफी देर तक जानवी का मूड खराब ही रहने पर उस की दोस्त आराध्या ने थोड़ा चिड़ाते हुए अब अपनी दोस्त जानवी से पूछा, "क्या बात है जानवी, मै काफी देर से देख रही हु कि तेरा मूड सुबह से ही खराब है, अगर कोई बात है तो तू मुझे बता सकती है...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर अब जानवी गुस्सा करते हुए अपनी दोस्त अराध्या से कहने लगी, "कुछ भी तो नहीं और वैसे भी तुझे तो कुछ याद रहता ही नही है तो फिर तेरे से कहने का क्या ही फायदा है...!"

 

अपनी दोस्त जानवी की बात सुन कर आराध्या उस की बातो का मतलब अच्छे से समझ रही थी मगर फिर भी अनजान बनते हुए उस ने अपनी दोस्त जानवी से कहा, "क्या मतलब है तेरा कि मुझे कुछ याद नहीं रहता है और मै इतनी देर से तेरे से पूछ तो रही हु कि आज कुछ खास है क्या..?"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर अब जानवी थोड़ा और चिढ़ गई और फिर अपनी दोस्त आराध्या से कहने लगी, "नही नही कुछ भी तो नहीं है आज और आप अपनी कॉफी पीजिए ना अरु मैडम और मेरे लिए तो बिलकुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है...!"

 

अपनी दोस्त जानवी को ऐसा चिड़ता हुआ देख कर आराध्या को बहुत मजा आ रहा था और साथ में वो अपनी हसी कंट्रोल करते हुए अपनी दोस्त जानवी से कहने लगी, "ठीक है, अगर तू नही बताना चाहती हैं तो मैं, तुझे फोर्स नही करूंगी और वैसे ये कॉफी सच में बहुत अच्छी है..!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर जानवी को अब बहुत गुस्सा आ रहा था पर अब जानवी ने आराध्या को कुछ नही कहा और दूसरी तरफ मुंह करके अपनी कॉफी पीने लगी..!

 

अपनी दोस्त जानवी को ऐसे चिड़ते हुए देख कर अब आराध्या ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए अपने मन में कहा, "मै जानती हूं कि तुझे लगता है कि मै तेरा बर्थडे भूल गई हु इसलिए ही तू आज इतनी चिड़ी हुई है, लेकिन शाम के सरप्राइज़ को देख कर तो तू अपना सारा गुस्सा ही भूल जायेगी..!"

 

अपनी बात अपने मन में बोलने के बाद आराध्या अब अपनी दोस्त जानवी को देखते हुए अपनी कॉफी पीने लगी..!

 

जानवी और आराध्या ने कुछ देर तक वही कैफे में बैठ कर अपनी कॉफी पी और फिर उस के बाद वहा से निकल कर शॉपिंग करने के लिए वही पास के किसी मॉल में चले गए..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।