डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 12 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • इंटरनेट वाला लव - 88

    आह में कहा हु. और टाई क्या हो रहा है. हितेश सर आप क्या बोल र...

  • सपनों की राख

    सपनों की राख एक ऐसी मार्मिक कहानी है, जो अंजलि की टूटे सपनों...

  • बदलाव

    ज़िन्दगी एक अनन्य हस्ती है, कभी लोगों के लिए खुशियों का सृजन...

  • तेरी मेरी यारी - 8

             (8)अगले दिन कबीर इंस्पेक्टर आकाश से मिलने पुलिस स्ट...

  • Mayor साब का प्लान

    "इस शहर मे कुत्तों को कौन सी सहूलियत चाहिए कौन सी नही, इस पर...

श्रेणी
शेयर करे

डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 12

अब आगे,

 

आराध्या और जानवी दोनो अब शॉपिंग करने के लिए मॉल आ चुके थे और आराध्या, अपनी दोस्त जानवी का हाथ पकड़ के एक कपड़ो की शॉप मे लेकर चली गई..!

 

और जहा आराध्या को एक लॉन्ग पार्टी वियर ड्रेस पसंद आ गई और अब उस ने वो ड्रेस अपनी दोस्त जानवी को देते हुए उस से कहा, "ये ड्रेस पकड़ और जा चेंज कर के आ...!"

 

वैसे तो जानवी, अपनी दोस्त आराध्या की कोई बात नही मानना चाहती थी पर हमारी आराध्या, अपनी दोस्त जानवी की एक बात भी सुनने को तैयार नहीं हो रही थी इसलिए न चाहते हुए भी जानवी को अब अपनी दोस्त आराध्या के हाथ से ड्रेस लेकर चेंजिंग रूम की तरह मुड़ गई..!

 

जानवी के चेंजिंग रूम में जाने के बाद,

 

आराध्या ने अब किसी को कॉल करा और उस से कहने लगी, "सुन, जैसा हम ने प्लेन किया है ठीक वैसा ही करना है और मै कुछ समय बाद अपनी दोस्त जानवी को लेकर वहा पहुंच जाऊंगी, तू बस सारी तैयारी एक बार अच्छे से देख लेना...!"

 

अपनी बात कह कर अब आराध्या ने कॉल कट कर दिया और खुश होते हुए अपने ही आप में बड़बड़ाते हुए कहने लगी, "अब देखना मेरी जानू, कि मै केसे तेरा सारा गुस्सा एक बार मे ही छूमंतर कर दूंगी और आज तेरा ये बर्थडे तुझे हमेशा याद रहेगा...!"

 

अपनी बात कह कर अब आराध्या फिर अपनी दोस्त जानवी के पास पहुंच गई..!

 

आराध्या ने देखा कि जानवी उस रेड कलर के पार्टी वियर लॉन्ग ड्रेस में बहुत ही सुंदर लग रही थी और आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी के पास पहुंच कर उस की नजर उतारते हुए उस से कहने लगी, "हाय मेरी जानू आज कितनी सुंदर लग रही है और तुझे किसी की नजर न लगे...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या का ड्रामा देख कर जानवी के चेहरे पर मुस्कान आ गई पर अपनी मुस्कान छुपाते हुए उस ने अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "हो गया तेरा ड्रामा, चल अब मै इस ड्रेस को चेंज कर के आती हु...!"

 

अपनी दोस्त जानवी की बात सुन कर अब आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी को रोकते हुए उस से कहा, "नही नही चेंज क्यू करनी है जबकि तू इस ड्रेस में आज इतनी सुंदर लग रही है और वैसे भी अभी राहुल का कॉल आया था वो कह रहा था कि वो अपने दोस्तो के साथ इस मॉल के पास वाले रेस्तरां में ही लंच कर रहा है तो उस ने हमें भी इन्वाइट करा है तो वही चलते हैं और वैसे भी लंच का समय भी हो गया ही है और हां, तू ये ड्रेस नही उतारेगी बल्कि हम दोनो आज सब को अपनी खूबसूरती से जलाएंगे...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की खूबसूरती वाली बात को सुन कर अब जानवी की हसी छूट गई और अब जानवी ने अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "अच्छा जी, फिर तो आज कोई तेरा दीवाना ही न हो जाए और अगर कोई हो गया न तो तुझे उस के कैद से कौन छुड़ा पाएगा...!"

 

अपनी दोस्त जानवी की बात सुन कर अब आराध्या ने इतराते हुए अपनी दोस्त जानवी से कहा, "मेरा नाम भी "आराध्या श्रीवास्तव" है और आज तक किसी की भी हिम्मत नही हुई कि वो मुझे मेरी परमिशन के बिना हाथ भी लगा सके तो मुझे कोई अपनी कैद में तो क्या ही रख पाएगा...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर और उस का ये कांफिडेंस देख कर अब जानवी ने अपनी दोस्त अराध्या से कहा, "वो सब तो ठीक है और मै भगवान से यही प्रार्थना करूंगी कि तेरे साथ ऐसा वैसा कुछ हो भी ना, क्योंकि तू कितनी भी बहादुर क्यू ना हो, पर इस दुनिया में तुझ से भी ज्यादा ताकतवर इंसान मौजूद है...!"

 

अपनी दोस्त जानवी की बाते सुन कर अब आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी से कहा, "हो गया तेरा लेक्चर खत्म या अभी और बाकी है क्योंकि हम बहुत लेट हो रहे हैं तो फिर चले क्यूंकि राहुल हमारा इंतजार कर रहा होगा...!"

 

अपनी बात कह कर अब आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी की लॉन्ग इवनिंग ड्रेस का बिल पे करने के लिए काउंटर पर चली गई और जानवी अब जाती हुई अपनी दोस्त आराध्या को देख कर अपने आप से कहने लगी, "भगवान करे ये कभी किसी भी परेशानी में न पड़े क्योंकि इस की शरारतें अब इतनी बढ़ चुकी है कि कही कोई अपना बदला लेने के लिए इस के साथ कुछ गलत ना कर दे...!"

 

अपनी दोस्त जानवी को अपने मे ही खोया देख कर अब आराध्या उस के पास लॉन्ग इवनिंग ड्रेस का बिल पे कर के आ चुकी थी..!

 

और उस के चेहरे के सामने चुटकी बजाते हुए उस को होश में लाने की कोशिश करने लगी और साथ में अब अराध्या ने अपनी दोस्त जानवी से पूछा, "कहां खो गई मैडम जी, चलो भी हमें वहा पहुंचने में भी समय लगेगा क्योंकि दिल्ली का ट्रैफिक जाम का तो तुम्हे पता ही है...!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।