अब आगे,
अब आराध्या ने अपने सीनियर राघव से कहा, "मुझे पता है कि आप को मुझ से क्या बात करनी है लेकिन मैने आप को हजार बार बोल दिया है कि मुझे इन सब रिलेशनशिप में कोई इंटरेस्ट नहीं है और मुझे बस दो ही रिलेशन पर भरोसा है और वो है फैमिली और दोस्ती और मैने आप को अपना दोस्त भी बनाया था, जब की पूरा कॉलेज आप के बारे मे कुछ भी सही नही बता रहा था फिर भी मैंने आप पर भरोसा करा लेकिन अगर आप मुझे बार बार रिलेशनशिप में आने पर मजबूर करते रहेंगे तो मै आप से अपनी दोस्ती भी तोड़ लूंगी और अगर आप फिर भी अपनी हरकतों से बाज़ नही आए तो मै मजबूर होकर आप की शिकायत प्रिंसिपल सर से कर दूंगी...!"
आराध्या की पूरी बात सुन कर, राघव को बहुत गुस्सा आ गया क्योंकि उस ने आज तक जो भी चाहा उस को पा ही लिया था पर आराध्या उस की गर्लफ्रेंड बनने को तैयार नहीं थी..!
इसलिए अब अराध्या के सीनियर राघव ने अपने गुस्से में आराध्या से कहा, "ओ कम ऑन आराध्या, मै तुम्हे तुम्हारी फ्रेशर पार्टी में देख के ही पहली बार मे पसंद कर चुका था इसलिए तो पिछले दो महीनों से तुम्हारे पीछे पड़ा हुआ हु पर तुम हो कि मुझे एक मौका ही नही दे रही हो अपने आप को साबित करने का तो फिर मैं तुम्हे कैसे समझाऊं कि मै अब बदल चुका हु..!"
अपनी सीनियर राघव की बाते सुन कर अब आराध्या ने गुस्से से अपने सीनियर राघव से कहा, "मै आज आखरी बार आप से कह रही हूं कि मुझे आप की गर्लफ्रेंड बनने मे जरा सा भी इंटरेस्ट नहीं है, समझ में आया आप को "मिस्टर राघव शर्मा"...!"
आराध्या ने अपने गुस्से में इतनी जोर से बोला था कि उस के कॉलेज की कैंटीन में सब ने ये बात अच्छे तरह से सुन ली थी जिस वजह से राघव की पूरे कैंटीन में बैठे स्टूडेंट जो की कुछ जूनियर थे और कुछ उस के ही क्लास के स्टूडेंड थे उन सब के सामने बेज्जती हो गई थी..!
ये सब बोल कर आराध्या अपनी कुर्सी से उठ खड़ी हुई और उस कैंटीन से सीधे बाहर निकल कर गार्डन की तरफ मुड़ गई..!
आराध्या के जाने के बाद, अब उस की दोस्त जानवी ने गुस्से से अपने सीनियर राघव से कहा, "अगर सच में आप मेरी दोस्त अरु को पसंद करते ना तो उस की बात का मान भी रखते पर मुझे नही लगता है कि आप को उस की किसी भी बात से कोई मतलब है, आप को तो बस उस को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने से मतलब है और अगर आप ने आज के बाद फिर से मेरी दोस्त अरु को परेशान किया ना तो आराध्या का तो पता नही पर मै खुद ही जाकर आप की शिकायत प्रिंसिपल सर से कर दूंगी, समझ में आया आप को...!"
अपनी बात कह कर जानवी भी अपनी दोस्त आराध्या के पीछे उस को ढूंढने चली गई..!
जानवी और आराध्या के उस कैंटीन से जाने के बाद,
राघव ने गुस्से से अपना हाथ उस डेस्क पर मार दिया और गुस्से से ही अपने आप से कहने लगा, "पता नही ये खुद को समझती क्या है, और इतना समझाया पर इस को तो कुछ समझ में ही नही आता है और मुझे "राघव शर्मा" को प्रिंसिपल सर के पास जाने की धमकी देकर गई है, इस आराध्या को तो मै इतनी आसानी से छोड़ने वाला नही हु, इसे तो ऐसा सबक सिखाऊंगा न कि जिंदगी भर याद रखेगी और बहुत घमड़ है ना तुझे अपनी खूबसूरती पर जो मुझे धमकी देकर गई है न तो देख मै तेरे साथ क्या करता हु...!"
अपनी बात बोल कर राघव भी गुस्से से उस कैंटीन से बाहर निकल गया..!
दूसरी तरफ, अराध्या और जानवी का कॉलेज के गार्डन में,
आराध्या को ढूंढते हुए जानवी गार्डन में पहुंच गई तो वो देखती है कि आराध्या एक बेंच पर बैठी हुई थी, उस समय आराध्या ने जानवी से पीठ कर रखी थी इसलिए अब जानवी ने आराध्या के पास जाकर उस से पूछा, "अरु, तू ठीक तो है ना...?"
अपनी दोस्त जानवी के ऐसे कंधे पर हाथ रखने और उस से पूछने पर आराध्या अब झट से अपनी दोस्त जानवी के गले से लग गई और उस ने रोते हुए अपनी दोस्त जानवी से कहा, "नही, मै ठीक नही हु, और उन्होंने मुझे समझ क्या रखा है, वो मेरे सीनियर है तो क्या कुछ भी कहेंगे और मै वो सब मानूंगी..!"
अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर, जानवी की भी आंखे नम हो चुकी थी, आराध्या हमेशा मुस्कराती रहती थी पर उस के मुस्कान के पीछे एक दर्द छिपा हुआ था जिसे सिर्फ उस की दोस्त जानवी ही जानती थी क्योंकि ये मुस्कान सिर्फ लोगो को दिखाने के लिए और अपने दर्द को छुपाने के लिए ही थी और असल में वो कॉलेज के ऐसे लोगो से बहुत परेशान हो गई थी..!
और उस की भी क्या गलती है कि वो पूरे कॉलेज में सबसे सुंदर और खूबसूरत है और वो किसी से हंस के बात कर रही है तो क्या वो लड़का उस का कोई भी मतलब निकल सकता है और उस को किसी भी रिलेशनशिप में आने के लिए मजबूर कर सकता है..!
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।