सुसाइड पार्टनर्स - 2 Nirali Patel द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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सुसाइड पार्टनर्स - 2

एक तो ये फोन नई लग रहा और ऊपर से ये गाड़ी आगे क्यू नई जा रही??( गुस्से से अपने हाथ से गाड़ी को लात मारते हुई एक लड़की बोली)

((वैसे आपको पता चल ही गया होगा की ये लड़की है कोन?
हां जी नित्या हमारी कहानी की नायिका बोले तो हिरोइन ,
बहुत ही क्यूट और इनोसेंट ))

गाड़ी का ड्राइवर : मैडम एक्सीडेंट की वजह से आगे का रास्ता बंद हो गया है,गाड़ी आगे नई जा सकती।

क्यू यार क्यू अच्छी खासी गाड़ी मेरी तरफ आ रही थी , यार जरूरी था दुसरी गाड़ी से एक्सीडेंट करवाना??( बड़े ही गुस्से से अपने पैर को जमीन से टकराकर एक लड़का बोलता है)

(अभी इस लड़के का खतम नई हुआ यार एक ही सांस में बस बोले जा रहा है देखो)

अबे यार एक्सीडेंट ही करवाना था तो मेरा करवा देते में तो मरने के लिए ही आया था ना..... कितनी हिम्मत करके यहां तक आया था और सब खराब कर दिया, अब फिर से प्लान करना पड़ेगा और यहां तो मैं प्लान भी नई कर सकता मरने का यहा इतने सारे लोग जो है।। अरे.. भगवान यार आपने जीने तो दिया नई अब मरने तो दो कम से कम......(ये है हमारा हीरो, अथर्व ये भी गुड लुकिंग, बिंदास और थोड़ा फनी टाइप का है पर अभी थोड़ा गुस्से में है)

इस तरफ हमारी नित्या बार बार किसीको कॉल पे कॉल , कॉल पे कॉल किए जा रही है, और फिर सामने से कॉल रिसीव ना होने पे गुस्से से चिल्लाती है और अपने फोन को फैंक देती है और उसका मोबाइल टूट जाता है।

अब ये आवाज सुन जाता है हमारा अथर्व और गुस्से बोलता है : अबे यार फिर एक लड़की...... क्या नौटंकी होती है लडकिया , सच में एक नंबर की नौटंकी , कही भी हो इनको अटेंशन तो चाहिए ही चाहिए,,, बेटा तू ना दूर रह इनसे जीने तो दिया नई इन्होंने अब मरने भी नहीं देगी। बस अब तू निकल जा यहां से तो ही बच पाएगा। (इतना बोल के अथर्व वहा से निकल जाता है)

(एक्सीडेंट की वजह से अभी भी रास्ता बंद था और नित्या की टैक्सी अभी भी वहा खड़ी थी और नित्या टैक्सी से बाहर आके नीचे रोड पर बैठ गई थी)

(वो ड्राइवर भी थोडा दुःखी था नित्या को दुखी देखकर, तो वो धीरे से नित्या को बोलता है )

टैक्सी ड्राईवर : सॉरी मैडम पैसा दे देते मुझे जाना भी है,।

(नित्या उसको पैसे दे देती है)

टैक्सी ड्राईवर : यहां ट्रैफिक क्लियर होने में 3-4 घंटे लग जायेंगे मैडम आप चाहे तो यहां पास में एक रेस्टोरेंट है वहा जाके रेस्ट ले सकते है।

इन रेस्टोरेंट 🎶🎵

स्लो स्लो म्यूजिक बज रहा था और एक आवाज आती है , ये आवाज किसकी है? चलो बताती हु , ये आवाज रिस्टोरेंट की मालकिन की है जो करीब करीब 50-60 साल की तो होंगी ही होंगी और हा ये आंटी ना बहुत नेक दिल, और थोड़ी भी फनी किसम है , कैसे वो तो बाद में पता चल ही जाएगा)

आंटी (फनी अंदाज में) : अरे ला रही है दीकरा.......(बेटा) पेसेंस रखो। थोडा टाइम तो लगता है न हां?? तुम लोगो के वास्ते ही तो खुला है अभी तक ये कैफे वरना आंटी फिरोजा तो बंध कर देती एट 11 o'clock. हा हा हा........

अब नित्या इस रेस्टोरेंट में पहुंचती है, और वही टेबल पर बैठती है जहा अथर्व पहले से ही बैठा हुआ था, क्युकी जब रोड पे थे दोनों तब नित्या ने अथर्व को नहीं देखा था सिर्फ अथर्व ने ही नित्या को देखा था। और हा अथर्व वहा से भागकर इस रेस्टोरेंट में ही आया था और अपने मोबाइल में कुछ देख रहा था। अब नित्या उसके टेबल पर आके बैठती है तो........

अथर्व (धीरे से दांत घिसकर) : ये लड़कियां ना......

(पता नही उसको इतनी नफरत क्यों है लड़कियों से??
कोई नई चलो देखते है)

नित्या अपना पर्स निकालती है और उसमे देख कर खुद से बोलती है : भूख तो बहुत लगी है पर पैसे कहा है तेरे पास नित्या.....एक काम कर चुपचाप से कॉफी पी ले।

(फिर नित्या टेबल से उठ कर कॉफी का ऑर्डर देने जाती है, और अर्थव के सामने गुस्से वाली नजर से देखती है, और खुद का बैग साथ में ले जाती है)

अब ये सब अर्थव देखता है और उसके जाने के बाद उसकी चेयर करीब करके उस पर आराम से पैर फैलाकर , मुंह पे रुमाल डाल कर सो जाता है।

थोड़ी देर बाद नित्या आती है हाथ में कॉफी लेकर और अर्थव को यूं सोते देखती है तो गुस्से से बोलती है : एक्सक्यूजमी.....
ये तुम्हारा बैडरूम नही है जो ऐसे टांगे फैला कर सो रहे हो यहां, बैठी थी ना में यहां?? बतमीज,,,,,,

अर्थव ( गुस्से से) : O Hello Listen What's Your Problem??
मुझे लगा कि तुम चली गई और मैने यहां पैर रख भी दिए तो इसमें बतमिजी की क्या बात हो गई?? तुम लड़कियों को ना कुछ भी कहना है, कुछ भी करना है,,,,,,,,,

नित्या : में बतमीजी कर रही हु या तुम कर रहें हो, देखो मेरा दिमाग ऑलरेडी बहुत खराब है और तुम जैसे से पंगा लेने का मुझे कोई शौक नही है,,,,,,,

अर्थव : स..... एक्सक्यूझमी ......तुम जैसे से मतलब क्या है तुम्हारा , तुम्हे क्या,,,,,,, तुम्हें मैं क्या गुंडा दिखता हु क्या?

नित्या : हां , बाते तुम गुंडे जैसी ही कर रहें हो ना,,,

अर्थव : बाते... इसे ना नॉर्मल हिंदी कहते हैं , और वैसे भी तुम्हे में गुंडे जैसा लग रहा हूं, तो मैं हु गुंडा , ये मेरे बाप का कैफे है, और मैं यहां जो करना चाहूंगा वो करूंगा।

( इतना बोल कर अर्थव फिर से चेयर पर पैर फैला कर सो जाता है)

ये दोनों अभी और जगड़ने वाले हैं तो अब आगे का जगड़ा अरे....सॉरी आगे की कहानी अगले एपिसोड में......
क्या होता है आगे जानने के लिए बने रहिए मेरे साथ 🙏

THANK YOU ❤️

NIRALI PATEL "NIRU"✍️✍️